उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में करीब ढाई महीने बाद मंगलवार को लोक भवन में सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। जहां प्रदेश सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहेंगे। वही इस बैठक में दो दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव को पास किया जाएगा। जिसमे औद्योगिक विकास, आईटी, नगर विकास, गृह, लोक निर्माण, कृषि, चिकित्सा शिक्षा विभाग शामिल हैं। वही कई नीतियों के मसौदे में संशोधन होगा। अब आपको बताते हैं कि कौन-कौन से प्रस्ताव कैबिनेट में रखे जाएंगे.. •उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर नीति को पास कराया जाएगा। •निवेशकों को कई रियायतें देने के लिए मौजूदा औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीतियों में बदलाव भी कराया जाएगा। •कानपुर आईआईटी में मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 50 करोड़ रुपये का अंशदान देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। मिलेट्स पुनरुद्धार योजना को कैबिनेट में मिलेगी मंजूरी उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार योजना में कुछ परिवर्तन के लिए कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा। योजना में अब तक प्रचार-प्रसार के लिए अत्यधिक धन का प्रावधान किया गया था, जिसे कम कर उस राशि से प्रदेश के प्रत्येक जिले में मोटे अनाजों से निर्मित प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आउट्लेट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी तथा हर जिले के विकास भवनों में नए आउटलेट्स खोले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में करीब ढाई महीने बाद मंगलवार को लोक भवन में सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। जहां प्रदेश सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहेंगे। वही इस बैठक में दो दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव को पास किया जाएगा। जिसमे औद्योगिक विकास, आईटी, नगर विकास, गृह, लोक निर्माण, कृषि, चिकित्सा शिक्षा विभाग शामिल हैं। वही कई नीतियों के मसौदे में संशोधन होगा। अब आपको बताते हैं कि कौन-कौन से प्रस्ताव कैबिनेट में रखे जाएंगे.. •उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर नीति को पास कराया जाएगा। •निवेशकों को कई रियायतें देने के लिए मौजूदा औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीतियों में बदलाव भी कराया जाएगा। •कानपुर आईआईटी में मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 50 करोड़ रुपये का अंशदान देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। मिलेट्स पुनरुद्धार योजना को कैबिनेट में मिलेगी मंजूरी उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार योजना में कुछ परिवर्तन के लिए कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा। योजना में अब तक प्रचार-प्रसार के लिए अत्यधिक धन का प्रावधान किया गया था, जिसे कम कर उस राशि से प्रदेश के प्रत्येक जिले में मोटे अनाजों से निर्मित प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आउट्लेट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी तथा हर जिले के विकास भवनों में नए आउटलेट्स खोले जाएंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं
हरियाणा में BJP सरकार गिराने की रणनीति बना रही कांग्रेस:हुड्डा ने चंडीगढ़ में विधायक दल की मीटिंग की; सांसद सैलजा गैरहाजिर रहीं लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में विधानसभा के समीकरण बदल गए हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसी को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाई गई। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार को अल्पमत में होने का दावा कर उसे बर्खास्त करने का दबाव बनाने के बारे में भी चर्चा की गई। कांग्रेस विधायक विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांग सकते हैं। समय न मिलने की स्थिति में जिला मुख्यालयों पर आंदोलन संभव है। मंगलवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी देंगे। सबसे अहम बात यह है कि इस मीटिंग में कांग्रेस के 4 नवनिर्वाचित सांसद भी पहुंचे हैं। इनमें रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबाला से वरुण चौधरी, हिसार से जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी बैठक में शामिल हुए हैं। ये चारों सांसद हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं। वहीं सिरसा से SRK गुट की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा इस मीटिंग में नहीं पहुंची हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
हरियाणा में विधानसभा भंग करेगी BJP सरकार:CM सैनी के संकेत, राज्यसभा उपचुनाव का इंतजार; इससे मानसून सत्र की संवैधानिक मजबूरी खत्म
हरियाणा में विधानसभा भंग करेगी BJP सरकार:CM सैनी के संकेत, राज्यसभा उपचुनाव का इंतजार; इससे मानसून सत्र की संवैधानिक मजबूरी खत्म हरियाणा में राज्यसभा उप-चुनाव के बाद BJP विधानसभा भंग कर सकती है। इसके संकेत मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार दे चुकी है। मानसून सत्र न बुलाने के पीछे की यही वजह बताई जा रही है। राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा है कि राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव के बाद विधानसभा को भाजपा यदि भंग करती है, तो कोई हैरानी नहीं होगी। इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि यदि सरकार 12 सितंबर से पूर्व विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से करती है तो फिर मानसून सत्र बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2002 के निर्णय के अनुसार, समय पूर्व भंग हुई विधानसभा के मामले में 6 महीने के भीतर अगला सत्र बुलाने की संवैधानिक अनिवार्यता लागू नहीं होती। 3 नवंबर तक 15वीं विधानसभा का कार्यकाल
15वीं विधानसभा के गठन के लिए नोटिफिकेशन 3 हफ्ते बाद 5 सितंबर को जारी होगा। जबकि, 1 अक्टूबर को वोटिंग की जाएगी। 4 अक्टूबर को काउंटिंग होगी। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। विधानसभा का पिछला एक दिन का सत्र 5 महीने पूर्व 13 मार्च को बुलाया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में उल्लेख है कि विधानसभा के 2 सत्रों के बीच 6 महीने का अंतराल नहीं होना चाहिए। इसलिए, 12 सितंबर से पहले विधानसभा का सत्र बुलाना अनिवार्य है। भले ही वह एक दिन की अवधि का ही क्यों न हो। विधानसभा का यह सत्र बुलाया जाना जरूरी
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार, यदि 12 सितंबर से पूर्व कैबिनेट की सिफारिश पर राज्यपाल विधानसभा को समय पूर्व भंग कर देते हैं तो आगामी सत्र बुलाने की आवश्यकता नहीं होगी। विधानसभा का यह सत्र इसलिए बुलाया जाना जरूरी था, क्योंकि राज्यपाल से कुल 5 आध्यादेश (आर्डिनेंस) भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 (1) में जारी कराए गए हैं। अगर विधानसभा को समय पूर्व भंग कर दिया जाता है तो इन 5 आध्यादेशों की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राज्यसभा के लिए 21 अगस्त नॉमिनेशन की लास्ट डेट
ECI की ओर से उप-चुनाव के लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं। उप-चुनाव कराने के लिए IAS अफसर साकेत कुमार को रिटर्निंग ऑफिसर (RO) नियुक्त किया गया है। 21 अगस्त नामांकन की लास्ट डेट रखी गई है, 27 अगस्त तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे। 3 सितंबर को वोटिंग होगी। वोटिंग सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगी। 8 घंटे वोटिंग के बाद उसी दिन रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। भाजपा की राज्यसभा सीट पर जीत तय
भाजपा के पास इस वक्त 41 विधायक हैं। इसकी सहयोगी हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। हालांकि, कांग्रेस को छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी भी अब भाजपा में हैं। वह भी भाजपा के पक्ष में ही वोटिंग करेंगी। उनके वोट को मिलाकर भाजपा के पास अब 44 विधायकों का समर्थन है। वहीं, विपक्ष में कांग्रेस के पास अभी 28 (किरण चौधरी को छोड़कर), JJP के 6 (4 विधायक इस्तीफा दे चुके), INLD 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस उम्मीदवार खड़ा करने से इनकार कर चुके हैं। जजपा समेत बाकी पार्टियों के पास बहुमत नहीं है। चुनाव हुआ तो होगी क्रॉस वोटिंग
अगर राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग होती है तो भाजपा के पक्ष में जमकर क्रॉस वोटिंग हो सकती है। इसकी वजह यह है कि किरण चौधरी के साथ ही JJP के 4 विधायक भी भाजपा की मदद करेंगे। इससे पहले पूर्व CM और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा।
मंडी के बथेरी में भंडर नाला उफान पर:घरों में घुसा नाले का पानी; एक दर्जन रिहायशी मकान खतरे की जद में
मंडी के बथेरी में भंडर नाला उफान पर:घरों में घुसा नाले का पानी; एक दर्जन रिहायशी मकान खतरे की जद में मंडी जिले की चौहारघाटी में मूसलाधार बारिश से बथेरी गांव खतरे की जद में आ गया। यहां भंडर नाला ने तबाही मचा दी है। बीते शनिवार से लगातार जारी बारिश से नाले का जलस्तर बढ़ जाने से कई रिहायशी मकानों और सरकारी कार्यालयों में पानी भर गया है। लोग जाग कर रात गुज़रा कर रहे हैं। अभी तक सरकार और प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी और नेता गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा है। जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों बताया कि एक दर्जन से अधिक रिहायशी मकान, मंदिर, पंचायत कार्यालय, सहकारी सभा का राशन डिपो खतरे की जद में हैं। जबकि ग्रामीणों की दस बीघा से अधिक उपजाऊ जमीन बह गई है। पंचायत कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कर्म सिंह ने बताया कि स्थानीय निवासी हीरी देवी, हिरदा राम, मान सिंह, वीरेंद्र, मोहन सिंह, महेंद्र सिंह, जगदीश, इम्तियाज, इमाम हुसैन और बशीर मोहमद के रिहायशी मकानों को यहां खतरा है। अगर मूसलाधार बारिश लगातार जारी रहेगी, तो नाले का जलस्तर बढ़ने से बड़ी तबाही हो सकती है। बहरहाल लोगों ने घर छोड़ कर सुरक्षित जगह में पनाह ली है।