<p>उत्तर प्रदेश स्थित नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने कंचनजंगा ट्रेन एक्सीडेंट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा भी मांगा है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर चंद्रशेखर ने कहा कि दार्जिलिंग में हुए कांचनजंगा एक्सप्रेस रेल हादसे को लेकर दिल से दुखी हूं. सामान्य जनता के लिए बेहतर रेल सुरक्षा और सुरक्षा प्रणाली बुलेट ट्रेन से अधिक महत्वपूर्ण है जिसकी मैं मांग करता हूं साथ ही चूंकि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में निरंतर कई हादसे हुए हैं इसलिए उनके इस्तीफ़े की भी मांग करता हूँ.</p> <p>उत्तर प्रदेश स्थित नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने कंचनजंगा ट्रेन एक्सीडेंट पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा भी मांगा है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर चंद्रशेखर ने कहा कि दार्जिलिंग में हुए कांचनजंगा एक्सप्रेस रेल हादसे को लेकर दिल से दुखी हूं. सामान्य जनता के लिए बेहतर रेल सुरक्षा और सुरक्षा प्रणाली बुलेट ट्रेन से अधिक महत्वपूर्ण है जिसकी मैं मांग करता हूं साथ ही चूंकि रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में निरंतर कई हादसे हुए हैं इसलिए उनके इस्तीफ़े की भी मांग करता हूँ.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शिवराज सिंह चौहान आज देंगे इस्तीफा? विदिशा से सांसद बनने के बाद बने केंद्रीय मंत्री
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करनाल में संदिग्ध परिस्थितियों में 2 नाबालिग लापता:मंदिर के लिए निकली, वापस नहीं लौटी, दूसरे मामले में परिजनों को युवक पर शक हरियाणा में करनाल जिले के तरावड़ी थाना क्षेत्र में दो नाबालिग संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई हैं। परिजनों ने एक युवक पर उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है, जबकि दूसरे मामले में भी परिजनों ने एक अन्य युवक पर शक जताया है। पुलिस ने दोनों शिकायतों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पिता, बहन घर पर नहीं पहले मामले में नाबालिग के पिता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया है कि 29 जून को सुबह 8 बजे जब हम काम के लिए घर से निकले तो मेरी 15 वर्षीय बेटी घर पर नहीं थी। सुबह 9 बजे हमारी दूसरी बेटी ने हमें बताया कि पिता और बहन घर पर नहीं हैं। जिसके बाद हमने उसकी तलाश शुरू की। तो हमने उसकी तलाश शुरू कर दी। जिसके बाद हमें पता चला कि लोहार माजरा का एक युवक उसे बहला-फुसलाकर घर से ले गया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि 20 दिन पहले मेरी बेटी घड़ौला गांव में अपनी मौसी के घर पर थी। वहां आरोपी युवक मेरी बेटी का पीछा करने लगा था। मैंने उसे कई बार समझाया, लेकिन वह नहीं माना। जब हम अपनी बेटी को अपने घर ले आए तो वह मेरी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया। मंदिर के नाम पर घर से निकली नाबालिग दूसरे मामले में तरावड़ी की एक कॉलोनी से नाबालिग लापता हो गई है। शिकायतकर्ता मां ने पुलिस को बताया है कि उसकी बेटी 29 जून को सुबह छह बजे दयाराम मंदिर के नाम पर घर से निकली थी। उसने कहा था कि वह पूजा करने जा रही है, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। जिसके बाद उसकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसकी बेटी को तरावड़ी का ही एक युवक बहला-फुसलाकर ले गया है। आरोपी के चचेरे भाई को इस बारे में सब पता है। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है। पुलिस तलाश में जुटी तरावड़ी थाने के जांच अधिकारी कैलाश चंद ने बताया कि नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपहरण करने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 366-ए आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी गई है। दूसरे मामले में धारा 346 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों की तलाश जारी है।
हमीरपुर में CM के नारे का फिर फूला दम:3 में से 2 उपचुनाव हारे; कमजोर नेताओं के भरोसे मुख्यमंत्री, संगठन का ढांचा कमजोर
हमीरपुर में CM के नारे का फिर फूला दम:3 में से 2 उपचुनाव हारे; कमजोर नेताओं के भरोसे मुख्यमंत्री, संगठन का ढांचा कमजोर सूबे की राजनीति में राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी घमासान के बाद सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार फिर से 40 पहुंच गई है। मगर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अपने गृह जिला हमीरपुर में ही पार्टी की ‘चूलें’ पूरी तरह हिल चुकी हैं। सीएम के नारे का यहां बार बार दम क्यों फूल रहा है। पहले हमीरपुर लोकसभा और बड़सर विधानसभा उप चुनाव में हार हुई। अब हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री का नारा काम नहीं आया। पार्टी की जिला में तीन सीटों में से दो पर हार हुई। क्या मुख्यमंत्री और उनके सिपा सलाहकार इस पर मंथन करने की जहमत उठाएंगे? इस यक्ष प्रश्न पर कांग्रेस के भीतर चर्चा शुरू हो गई है। राजनीति के जानकारों की माने तो जिन लोगों के सहारे मुख्यमंत्री सुक्खू हमीरपुर जिला में पार्टी को मजबूत करने का दम भर रहे थे। उनकी मौजूदगी से पार्टी को फायदा नहीं मिल रहा। क्योंकि इनमें कई तो पिटे हुए चेहरे हैं और जिन पर सीएम भरोसा कर भी रहे हैं, उनका जनता के बीच प्रभाव नजर नहीं आ रहा है, छवि असरदार नहीं है। बता दें कि सीएम सुक्खू ने अपने जिला से संबंध रखने वाले कुछ नेताओं को सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दे रखी है। पार्टी नेताओं को ऐसे नेताओं की तैनाती खटकने लगी है। हमीरपुर में कमजोर रहा कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा हमीरपुर जिला की राजनीति में संगठनात्मक ढांचा कांग्रेस का हमेशा ही बेहद कमजोर रहा है। उस पर कभी भी कांग्रेस के नेताओं ने ध्यान नहीं दिया। बदली हुई परिस्थितियों में भी इसे मजबूत करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। भाजपा के भीतरघात के भरोसे रही कांग्रेस राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के भीतरघात के सहारे कब तक नैया पार होगी। इसका आभास तो सत्ता में बैठे लोगों को हो ही गया होगा। अभी भी यदि यूं ही ‘अकड़’ में रहेंगे? तो फिर यही समझा जाएगा कि हमीरपुर को कांग्रेस मजबूत करने की दिशा में दिलचस्पी ही नहीं है। कांग्रेस को हमीरपुर में संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस के नेता यदि इसे समझ लेंगे, तो फिर यहां का मायूस वर्कर शायद अपने चेहरे की झुर्रियों को मिटाने में कुछ कामयाब हो सके। कांग्रेस के कई नेताओं की करनी और भरनी इस उपचुनाव में संदेह के दायरे में रही है। इसीलिए उन पर भी गाज गिरनी यकीनी मानी जा रही है। मगर क्या इसकी हिम्मत जुटा पाएंगे, खुद मुख्यमंत्री? इसका इंतजार रहेगा। हमीरपुर के नाराज MLA के कारण ही सरकार पर आया था संकट राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार पर संकट भी हमरीपुर जिला और इसी संसदीय क्षेत्र के नाराज विधायकों के कारण आया था। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 6 विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशी के बजाय बीजेपी के हर्ष महाजन को वोट किया था। बागी विधायक भी उठाते रहे सवाल कांग्रेस के जिन बागी विधायकों ने बगावत की थी, उन्होंने भी अनेकों बार यही बात कही कि चुने हुए विधायकों को नहीं पूछा जा रहा, बल्कि सीएम सुक्खू के मित्रों को ही इस सरकार में तवज्जो मिल रही है।
शरद पवार ने रिश्तेदारों संग बारामती में मनाया ‘भाऊ बीज’ का त्योहार, अजित पवार शामिल हुए या नहीं?
शरद पवार ने रिश्तेदारों संग बारामती में मनाया ‘भाऊ बीज’ का त्योहार, अजित पवार शामिल हुए या नहीं? <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने अपने परिवार के साथ ‘भाऊ बीज’ का त्योहार मनाया. पवार अपने परिजनों और समर्थकों के साथ रविवार (3 नवंबर) को पुणे जिले के बारामती में ‘भाऊ बीज’ मनाने के लिए इकट्ठा हुए, लेकिन उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार इस मौके पर अनुपस्थित रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें समर्थक और रिश्तेदार एनसीपी (शरद चंद्र पवार) प्रमुख का स्वागत करते हुए दिख रहे हैं. एनसीपी का विभाजन पिछले साल जुलाई में हुआ था, जब अजित पवार और कई विधायक शरद पवार की इच्छा के विरुद्ध एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”mr”>भाऊ-बहिणीच्या पवित्र नात्याची वीण अधिक घट्ट करणारा सण म्हणजे भाऊबीज…या सणाच्या निमित्ताने सर्वांना हार्दिक शुभेच्छा.🙏🏼 <a href=”https://t.co/l7NqJ3w8MB”>pic.twitter.com/l7NqJ3w8MB</a></p>
— Supriya Sule (@supriya_sule) <a href=”https://twitter.com/supriya_sule/status/1853074274581360939?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 3, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिछले साल ‘भाऊ बीज’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे अजित पवार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>निर्वाचन आयोग ने बाद में अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न दे दिया, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट का नाम एनसीपी (शरद चंद्र पवार) रखा गया. हालांकि, अजित पवार पिछले साल बारामती ‘भाऊ बीज’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस साल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने पैतृक गांव कटेवाडी में एक अलग कार्यक्रम आयोजित करके संयुक्त रूप से दिवाली पडवा मनाने की परिवार की परंपरा को भी तोड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बारामती में अजित पवार और युगेंद्र पवार में मुकाबला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शरद पवार का उत्सव उनके गोविंदबाग स्थित निवास में हुआ. पवार परिवार में दिवाली से संबंधित उत्सव 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मनाए जा रहे हैं. बारामती में अजित पवार और उनके भतीजे और एनसीपी (SP) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का मुकाबला सुप्रिया सुले से था. सुले ने आसानी से इस चुनाव में जीत हासिल की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक ही फेज में 20 नवंबर को चुनाव होंगे. वहीं, विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर घोषित होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘लाडली बहना योजना इतनी सुपरहिट हो गई कि…’, CM एकनाथ शिंदे ने MVA को घेरा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-cm-eknath-shinde-ladli-behna-yojana-attack-on-mva-2816013″ target=”_self”>’लाडली बहना योजना इतनी सुपरहिट हो गई कि…’, CM एकनाथ शिंदे ने MVA को घेरा</a></strong></p>