21 दिसंबर 2023। संसद में भारतीय न्याय संहिता में धाराएं बदलने का प्रस्ताव पास हुआ। जो एक जुलाई से लागू होगी। लेकिन इससे पहले ही मॉब लिंचिंग में यूपी के दो युवकों की हत्या हो गई और तीसरा जिंदगी मौत की जंग रायपुर के अस्पताल में लड़ रहा है। संसद में अमित शाह ने कहा था कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इसके लिए सात साल की सजा से लेकर मृत्युदंड का प्रावधान किया है। पहले मॉब लिंचिंग के लिए सजा का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। लेकिन भारतीय न्याय संहिता में इसके लिए प्रावधान किया गया है। लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर। सहारनपुर से जिसकी दूरी करीब 1668 किलोमीटर। जहां मॉब लिंचिंग में यूपी के दो युवकों मौत के घाट उतार दिया। एक युवक अपनी जिंदगी की सांसे अस्पताल के बेड पर ले रहा है। ये हादसा नहीं एक सोची समझी साजिश थी। जो कुछ असामाजिक तत्वों ने रची। रोजी-रोटी कमाने के लिए रायपुर में मजदूरी करने गए थे। शनिवार की शाम को लंबी दूरी तय कर एंबुलेंस में दोनों का शव उनके घर पहुंचा। गांव में सन्नाटा पसर गया। आसपास के घरों में खाना तक नहीं बना। महिलाओं की चींख सन्नाटे को तोड़ रही थी। मॉब लिंचिंग में मारे गए चांद मियां घर दैनिक भास्कर की टीम पहुंची और परिवार से बात की। पढ़िए…मॉब लिंचिंग में मारे गए चांद मियां के घर की ग्राउंड रिपोर्ट सहारनपुर से करीब 54 किलोमीटर दूर गंगोह के गांव लखनौती में भरी दोपहर में दैनिक भास्कर की टीम पहुंची। गांव की एक गली के नुक्कड़ पर सद्दाम का घर था। जो घायल है, अस्पताल में भर्ती है। रायपुर के। घर के बाहर छप्पर में कुछ लोग बैठे हुए थे। उनसे मृतक चांद मियां के घर का पता पूछा। फिर चांद मियां के घर पहुंचे। घर के बाहर रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग खाट बिछाए बैठे हुए थे। वहां पर भीड़ में एक दुबला-पतला बुजुर्ग सिर पर साफा बांधे बैठा था। आंखों में खुश्क आंसु और चेहरे पर चिंता थी। लोगों ने बताया कि ये मृतक चांद मियां का अब्बा (पिता) नौशाद हैं। पिता बोले-दरिंदों को मिले फांसी की सजा
दैनिक भास्कर ने उनसे चांद मियां के बारे में पूछा। वो फफ्क-फफ्क कर रोने लगे। उनसे पूछा आपके कितने बच्चे हैं। बोले-7 थे। अब 6 रह गए। चार बहनों की शादी हो गए है। दो बेटे ओर है, कैफ और सैफ। जो छोटे हैं। फिर बोले, मेरे बेटे को जालिमों ने पीट-पीटकर मार डाला। शरीर पर जख्म ही जख्म थे। जो देखे नहीं गए। वो बोले-”उनका बेटा ही घर में कमाने वाला था। मैं भी मजदूरी करता था, लेकिन मेरे बेटे ने मुझसे काम छुड़वा दिया था। बोला था कि अब मैं कमाने लग गया हूं। अब्बा अब आप आराम करों। लेकिन उसे नहीं पता था कि ये जालिम जमाना उसे जीने नहीं देगा।” मृतक चांद मियां अभी 22 साल का था। उसका निकाह (शादी) 5 माह पहले पास के नकुड़ में नेहा से हुई थी। अभी उसके हाथों की मेहंदी भी नहीं छुटी थी। मेरा बेटा इस दुनिया से चला गया। अब हमारा और उसकी पत्नी का कौन ख्याल रखेगा? बूढ़े शरीर से अब काम भी नहीं होता है। परिवार को कैसे पालूंगा। वो बोले, सरकार से मेरी गुजारिश है कि उन दरिंदों को फांसी की सजा मिले। मां बोली-मेरे लाड़ले को वापस लाकर दो फिर मृतक चांद मियां की मां से रहिशा से बात करने की कोशिश की। पहले तो परिवार के लोगों ने मना कर दिया। क्योंकि अपने बेटे की मौत की खबर के आंखों से आंसु नहीं रुके थे। फिर न मनाने पर वो मृतक चांद मियां की मां रहिशा और पत्नी नेहा को लेकर आए। मृतक की पत्नी से तो बात नहीं करने दी। लेकिन मां रहिशा को कुर्सी पर बैठाकर उनसे बात करने की कोशिश की। लेकिन एक सवाल के बाद ही वो फूट-फूटकर रोने लगे। बस रोते-रोते वो बोली-”मेरा लाड़ला बेटा लोगों ने मार डाला। मुझे मेरा बेटा चाहिए। वो ही घर में कमाने वाला था। मेरे बेटे को गोलियों से मारा।” फिर परिवार के लोग रहिशा को लेकर घर के अंदर चले गए। वहीं साथ ही खड़ी मृतक की पत्नी नेहा भी फूट-फूटकर रो रही थी। मौसेरा भाई बोला-रात एक बजे फोन पर हुई थी बात
मृतक चांद मियां की मौसी का लड़का साजिब भी रायपुर में मजदूरी करता है। साजिब ने बताया कि ”7-8 जून की रात एक बजे चांद मियां का फोन उस पर आया था। वो घबराया हुआ था। उसने बताया था कि करीब 10-15 लोग उनका पीछा कर रहे हैं। करीब 20 किलोमीटर से पीछा कर रहे हैं। फायरिंग कर रहे हैं। क्या करूं भाई? साजिब ने बताया कि उसकी आवाज सुनकर वो भी घबरा गया था। उसे भी समझ में नहीं आया कि वो क्या करें? फिर ठेकेदार को फोन किया था। सब बात बताई थी। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। क्योंकि करीब 3 से 4 बजे के बीच में फिर सद्दाम का फोन आया। उसने कहा कि चांद मियां और तहसीम उर्फ गुड्डू खान को मार दिया है। मुझे भी मरा समझकर छोड़ गए है। बचा ले भाई। फिर हम घटनास्थल की ओर दौड़े और पुलिस को भी सूचना दी। साजिब ने बताया कि उसने चांद मियां से पूछा था कि कौन पीछा कर रहा है, तो उसने बजरंग दल के लोग बताया था। साजिब ने बताया कि गोली मारकर ट्रक के टायर फाड़ दिए थे। उनको भी बुरी तरह से पीटा गया। पीट-पीटकर हत्या करने के बाद पुल से नीचे फेंक दिया। शरीर पर कई जख्म के निशान थे। पैर भी टूटे हुए थे। जब हम वहां पहुंचे तो ट्रक खड़ा था बंद। वो पुल के नीचे पड़े थे। पुल के नीचे जाकर देखा तो सद्दाम की सांसें चल रही थी। जबकि चांद मियां और गुड्डू खान की मौत हो चुकी थी। सारा घटना पुलिस को सद्दाम ने बताई। बहनोई बोले-बजरंग दल के गुंडे करते हैं लूट
मृतक चांद मियां के बहनोई फैजान अहमद ने कहा कि उनके साले को बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। वहां की सरकार और पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वो बजरंग दल का नाम लेते हुए कहते हैं कि उन्हें किसे हक दिया वो किसी को सड़क पर रोके। उसको पीटे और उसकी हत्या कर दे। उन्होंने आरोप भी लगाया कि बजरंग दल के लोग रात के समय में ट्रकों को लूटते हैं। या तो उन्हें पैसा दे दो अन्यथा वो लूटमारी करते हैं वहां। कोई भी कुछ नहीं कहता है। फैजान एक दम बोले-इन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिले। फांसी। ये था पूरा मामला…जिसने दो घरों के चिराग बुझा दिए छत्तीसगढ़ में मॉब लिंचिंग में सहारनपुर के दो युवकों की हत्या कर दी गई। 7-8 जून की आधी रात को आरंग थाना क्षेत्र में 3 युवक एक ट्रक में जानवर भरकर ले जा रहे थे। एक पुलिस अफसर के मुताबिक रास्ते में 10-12 युवकों ने उनका पीछा किया। उन लोगों ने ट्रक को महानदी पुल पर घेर लिया। इसके बाद ट्रक में सवार तीनों युवकों की जमकर पिटाई कर दी। इनमें से एक युवक की लाश महानदी में मिली, दूसरे की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। तीसरा युवक भी गंभीर रूप से घायल है, जिसका रायपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। रिपोर्ट के बाद मौत की वजह सामने आ पाएगी। ट्रक में चांद मियां चला रहा था।
गुड्डू खान और सद्दाम खान ट्रक में साथ थे। आरोपी युवकों ने गौ-तस्करी का आरोप लगाते हुए उन्हें पीटना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है, आरोपियों ने चांद मियां और गुड्डू खान को पीटकर उन्हें पुल से नीचे फेंक दिया। इस मारपीट में सद्दाम खान बुरी तरह घायल हो गया। उसे भी मरा हुआ समझकर आरोपी फरार हो गए। पूर्व सांसद ने लिखा पीएम को पत्र..
सहारनपुर से पूर्व बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने दोनों युवकों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने पीएम, गृहमंत्री और सीएम को पत्र लिखकर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि सहारनपुर और शामली के रहने वाले दो मुस्लिम युवकों की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वो मजदूरी करते थे। मवेशी तस्करी के संदेह में ये घटना की गई है। ऐसे दोषियों अरेस्ट किया जाए। उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने का अनुरोध किया है। 21 दिसंबर 2023। संसद में भारतीय न्याय संहिता में धाराएं बदलने का प्रस्ताव पास हुआ। जो एक जुलाई से लागू होगी। लेकिन इससे पहले ही मॉब लिंचिंग में यूपी के दो युवकों की हत्या हो गई और तीसरा जिंदगी मौत की जंग रायपुर के अस्पताल में लड़ रहा है। संसद में अमित शाह ने कहा था कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इसके लिए सात साल की सजा से लेकर मृत्युदंड का प्रावधान किया है। पहले मॉब लिंचिंग के लिए सजा का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। लेकिन भारतीय न्याय संहिता में इसके लिए प्रावधान किया गया है। लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर। सहारनपुर से जिसकी दूरी करीब 1668 किलोमीटर। जहां मॉब लिंचिंग में यूपी के दो युवकों मौत के घाट उतार दिया। एक युवक अपनी जिंदगी की सांसे अस्पताल के बेड पर ले रहा है। ये हादसा नहीं एक सोची समझी साजिश थी। जो कुछ असामाजिक तत्वों ने रची। रोजी-रोटी कमाने के लिए रायपुर में मजदूरी करने गए थे। शनिवार की शाम को लंबी दूरी तय कर एंबुलेंस में दोनों का शव उनके घर पहुंचा। गांव में सन्नाटा पसर गया। आसपास के घरों में खाना तक नहीं बना। महिलाओं की चींख सन्नाटे को तोड़ रही थी। मॉब लिंचिंग में मारे गए चांद मियां घर दैनिक भास्कर की टीम पहुंची और परिवार से बात की। पढ़िए…मॉब लिंचिंग में मारे गए चांद मियां के घर की ग्राउंड रिपोर्ट सहारनपुर से करीब 54 किलोमीटर दूर गंगोह के गांव लखनौती में भरी दोपहर में दैनिक भास्कर की टीम पहुंची। गांव की एक गली के नुक्कड़ पर सद्दाम का घर था। जो घायल है, अस्पताल में भर्ती है। रायपुर के। घर के बाहर छप्पर में कुछ लोग बैठे हुए थे। उनसे मृतक चांद मियां के घर का पता पूछा। फिर चांद मियां के घर पहुंचे। घर के बाहर रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग खाट बिछाए बैठे हुए थे। वहां पर भीड़ में एक दुबला-पतला बुजुर्ग सिर पर साफा बांधे बैठा था। आंखों में खुश्क आंसु और चेहरे पर चिंता थी। लोगों ने बताया कि ये मृतक चांद मियां का अब्बा (पिता) नौशाद हैं। पिता बोले-दरिंदों को मिले फांसी की सजा
दैनिक भास्कर ने उनसे चांद मियां के बारे में पूछा। वो फफ्क-फफ्क कर रोने लगे। उनसे पूछा आपके कितने बच्चे हैं। बोले-7 थे। अब 6 रह गए। चार बहनों की शादी हो गए है। दो बेटे ओर है, कैफ और सैफ। जो छोटे हैं। फिर बोले, मेरे बेटे को जालिमों ने पीट-पीटकर मार डाला। शरीर पर जख्म ही जख्म थे। जो देखे नहीं गए। वो बोले-”उनका बेटा ही घर में कमाने वाला था। मैं भी मजदूरी करता था, लेकिन मेरे बेटे ने मुझसे काम छुड़वा दिया था। बोला था कि अब मैं कमाने लग गया हूं। अब्बा अब आप आराम करों। लेकिन उसे नहीं पता था कि ये जालिम जमाना उसे जीने नहीं देगा।” मृतक चांद मियां अभी 22 साल का था। उसका निकाह (शादी) 5 माह पहले पास के नकुड़ में नेहा से हुई थी। अभी उसके हाथों की मेहंदी भी नहीं छुटी थी। मेरा बेटा इस दुनिया से चला गया। अब हमारा और उसकी पत्नी का कौन ख्याल रखेगा? बूढ़े शरीर से अब काम भी नहीं होता है। परिवार को कैसे पालूंगा। वो बोले, सरकार से मेरी गुजारिश है कि उन दरिंदों को फांसी की सजा मिले। मां बोली-मेरे लाड़ले को वापस लाकर दो फिर मृतक चांद मियां की मां से रहिशा से बात करने की कोशिश की। पहले तो परिवार के लोगों ने मना कर दिया। क्योंकि अपने बेटे की मौत की खबर के आंखों से आंसु नहीं रुके थे। फिर न मनाने पर वो मृतक चांद मियां की मां रहिशा और पत्नी नेहा को लेकर आए। मृतक की पत्नी से तो बात नहीं करने दी। लेकिन मां रहिशा को कुर्सी पर बैठाकर उनसे बात करने की कोशिश की। लेकिन एक सवाल के बाद ही वो फूट-फूटकर रोने लगे। बस रोते-रोते वो बोली-”मेरा लाड़ला बेटा लोगों ने मार डाला। मुझे मेरा बेटा चाहिए। वो ही घर में कमाने वाला था। मेरे बेटे को गोलियों से मारा।” फिर परिवार के लोग रहिशा को लेकर घर के अंदर चले गए। वहीं साथ ही खड़ी मृतक की पत्नी नेहा भी फूट-फूटकर रो रही थी। मौसेरा भाई बोला-रात एक बजे फोन पर हुई थी बात
मृतक चांद मियां की मौसी का लड़का साजिब भी रायपुर में मजदूरी करता है। साजिब ने बताया कि ”7-8 जून की रात एक बजे चांद मियां का फोन उस पर आया था। वो घबराया हुआ था। उसने बताया था कि करीब 10-15 लोग उनका पीछा कर रहे हैं। करीब 20 किलोमीटर से पीछा कर रहे हैं। फायरिंग कर रहे हैं। क्या करूं भाई? साजिब ने बताया कि उसकी आवाज सुनकर वो भी घबरा गया था। उसे भी समझ में नहीं आया कि वो क्या करें? फिर ठेकेदार को फोन किया था। सब बात बताई थी। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। क्योंकि करीब 3 से 4 बजे के बीच में फिर सद्दाम का फोन आया। उसने कहा कि चांद मियां और तहसीम उर्फ गुड्डू खान को मार दिया है। मुझे भी मरा समझकर छोड़ गए है। बचा ले भाई। फिर हम घटनास्थल की ओर दौड़े और पुलिस को भी सूचना दी। साजिब ने बताया कि उसने चांद मियां से पूछा था कि कौन पीछा कर रहा है, तो उसने बजरंग दल के लोग बताया था। साजिब ने बताया कि गोली मारकर ट्रक के टायर फाड़ दिए थे। उनको भी बुरी तरह से पीटा गया। पीट-पीटकर हत्या करने के बाद पुल से नीचे फेंक दिया। शरीर पर कई जख्म के निशान थे। पैर भी टूटे हुए थे। जब हम वहां पहुंचे तो ट्रक खड़ा था बंद। वो पुल के नीचे पड़े थे। पुल के नीचे जाकर देखा तो सद्दाम की सांसें चल रही थी। जबकि चांद मियां और गुड्डू खान की मौत हो चुकी थी। सारा घटना पुलिस को सद्दाम ने बताई। बहनोई बोले-बजरंग दल के गुंडे करते हैं लूट
मृतक चांद मियां के बहनोई फैजान अहमद ने कहा कि उनके साले को बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। वहां की सरकार और पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वो बजरंग दल का नाम लेते हुए कहते हैं कि उन्हें किसे हक दिया वो किसी को सड़क पर रोके। उसको पीटे और उसकी हत्या कर दे। उन्होंने आरोप भी लगाया कि बजरंग दल के लोग रात के समय में ट्रकों को लूटते हैं। या तो उन्हें पैसा दे दो अन्यथा वो लूटमारी करते हैं वहां। कोई भी कुछ नहीं कहता है। फैजान एक दम बोले-इन दरिंदों को सख्त से सख्त सजा मिले। फांसी। ये था पूरा मामला…जिसने दो घरों के चिराग बुझा दिए छत्तीसगढ़ में मॉब लिंचिंग में सहारनपुर के दो युवकों की हत्या कर दी गई। 7-8 जून की आधी रात को आरंग थाना क्षेत्र में 3 युवक एक ट्रक में जानवर भरकर ले जा रहे थे। एक पुलिस अफसर के मुताबिक रास्ते में 10-12 युवकों ने उनका पीछा किया। उन लोगों ने ट्रक को महानदी पुल पर घेर लिया। इसके बाद ट्रक में सवार तीनों युवकों की जमकर पिटाई कर दी। इनमें से एक युवक की लाश महानदी में मिली, दूसरे की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। तीसरा युवक भी गंभीर रूप से घायल है, जिसका रायपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। रिपोर्ट के बाद मौत की वजह सामने आ पाएगी। ट्रक में चांद मियां चला रहा था।
गुड्डू खान और सद्दाम खान ट्रक में साथ थे। आरोपी युवकों ने गौ-तस्करी का आरोप लगाते हुए उन्हें पीटना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है, आरोपियों ने चांद मियां और गुड्डू खान को पीटकर उन्हें पुल से नीचे फेंक दिया। इस मारपीट में सद्दाम खान बुरी तरह घायल हो गया। उसे भी मरा हुआ समझकर आरोपी फरार हो गए। पूर्व सांसद ने लिखा पीएम को पत्र..
सहारनपुर से पूर्व बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने दोनों युवकों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने पीएम, गृहमंत्री और सीएम को पत्र लिखकर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि सहारनपुर और शामली के रहने वाले दो मुस्लिम युवकों की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वो मजदूरी करते थे। मवेशी तस्करी के संदेह में ये घटना की गई है। ऐसे दोषियों अरेस्ट किया जाए। उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने का अनुरोध किया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर