कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने तरनतारन उपचुनाव के दौरान प्रचार करते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी को लेकर केंद्र सरकार का यू-टर्न पंजाब और पंजाबियों की इतिहासिक जीत है। उन्होंने बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अटूट प्रतिबद्धता और पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लगातार प्रयासों का नतीजा है।
मंत्री भुल्लर ने कहा कि मान सरकार ने शुरू से ही भाजपा केंद्र सरकार के उस कदम का विरोध किया था, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी का दर्जा बदलने की योजना थी। उन्होंने इसे न केवल तर्कहीन बताया, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक और शैक्षणिक विरासत पर हमला भी कहा।
भुल्लर ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री मान ने पहले दिन ही स्पष्ट किया था कि पंजाब यूनिवर्सिटी भावनात्मक, सांस्कृतिक और संवैधानिक तौर पर पंजाब की है। अब, केंद्र के यू-टर्न ने मान सरकार के स्टैंड को सही साबित कर दिया है।
मंत्री ने याद दिलाया कि यह केवल यूनिवर्सिटी का मामला नहीं है, बल्कि पंजाब के सम्मान और अधिकारों का भी मामला है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों की एकता और सामूहिक इच्छाशक्ति ने फिर एक बार भाजपा सरकार को सच्चाई और न्याय के आगे झुकने पर मजबूर कर दिया। भुल्लर ने यह भी कहा कि मान सरकार पहले ही इस फैसले को अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार थी।
तरनतारन के लोगों से अपील करते हुए भुल्लर ने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री मान पंजाब के सम्मान के लिए मजबूती से खड़े हैं, उसी तरह लोगों को ‘आप’ उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू को जीत दिलाकर उनके हाथ मजबूत करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत संदेश होगा कि पंजाब की आवाज़ को कभी भी दबाया नहीं जा सकता।
भुल्लर ने कहा, \\\\\\\”यह जीत हमें याद दिलाती है कि पंजाब ने पहले किसान आंदोलन के दौरान भी केंद्र के अहंकार को हराया था। आज भी पंजाबियों की एकता ने केंद्र को झुकने पर मजबूर कर दिया।\\\\\\\”
इस पूरे मामले में, पंजाब सरकार ने हमेशा यह कहा है कि राज्य के अधिकार और संवैधानिक हक किसी भी हाल में खतरे में नहीं आने चाहिए। यही वजह है कि पंजाब यूनिवर्सिटी का दर्जा और पंजाब की सांस्कृतिक पहचान दोनों राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।




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