सोनीपत की चार फैक्ट्रियों में लगी आग:इंडस्ट्रीयल एरिया की फैक्ट्री में ब्लास्ट, बोलेरो जलकर राख, एक कंपनी में बनाए जाते थे मेडिकल ग्लब्स हरियाणा के सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित फिरोजपुर बांगर इंडस्ट्रीयल एरिया में सोमवार देर रात भयंकर आग लग गई। आग की चपेट में चार फैक्ट्रियां आ गईं, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि आग ताज इंटरप्राइजेज पेंट फैक्ट्री में लगी, जिसमें भारी मात्रा में पेंट से भरे ड्रम रखे थे। आग लगते ही ये ड्रम ब्लास्ट होने लगे, जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और पास की तीन अन्य फैक्ट्रियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग की चपेट में आने से एक बोलेरो भी जलकर राख हो गई। 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाई गई आग फायर कर्मचारी ओम प्रकाश ने बताया कि, आग लगते ही स्थानीय लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 10 अलग-अलग स्टेशनों से दमकल की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। खरखौदा, बहादुरगढ़, सांपला, रोहतक, गोहाना, गन्नौर, समालखा, एजुकेशन सिटी राई, सेक्टर 23 और कुंडली से फायर ब्रिगेड की टीमें पहुंचीं और लगभग 8 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तेजी से फैली आग, तीन और फैक्ट्रियां आईं चपेट में जानकारी के अनुसार, ताज इंटरप्राइजेज में आग लगने के बाद वहां रखे 15 पेंट से भरे ड्रम एक के बाद एक ब्लास्ट हो गए। विस्फोटों के कारण आसपास स्थित तीन अन्य फैक्ट्रियों में भी आग फैल गई। इनमें से एक फैक्ट्री में मेडिकल ग्लब्स बनाए जाते थे, दूसरी फैक्ट्री में प्लास्टिक के कट्टे व अन्य मेटेरियल तैयार होता था। ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया। इस दौरान मेडिकल ग्लब्स फैक्ट्री में खड़ी एक बोलेरो गाड़ी भी जलकर खाक हो गई। करोड़ों का हुआ नुकसान, आग लगने का कारण अज्ञात फैक्ट्रियों में लगी आग से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि, किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर आग लगने के कारणों की जांच कर रहे हैं। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या किसी ज्वलनशील पदार्थ में स्पार्क होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अभी तक आग लगने की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है। घटना के बाद से स्थानीय प्रशासन और पुलिस सतर्क है। चौकी सैदपुर पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। फैक्ट्री मालिकों से पूछताछ की जा रही है और आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है। इस आगजनी से फैक्ट्री मालिकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। आग ने फैक्ट्रियों में रखे कच्चे माल, तैयार उत्पादों और मशीनरी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। अनुमान है कि आगजनी से कई करोड़ का नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों में दहशत, सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल इस घटना के बाद औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि फैक्ट्रियों में आग सुरक्षा उपायों की भारी कमी थी, जिससे आग इतनी तेजी से फैल गई। प्रशासन से मांग की जा रही है कि औद्योगिक क्षेत्रों में फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल पुलिस और प्रशासन आग लगने के कारणों की जांच में जुटे हुए हैं। फैक्ट्री मालिकों और मजदूरों से पूछताछ जारी है।