मानसा में 11 साल से जूस बेच रही लड़की:भाई-पिता की मौत के बाद लगाई रेहड़ी, सीएम भी मिल चुके, जूसवाली के नाम से मशहूर

मानसा में 11 साल से जूस बेच रही लड़की:भाई-पिता की मौत के बाद लगाई रेहड़ी, सीएम भी मिल चुके, जूसवाली के नाम से मशहूर

मानसा में अपने पिता और भाई की मौत के बाद लड़की पिछले 11 सालों से सड़क पर जूस का ठेला लगाकर अपनी मां और खुद का पेट पाल रही है। इस लड़की को देखकर मुख्यमंत्री भगवंत मान तीन से चार बार उससे मिल चुके हैं और इस लड़की की तारीफ बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी की थी। मानसा जिले के गांव हमीरगढ़ ढपई में पिता और भाई की मौत के बाद हुसैन कौर नाम की युवती पिछले 11 सालों से पढ़ाई छोड़कर जूस का ठेला लगाने को मजबूर है। हुसैन कौर ने बताया कि पहले उसके भाई और बाद में पिता की मौत हो गई, जिसके बाद उसने 12वीं करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और वह हैंडबॉल कैप्टन के तौर पर खेलों में भी हिस्सा ले चुकी है, लेकिन घर में आजीविका का कोई साधन न होने के कारण उसने अपनी मां और खुद का पेट पालने के लिए जूस का ठेला लगाना शुरू कर दिया। सीएम मान मिल चुके इसके बाद वह अभी भी सड़क पर ठेला लगाकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत कौर उनसे तीन-चार बार मिल चुकी हैं और उन्होंने उनके ठेले पर रुककर उनकी तारीफ भी की थी, लेकिन उस समय भी हुसैन कौर ने मुख्यमंत्री से नौकरी की मांग की थी, लेकिन अभी तक उन्हें कोई रोजगार नहीं मिला है। लड़की होने के नाते मिसाल बनी हुसैन ने बताया कि बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल 20 से 25 मिनट तक उनके पास गईं और उनकी समस्याएं सुनीं और आर्थिक मदद भी की। कुछ अन्य समाजसेवियों ने भी उनकी मदद की, लेकिन हुसैन ने कहा कि अगर उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी मिल जाए तो वह अपनी मां और घर का बोझ खुद अपने कंधों पर उठा लेंगी। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं लड़की होने के नाते मिसाल बन गई हूं। … मानसा में अपने पिता और भाई की मौत के बाद लड़की पिछले 11 सालों से सड़क पर जूस का ठेला लगाकर अपनी मां और खुद का पेट पाल रही है। इस लड़की को देखकर मुख्यमंत्री भगवंत मान तीन से चार बार उससे मिल चुके हैं और इस लड़की की तारीफ बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी की थी। मानसा जिले के गांव हमीरगढ़ ढपई में पिता और भाई की मौत के बाद हुसैन कौर नाम की युवती पिछले 11 सालों से पढ़ाई छोड़कर जूस का ठेला लगाने को मजबूर है। हुसैन कौर ने बताया कि पहले उसके भाई और बाद में पिता की मौत हो गई, जिसके बाद उसने 12वीं करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और वह हैंडबॉल कैप्टन के तौर पर खेलों में भी हिस्सा ले चुकी है, लेकिन घर में आजीविका का कोई साधन न होने के कारण उसने अपनी मां और खुद का पेट पालने के लिए जूस का ठेला लगाना शुरू कर दिया। सीएम मान मिल चुके इसके बाद वह अभी भी सड़क पर ठेला लगाकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत कौर उनसे तीन-चार बार मिल चुकी हैं और उन्होंने उनके ठेले पर रुककर उनकी तारीफ भी की थी, लेकिन उस समय भी हुसैन कौर ने मुख्यमंत्री से नौकरी की मांग की थी, लेकिन अभी तक उन्हें कोई रोजगार नहीं मिला है। लड़की होने के नाते मिसाल बनी हुसैन ने बताया कि बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल 20 से 25 मिनट तक उनके पास गईं और उनकी समस्याएं सुनीं और आर्थिक मदद भी की। कुछ अन्य समाजसेवियों ने भी उनकी मदद की, लेकिन हुसैन ने कहा कि अगर उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी मिल जाए तो वह अपनी मां और घर का बोझ खुद अपने कंधों पर उठा लेंगी। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं लड़की होने के नाते मिसाल बन गई हूं। …   पंजाब | दैनिक भास्कर