Aam Aadmi Party को मिली बड़ी मजबूती, Sufi Saint Community ने Tarn Taran By-election में Harmeet Singh Sandhu को दिया समर्थन

Aam Aadmi Party को मिली बड़ी मजबूती, Sufi Saint Community ने Tarn Taran By-election में Harmeet Singh Sandhu को दिया समर्थन

तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ी ताकत मिली है। विश्व सूफी संत समाज पंजाब ने पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू को बिना किसी शर्त के समर्थन देने का ऐलान किया है। यह फैसला तरनतारन में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लिया गया, जिसमें पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद भी मौजूद रहे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि सूफी संत समाज हमेशा प्रेम, भाईचारे और समाज सेवा का संदेश देता है। ऐसे बड़े धार्मिक और सामाजिक संगठन से समर्थन मिलना आम आदमी पार्टी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह समर्थन आने से चुनाव में पार्टी की स्थिति और मजबूत हुई है और इससे हरमीत सिंह संधू की जीत लगभग तय हो गई है।

विश्व सूफी संत समाज के अध्यक्ष बाबा दीपक शाह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने पंजाब में सूफी संत समाज को सम्मान और पहचान दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समाज की बातों को सुना, उनके कामों को सहयोग दिया और लोगों की भलाई के लिए योजनाएँ बनाईं।
बाबा दीपक शाह ने कहा:
हम चाहते हैं कि पंजाब में अमन-शांति और विकास का माहौल आगे भी बना रहे। इसलिए संगत से अपील है कि वे हरमीत सिंह संधू को इस उपचुनाव में भारी वोटों से जिताएं।

इस मौके पर जगरूप सिंह सेखवां, सूफी संत समाज के यूथ विंग अध्यक्ष बाबा परमिंदर सिंह, जिला अध्यक्ष बाबा करन शाह, बाबा कुलदीप सिंह, मुख्य सलाहकार गुरलाल रूहानी सहित समाज के अनेक संत महापुरुष और समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। माहौल में उत्साह साफ नजर आया।

उधर, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने भी सूफी संत समाज का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि वे तरनतारन के विकास, युवाओं के रोजगार, और शांति-समरसता को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।
उन्होंने कहा, यह समर्थन मेरे लिए आशीर्वाद जैसा है। मैं जनता और संगत की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूँगा।

तरनतारन में इस समर्थन के बाद चुनावी माहौल में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आम आदमी पार्टी के लोग अब और तेज़ी से प्रचार में जुट गए हैं। वहीं, स्थानीय लोगों में भी इस फैसले को लेकर चर्चा तेज है।

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