पंजाब सरकार की पहल ‘सीएम दी योगशाला’ आज पूरे राज्य में एक जन-आंदोलन बन चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच और आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के प्रयासों से शुरू हुई यह योजना अब लाखों लोगों के जीवन का हिस्सा बन गई है। इस पहल ने पंजाब को फिट, हेल्दी और नशा-मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है।
शुरुआत से आज तक का सफर
‘सीएम दी योगशाला’ की शुरुआत अप्रैल 2023 में सिर्फ 4 बड़े शहरों से हुई थी। उस वक्त करीब 100 योग प्रशिक्षक (Yoga Trainers) 500 से ज्यादा क्लासेज़ चला रहे थे।
इसके बाद जून 2023 तक यह पहल 9 शहरों तक पहुंच गई और 50,000 से ज्यादा लोग इसमें जुड़ गए।
जनवरी 2024 में तीसरे चरण के तहत इस योजना को सभी शहरी इलाकों में फैलाया गया, जहाँ 1,500 प्रशिक्षक काम करने लगे।
मार्च 2024 में चौथे फेज़ की शुरुआत हुई, जब सरकार ने इसे गांवों और ब्लॉकों तक ले जाकर हर घर तक स्वास्थ्य पहुँचाने का लक्ष्य रखा।
आज, नवंबर 2025 तक यह योजना पंजाब के 23 जिलों और 146 ब्लॉकों में चल रही है। यानी अब राज्य का लगभग हर कोना इससे जुड़ा हुआ है।
अब तक की उपलब्धियाँ
- पंजाब में 2 लाख से ज्यादा लोग रोज़ाना मुफ़्त योग कक्षाओं में भाग ले रहे हैं।
- राज्यभर में 4,581 से अधिक योगशालाएँ सुबह और शाम नियमित रूप से चल रही हैं।
- इस कार्यक्रम में काम कर रहे 2,630 प्रमाणित योग प्रशिक्षकों को स्थायी रोजगार मिला है।
- यह संख्या मार्च 2025 तक सिर्फ 1 लाख लोगों की थी — यानी कुछ ही महीनों में इसमें दोगुनी वृद्धि हुई है।
योगशाला का असर — स्वास्थ्य और समाज दोनों में सुधार
‘सीएम दी योगशाला’ का असर पंजाब के लोगों के स्वास्थ्य में साफ दिख रहा है।
हज़ारों लोगों ने बताया है कि नियमित योग से उन्हें पीठ दर्द, सर्वाइकल, घुटनों के दर्द, शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतों में राहत मिली है।
साथ ही तनाव, अवसाद, नींद की कमी जैसी समस्याओं में भी सुधार हुआ है।
लोग अब खुद को ज़्यादा एनर्जेटिक और खुश महसूस कर रहे हैं।
यह पहल सिर्फ सेहत तक सीमित नहीं है — इसने सामाजिक बदलाव भी लाया है।
गांवों में महिलाएँ और बुज़ुर्ग अब अपने घर के पास ही योग क्लासेज़ में हिस्सा ले रहे हैं।
युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं और वे अब समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं।
यह योजना सरकार के ‘नशों के खिलाफ अभियान’ को भी मज़बूती दे रही है, क्योंकि योग युवाओं को एक स्वस्थ और अनुशासित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
किसी भी मोहल्ले या गांव में कैसे शुरू हो सकती है योगशाला
सरकार ने इस योजना को बेहद आसान और सुलभ बनाया है।
अगर किसी इलाके के लोग चाहते हैं कि उनके मोहल्ले या गांव में भी योग क्लास शुरू हो, तो वे बस एक ग्रुप बनाकर सरकार से अनुरोध कर सकते हैं।
सरकार तुरंत एक प्रशिक्षित योग ट्रेनर भेजती है, जो पार्क, कम्युनिटी हॉल या किसी खुले स्थान पर क्लास शुरू कर देता है।
सबसे खास बात — यह सेवा पूरी तरह मुफ़्त है।
‘सीएम दी योगशाला’ क्यों है खास
- पंजाब को फिट और नशामुक्त बनाने का मिशन
- नागरिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार
- युवाओं को सम्मानजनक रोजगार के अवसर
- समाज में एकता और सकारात्मक सोच का प्रसार
- “स्वास्थ्य सेवा आपके द्वार” का सच्चा उदाहरण
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि योग सिर्फ एक्सरसाइज़ नहीं बल्कि एक जीवनशैली है।
उनके मुताबिक, “अगर हर पंजाबी स्वस्थ रहेगा, तो पंजाब खुशहाल रहेगा।”
उन्होंने कहा कि यह पहल न सिर्फ शरीर को तंदरुस्त करती है, बल्कि मन को भी शांति देती है और समाज को जोड़ती है।
‘सीएम दी योगशाला’ अब सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि पंजाब में एक स्वास्थ्य क्रांति बन चुकी है।
यह पहल बताती है कि जब सरकार की नीयत साफ हो और जनता साथ दे, तो कोई भी बदलाव नामुमकिन नहीं होता।
आज योग पंजाबियों की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है — और यह बदलाव पूरे देश के लिए एक मिसाल है।


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