नहीं देखा होगा कभी ऐसा पुल! क्या है ऐशबाग ओवरब्रिज के 90 डिग्री का मोड़ का कारण, किन गाड़ियों को आने-जाने की मिलेगी अनुमति?

नहीं देखा होगा कभी ऐसा पुल! क्या है ऐशबाग ओवरब्रिज के 90 डिग्री का मोड़ का कारण, किन गाड़ियों को आने-जाने की मिलेगी अनुमति? <p style=”text-align: justify;”><strong>Aishbagh Overbridge News:</strong> मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना नया रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) उद्घाटन से पहले ही सुर्खियों में है. इसके चर्चा में आने का कारण है इसकी बनावट, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने दुर्घटना की आशंका जताई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसा इसलिए क्योंकि पुल में लगभग 90 डिग्री का तीव्र मोड़ दिया गया है. लोगों का कहना है कि यह मोड़ काफी खतरनाक हो सकता है, खासकर जब गाड़ियां गति में हों. सोशल मीडिया पर भी इस पुल की तस्वीरें शेयर की जा रही हैं और इसके डिजाइन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निर्माण विभाग ने बताया 90 डिग्री के मोड़ का कारण</strong><br />इस 648 मीटर लंबे और 8.5 मीटर चौड़े ओवरब्रिज को बनाने में 18 करोड़ रुपये की लागत आई है. जब &lsquo;पीटीआई-भाषा&rsquo; ने लोक निर्माण विभाग (सेतु विभाग) के मुख्य अभियंता वी. डी. वर्मा से इस डिजाइन पर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मेट्रो स्टेशन की नजदीकी और जमीन की सीमित उपलब्धता के चलते इस मोड़ के अलावा कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पुल पर केवल छोटे वाहनों को ही चलने की अनुमति दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हर दिन करीब तीन लाख लोगों को होगा फायदा- सरकार</strong><br />इस ओवरब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और इसके जरिए महामाई बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र के नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी. पहले दावा किया गया था कि ओवरब्रिज बनने से ऐशबाग क्षेत्र के निवासियों को रेलवे फाटक पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा और लंबा चक्कर भी नहीं लगाना होगा. सरकार का यह भी कहना है कि इस पुल से प्रतिदिन करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विभाग का दावा है कि ओवरब्रिज को इंडियन रोड कांग्रेस के दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा मानकों के तहत तैयार किया गया है, और यहां वाहन कम गति में ही चल सकेंगे. उल्लेखनीय है कि ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग के बंद होने के बाद से ही इस क्षेत्र में एक ओवरब्रिज की मांग उठ रही थी. इसकी निर्माण प्रक्रिया 21 मार्च 2023 से शुरू की गई थी. अब देखना होगा कि उद्घाटन के बाद यह पुल जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है.</p>

What’s happening in Delhi-NCR this June: Must-attend food pop-ups, live music and more

What’s happening in Delhi-NCR this June: Must-attend food pop-ups, live music and more From vibrant food festivals to electric live music nights, Delhi-NCR is buzzing with cultural experiences this June. Explore chef-led summer menus, weekend gigs, and pop-ups across the city’s trendiest venues. Check out the list to choose what’s best for you and vibe at the most happening event in Delhi-NCR.

कारोबारी संगठनों ने उद्योग मंत्री से की मुलाकात, मूलभूत सुविधाओं, बिजली व टैक्स संबंधी मुद्दे रखे

कारोबारी संगठनों ने उद्योग मंत्री से की मुलाकात, मूलभूत सुविधाओं, बिजली व टैक्स संबंधी मुद्दे रखे भास्कर न्यूज | जालंधर सिटी के दो कारोबारी संगठनों के पदाधिकारियों ने उद्योग मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंध से मुलाकात की और मूलभूत सुविधाओं, बिजली व टैक्स के संंबंध में मुद्दे रखे। बुधवार को एमएसएमई एसोसिएशन प्रधान गुरचरण सिंह ने कहा कि जालंधर में नया इंडस्ट्रियल फोकल पॉइंट बनाया जाना चाहिए। इसका इंतजार कारखाना मालिक तीन दशकों से कर रहे हैं। इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने बताया कि अब फैक्ट्री का नक्शा पास कराने के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त आर्किटेक्ट की अप्रूवल ही पर्याप्त होगी। इससे उद्योगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले महीने एसोसिएशन ने अरविंद केजरीवाल को समस्याएं बताईं थीं और उन्होंेने समाधान का आश्वासन भी दिया था। बैठक में एमएसएमई एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरचरन सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि समस्या को लेकर जल्द समाधान होना चाहिए।

डे-स्कॉलर विंग में जालंधर के 600 से ज्यादा खिलाड़ियों को जल्द मिलेगी डाइट

डे-स्कॉलर विंग में जालंधर के 600 से ज्यादा खिलाड़ियों को जल्द मिलेगी डाइट जालंधर| पंजाब सरकार की तरफ से पिछले हफ्तों रेजिडेंशियल विंग के साथ ही डे-स्कॉलर विंग के खिलाड़ियों की लिस्टें जारी की गई थी। जालंधर में दर्जन भर से ज्यादा गेम्स में 600 प्लस खिलाड़ियों के डे-स्कॉलर विंग में शामिल किया गया है। रोजाना खेल सेंटरों पर सुबह शाम प्रेक्टिस जारी है। अब इन खिलाड़ियों को डाइट भी जल्द शुरू होगी। जिला खेल अधिकारी ने बताया कि टेंडर प्रोसेस शुरू हो चुका है और जल्द खिलाड़ियों को 125 रुपए प्रति दिन प्रति खिलाड़ी सुबह-शाम डाइट मिलेगी। उन्होंने कहा कि रेजिडेंशियल विंग के खिलाड़ियों के लिए भी मैस जारी है। उन्होंने बताया कि खेल सेंटरों का दौरा भी किया गया है और सभी कोचों को सुबह-शाम खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग देने के लिए प्रेरित किया गया है। खेल का सेशन जारी है ऐसे में खिलाड़ियों की गेम प्रेक्टिस के साथ उनकी फिजिकल ट्रेनिंग, वेट ट्रेनिंग पर भी ध्यान दिया जाए तो और बेहतर होगा।

हेल्थकेयर इनफॉरमेशन एंड एआई में एमएससी व डिप्लोमा में दाखिले 8 तक

हेल्थकेयर इनफॉरमेशन एंड एआई में एमएससी व डिप्लोमा में दाखिले 8 तक भास्कर न्यूज | जालंधर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज की ओर से हेल्थकेयर इनफॉरमेशन एंड एआई में एमएससी और डिप्लोमा में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन आठ जुलाई तक कर सकेंगे। दाखिले से जुड़ा प्रॉस्पेक्टस यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर है। सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 5900 रुपए है। एससी वर्ग के लिए यह शुल्क 2950 रुपए है। दोनों कोर्सेज में दाखिले के लिए 15-15 सीटें हैं। एमएससी (हेल्थकेयर इन्फॉर्मेटिक्स और एआई) में दाखिले के लिए उम्मीदवारों के पास कंप्यूटर एप्लीकेशन या कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। कोर्स की अवधि दो वर्ष है और कोर्स फीस प्रति वर्ष 40,000 रुपए है। वहीं एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में दाखिले के लिए उम्मीदवार के पास यह कोर्स एमबीबीएस, बीडीएस, बीएससी (नर्सिंग), बीफार्मा या किसी भी अलाइड हेल्थकेयर कोर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी की ओर से बीपीटी, बीएमएलटी और बीएससी मेडिकल (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री) कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। इन कोर्सेज में दाखिले के लिए 26 जून 2025 तक किए जा सकेंगे। उम्मीदवारों के लिए पहले राउंड की ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रक्रिया 3 जुलाई से शुरू होगी।इस दिन प्रोविजनल मेरिट लिस्ट वेबसाइट पर जारी की जाएगी। इस पर आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तारीख 4 जुलाई शाम 5 बजे तक है। आपत्तियों के निपटारे के बाद 7 जुलाई को अंतिम मेरिट लिस्ट जारी होगी।

श्री बालाजी धाम में करवाई भजन संध्या

श्री बालाजी धाम में करवाई भजन संध्या जालंधर | प्राचीन मंदिर बाबा यशरथ राय जी श्री बालाजी धाम मोहल्ला थापरां में भजन संध्या करवाई गई। पूजन के बाद भक्तों ने दरबार में माथा टेककर अपने परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। भक्तों ने श्री गणेश वंदना, हनुमान चालीसा पाठ के बाद कई भेंटों का आनंद लिया। कार्यक्रम के अंत में भक्तों ने प्रभु को अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां गौरव थापर, रोहित कालिया, स्वीटा राम, संजीव जैन, गगन ग्रोवर, पवन मल्होत्रा, मनोज बाहरी, रवि मदान, विवेक मल्होत्रा, पवन कोछड़, सुरिंदर राणा, दिनेश गुप्ता, राकेश जांगड़ा, गौरव घई व अन्य मौजूद रहे।

मिस गोरखपुर कैसे ‘मॉडल चाय वाली’ बनी, VIDEO देखिए:कॉन्स्टेबल ने कॉलर पकड़कर घसीटा, थप्पड़ मारे; अखिलेश सपोर्ट में उतरे

मिस गोरखपुर कैसे ‘मॉडल चाय वाली’ बनी, VIDEO देखिए:कॉन्स्टेबल ने कॉलर पकड़कर घसीटा, थप्पड़ मारे; अखिलेश सपोर्ट में उतरे यूपी की राजधानी लखनऊ में ‘मॉडल चाय वाली’ के नाम से मशहूर सिमरन गुप्ता और पुलिस के बीच झड़प हुई। सिमरन ने आरोप लगाया कि कॉन्स्टेबल ने उनकी कॉलर पकड़ी और रोड पर घसीटा। थप्पड़ मारे। चौकी इंचार्ज और कॉन्स्टेबल पर एक्शन हुआ। जांच एसीपी अलीगंज को दी गई। सिमरन गुप्ता मिस गोरखपुर रह चुकी हैं। VIDEO में देखिए मॉडलिंग से चाय की दुकान खोलने तक की कहानी…

बांके बिहारी कॉरिडोर का सर्वे 30% पूरा:22 कुंज गलियों में मकान-दुकान पर पहुंचकर पूछ रहे- मालिक कौन, दस्तावेज हैं क्या?

बांके बिहारी कॉरिडोर का सर्वे 30% पूरा:22 कुंज गलियों में मकान-दुकान पर पहुंचकर पूछ रहे- मालिक कौन, दस्तावेज हैं क्या? बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए सर्वे चल रहा है। 5 दिन में 30% मकान, दुकानों को चिह्नित किया जा चुका है। टीमें 22 कुंज गलियों के मकान-दुकानों पर पहुंच रही हैं। पूछ रही है कि यहां कौन रहता है? असली मालिक कौन है? प्रॉपर्टी के दस्तावेज हैं क्या? सर्वे पूरा होने के बाद टीम घर के बाहर JK लिखकर नंबरिंग कर रही है। मथुरा-वृंदावन में सेवायतों के विरोध के बीच प्रशासन 2 तरह से काम कर रहा है। पहला- कुंज गलियों में 286 मकान-दुकान का सर्वे कर रहा है। दूसरा- 188 मकानों में रहने वाले परिवारों को रुक्मिणी विहार में नए फ्लैट देने की योजना पर काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे सेवायतों का विरोध काफी हद तक कम हो जाएगा। पढ़िए कुंज गलियों में सर्वे कैसे हो रहा है… पहले फलहारी बाबा गली में सर्वे को जानिए कभी अधिकारी, कभी दस्तावेज निहारते लोग
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर 2 के सामने फलहारी बाबा वाली गली में मकानों का सर्वे चल रहा था। बुधवार दोपहर 2 बजे, गरमा-गरमी जैसा माहौल था। अधिकारियों के हाथ में एरिया का मैप, घरों के दस्तावेज और सर्वे लिस्ट थी। टीम के सदस्यों के पहुंचने पर लोग हैरान-परेशान नजर आए। लोग अधिकारियों के हाथों के दस्तावेज को निहारते रहते, फिर पूछे गए सवालों के जवाब देते। कब से रहते हैं, परिवार में कितने सदस्य हैं, घर का एरिया कितना है? इन सवालों का जवाब देने के बाद अधिकारी इन मकानों पर JK और उसके आगे नंबर लिख देते थे। लोग यह भी देखते कि हमारे यहां सर्वे हुआ, तो किन और घरों में भी किया जा रहा है। इन गलियों में यह सिलसिला पिछले 5 दिन से जारी है। अधिकारियों ने बताया- हवेली वाली गली और जंगल कट्‌टी में भी सर्वे हुआ है। बांके बिहारी कॉरिडोर के दायरे में 286 मकान-दुकान आ रहे हैं, सभी लोगों के दस्तावेज देखे जा रहे हैं। किसी भी व्यक्ति को नुकसान नहीं होगा, सबको पूरा मुआवजा मिलेगा। उन्होंने बताया- 2.28 हेक्टेयर यानी 5.5 एकड़ में करीब 188 मकान हैं, जबकि 98 दुकानें हैं। अब सेवायतों को फ्लैट देने की प्लानिंग भी समझिए… कॉरिडोर में दुकान, रुक्मिणी विहार में फ्लैट और मुआवजा मिलेगा
तय हुआ है कि आपसी सहमति से सेवायतों की जगह ली जाएगी। 286 परिवारों के लिए रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन ली गई हैं। मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने इसका मैप तैयार किया है। कॉरिडोर में जिन लोगों के घर लिए गए हैं, उन्हें इन योजनाओं में लग्जरी फ्लैट दिए जाएंगे। डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा- हमारे डेटा के मुताबिक, 286 परिवारों को कॉरिडोर की वजह से हटाया जा रहा है। इसमें 98 दुकानें भी शामिल हैं। जिन लोगों की दुकानें ध्वस्त हो रही हैं, उन्हें कॉरिडोर के अंदर ही दुकानें अलॉट की जाएंगी। सिर्फ इतना ही नहीं, मकान-दुकान देने के साथ ही हम मुआवजा भी देंगे। हमारी प्रायरिटी है कि जिन्हें हटाया जाए, उन्हें एक ही जगह पर बसाया भी जाए। सबसे बड़ा प्लॉट 3924, सबसे छोटा 1504 स्क्वायर फीट का
मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह कहते हैं- रुक्मिणी विहार आवासीय योजना में चार बड़े प्लॉट सिलेक्ट किए गए हैं, यहां वन और टू बीएचके का 325-350 फ्लैट तैयार किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो आसपास का और एरिया हम आवासीय योजना में ले लेंगे। रुक्मिणी विहार में 3924.91 स्क्वायर फीट, 2844 स्क्वायर फीट, 1800 स्क्वायर फीट और 1504 स्क्वायर फीट के प्लाट रखे गए हैं। विकास प्राधिकरण के सचिव अरविंद कुमार द्विवेदी कहते हैं- इसके अलावा सुनरख बांगर में भी करीब साढ़े 3 एकड़ जमीन भी चयनित की गई है। श्री बांके बिहारी जी कॉरिडोर से प्रभावित लोगों के लिए प्रस्तावित फ्लैट की योजना का डिजायन भी तैयार कर लिया गया है, जल्द ही इसको जारी कर दिया जाएगा। अब जानिए क्यों डीएम ने सर्वे टीमों में बदलाव किया कोर्ट ने कहा- सहमति से लिए जाएंगे मकान-दुकान
पहले डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने 3 टीम बनाई थीं। इसमें 27 अधिकारी और कर्मचारी थे। मगर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने तय किया कि लोगों की जमीन, मकान आपसी समझौते से ली जाएगी। इसके बाद डीएम ने एडीएम (वित्त एवं राजस्व) डॉ. पंकज वर्मा के नेतृत्व में 29 सदस्यों की टीम बनाई। 11 अधिकारियों को मुख्य भूमिका में रखा गया है। इनकी मदद के लिए 18 अधिकारी-कर्मचारियों को राजस्व, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, एमवीडीए और ब्रज तीर्थ विकास परिषद से लिया गया है। बता दें कि टीमें जनवरी, 2023 में शासन के सर्वे के अनुसार ही दोबारा सर्वे कर रही हैं। उस वक्त बांके बिहारी मंदिर के आसपास दुकान, मकान और कुंज गलियों के 285 स्थानों को चिह्नित किया गया था। दो साल में कई स्पॉट बदले हैं, इसलिए नए सिरे से सर्वे करवाया जा रहा है। 500 करोड़ रुपए से बनेगा कॉरिडोर
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होगा। यह खर्च भूमि अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर के खजाने में करीब 450 करोड़ रुपए हैं। इसी धनराशि से कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदी जाएगी। इस जमीन को अधिगृहीत करने में जिनके मकान और दुकान आएंगे, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। कॉरिडोर क्यो जरूरी…
साल 2022 में जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान भीड़ के चलते दम घुटने से 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। 8 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए थे। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 2 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। हादसे की जांच के साथ श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के बारे में रिपोर्ट मांगी। पूर्व DGP सुलखान सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी, जिसने रिपोर्ट में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए कॉरिडोर बनाने की बात कही थी। मंदिर में आने-जाने के लिए दो-दो गेट
बांके बिहारी मंदिर पहुंचने पर गेट नंबर 2 और 3 से अंदर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। यहां पुलिस और निजी सुरक्षा कर्मचारी श्रद्धालुओं को रोक-रोककर मंदिर में प्रवेश करवा रहे थे। जो भक्त अंदर जा रहे थे, वो गेट नंबर 1 और 4 से बाहर आ रहे थे। बांके बिहारी मंदिर करीब 2000 वर्ग गज में बना हुआ है। यहां का अधिकांश हिस्सा प्रयोग में ही नहीं आ रहा। मंदिर के चबूतरे पर रेलिंग इस तरीके से लगाई गई हैं कि श्रद्धालु सीधे मंदिर के अंदर जाएं और गेट नंबर 1 से बाहर आएं। यहां करीब 60% हिस्सा खाली पड़ा हुआ है। यही हाल मंदिर के अंदर का है, जहां रेलिंग और गुल्लक इस तरह से रखे हैं कि मंदिर की केवल 40 से 50% जगह ही श्रद्धालुओं के लिए प्रयोग में आ रही है। बाकी जगह में गोस्वामी के बैठने की जगह बनी है या फिर खाली पड़ी है। ————————- यह भी पढ़ें : हेमामालिनी बोलीं-लोग बांके बिहारी कॉरिडोर की असलियत नहीं जानते:इसलिए विरोध; मंदिर में मेरी हेयर ड्रेसर को बाल खींचकर धकेला, ऐसा रोज हो रहा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में 3 जुलाई तक यूपी सरकार हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करेगी। मंदिर के गोस्वामी परिसर का विरोध कर रहे हैं। उनके दो बड़े पॉइंट हैं। पहला- मंदिर के फंड का दुरुपयोग न हो। दूसरा- कुंज गलियों और मंदिर के स्वरूप को नुकसान नहीं होना चाहिए। मथुरा-वृंदावन प्रशासन के अधिकारियों की 2 मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन गोस्वामी (पुजारी) कॉरिडोर के लिए सहमत नहीं हुए। दैनिक भास्कर ने मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी से कॉरिडोर को लेकर बात की। पढ़िए पूरी खबर…

रेप के बाद बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचा रेपिस्ट:CCTV में गोद में लहूलुहान मासूम को लिए दिखा; कानपुर में मां ने कहा-क्या कसूर था?

रेप के बाद बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचा रेपिस्ट:CCTV में गोद में लहूलुहान मासूम को लिए दिखा; कानपुर में मां ने कहा-क्या कसूर था? कानपुर में 6 साल की बच्ची से रेप हुआ। वारदात के 24 घंटे के अंदर घाटमपुर CHC की CCTV में आरोपी दिखा। वह लहूलुहान बच्ची को गोद में लिए इधर-उधर भटकता रहा। किसी को घटना और आरोपी की भनक नहीं लगी। अब पुलिस आरोपी कल्लू की लोकेशन तलाश रही है। ​घाटमपुर CHC ने बच्ची की सीरियस कंडीशन देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया। ICU में 15 घंटे बाद बच्ची को कुछ देर के लिए होश आया। डॉक्टर के मुताबिक, बच्ची के सिर की हड्‌डी क्रेक हो गई थी।खाल भी 4 हिस्सों में बंट गई थी। 40 टांके लगे हैं। चेहरे पर 10 जगह चोट के निशान हैं। डॉक्टर ने कहा है कि बच्ची अभी बयान देने की कंडीशन में नहीं है। इस मामले में कल्लू सचान की मां ने दैनिक भास्कर से कहा- अगर मेरा बेटा दोषी है, तो उसको सजा मिलनी चाहिए। वहीं बच्ची की मां ने कहा- मेरी बेटी का क्या कसूर था? जो उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी। मेरा इंसाफ योगी सरकार की पुलिस करेगी। अब सिलसिलेवार पूरा मामला पढ़िए… पहले CCTV में क्या दिखा, ये जानिए
पुलिस को दो CCTV फुटेज मिले हैं। पहला- मजार से CHC की तरफ जाने वाले रास्ते का फुटेज है। इसमें कल्लू बच्ची को एक बाइक पर लेकर जाता दिखा। बच्ची उसकी गोद में है, वह बाइक पर पीछे बैठा है। बाइक को जाे व्यक्ति चला रहा था, उसको भी पुलिस ढूंढ रही है। दूसरा- घाटमपुर CHC के अंदर का। जिसमें कल्लू बच्ची को गोद में लिए दिख रहा है। इधर-उधर भटक रहा है। CCTV 1. CCTV 2. अब जिस बच्ची से रेप हुआ, उसके परिवार की बात बच्ची की मां ने भास्कर टीम से कहा- मेरी बेटी तो घर के बाहर दुकान से सामान लेने के लिए निकली थी। लोग कहते हैं कि एरिया में रहने वाला कल्लू ने मेरी बेटी के साथ गलत काम किया। उसकी हालत देखिए, कोई उस मासूम के साथ इतना बेरहम कैसे हो सकता है? मेरी बच्ची का क्या कसूर था, जो उसे इतनी बुरी तरह से ईंट से कूच दिया। मुझे तो कल्लू के गीले कपड़े देखकर पहले ही शक हो गया था, लेकिन उस समय अफरा-तफरी में समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? रेप करने के बाद वह घर लौट आया, आराम से इधर-उधर घूम रहा था। लोगों को शक होने से पहले वो भाग गया। उस दिन अगर मैं 5 मिनट पहले घर से बाहर आ जाती तो कल्लू मेरी बेटी को लेकर नहीं जा सकता था। काश मैं खुद बच्ची के साथ सामान लेने चली जाती। अब आरोपी कल्लू की मां की बात मां बोली- अगर मेरे बेटे ने गलत किया, तो सजा मिले
आरोपी कल्लू सचान की मां सावित्री ने कहा- बच्ची के होश में आने के बाद सही बात पता चल जाएगी कि कौन गलत है? हम लोग भी बच्ची के जल्द ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं। अगर मेरा बेटा (कल्लू) दोषी है, तो हम खुद कहते हैं कि उसे कड़ी सजा होनी चाहिए। अब बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट… डॉक्टर ने कहा- चेहरे पर 10 जगह चोट
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया- बच्ची के सिर पर काफी चोट लगी है। ऐसा लग रहा है कि भारी वस्तु से तेज वॉर किया गया है। उसके सिर की हड्‌डी 4 जगहों पर टूटी थी। ब्लड भी शरीर से काफी ज्यादा बह गया है। डबल लेयर में 40 टांके लगाए गए हैं। बच्ची के चेहरे पर करीब 10 जगह पर चोट के निशान हैं। बाई आंख में सूजन है। गायनी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने भी बच्ची को देखा है। उनके अनुसार नाजुक अंगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसकी रिकवरी में कम से कम 10 दिन का समय अभी लगेगा। पुलिस की 4 टीमें कल्लू को तलाश रहीं
DCP साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया- आरोपी की तलाश के लिए 24 जगहों पर दबिश दी जा चुकी है। पुलिस की टीम आरोपी के संभावित ठिकानों पर लगातार जा रही है। आरोपी की तलाश में पुलिस की चार टीमों को लगाया गया है। आरोपी के खिलाफ बच्ची से रेप, हत्या का प्रयास और पॉस्को एक्ट की धारा में घाटमपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपी मोबाइल नहीं रखता था, इस वजह से उसे ट्रेस करने में सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है।
अब ये जानिए कि बच्ची के साथ रेप कैसे हुआ… बच्ची चीखी तो आरोपी खुद ही उसे उठाकर लाया और फिर वहां से भागा
घाटमपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले ई-रिक्शा मैकेनिक ने बताया- मेरे परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा 7 साल का और छोटी बेटी 6 साल की है। वह यूकेजी में पढ़ती है। मंगलवार शाम 5.30 बजे बेटी कुछ सामान खरीदने परचून की दुकान पर जा रही थी। करीब 15 मिनट बाद बेटी नहीं लौटी तो मेरी पत्नी बेटी को देखने के लिए घर से बाहर निकली। घर के पास स्थित दुकान पर देखा तो बेटी नहीं थी। दुकानदार ने बताया कि वो दुकान पर नहीं आई थी। इसके बाद पत्नी मोहल्ले की ही दूसरी दुकान पर बच्ची को देखने जा रही थी। शाम करीब 6 बज रहे थे, तभी गांव का कल्लू दिखा। पत्नी ने कल्लू से बच्ची के बारे में पूछा। कल्लू के हाथ-पैर में मिट्‌टी लगी थी और वह दहशत में तेजी से हाथ-पैर धो रहा था। उसने पहले तो साफ-साफ मना कर दिया कि उसने बच्ची को नहीं देखा है। इसके बाद पत्नी बच्ची को ढूंढ ही रही थी, तभी मेरी बेटी चीखने लगी तो कल्लू खुद ही दौड़ कर मजार के पीछे गया और बच्ची को उठाकर लाया। इसके बाद वह खुद ही उसको लेकर CHC पहुंचा था, मगर पकड़े जाने से पहले ही भाग गया। ………………………… पहले दिन की कवरेज पढ़ें : कानपुर में बच्ची से रेप, सिर कूंचा…मुंह में मिट्‌टी-पत्ते ठूंसे:मां को इशारा करते हुए आरोपी को दिखाया, फिर बेहोश हो गई कानपुर के घाटमपुर में 5 साल की बच्ची से दरिंदगी का मामला सामने आया है। पड़ोस में रहने वाले युवक ने दुकान जा रही बच्ची को उठा लिया। कुछ दूरी पर बनी मजार के पीछे ले जाकर रेप किया। बच्ची चीखी तो उसके मुंह में पत्ते और मिट्‌टी भर दी। मामला खुलने के डर से बच्ची के सिर पर ताबड़तोड़ ईंट मारकर हत्या की कोशिश की।

60244 सिपाहियों की ट्रेनिंग का शेड्यूल क्या?:DGP ने बताईं सबसे बड़ी चुनौतियां, जानिए कितने चरण में तैयार होंगे सिपाही

60244 सिपाहियों की ट्रेनिंग का शेड्यूल क्या?:DGP ने बताईं सबसे बड़ी चुनौतियां, जानिए कितने चरण में तैयार होंगे सिपाही यूपी में दिसंबर, 2023 से शुरू हुई 60244 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया 15 जून को पूरी हो जाएगी। इसके बाद ट्रेनिंग का दौर चलेगा। यूपी पुलिस की सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्रेनिंग का शेड्यूल क्या होगा? कहां पोस्टिंग मिलेगी? सैलरी कब से मिलेगी? कब रेगुलर पोस्टिंग मिलेगी? इन सब सवालों को लेकर दैनिक भास्कर ने डीजीपी राजीव कृष्ण से बातचीत की। वह पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। डीजीपी ने सारा शेड्यूल बताया। भर्ती प्रक्रिया में चुनौतियां क्या सामने आईं, इसे लेकर अपने अनुभव भी साझा किए… डीजीपी राजीव कृष्ण बताते हैं- ये भर्ती काफी चुनौतीपूर्ण थी। जब मुझे जिम्मेदारी मिली, उससे पहले एक के बाद एक कई पेपर या स्थगित हुए या पेपर लीक हुए थे। इस भर्ती की परीक्षा को पेपर लीक की वजह से कैंसिल करना पड़ा था। तमाम सवाल उठाए जा रहे थे। सिस्टम के खिलाफ पूरा माहौल बन गया था। फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बड़ी जिम्मेदारी मुझे सौंपी और खुद मानीटरिंग शुरू की। विश्वास पैदा करना जरूरी था
डीजीपी बताते हैं- सबसे पहले एसओपी बनाई। जहां-जहां से लीकेज की संभावना थी, उन सबको दूर किया। भर्ती से जुड़े अफसरों में विश्वास पैदा करना जरूरी था। काम के लिए जीरो एरर आउट कदम उठाए। एआई का भरपूर इस्तेमाल किया गया और इस भर्ती को पारदर्शिता के साथ पूरा करने में कामयाबी हासिल की। अगस्त, 2024 में सफलतापूर्वक परीक्षा कराने के बाद बाकी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए मार्च, 2025 में ही अंतिम परिणाम घोषित कर दिया था। उन्होंने बताया- सिपाही भर्ती खाली पदों के अनुसार की जाती है। पुलिस में कितनी वैकेंसी हैं? किस जिले में कितने सिपाही चाहिए? इसका ब्योरा तैयार कर डीजीपी हेड ऑफिस की स्थापना इकाई यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भेजती है। भर्ती बोर्ड वैकेंसी निकालता है, भर्ती प्रक्रिया शुरू करता है। आवेदन लेता है, परीक्षा के लिए एजेंसी का चयन करता है। परीक्षा कराता है, शारीरिक परीक्षण और दस्तावेजों का सत्यापन कराता है। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारी करता है। 3 चरणों में होती है ट्रेनिंग
भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीजीपी मुख्यालय की स्थापना इकाई चयनित सिपाहियों को खाली पदों के अनुसार जिलों में भेजती है। यहीं से प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है, जो 3 चरणों में पूरी होती है। सबसे पहले प्रारंभिक प्रशिक्षण होता है, जिसे जेटीसी कहा जाता है। उसके बाद आरटीसी (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) और फिर व्यावहारिक प्रशिक्षण होता है। यह पूरी प्रक्रिया करीब 13 महीने की होती है। सबसे पहले एक महीने की जेटीसी में ट्रेनिंग
जिस जिले में जितनी वैकेंसी होती हैं, उसी के मुकाबले चयनित सिपाहियों को जिला आवंटित किया जाता है। उस जिले का एसपी सिपाही का नियोक्ता होता है। यानी एसपी नियुक्ति पत्र सौंपता है। इसके बाद उसी जिले में प्रारंभिक प्रशिक्षण होता है। इसे जेटीसी (जूनियर ट्रेनिंग सेंटर) के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रशिक्षण एक महीने का होता है। इस दौरान संबंधित सिपाही की वर्दी सिलवाई जाती है। उसके बैंक अकाउंट और ईएसआई अकाउंट खोले जाते हैं। वर्दी के पहनने के तौर-तरीके सिखाए जाते हैं। 9 महीने की आरटीसी में ट्रेनिंग
जेटीसी में ट्रेनिंग के बाद आरटीसी यानी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर में 9 महीने का प्रशिक्षण होगा। इस दौरान पुलिस के कायदे-कानून सिखाए जाएंगे। फिजिकल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें परेड भी शामिल है। यूपी में मौजूदा समय में कुल 11 संस्थागत ट्रेनिंग सेंटर हैं। इसमें मुरादाबाद में पुलिस अकादमी, जहां पीपीएस और आईपीएस अफसरों को ट्रेनिंग दी जाती है। मुरादाबाद और सीतापुर में 2 पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) भी है। इसके अलावा मुरादाबाद, मेरठ, गोरखपुर, सुल्तानपुर, उन्नाव और जालौन में कुल 6 पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) हैं। सीतापुर और मिर्जापुर में 2 आर्म्ड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज व स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा सभी 33 पीएसी बटालियन में स्थायी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर और 67 जिलों में अस्थायी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं। 3 महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण
रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सिपाहियों को वापस उसी जिले में भेज दिया जाता है, जहां उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया था। यहां इनकी 3 महीने की व्यावहारिक ट्रेनिंग होती है। यह ट्रेनिंग थाने पर, पुलिस लाइन में और पुलिस कार्यालय में होती है। 3 महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें उसी जिले में रेगुलर पोस्टिंग दे दी जाती है। पहले दिन से मिलने लगेगा वेतन
नियमों के मुताबिक, जॉइनिंग करते ही सिपाही को वेतन मिलने लगेगा। यह वेतन पूरे प्रशिक्षण के दौरान मिलेगा। वेतन जिस जिले से नियुक्ति पत्र मिला है, वहां से मिलेगा। पहली बार सभी की ट्रेनिंग एक साथ
राजीव कृष्ण बताते हैं- मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण पर सबसे अधिक जोर दिया है। उन्होंने 8 साल में प्रशिक्षण की क्षमता 10 हजार से बढ़ाकर 60 हजार की है, जो ऐतिहासिक है। इससे पहले सबसे बड़ी 49 हजार सिपाही भर्ती भी योगी सरकार में 2018 में हुई थी। सीमित संसाधन के बीच उस समय केंद्रीय अर्धसैनिक बलों जैसे सीआरपीएफ, बीएसएफ, आरएएफ के ट्रेनिंग सेंटर की मदद लेनी पड़ी थी। लेकिन, इस बार सभी की ट्रेनिंग एक साथ कराई जा रही है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी पंचायत चुनाव से पहले BJP का बड़ा दांव, महाराजा सुहेलदेव के हिंदुत्व से साधा पूर्वांचल, जानिए राजभर समाज का कितना वोट बैंक हाथ में भाला, कंधे पर धनुष… यह उस पराक्रमी और हिंदुत्ववादी योद्धा की तस्वीर है, जिन्हें राजभर समाज अपना नायक मानती है। सीएम योगी ने मंगलवार को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का अनावरण किया। भाजपा ने पंचायत चुनाव से पहले हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने की कोशिश की है। पढ़ें पूरी खबर