गोरखपुर में टॉप-10 माफिया सुधीर सिंह को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इस सजा के साथ ही माफिया सुधीर को 10 हजार रुपए अर्थदंड भी देना होगा। अर्थदंड न देने पर अभियुक्त सुधीर सिंह को 15 दिन का कारावास अलग से भुगतना होगा। यह सजा गैर लाइसेंसी असलहा बरामद होने के जुर्म में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी त्विषि श्रीवास्तव ने सुनाई है। इसके साथ ही माफिया सुधीर सिंह के ससुर नरसिंह को भी कोर्ट ने तीन माह के कारावास से दंडित किया है। नरसिंह बेलीपार इलाके के जंगल रानी सोहास कुंवारी टोला बड़ेरिया का रहने वाला है। जबकि, सुधीर सिंह शाहपुर इलाके के आदर्शनगर कॉलोनी का रहने वाला है। चेकिंग के दौरान असलहा संग पकड़ा गया था सुधीर
कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह और प्रत्युष दूबे का कहना था कि 6 अक्टूबर 2011 को प्रभारी निरीक्षक रविकांत परासर रेलवे स्टेशन रोड स्थित सरदार ढाबा तिराहे पर संदिग्ध वाहन और व्यक्ति की चेकिंग कर रहे थे। उसी समय एक स्कार्पियो गाड़ी चारफाटक की तरफ से आई। जिसे रोक कर चेक किया गया। वाहन में चार व्यक्ति बैठे थे। ससुर का लाइसेंसी असलहा लिए घूम रहा था
इनमें माफिया सुधीर सिंह भी शामिल थे। व्यक्तियों की जमा तलाशी की गई तो अभियुक्त के पास से एक डबल बैरल 12 बोर की बंदूक बरामद हुई। जिसके लाइसेंस के बारे में पूछने पर अभियुक्त ने बताया कि बंदूक का लाइसेंस उसके ससुर अभियुक्त नरसिंह के नाम से है। ऐसे में सुधीर सिंह के पास से गैर लाइसेंसी असलहा बरामद करने का जुर्म सिद्ध होने पर कोर्ट ने उसे दो साल की सजा से दंडित किया है। गोरखपुर में टॉप-10 माफिया सुधीर सिंह को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इस सजा के साथ ही माफिया सुधीर को 10 हजार रुपए अर्थदंड भी देना होगा। अर्थदंड न देने पर अभियुक्त सुधीर सिंह को 15 दिन का कारावास अलग से भुगतना होगा। यह सजा गैर लाइसेंसी असलहा बरामद होने के जुर्म में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी त्विषि श्रीवास्तव ने सुनाई है। इसके साथ ही माफिया सुधीर सिंह के ससुर नरसिंह को भी कोर्ट ने तीन माह के कारावास से दंडित किया है। नरसिंह बेलीपार इलाके के जंगल रानी सोहास कुंवारी टोला बड़ेरिया का रहने वाला है। जबकि, सुधीर सिंह शाहपुर इलाके के आदर्शनगर कॉलोनी का रहने वाला है। चेकिंग के दौरान असलहा संग पकड़ा गया था सुधीर
कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह और प्रत्युष दूबे का कहना था कि 6 अक्टूबर 2011 को प्रभारी निरीक्षक रविकांत परासर रेलवे स्टेशन रोड स्थित सरदार ढाबा तिराहे पर संदिग्ध वाहन और व्यक्ति की चेकिंग कर रहे थे। उसी समय एक स्कार्पियो गाड़ी चारफाटक की तरफ से आई। जिसे रोक कर चेक किया गया। वाहन में चार व्यक्ति बैठे थे। ससुर का लाइसेंसी असलहा लिए घूम रहा था
इनमें माफिया सुधीर सिंह भी शामिल थे। व्यक्तियों की जमा तलाशी की गई तो अभियुक्त के पास से एक डबल बैरल 12 बोर की बंदूक बरामद हुई। जिसके लाइसेंस के बारे में पूछने पर अभियुक्त ने बताया कि बंदूक का लाइसेंस उसके ससुर अभियुक्त नरसिंह के नाम से है। ऐसे में सुधीर सिंह के पास से गैर लाइसेंसी असलहा बरामद करने का जुर्म सिद्ध होने पर कोर्ट ने उसे दो साल की सजा से दंडित किया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर