यूपी में 2 दिन की देरी से आएगा मानसून:बंगाल-बिहार बॉर्डर पर रुका; 20 जून को पूर्वांचल से एंट्री, 7 दिन में प्रदेश में छाएगा

यूपी में 2 दिन की देरी से आएगा मानसून:बंगाल-बिहार बॉर्डर पर रुका; 20 जून को पूर्वांचल से एंट्री, 7 दिन में प्रदेश में छाएगा

उत्तर प्रदेश एक महीने से भीषण गर्मी से जूझ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने भी 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित कर दिया है। अब सबके मन में एक सवाल है- बारिश कब होगी? मानसून कहां तक आ गया है? बारिश कम होगी या ज्यादा? इन सभी सवालों के जवाब देते हैं BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव। वह बताते हैं- मानसून पश्चिम बंगाल-पूर्वी बिहार के बॉर्डर पर अटका है। इसके यूपी तक आने में 10 दिन का समय लग सकता है। सबसे पहले मानसून की पूर्वांचल के जिलों में 20 जून को एंट्री हो सकती है। अगर रफ्तार यही रही तो 7 दिन में पूरे प्रदेश में छा जाएगा और बारिश होगी। माैसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, पूर्वी यूपी में 14-15 जून से प्री-मानसून बारिश हो सकती है। दिन और रात में 1-2 घंटे की रिमझिम बारिश होगी। इसके 5 दिन बाद मानसून यूपी में प्रवेश करेगा। अमूमन यूपी में मानसून पहुंचने की तारीख 18 जून रहती है। पढ़िए यूपी में मानसून की एंट्री को लेकर BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव से सवाल-जवाब सवाल: उत्तर प्रदेश में कब पहुंच रहा है मानसून?
जवाब: अगर मौसम में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ- जैसे गर्मी नहीं बढ़ी और पछुआ (पश्चिम से चलने वाली हवा) का असर कम हो गया, तो 20 जून को मानसून बिहार से यूपी में आ जाएगा। इन हवाओं में कोई फेरबदल नहीं होता है, तो मानसून का रूट क्लियर रहेगा। सवाल: मानसून की एंट्री यूपी में कहां से होगी?
जवाब: मानसून की पहली बारिश प्रदेश के सोनभद्र, वाराणसी, बलिया, देवरिया, कुशीनगर और गाजीपुर जिले में हो सकती है। बशर्ते, मानसून अपने पिछले साल वाले ट्रेंड पर हो। अगर मानसून की रफ्तार सही रही तो यूपी में एंट्री के 7 दिन में पूरे प्रदेश में मानसून छा जाएगा। सवाल: फिलहाल मानसून कहां तक पहुंचा है?
जवाब: पश्चिम बंगाल में मानसून को 2 से 9 जून के बीच पहुंचना था। लेकिन, मानसून के बादल 3 दिन पहले ही बंगाल में पहुंच गए। तभी से मानसून धीमी स्पीड से बढ़ता हुआ बिहार और बंगाल के बॉर्डर पर बारिश करा रहा है। जबकि, इस जगह पर मानसून हर साल 10 जून तक पहुंचता है। मानसून को अब यहां से बिहार की ओर बढ़ना होगा। अगर बिहार में देरी होती है, तो यूपी में 20 जून तक मानसून की दस्तक संभव नहीं हो पाएगी। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) का ट्रेंड देखें तो मानसून 15 जून तक पटना में बारिश करा सकता है। इसके 5 दिन बाद यूपी में मानसून का सफर शुरू होगा। सवाल: प्रदेश के किन जिलों में किस तारीख को पहुंचेगा मानसून?
जवाब: सबसे पहले मानसून पूर्वांचल के जिलों में 20 जून तक पहुंचेगा। वहां से दो दिन में सेंट्रल यूपी, फिर बुंदेलखंड और पश्चिम यूपी की तरफ बढ़ेगा। मैप से जानिए, कहां पर कब मानसून पहुंचेगा… सवाल: फिलहाल मानसून को उत्तर प्रदेश पहुंचने में देरी क्यों हो रही है?
जवाब: बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बना हुआ है, इस वजह से मानसून वहीं अटका है। हालांकि, अब उत्तर भारत में लो प्रेशर वाला कंडीशन भी तैयार है। यूपी के डेढ़ किलोमीटर ऊपर से चलने वाली पछुआ हवा यानी पश्चिम दिशा से चलने वाली हवा के रुकते ही पुरवा यानी पूर्व से चलने वाली हवाएं एक्टिव होगी और मानसून के बादल यूपी तक पहुंच जाएंगे। अब जानिए क्या सामान्य और अधिक बारिश क्या होती है… यूपी में कितनी बारिश होगी, स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट का जवाब
जवाब: स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत ने बताया, यूपी में इस बार सामान्य बारिश रहेगी। यूपी में 829 MM बारिश के आसार
जून से सितंबर के बीच यूपी में सामान्य बारिश 829.8 मिलीमीटर होनी चाहिए। इस बार सामान्य बारिश होने का अनुमान है। मानसून सीजन के आखिरी पड़ाव यानी सितंबर तक प्रशांत महासागर में ला-नीना एक्टिव होगा। इस वजह से अच्छी बारिश हो सकती है। 7 साल में सबसे ज्यादा 2021-23 में बारिश हुई
7 साल बाद मानसून की चाल बदली है। आमतौर पर हर साल केरल में मानसून आने के 4 से 5 दिन बाद मेघालय और उत्तर पूर्व के अन्य इलाकों में पहुंचता है। लेकिन, पिछले 7 साल से ऐसा नहीं हो रहा है। 2017 के बाद अब पहली बार 2024 में ऐसी स्थिति दोबारा बन गई है। यूपी में सामान्य 829.8 MM बारिश होती है। हाल के कुछ साल में प्रदेश में मानसून की बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो 2023-24 में सामान्य की तुलना में 71% (589.3 MM) बारिश हुई थी। 2022-23 में इस अवधि में प्रदेश में 62% (514.3 MM), 2021-22 में 87.5% (726 MM) और 2020-21 में 77.2% (640.2 MM) बारिश हुई थी। अब अमेरिकी यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर जगदीश शुक्ला का आकलन पढ़िए बलिया के रहने वाले प्रोफेसर जगदीश शुक्ला अमेरिका के जॉर्ज मेसोन यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक और BHU के रिसर्चर रहे हैं। उन्होंने बताया- समुद्री गर्मी ने उत्तर भारत समेत अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के तापमान को काफी बढ़ा दिया है। समुद्र में हवाओं की ऐसी स्थिति बनी है कि इस बार मानसून को लेकर कोई पुख्ता भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। तमाम बड़े-बड़े पूर्वानुमान फेल हो सकते हैं। समुद्र का बढ़ा हुआ तापमान मानसून को डिस्टर्ब कर सकता है। वह मानसून की बारिश को ही 10 से 20 फीसदी बढ़ा या घटा भी सकता है। प्रोफेसर शुक्ला बताते हैं- प्रशांत महासागर में पेरू के किनारे दिसंबर 2023 तक अलनीनो की कंडीशन थी। अलनीनो जलवायु प्रणाली का एक हिस्सा है और यह मौसम को असर डालता है। इसकी वजह से फरवरी 2024 में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 1.01 डिग्री ज्यादा हो गया था। ये तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोतरी है। इससे पहले 2016 में औसत से 0.83 डिग्री ऊपर गया था। सामान्य रूप से समुद्र की सतह का तापमान 17 से 20 डिग्री सेल्सियस होता है। समुद्र के तापमान बढ़ने की वजह ग्लोबल वार्मिंग और अलनीनो है। पिछले 2 साल से ये दोनों कंडीशन एक साथ बनी हुई है। प्रोफेसर शुक्ला बताते हैं- मौसम वैज्ञानिकों ने 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित भी कर दिया है। इस साल समुद्र के पानी का तापमान 1.01 डिग्री ऊपर चला गया है। समुद्र जल्दी ठंडा नहीं होता। नॉर्मल होने में 4 से 6 साल का वक्त लगता। इसलिए ऐसी ही गर्मी अभी 2 से 4 साल और पड़ सकती है। 2023 के बाद 2024 और अब 2025 भी सबसे गर्म साल साबित होने वाला है। इस साल 79% कम हुई प्री-मानसून की बारिश
प्री-मानसून बारिश की बात करें तो इस बार प्रदेश में 79% कम हुई। मार्च से मई के बीच दर्ज होने वाली बारिश को प्री-मानसून बारिश कहा जाता है, लेकिन इस बार इसमें काफी कमी दर्ज की गई। पिछले साल 2023-24 में होने वाली प्री-मानसून बारिश की बात करें तो मार्च से मई के बीच 32.6 MM दर्ज हुई। उत्तर प्रदेश एक महीने से भीषण गर्मी से जूझ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने भी 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित कर दिया है। अब सबके मन में एक सवाल है- बारिश कब होगी? मानसून कहां तक आ गया है? बारिश कम होगी या ज्यादा? इन सभी सवालों के जवाब देते हैं BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव। वह बताते हैं- मानसून पश्चिम बंगाल-पूर्वी बिहार के बॉर्डर पर अटका है। इसके यूपी तक आने में 10 दिन का समय लग सकता है। सबसे पहले मानसून की पूर्वांचल के जिलों में 20 जून को एंट्री हो सकती है। अगर रफ्तार यही रही तो 7 दिन में पूरे प्रदेश में छा जाएगा और बारिश होगी। माैसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, पूर्वी यूपी में 14-15 जून से प्री-मानसून बारिश हो सकती है। दिन और रात में 1-2 घंटे की रिमझिम बारिश होगी। इसके 5 दिन बाद मानसून यूपी में प्रवेश करेगा। अमूमन यूपी में मानसून पहुंचने की तारीख 18 जून रहती है। पढ़िए यूपी में मानसून की एंट्री को लेकर BHU के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव से सवाल-जवाब सवाल: उत्तर प्रदेश में कब पहुंच रहा है मानसून?
जवाब: अगर मौसम में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ- जैसे गर्मी नहीं बढ़ी और पछुआ (पश्चिम से चलने वाली हवा) का असर कम हो गया, तो 20 जून को मानसून बिहार से यूपी में आ जाएगा। इन हवाओं में कोई फेरबदल नहीं होता है, तो मानसून का रूट क्लियर रहेगा। सवाल: मानसून की एंट्री यूपी में कहां से होगी?
जवाब: मानसून की पहली बारिश प्रदेश के सोनभद्र, वाराणसी, बलिया, देवरिया, कुशीनगर और गाजीपुर जिले में हो सकती है। बशर्ते, मानसून अपने पिछले साल वाले ट्रेंड पर हो। अगर मानसून की रफ्तार सही रही तो यूपी में एंट्री के 7 दिन में पूरे प्रदेश में मानसून छा जाएगा। सवाल: फिलहाल मानसून कहां तक पहुंचा है?
जवाब: पश्चिम बंगाल में मानसून को 2 से 9 जून के बीच पहुंचना था। लेकिन, मानसून के बादल 3 दिन पहले ही बंगाल में पहुंच गए। तभी से मानसून धीमी स्पीड से बढ़ता हुआ बिहार और बंगाल के बॉर्डर पर बारिश करा रहा है। जबकि, इस जगह पर मानसून हर साल 10 जून तक पहुंचता है। मानसून को अब यहां से बिहार की ओर बढ़ना होगा। अगर बिहार में देरी होती है, तो यूपी में 20 जून तक मानसून की दस्तक संभव नहीं हो पाएगी। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) का ट्रेंड देखें तो मानसून 15 जून तक पटना में बारिश करा सकता है। इसके 5 दिन बाद यूपी में मानसून का सफर शुरू होगा। सवाल: प्रदेश के किन जिलों में किस तारीख को पहुंचेगा मानसून?
जवाब: सबसे पहले मानसून पूर्वांचल के जिलों में 20 जून तक पहुंचेगा। वहां से दो दिन में सेंट्रल यूपी, फिर बुंदेलखंड और पश्चिम यूपी की तरफ बढ़ेगा। मैप से जानिए, कहां पर कब मानसून पहुंचेगा… सवाल: फिलहाल मानसून को उत्तर प्रदेश पहुंचने में देरी क्यों हो रही है?
जवाब: बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बना हुआ है, इस वजह से मानसून वहीं अटका है। हालांकि, अब उत्तर भारत में लो प्रेशर वाला कंडीशन भी तैयार है। यूपी के डेढ़ किलोमीटर ऊपर से चलने वाली पछुआ हवा यानी पश्चिम दिशा से चलने वाली हवा के रुकते ही पुरवा यानी पूर्व से चलने वाली हवाएं एक्टिव होगी और मानसून के बादल यूपी तक पहुंच जाएंगे। अब जानिए क्या सामान्य और अधिक बारिश क्या होती है… यूपी में कितनी बारिश होगी, स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट का जवाब
जवाब: स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत ने बताया, यूपी में इस बार सामान्य बारिश रहेगी। यूपी में 829 MM बारिश के आसार
जून से सितंबर के बीच यूपी में सामान्य बारिश 829.8 मिलीमीटर होनी चाहिए। इस बार सामान्य बारिश होने का अनुमान है। मानसून सीजन के आखिरी पड़ाव यानी सितंबर तक प्रशांत महासागर में ला-नीना एक्टिव होगा। इस वजह से अच्छी बारिश हो सकती है। 7 साल में सबसे ज्यादा 2021-23 में बारिश हुई
7 साल बाद मानसून की चाल बदली है। आमतौर पर हर साल केरल में मानसून आने के 4 से 5 दिन बाद मेघालय और उत्तर पूर्व के अन्य इलाकों में पहुंचता है। लेकिन, पिछले 7 साल से ऐसा नहीं हो रहा है। 2017 के बाद अब पहली बार 2024 में ऐसी स्थिति दोबारा बन गई है। यूपी में सामान्य 829.8 MM बारिश होती है। हाल के कुछ साल में प्रदेश में मानसून की बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो 2023-24 में सामान्य की तुलना में 71% (589.3 MM) बारिश हुई थी। 2022-23 में इस अवधि में प्रदेश में 62% (514.3 MM), 2021-22 में 87.5% (726 MM) और 2020-21 में 77.2% (640.2 MM) बारिश हुई थी। अब अमेरिकी यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर जगदीश शुक्ला का आकलन पढ़िए बलिया के रहने वाले प्रोफेसर जगदीश शुक्ला अमेरिका के जॉर्ज मेसोन यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक और BHU के रिसर्चर रहे हैं। उन्होंने बताया- समुद्री गर्मी ने उत्तर भारत समेत अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के तापमान को काफी बढ़ा दिया है। समुद्र में हवाओं की ऐसी स्थिति बनी है कि इस बार मानसून को लेकर कोई पुख्ता भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। तमाम बड़े-बड़े पूर्वानुमान फेल हो सकते हैं। समुद्र का बढ़ा हुआ तापमान मानसून को डिस्टर्ब कर सकता है। वह मानसून की बारिश को ही 10 से 20 फीसदी बढ़ा या घटा भी सकता है। प्रोफेसर शुक्ला बताते हैं- प्रशांत महासागर में पेरू के किनारे दिसंबर 2023 तक अलनीनो की कंडीशन थी। अलनीनो जलवायु प्रणाली का एक हिस्सा है और यह मौसम को असर डालता है। इसकी वजह से फरवरी 2024 में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 1.01 डिग्री ज्यादा हो गया था। ये तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोतरी है। इससे पहले 2016 में औसत से 0.83 डिग्री ऊपर गया था। सामान्य रूप से समुद्र की सतह का तापमान 17 से 20 डिग्री सेल्सियस होता है। समुद्र के तापमान बढ़ने की वजह ग्लोबल वार्मिंग और अलनीनो है। पिछले 2 साल से ये दोनों कंडीशन एक साथ बनी हुई है। प्रोफेसर शुक्ला बताते हैं- मौसम वैज्ञानिकों ने 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित भी कर दिया है। इस साल समुद्र के पानी का तापमान 1.01 डिग्री ऊपर चला गया है। समुद्र जल्दी ठंडा नहीं होता। नॉर्मल होने में 4 से 6 साल का वक्त लगता। इसलिए ऐसी ही गर्मी अभी 2 से 4 साल और पड़ सकती है। 2023 के बाद 2024 और अब 2025 भी सबसे गर्म साल साबित होने वाला है। इस साल 79% कम हुई प्री-मानसून की बारिश
प्री-मानसून बारिश की बात करें तो इस बार प्रदेश में 79% कम हुई। मार्च से मई के बीच दर्ज होने वाली बारिश को प्री-मानसून बारिश कहा जाता है, लेकिन इस बार इसमें काफी कमी दर्ज की गई। पिछले साल 2023-24 में होने वाली प्री-मानसून बारिश की बात करें तो मार्च से मई के बीच 32.6 MM दर्ज हुई।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर