पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के दो अधिकारियों के अपहरण होने और 7.20 लाख रुपये वसूलने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है। दो आरोपियों का पुलिस को दो दिन का रिमांड मिला है। रिमांड दौरान इन बदमाशों ने कबूल किया कि वे पिछले एक महीने से साजिश रच रहे थे। उन्होंने तैयार की साजिश को अंजाम देने से पहले 22 दिन तक रेकी की थी। वर्दियां बेचने वालों की भी तलाश में पुलिस आरोपियों के मोबाइल से उनकी पुलिस वर्दी में तस्वीरें मिली है। पुलिस अब उन लोगों की तलाश में जहां से इन्होंने ये वर्दियां खरीदी है। DSP दाखा वरिंदर सिंह खोसा ने बताया कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने दाखा में इन दो PSPCL अधिकारियों को क्यों निशाना बनाया। सभी आरोपी पटियाला के रहने वाले आरोपियों में से दो-पटियाला के रंजीत नगर के अमनदीप सिंह उर्फ राजवीर उर्फ अमन राजपूत और पटियाला के त्रिपाड़ी के गुरविंदर सिंह उर्फ गगन, जबकि उनके दो सहयोगी पटियाला के किला चौक के विनय अरोड़ा और पटियाला के सफाबादी गेट के ब्रह्मप्रीत सिंह हैं। जबरन वसूली रकम को बांटने के लिए हुए थे एकत्रित डीएसपी खोसा ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को पटियाला से गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से एक टोयोटा इनोवा बरामद की, जहां वे सभी के बीच जबरन वसूली की रकम बांटने के लिए इकट्ठा हुए थे। डीएसपी ने कहा कि आरोपियों ने खुद को उद्योगपति बताकर दाखा में PSPCL अधिकारियों से संपर्क किया और प्लास्टिक की बोतल उत्पादन फैक्ट्री के लिए नए बिजली कनेक्शन लेने के लिए संबंधित दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की। 13 अक्तूबर को बदमाशों ने की वारदात 13 अक्टूबर को उन्होंने PSPCL दाखा में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) जसकिरनप्रीत सिंह और एक्सईएन रवि कुमार चोपड़ा से संपर्क किया। आरोपियों ने खुद को स्पेशल टास्क फोर्स विजिलेंस विंग का कर्मचारी बताया और एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह और एक जूनियर इंजीनियर परमिंदर सिंह को फंसा लिया। इस मामले में जब एक्सईएन ने जालसाजी का आभास हुआ तो वह पहले ही कार्यालय छोड़ कर चले गए थे। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने दोनों को एक कार में अगवा कर लिया और उनके परिवारों को उनकी रिहाई के लिए 20 लाख रुपए की व्यवस्था करने के लिए मजबूर किया। परिवार केवल 7.20 लाख रुपये की व्यवस्था कर सका। आरोपियों ने पैसे लिए और अधिकारियों को रिहा कर दिया। कई वेब चैनलों के मिली पहचान पत्र
डीएसपी ने आगे कहा कि आरोपियों ने उन्हें अपहरण करने से पहले कनेक्शन के बारे में पूछताछ करने के लिए फोन किया था। नंबरों को ट्रेस करते हुए पुलिस ने आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से वेब चैनलों के पहचान पत्र भी बरामद किए हैं। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के दो अधिकारियों के अपहरण होने और 7.20 लाख रुपये वसूलने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है। दो आरोपियों का पुलिस को दो दिन का रिमांड मिला है। रिमांड दौरान इन बदमाशों ने कबूल किया कि वे पिछले एक महीने से साजिश रच रहे थे। उन्होंने तैयार की साजिश को अंजाम देने से पहले 22 दिन तक रेकी की थी। वर्दियां बेचने वालों की भी तलाश में पुलिस आरोपियों के मोबाइल से उनकी पुलिस वर्दी में तस्वीरें मिली है। पुलिस अब उन लोगों की तलाश में जहां से इन्होंने ये वर्दियां खरीदी है। DSP दाखा वरिंदर सिंह खोसा ने बताया कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने दाखा में इन दो PSPCL अधिकारियों को क्यों निशाना बनाया। सभी आरोपी पटियाला के रहने वाले आरोपियों में से दो-पटियाला के रंजीत नगर के अमनदीप सिंह उर्फ राजवीर उर्फ अमन राजपूत और पटियाला के त्रिपाड़ी के गुरविंदर सिंह उर्फ गगन, जबकि उनके दो सहयोगी पटियाला के किला चौक के विनय अरोड़ा और पटियाला के सफाबादी गेट के ब्रह्मप्रीत सिंह हैं। जबरन वसूली रकम को बांटने के लिए हुए थे एकत्रित डीएसपी खोसा ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को पटियाला से गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से एक टोयोटा इनोवा बरामद की, जहां वे सभी के बीच जबरन वसूली की रकम बांटने के लिए इकट्ठा हुए थे। डीएसपी ने कहा कि आरोपियों ने खुद को उद्योगपति बताकर दाखा में PSPCL अधिकारियों से संपर्क किया और प्लास्टिक की बोतल उत्पादन फैक्ट्री के लिए नए बिजली कनेक्शन लेने के लिए संबंधित दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की। 13 अक्तूबर को बदमाशों ने की वारदात 13 अक्टूबर को उन्होंने PSPCL दाखा में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) जसकिरनप्रीत सिंह और एक्सईएन रवि कुमार चोपड़ा से संपर्क किया। आरोपियों ने खुद को स्पेशल टास्क फोर्स विजिलेंस विंग का कर्मचारी बताया और एसडीओ जसकिरनप्रीत सिंह और एक जूनियर इंजीनियर परमिंदर सिंह को फंसा लिया। इस मामले में जब एक्सईएन ने जालसाजी का आभास हुआ तो वह पहले ही कार्यालय छोड़ कर चले गए थे। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने दोनों को एक कार में अगवा कर लिया और उनके परिवारों को उनकी रिहाई के लिए 20 लाख रुपए की व्यवस्था करने के लिए मजबूर किया। परिवार केवल 7.20 लाख रुपये की व्यवस्था कर सका। आरोपियों ने पैसे लिए और अधिकारियों को रिहा कर दिया। कई वेब चैनलों के मिली पहचान पत्र
डीएसपी ने आगे कहा कि आरोपियों ने उन्हें अपहरण करने से पहले कनेक्शन के बारे में पूछताछ करने के लिए फोन किया था। नंबरों को ट्रेस करते हुए पुलिस ने आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से वेब चैनलों के पहचान पत्र भी बरामद किए हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर

