फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में आम आदमी पार्टी के एक सीनियर नेता दर्शन सिंह चीमा खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस एफआईआर में आप नेता के साथ उसके बेटे, पत्नी व परिवार की एक अन्य महिला को नामजद किया गया है। इन सभी पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट, जान से मारने की धमकियां देने का आरोप है। एफआईआर में आप के किसान विंग जिलाध्यक्ष दर्शन सिंह चीमा, उसके बिक्रमजीत सिंह, पत्नी करमजीत कौर तथा पीड़िता की जेठानी हरिंदर कौर को नामजद किया गया। साढ़े 4 महीने पहले हुई थी शादी दर्शन सिंह चीमा के बेटे बिक्रमजीत सिंह की शादी 28 जनवरी 2024 को सरहिंद के गांव रंघेड़ी कलां की रहने वाली गुरप्रीत कौर से हुई थी। गुरप्रीत कौर बीएड ट्रिपल एमए पास है। प्राइवेट टीचर के तौर पर नौकरी करती हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार शादी के पहले दिन से पति के साथ झगड़ा शुरू हो गया था। हालांकि, उसके मायके वालों ने लाखों रुपए शादी पर लगाए। फिर भी ससुराल वाले उसे कम दहेज लाने के ताने देते रहते थे। गोली मारने की धमकी दी छोटी छोटी बातों पर उससे मारपीट करते थे। उसे गोली मारने तक की धमकी दी गई थी। शिकायतकर्ता ने अपने ससुर दर्शन सिंह चीमा पर कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया। 11 अप्रैल 2024 को उसका पति उसे मायके घर छोड़ आया था। ससुराल वालों के अत्याचार से डरते हुए वह वापस नहीं गईं और पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई। फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में आम आदमी पार्टी के एक सीनियर नेता दर्शन सिंह चीमा खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस एफआईआर में आप नेता के साथ उसके बेटे, पत्नी व परिवार की एक अन्य महिला को नामजद किया गया है। इन सभी पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट, जान से मारने की धमकियां देने का आरोप है। एफआईआर में आप के किसान विंग जिलाध्यक्ष दर्शन सिंह चीमा, उसके बिक्रमजीत सिंह, पत्नी करमजीत कौर तथा पीड़िता की जेठानी हरिंदर कौर को नामजद किया गया। साढ़े 4 महीने पहले हुई थी शादी दर्शन सिंह चीमा के बेटे बिक्रमजीत सिंह की शादी 28 जनवरी 2024 को सरहिंद के गांव रंघेड़ी कलां की रहने वाली गुरप्रीत कौर से हुई थी। गुरप्रीत कौर बीएड ट्रिपल एमए पास है। प्राइवेट टीचर के तौर पर नौकरी करती हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार शादी के पहले दिन से पति के साथ झगड़ा शुरू हो गया था। हालांकि, उसके मायके वालों ने लाखों रुपए शादी पर लगाए। फिर भी ससुराल वाले उसे कम दहेज लाने के ताने देते रहते थे। गोली मारने की धमकी दी छोटी छोटी बातों पर उससे मारपीट करते थे। उसे गोली मारने तक की धमकी दी गई थी। शिकायतकर्ता ने अपने ससुर दर्शन सिंह चीमा पर कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया। 11 अप्रैल 2024 को उसका पति उसे मायके घर छोड़ आया था। ससुराल वालों के अत्याचार से डरते हुए वह वापस नहीं गईं और पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
जालंधर में जमीन विवाद में चाचा की हत्या:2 भतीजों ने खेत में घुसकर चाकुओं से किया हमला, इलाज के दौरान तोड़ा दम
जालंधर में जमीन विवाद में चाचा की हत्या:2 भतीजों ने खेत में घुसकर चाकुओं से किया हमला, इलाज के दौरान तोड़ा दम पंजाब के जालंधर में शाहकोट कस्बे के पास जमीनी विवाद में भतीजे ने अपने चाचा पर जानलेवा हमला कर दिया। चाचा की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक की पहचान लखवीर सिंह उर्फ लक्खा (65) के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले में पुलिस ने 2 भतीजों, मां और एक अन्य आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। फिलहाल मामले में किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। खेत में खून से लथपथ पड़ा मिला लक्खा लखवीर सिंह उर्फ लक्खा का अपने बड़े भाई के बेटों से जमीन का विवाद चल रहा था। भतीजा जसविंदर सिंह चाचा लखवीर सिंह को खेतों में सिंचाई करने और कुएं पर जाने से रोकता था। जमीन विवाद को लेकर दोनों के बीच केस भी चल रहा था। बीते रविवार सुबह करीब 10 बजे लखवीर सिंह खेतों में घूम रहा था, तभी अचानक मक्के के खेत से निकल रहे उसके भतीजों ने उस पर हमला कर दिया। आरोपी भतीजे ने उस पर चाकू से कई वार कर उसे घायल कर दिया। घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। शाहकोट से निजी अस्पताल किया रेफर जानकारी के अनुसार, जब गांव वालों ने लक्खा को घायल अवस्था में देखा तो तुरंत परिजनों को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद लक्खा को उपचार के लिए शाहकोट के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे तुरंत निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। सोमवार को अस्पताल में उपचार के दौरान लखवीर सिंह की मौत हो गई। जिसके बाद जब घटना की जानकारी शाहकोट थाने की पुलिस को मिली तो थाना प्रभारी अमन सैनी अपनी टीम के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंचे। मामले में पुलिस ने भतीजे तीर्थ राम व सरबजीत (दोनों), उनकी मां इंद्रजीत कौर व सुखजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार लाखा को जख्मी हालत में जब गांव वालों ने देखा तो तुरंत पारिवारिक सदस्यों को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद लाखा को इलाज के लिए शाहकोट के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत उन्हें निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। लेकिन लखवीर सिंह ने अस्पताल में सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद घटना की जानकारी जब थाना शाहकोट की पुलिस को मिली तो जांच के लिए थाना प्रभारी अमन सैनी अपनी टीम के साथ जांच के लिए मौके पर पहुंच गए थे। केस में पुलिस ने भतीजे तीर्थ राम और सरबजीत (दोनों, उनकी मां इंद्रजीत कौर और सुखजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
हरियाणा में AAP-कांग्रेस के गठबंधन पर बोले बाजवा:इनसे जितना दूर रहोगे, उतना ही अच्छा; लोकसभा चुनाव में रिजल्ट रहा जीरो
हरियाणा में AAP-कांग्रेस के गठबंधन पर बोले बाजवा:इनसे जितना दूर रहोगे, उतना ही अच्छा; लोकसभा चुनाव में रिजल्ट रहा जीरो हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक तरफ चर्चा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) मिलकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। इसी बीच पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इनसे जितना दूर रहोंगे, उतना ही अच्छा है। वह बुधवार को पंजाब विधानसभा में सेशन के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उनसे जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या आप इस मुद्दे पर पार्टी को सुझाव देंगे। तो उनका कहना था कि यह उनका पर्सनल व्यू है। आपके माध्यम से मैने अपनी बात रखी है। हो सकता है पार्टी का फैसला ऑल इंडिया लेवल का है। लेकिन हमारी सोच स्टेट लेवल की है। जहां इनके साथ लड़े रिजल्ट रहा जीरो इस दौरान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमने पंजाब में साबित कर दिया। आम आदमी पार्टी वाले 92 से 32 पर आ गए हैं। हमने हरियाणा, गुजरात, दिल्ली में इनके साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन नतीजा जीरो रहा है। कुरूक्षेत्र की सीट इनके लिए छोड़ी गई थी। अगर वहां पर हमारा कैंडिडेट होता है तो पार्टी को जीत मिलती। वहीं, दिल्ली लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने का कि वहां पर AAP लड़ी थी। लेकिन अगर वहां पर कांग्रेस लड़ी होती तो 2 से 3 सीटें जरूर जीतते। सीएम बोले तारीख बदलने से काम नहीं चलेगा इससे पहले विधानसभा में सीएम भगवंत मान ने बीजेपी के विधायकों के सेशन में न आने के मुद्दे पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि अब वह तो यहां आने से भी पीछे हट रहे। कल भी नहीं आए थे। अब वह यहां से नहीं सब जगह से भाग रहे हैं। अब तारीखे बदलने से काम नहीं चलेगा। एक की बजाय 5 काे पड़ जाएगी। लेकिन जहां लोगों ने सोची है, वोटें वहीं पड़ेगी। मैं तो संसद में इस बारे बोल चुका है। उन्होंने कहा कि हमें संदेह है कि चाय बनाने भी आती है की नहीं। सच के आधार पर लोगों को गारंटियां देकर आए हैं।
गुरदासपुर में गोल्ड लोन के नाम पर ठगी:बैंक कर्मी ने हड़प लिया सोना, पीड़ित लगा रहा बैंक अधिकारियों के चक्कर
गुरदासपुर में गोल्ड लोन के नाम पर ठगी:बैंक कर्मी ने हड़प लिया सोना, पीड़ित लगा रहा बैंक अधिकारियों के चक्कर गुरदासपुर शहर के एक प्रमुख व्यवसायी से गोल्ड लोन के नाम पर लाखों की ठगी की गई है। मामला एक प्रतिष्ठित बैंक से जुड़ा है, लेकिन बैंक अधिकारी अब कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। पीड़ित ललित कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उन्होंने 7 मार्च 2022 को अपनी पत्नी के नाम पर एक प्रतिष्ठित निजी बैंक से करीब 17 लाख रुपये का गोल्ड लोन लिया और बदले में करीब 480 ग्राम सोना जमा कराया था। इस दौरान एक अन्य निजी बैंक का कर्मचारी भी मौजूद था। बैंक कर्मचारी ने छुड़ाया सोना पीड़ित ललित ने बताया कि 12 अक्टूबर 2022 को बैंक कर्मी ने उन्हें बिना बताए लगभग 18 लाख रुपए नकद जमा करा दिए और सारा सोना बैंक से छुड़ा लिया। आश्चर्य की बात यह थी कि बैंक ने खाता धारक या उसके नामांकित व्यक्ति की उपस्थिति के बिना ही सारा सोना उसे सौंप दिया। ललित कुमार के मुताबिक इसके बाद मार्च 2023 में उक्त कर्मी ने उनसे इस लोन की किस्त के रूप में एक लाख 65 हजार रुपए ले लिए, लेकिन फिर भी उन्हें यह नहीं बताया कि उनका सोना छुड़ा लिया गया है। 3 महीने पहले कर्मचारी को किया बर्खास्त तीन महीने पहले खुलासा हुआ था कि उक्त बैंक कर्मचारी द्वारा कई लोगों के नाम पर लोन लेकर पैसों का गबन किया गया है। जिसकी शिकायत बैंक से की गई और बैंक ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने बैंक जाकर अपने सोने के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उनकी ऋण राशि पूरे ब्याज सहित जमा कर दी गई है और सोना वापस ले लिया गया है। लेकिन बैंक अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि यह सोना बैंक कर्मी ने लिया है। कुछ भी बोलने को तैयार नहीं बैंक अधिकारी हैरानी की बात तो यह है कि घोर लापरवाही और लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला होने के बावजूद निजी बैंक के अधिकारी इस मामले में कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। जाहिर है, कोई भी अनजान आदमी बैंक के किसी अधिकारी की जानकारी के बिना किसी दूसरे के खाते में लाखों रुपए जमा नहीं कर सकता और उससे करीब दोगुनी कीमत का सोना नहीं ले जा सकता। यदि ऐसा हुआ है तो एक प्रतिष्ठित बैंक होने के नाते बैंक अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से इसका जवाब देना होगा, लेकिन बैंक प्रबंधक ने पत्रकारों से मिलने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस बारे में उच्च अधिकारियों से परामर्श किए बिना वह कोई भी जानकारी साझा नहीं करेंगे। मामले की जांच में जुटी पुलिस वहीं मामले की जांच कर रहे डीएसपी अमोलक सिंह ने बताया कि जांच शुरू कर दी गयी है। बैंक कर्मी पर करीब एक दर्जन लोगों ने उसके नाम पर लोन लेकर पैसे हड़पने का आरोप है। जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा।