<p><!–StartFragment –></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज (19 अक्टूबर) को जशपुर जिले में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद, प्रांतीय शाखा छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम कण्डोरा में आयोजित महासम्मेलन (सोहरई करमा महोत्सव 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने कुनकुरी में 20 लाख रुपये की लागत से निर्मित रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया तथा ग्राम पंचायत कण्डोरा में 50 लाख रुपये की लागत से बनने वाले रौतिया भवन निर्माण का भूमिपूजन किया.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने समाज की मांग पर ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा रायपुर में रौतिया भवन पहु</span><span class=”cf0″>ं</span><span class=”cf0″>च मार्ग के लिए 25 लाख </span><span class=”cf0″>रुपये</span><span class=”cf0″> प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने मंच पर रौतिया समाज के वीर शहीद बख्तर साय और मुण्डल सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. </span></p>
<h3 class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><strong><span class=”cf0″>’करमा महोत्सव हमारी गौरवशाली परंपरा का प्रतीक'</span></strong></h3>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसे सभी समाज मिलजुलकर मनाते हैं. यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान का भाव भी सिखाता है. उन्होंने कहा कि एकादशी करमा, दशहरा करमा जैसी परंपराएँ हमारी संस्कृति में गहराई से रची-बसी हैं. ये उत्सव समाज को एक सूत्र में बा</span><span class=”cf0″>ं</span><span class=”cf0″>धने का कार्य करते हैं.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की गारंटियों को तीव्र गति से लागू कर रही है. सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई. महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रतिमाह 1000 </span><span class=”cf0″>रुपये</span><span class=”cf0″> की सहायता दी जा रही है. तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति मानक बोरा दर को 5500 </span><span class=”cf0″>रुपये</span><span class=”cf0″> कर दिया है.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकसित भारत की तर्ज पर वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है. उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में तीव्रता से कार्य कर रही है. दो दिन पूर्व ही 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है. </span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान स्थित आमा बगीचा के करमा पूजन स्थल पर करम वृक्ष की डाली की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की. इसके बाद उन्होंने करमा नर्तक दल के साथ गले में मांदर टाँगकर ताल मिलाते हुए करम वृक्ष की डाली के चारों ओर उत्साहपूर्वक नृत्य किया. इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी मती कौशल्या साय तथा परिवारजन भी उपस्थित थे.</span></p>
<h3 class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><strong><span class=”cf0″>सोहरई करमा महोत्सव: रौतिया समाज की सांस्कृतिक पहचान</span></strong></h3>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>सोहरई करमा महोत्सव मूलतः रौतिया समाज द्वारा गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व है. इस दिन नए फसल को पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ कर घर लाया जाता है. ग्राम कण्डोरा में आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए कुल 52 मंडलों के नर्तक दलों ने सहभागिता की. विविध लोक संस्कृतियों और पारंपरिक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लास और उत्सव की भावना से सराबोर कर दिया.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>इस अवसर पर सांसद राधेश्याम राठिया, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. पी. साय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दामोदर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव आजाद सिंह, केंद्रीय संगठन मंत्री भुनेश्वर केसर, केंद्रीय महिला सदस्य मती उमा देवी सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे.</span></p>
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<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज (19 अक्टूबर) को जशपुर जिले में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद, प्रांतीय शाखा छत्तीसगढ़ द्वारा ग्राम कण्डोरा में आयोजित महासम्मेलन (सोहरई करमा महोत्सव 2025) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने कुनकुरी में 20 लाख रुपये की लागत से निर्मित रौतिया समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया तथा ग्राम पंचायत कण्डोरा में 50 लाख रुपये की लागत से बनने वाले रौतिया भवन निर्माण का भूमिपूजन किया.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने समाज की मांग पर ग्राम कण्डोरा में करमा अखरा निर्माण के लिए 50 लाख रुपये तथा रायपुर में रौतिया भवन पहु</span><span class=”cf0″>ं</span><span class=”cf0″>च मार्ग के लिए 25 लाख </span><span class=”cf0″>रुपये</span><span class=”cf0″> प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने मंच पर रौतिया समाज के वीर शहीद बख्तर साय और मुण्डल सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. </span></p>
<h3 class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><strong><span class=”cf0″>’करमा महोत्सव हमारी गौरवशाली परंपरा का प्रतीक'</span></strong></h3>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, जिसे सभी समाज मिलजुलकर मनाते हैं. यह पर्व हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति आदर और सम्मान का भाव भी सिखाता है. उन्होंने कहा कि एकादशी करमा, दशहरा करमा जैसी परंपराएँ हमारी संस्कृति में गहराई से रची-बसी हैं. ये उत्सव समाज को एक सूत्र में बा</span><span class=”cf0″>ं</span><span class=”cf0″>धने का कार्य करते हैं.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> की गारंटियों को तीव्र गति से लागू कर रही है. सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई. महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं को प्रतिमाह 1000 </span><span class=”cf0″>रुपये</span><span class=”cf0″> की सहायता दी जा रही है. तेंदूपत्ता संग्राहकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति मानक बोरा दर को 5500 </span><span class=”cf0″>रुपये</span><span class=”cf0″> कर दिया है.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकसित भारत की तर्ज पर वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है. उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि स्वदेशी वस्तुओं की खरीद से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन की दिशा में तीव्रता से कार्य कर रही है. दो दिन पूर्व ही 210 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है. </span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सा एवं फिजियोथेरेपी केंद्र, शासकीय नर्सिंग कॉलेज तथा शासकीय फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>मुख्यमंत्री साय ने माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान स्थित आमा बगीचा के करमा पूजन स्थल पर करम वृक्ष की डाली की पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की. इसके बाद उन्होंने करमा नर्तक दल के साथ गले में मांदर टाँगकर ताल मिलाते हुए करम वृक्ष की डाली के चारों ओर उत्साहपूर्वक नृत्य किया. इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी मती कौशल्या साय तथा परिवारजन भी उपस्थित थे.</span></p>
<h3 class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><strong><span class=”cf0″>सोहरई करमा महोत्सव: रौतिया समाज की सांस्कृतिक पहचान</span></strong></h3>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>सोहरई करमा महोत्सव मूलतः रौतिया समाज द्वारा गोवर्धन पर्व के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व है. इस दिन नए फसल को पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ कर घर लाया जाता है. ग्राम कण्डोरा में आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए कुल 52 मंडलों के नर्तक दलों ने सहभागिता की. विविध लोक संस्कृतियों और पारंपरिक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को उल्लास और उत्सव की भावना से सराबोर कर दिया.</span></p>
<p class=”pf0″ style=”text-align: justify;”><span class=”cf0″>इस अवसर पर सांसद राधेश्याम राठिया, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. पी. साय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दामोदर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव आजाद सिंह, केंद्रीय संगठन मंत्री भुनेश्वर केसर, केंद्रीय महिला सदस्य मती उमा देवी सहित समाज के अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे.</span></p>
<p><!–EndFragment –></p> छत्तीसगढ़ दिल्ली का नाम बदलकर किया जाएगा इंद्रप्रस्थ? VHP ने कर दी बड़ी मांग


