शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ के घर पहुंचे CM नायब सैनी:पहलगाम पर बोले, कायराना हरकत, दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब

शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ के घर पहुंचे CM नायब सैनी:पहलगाम पर बोले, कायराना हरकत, दिया जाएगा मुंहतोड़ जवाब

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जो कायराना हरकत हुई है, उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। ताकि भविष्य में इस प्रकार का कुकृत्य करने से पहले सौ बार सोचे। यह बात सीएम नायब सिंह सैनी ने रेवाड़ी में कही। वे बुधवार की शाम करीब सवा 5 बजे रेवाड़ी पहुंचे थे। जहां शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के निवास पर जाकर उनके परिवार से मिले और उन्हें सात्वंना दी। सिद्धार्थ यादव 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर विमान क्रैश में शहीद हुए थे। एम्स के नामकरण की रखी मांग
सीएम नायब सिंह सैनी रेवाड़ी राव तुलाराम स्टेडियम में हेलिकॉप्टर से पहुंचे। वहां से वे सीधे सेक्टर-18 स्थित शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के निवास पर उनके परिवार से मुलाकात करने पहुंच गए। जहां पर परिवार ने एम्स का नामकरण सिद्धार्थ यादव के नाम करने को कहा। सीएम नायब सैनी ने कहा कि परिवार की ओर से जो 2-3 मांगें रखी गई हैं, उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा। सीएम ने कहा कि देश ने एक बहादुर बेटा खोया है, जिसने अपनी अंतिम सांस में भी देश के लोगों को बचाने का प्रयास किया। अभी तक केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव, कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव को ज्ञापन दे चुका है। सिद्धार्थ यादव ने बचाया था गुजरात का सुवरदा गांव
लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव 2 अप्रैल की रात फाइटर जेट जगुआर को लेकर निकले थे। उनके साथ को-पायलट के तौर पर मनोज कुमार भी थे। उड़ान के दौरान जगुआर में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद इसे सही से लैंड करने की तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन एक समय ऐसा आया जब पता चल गया कि विमान क्रैश होना निश्चित है। जामनगर एयर स्टेशन से करीब 12 किलोमीटर दूर सिद्धार्थ ने को-पायलट को इंजेक्ट करा दिया। फ्यूल मचा सकता था तबाही
सिद्धार्थ यादव के पास मौका था कि वह फाइटर जेट जगुआर से सुरक्षित ढंग से इंजेक्ट हो सकते थे। मगर, उन्होंने देखा कि नीचे जामनगर का गांव सुवरदा है। अगर जेट को छोड़कर वह बाहर निकल गए तो यह गांव पर गिर जाएगा। इसकी वजह यह थी कि जगुआर फाइटर प्लेन में 4,200 लीटर फ्यूल आता है। इसके अलावा 1,200 लीटर के ड्रॉप टैंक्स भी लगाए जा सकते हैं। अगर हादसा गांव की घनी आबादी में होता तो प्लेन में मौजूद फ्यूल भारी तबाही मचा सकता था। इस वजह से उन्होंने अपनी जान की चिंता छोड़ गांव को बचाने की ठान ली। 2016 में पास की NDA परीक्षा
पिता सुशील यादव ने बताया था कि सिद्धार्थ ने 2016 में पहली ही बार में NDA परीक्षा पास की थी। तब 12वीं कक्षा का परिणाम तो आ चुका था, लेकिन उनकी मार्कशीट नहीं आई थी। उसी समय उसकी जॉइनिंग आ गई थी। पिता एयरफोर्स में थे और सिद्धार्थ भी 8वीं क्लास तक एयरफोर्स स्कूल में पढ़े थे। हर रोज फ्लाइट उड़ते देखते थे तो उनके मन में भी था कि एक दिन जहाज उड़ाऊंगा। इसी वजह से वह फाइटर पायलट बने। सगाई के 10 दिन बाद शहीद
सिद्धार्थ 20 मार्च को छुट्‌टी पर घर आए थे। 23 मार्च को उनकी रेवाड़ी की ही सानिया से सगाई हुई। इसके बाद 31 मार्च को ड्यूटी पर लौट गए। उसके बाद 2 अप्रैल को उनकी शहादत की खबर आ गई। परिवार ने शादी के लिए 2 नवंबर की तारीख तय की थी। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जो कायराना हरकत हुई है, उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। ताकि भविष्य में इस प्रकार का कुकृत्य करने से पहले सौ बार सोचे। यह बात सीएम नायब सिंह सैनी ने रेवाड़ी में कही। वे बुधवार की शाम करीब सवा 5 बजे रेवाड़ी पहुंचे थे। जहां शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के निवास पर जाकर उनके परिवार से मिले और उन्हें सात्वंना दी। सिद्धार्थ यादव 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर विमान क्रैश में शहीद हुए थे। एम्स के नामकरण की रखी मांग
सीएम नायब सिंह सैनी रेवाड़ी राव तुलाराम स्टेडियम में हेलिकॉप्टर से पहुंचे। वहां से वे सीधे सेक्टर-18 स्थित शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के निवास पर उनके परिवार से मुलाकात करने पहुंच गए। जहां पर परिवार ने एम्स का नामकरण सिद्धार्थ यादव के नाम करने को कहा। सीएम नायब सैनी ने कहा कि परिवार की ओर से जो 2-3 मांगें रखी गई हैं, उन पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा। सीएम ने कहा कि देश ने एक बहादुर बेटा खोया है, जिसने अपनी अंतिम सांस में भी देश के लोगों को बचाने का प्रयास किया। अभी तक केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव, कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव को ज्ञापन दे चुका है। सिद्धार्थ यादव ने बचाया था गुजरात का सुवरदा गांव
लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव 2 अप्रैल की रात फाइटर जेट जगुआर को लेकर निकले थे। उनके साथ को-पायलट के तौर पर मनोज कुमार भी थे। उड़ान के दौरान जगुआर में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद इसे सही से लैंड करने की तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन एक समय ऐसा आया जब पता चल गया कि विमान क्रैश होना निश्चित है। जामनगर एयर स्टेशन से करीब 12 किलोमीटर दूर सिद्धार्थ ने को-पायलट को इंजेक्ट करा दिया। फ्यूल मचा सकता था तबाही
सिद्धार्थ यादव के पास मौका था कि वह फाइटर जेट जगुआर से सुरक्षित ढंग से इंजेक्ट हो सकते थे। मगर, उन्होंने देखा कि नीचे जामनगर का गांव सुवरदा है। अगर जेट को छोड़कर वह बाहर निकल गए तो यह गांव पर गिर जाएगा। इसकी वजह यह थी कि जगुआर फाइटर प्लेन में 4,200 लीटर फ्यूल आता है। इसके अलावा 1,200 लीटर के ड्रॉप टैंक्स भी लगाए जा सकते हैं। अगर हादसा गांव की घनी आबादी में होता तो प्लेन में मौजूद फ्यूल भारी तबाही मचा सकता था। इस वजह से उन्होंने अपनी जान की चिंता छोड़ गांव को बचाने की ठान ली। 2016 में पास की NDA परीक्षा
पिता सुशील यादव ने बताया था कि सिद्धार्थ ने 2016 में पहली ही बार में NDA परीक्षा पास की थी। तब 12वीं कक्षा का परिणाम तो आ चुका था, लेकिन उनकी मार्कशीट नहीं आई थी। उसी समय उसकी जॉइनिंग आ गई थी। पिता एयरफोर्स में थे और सिद्धार्थ भी 8वीं क्लास तक एयरफोर्स स्कूल में पढ़े थे। हर रोज फ्लाइट उड़ते देखते थे तो उनके मन में भी था कि एक दिन जहाज उड़ाऊंगा। इसी वजह से वह फाइटर पायलट बने। सगाई के 10 दिन बाद शहीद
सिद्धार्थ 20 मार्च को छुट्‌टी पर घर आए थे। 23 मार्च को उनकी रेवाड़ी की ही सानिया से सगाई हुई। इसके बाद 31 मार्च को ड्यूटी पर लौट गए। उसके बाद 2 अप्रैल को उनकी शहादत की खबर आ गई। परिवार ने शादी के लिए 2 नवंबर की तारीख तय की थी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर