रोहतक में कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल मर्डर केस:मामले में पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार, ब्लैकमेल करने का लगाया आरोप

रोहतक में कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल मर्डर केस:मामले में पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार, ब्लैकमेल करने का लगाया आरोप हरियाणा के रोहतक जिले में कांग्रेस की नेत्री हिमानी नरवाल की हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले में आरोपी से पूछताछ कर रही है। वहीं आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। बता दें कि हिमानी नरवाल का 1 मार्च को सांपला क्षेत्र के बस स्टैंड के पास सूटकेस में शव बरामद हुआ था। जांच के बाद पता चला कि उसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने शिनाख्त करवाई तो वह कांग्रेस की एक्टिव सदस्य हिमानी नरवाल निकली, जो राहुल गांधी के साथ भी तीन बार देखी गई थी। ब्लैकमेलिंग से जुड़ा हुआ है मामला
सूत्रों के अनुसार हत्या के पीछे का कारण ब्लैकमेलिंग बताया जा रहा है। सूत्रा का कहना है कि हिमानी ब्लैकमेल कर रही थी, जिसके कारण आरोपी ने उसकी हत्या का अंजाम दिया। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो पुलिस जांच में ही सामने आएगा। बहादुरगढ़ का रहने वाला है आरोपी
सूत्रों के अनुसार आरोपी को पुलिस ने बहादुरगढ़ से गिरफ्तार किया है, जो पास के ही एक गांव का रहने वाला है। आरोपी का हिमानी के साथ क्या संबंध था, दोनों एक दूसरे को कितने समय से जानते थे और आरोपी द्वारा हिमानी पर ब्लैकमेल करने का आरोप क्यों लगाया गया, पुलिस जल्द इसका खुलासा कर सकती है। जल्द करेंगे मामले का खुलासा
सांपला थाना एसएचओ बिजेंद्र ने बताया कि मामले में जल्द खुलासा कर दिया जाएगा। मामले में जांच कर रहे है। पुलिस हिमानी नरवाल मर्डर केस में पूरी गंभीरता से लगी हुई है। अगर कोई गिरफ्तार होता है तो उसके बारे में भी जल्द जानकारी दे दी जाएगी।

हरियाणा का बजट 1.95 लाख करोड़ होने की संभावना:7 मार्च से शुरू होगा सत्र, बतौर वित्त मंत्री CM सैनी का पहला बजट, बैठक बुलाई

हरियाणा का बजट 1.95 लाख करोड़ होने की संभावना:7 मार्च से शुरू होगा सत्र, बतौर वित्त मंत्री CM सैनी का पहला बजट, बैठक बुलाई हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज बजट पर अंतिम चर्चा करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपने कैबिनेट के मंत्रियों और पार्टी विधायकों की दो दिवसीय मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में बजट को लेकर आने वाले सुझावों को सीएम सैनी अपने बजट में शामिल करेंगे। हरियाणा का बजट होली से एक दिन पहले 13 मार्च को पेश होने के आसार हैं। हालांकि इसका फैसला बीएसी की बैठक में ही होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर पहला बजट पेश करेंगे। सरकार की ओर से हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का संभावित शेड्यूल जारी किया जा चुका है। 1.95 लाख करोड़ का होगा बजट हरियाणा का अगले वित्त वर्ष का बजट 1.95 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है। मुख्यमंत्री चूंकि वित्त मंत्री भी हैं, इसलिए उनके निर्देश पर अगले साल का बजट तैयार किया जा रहा है। बजट को लेकर बुलाई गई मीटिंग में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण और डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा को भी इस चर्चा के लिए बुलाया गया है। CM सैनी ने मंत्रियों समेत सभी को व्यक्तिगत पत्र भेजकर न केवल आमंत्रित किया है। खट्‌टर ने 1.89 लाख करोड़ का बजट पेश किया पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने बतौर वित्त मंत्री 1.89 लाख करोड़ रुपए का बजट अनुमान पेश किया था। हालांकि, वर्ष 2024-25 के दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए। इसके कारण आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण विकास कार्यों पर काफी असर पड़ा। अब स्थानीय निकाय चुनाव के कारण भी आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। पूरे साल 3 बार चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण बजट में किए प्रावधान के बावजूद पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इसलिए इस बार अनुमान है कि 1.95 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया जाए। लाडो लक्ष्मी योजना के लिए बजट का प्रावधान होगा लाडो लक्ष्मी योजना पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। इस बजट में लाडो लक्ष्मी योजना के बजट का प्रावधान किया जाएगा। इस योजना के तहत सूबे की गरीब महिलाओं को 2100 रुपए महीना सरकार देगी। इस योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जिनकी उम्र 18 से 60 साल तक होगी और आर्थिक रूप से कमजोर होंगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं। यहां पढ़िए बजट सत्र का संभावित शेड्यूल 7 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत होगी। सत्र की अवधि 7 मार्च से 25 मार्च तक रहेगी। इसमें 9 सिटिंग रखी गई हैं। 19 दिन के शेड्यूल में 10 छुट्टियां हैं। बजट सत्र की अवधि पर अंतिम फैसला बिजनेस एडवाइजरी (BAC) की बैठक में होगा। गवर्नर के अभिभाषण से शुरू होगा सेशन पहले दिन 7 मार्च को सुबह 11 बजे राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद 8 व 9 मार्च को अवकाश रहेगा। फिर 10 से 12 मार्च तक अभिभाषण पर चर्चा होगी। वहीं, 12 मार्च को अनुपूरक अनुमान की दूसरी किस्त पेश की जाएगी। इसके बाद 13 मार्च को CM सैनी 2025-26 का बजट पेश करेंगे। शेड्यूल में इसके बाद 14 से 16 मार्च तक अवकाश दर्शाया गया है। यह छुट्‌टियां होली के चलते होंगी। इसके बाद 17 व 18 को बजट अनुमानों पर चर्चा होगी। फिर 19 से 21 तक कोई बैठक नहीं होगी। 24 मार्च को CM चर्चा का देंगे जवाब 22 और 23 मार्च को फिर शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा। इसके बाद 24 मार्च को CM बजट अनुमानों पर हुई चर्चा का जवाब देंगे। इसी दिन बजट पर मतदान होगा। 25 को अंतिम दिन विधान कार्य होंगे और सत्र समाप्त हो जाएगा।

हरियाणा के पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान का निधन:गुरुग्राम के अस्पताल में अंतिम सांस ली, लिवर कैंसर से जूझ रहे थे; बेटा दादरी से विधायक

हरियाणा के पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान का निधन:गुरुग्राम के अस्पताल में अंतिम सांस ली, लिवर कैंसर से जूझ रहे थे; बेटा दादरी से विधायक हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री व 2 बार विधायक रहे सतपाल सांगवान का निधन हो गया है। वह कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। वहां उन्होंने आज 2 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। सोमवार सुबह करीब 9 बजे उनका पार्थिव शरीर चरखी दादरी के लोहारू रोड स्थित उनके निवास स्थान पर लाया जाएगा और जहां उनके अंतिम दर्शन होंगे। इसके बाद दादरी जिले के उनके पैतृक गांव चंदेनी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वर्तमान में सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान दादरी से विधायक हैं। विधायक बेटा देखभाल में जुटा था
बता दें कि पूर्व मंत्री लिवर कैंसर की समस्या से जूझ रहे थे। उसी के चलते उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दादरी से वर्तमान विधायक सुनील सांगवान भी अपने पिता की देखभाल के लिए करीब सप्ताहभर से वहीं डटे हुए थे। उम्र अधिक होने और कैंसर फैलने के कारण उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी, जिसके चलते उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। रविवार को सीएम भी मिलने पहुंचे थे
पूर्व मंत्री के बीमार होने की सूचना मिलने पर निधन से कुछ घंटे पहले हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी भी मेदांता अस्पताल पहुंचे थे। वहां सीएम ने उनका हाल जाना। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह और गुरुग्राम भाजपा जिलाध्यक्ष कमल यादव थे। बेटी के निधन के बाद से थे दुखी
बीते दिनों पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के घर आई हुई उनकी करीब 60 वर्षीय बेटी उषा कादयान का निधन हो गया था। इसके बाद से वह काफी दुखी थे और उनकी सेहत में लगातार गिरावट आती चली गई। इसके बाद से वह उबर नहीं पाए। 2 बार रहे विधायक
सतपाल सांगवान ने चरखी दादरी विधानसभा से 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें से उन्हें 2 बार जीत मिली। पहली बार वह 1996 में हरियाणा विकास पार्टी से विधायक बने थे। वहीं, दूसरी बार 2009 में वह हजकां टिकट पर विधायक बने थे। बाद में हजकां का कांग्रेस में विलय होने पर भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा सरकार में सहकारिता मंत्री बने थे। उन्होंने कांग्रेस व जजपा के टिकट पर भी दादरी से चुनाव लड़ा था। 2024 में भाजपा में हुए शामिल
अप्रैल 2024 में सतपाल सांगवान ने भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। 19 अप्रैल 2024 को सोनीपत में आयोजित एक समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर खट्टर ने उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि सांगवान अपने क्षेत्र के प्रति अत्यंत समर्पित नेता हैं। बेटे को लड़वाया चुनाव
भाजपा में शामिल होने के बाद सतपाल सांगवान ने उम्र अधिक होने के कारण स्वयं चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि अपने बेटे को अपनी विरासत संभालते हुए राजनीति में उतारा। इसके चलते भौंडसी, गुरुग्राम के जेल अधीक्षक से VRS लेकर उनके बेटे ने भाजपा जॉइन की और विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की और विधायक बने।

सिरसा में दिग्गजों के बूथ पर भी कम रहा मतदान:33 बूथों पर 50 प्रतिशत से नीचे वोटिंग, दुष्यंत ने वोट नहीं डाला

सिरसा में दिग्गजों के बूथ पर भी कम रहा मतदान:33 बूथों पर 50 प्रतिशत से नीचे वोटिंग, दुष्यंत ने वोट नहीं डाला हरियाणा के सिरसा में हुए नगर परिषद चुनाव के दौरान वोटिंग प्रतिशत काफी कम रहा है। मात्र 56.4 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान किया। विशेष बात यह रही कि शहर में बनाए गए 143 में से 33 बूथों पर तो 50 फीसदी वोटिंग भी नहीं हुई है। खासकर, पाश कॉलोनियों के लोगों ने भी वोट डालने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। 67 बूथ ऐसे भी रहे हैं, जहां 50 से 60 फीसदी के बीच मतदाताओं ने मतदान किया है। जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष अजय चौटाला और पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला ने जिस नेशनल कॉलेज में वोट डाला, वहां भी वोटिंग औसत 50 फीसदी से कम ही रहा। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला ने तो खुद ही वोट नहीं डाला।
गौरतलब है कि नगर परिषद में चेयरमैन पद के लिए 7 उम्मीदवार और 32 वार्डों में पार्षद पद पर 122 प्रत्याशी मैदान में हैं। शहर में 1,60,036 मतदाताओं में से 90 हजार 240 मतदाताओं ने वोट डाले हैं। यह रहे कम वोटिंग के कारण….. इन 33 बूथों पर 50 फीसदी से कम रही वोटिंग…… बूथ नंबर 11 – डीएवी स्कूल बाटा कॉलोनी साउथ विंग – 43 फीसदी
बूथ नंबर 13 – डीएवी स्कूल बाटा कॉलोनी ईस्ट विंग – 48.4 फीसदी
बूथ नंबर 14 – डीएवी स्कूल बाटा कॉलोनी ईस्ट विंग – 45.48 फीसदी
बूथ नंबर 15 – गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल सेक्टर 20 हुडा लेफ्ट विंग – 47.46 फीसदी
बूथ नंबर 17 – गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल सेक्टर 20 हुडा लेफ्ट विंग – 49.74 फीसदी
बूथ नंबर 18 – गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल सेक्टर 20 हुडा वेस्ट विंग – 43.14 फीसदी
बूथ नंबर 24 – गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल खैरपुर मिडिल विंग – 47.87 फीसदी
बूथ नंबर 28 – सेंट जेवियर स्कूल रेलवे कॉलोनी – 43.77 फीसदी
बूथ नंबर 29 – सेंट जेवियर स्कूल रेलवे कॉलोनी – 44.89 फीसदी
बूथ नंबर 32 – राजकीय नेशनल कॉलेज, रूम नंबर 11 – 46.03 फीसदी
बूथ नंबर 33 – राजकीय नेशनल कॉलेज, लाइब्रेरी हॉल – 47.43 फीसदी
बूथ नंबर 34 – नेशनल कॉलेज कॉमर्स ब्लॉक, रूम 204 – 47.91 फीसदी
बूथ नंबर 35 – नेशनल कॉलेज, कॉमर्स ब्लॉक, रूम 203 – 44.67 फीसदी
बूथ नंबर 37 – नेशनल कॉलेज, कॉमर्स ब्लॉक, रूम 201 – 48.3 फीसदी
बूथ नंबर 53 – गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, नजदीक शाह सतनाम चौक, हाल 1 – 49.59 फीसदी
बूथ नंबर 54 – गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, नजदीक शाह सतनाम चौक, रूम 1 – 44.21 फीसदी
बूथ नंबर 55 – गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, नजदीक शाह सतनाम चौक, रूम 3 – 47.82 फीसदी
बूथ नंबर 56 – गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, नजदीक शाह सतनाम चौक, रूम 5 – 45.09 फीसदी
बूथ नंबर 57 – गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, नजदीक शाह सतनाम चौक, रूम 13 – 44.96 फीसदी
बूथ नंबर 60 – गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल, मेला ग्राउंड – 44.6 फीसदी
बूथ नंबर 62 – गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल, मेला ग्राउंड – 42.25 फीसदी
बूथ नंबर 68 – महाराजा अग्रसेन गर्ल्स स्कूल, नई बिल्डिंग रूम 19 – 44.44 फीसदी
बूथ नंबर 73 – श्रीसनातन धर्म संस्कृत कॉलेज, रूम नंबर 11 – 48.16 फीसदी
बूथ नंबर 74 – श्रीसनातन धर्म संस्कृत कॉलेज, रूम नंबर 12 – 48.24 फीसदी
बूथ नंबर 79 – आरएसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हाल रूम – 41.46 फीसदी
बूथ नंबर 89 – नगर परिषद कार्यालय, रूम नंबर 14 – 49.67 फीसदी
बूथ नंबर 96 – गवर्नमेंट गर्ल्स मिडल स्कूल नंबर 2 – 48.95 फीसदी
बूथ नंबर 128 – सीएमके गर्ल्स कॉलेज – 38.4 फीसदी
बूथ नंबर 129 – सीएमके गर्ल्स कॉलेज – 47.7 फीसदी
बूथ नंबर 131 – सीएमके गर्ल्स कॉलेज – 47.09 फीसदी
बूथ नंबर 132 – जीआरजी नेशनल गर्ल्स स्कूल – 32.42 फीसदी
बूथ नंबर 135 – जीआरजी नेशनल गर्ल्स स्कूल – 49.27 फीसदी
बूथ नंबर 143 – यादव बाल विद्या मंदिर हाई स्कूल – 38.88 फीसदी

हरियाणा MBBS एनुअल एग्जाम घोटाला:1 करोड़ देने के बाद भी कई स्टूडेंट फेल हुए; जांच टीम को मिले नाम, अब पूछताछ होगी

हरियाणा MBBS एनुअल एग्जाम घोटाला:1 करोड़ देने के बाद भी कई स्टूडेंट फेल हुए; जांच टीम को मिले नाम, अब पूछताछ होगी पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (USHR), रोहतक में MBBS एनुअल और सप्लीमेंट्री एग्जाम घोटाले की पुलिस जांच में पता चला है कि रैकेट चलाने वालों ने 2023 में एक निजी कॉलेज के छात्रों से कई विषयों को पास करने के बदले में 1 करोड़ रुपए लिए थे। इनमें से कई छात्र फेल हो गए थे और परीक्षा पास करने के लिए इंतजार कर रहे थे। जांच टीम के एक सूत्र ने बताया, इस सौदे के तहत रैकेटियरों ने प्रति विषय 2 लाख रुपए की रिश्वत राशि तय की थी। 1 करोड़ रुपये में से एक आरोपी ने 50 लाख रुपए अपने पास रख लिए और बाकी रकम एक बिचौलिए को दे दी। हालांकि, नतीजा सौदे के मुताबिक नहीं निकला और रैकेटियर केवल 18 विषयों में ही पास हो पाए। इससे उन छात्रों में असंतोष फैल गया जिन्होंने मोटी रकम चुकाई थी, लेकिन परीक्षा में सफल नहीं हो पाए। जांच में स्टूडेंट्स के नाम आए सामने, पूछताछ होगी सूत्र ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने उन सभी छात्रों के नाम बता दिए, जिन्होंने परीक्षा में पास कराने के बदले में पैसे दिए थे। पुलिस अब आरोपियों के बयानों की पुष्टि के लिए इन छात्रों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। सूत्र ने बताया कि जिरह की भनक लगते ही छात्रों में खलबली मच गई। सूत्र ने कहा, घोटाले का एक दिलचस्प पहलू यह है कि कई मामलों में, उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय कार्यालय से चुपके से बाहर निकलने के बाद उसी कॉलेज के छात्रों (वास्तविक परीक्षार्थी नहीं) द्वारा दोबारा जांची गईं। इनमें से कुछ छात्र या तो बिचौलिए थे या वास्तविक परीक्षार्थियों के दोस्त थे। एग्जाम में पेपर भी लीक किया रैकेटियरों ने 2024 में विश्वविद्यालय के एक अधिकारी से कई खाली उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त की थीं। ये शीटें उस समय परीक्षा देने वाले वास्तविक छात्रों द्वारा नहीं बल्कि अन्य लोगों द्वारा भरी गई थीं। इस दौरान, एक निरीक्षक ने कथित तौर पर परीक्षा का पेपर लीक कर दिया, जिससे रैकेटियरों को खाली शीट पर एक साथ उत्तर भरने का मौका मिल गया। सूत्र ने बताया कि बाद में, इन खाली शीटों को मूल उत्तर पुस्तिकाओं से बदल दिया गया। गायब आंसर शीटों का घोटाले में यूज हुआ कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के निदेशक डॉ. एमके गर्ग की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि जनवरी-फरवरी 2024 में स्वास्थ्य विश्वविद्यालय में आयोजित एमबीबीएस परीक्षा की कुल 46 खाली उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गई थीं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कुछ गायब उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय में अप्रैल-मई 2024 में आयोजित एक बाद की परीक्षा में इस्तेमाल की गई थीं। इस घोटाले के सिलसिले में 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें 24 छात्र और 17 स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कर्मचारी शामिल हैं। अब तक तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।

सोनीपत में 3300 लोग वोट नहीं दे पाए:बोले-हमें निगम चुनाव की जानकारी नहीं, न प्रचार-प्रसार, न जागरूकता अभियान; 1 दिन पहले सूचना मिली

सोनीपत में 3300 लोग वोट नहीं दे पाए:बोले-हमें निगम चुनाव की जानकारी नहीं, न प्रचार-प्रसार, न जागरूकता अभियान; 1 दिन पहले सूचना मिली सोनीपत नगर निगम के मेयर उपचुनाव में प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है। नगर निगम क्षेत्र में अचानक शामिल किए गए बैंयापुर गांव के लोगों को मतदान से महज एक दिन पहले इसकी जानकारी दी गई। न कोई पूर्व सूचना दी गई, न प्रचार किया गया, और न ही मतदाताओं को जागरूक किया गया। बैंयापुर गांव के 4500 मतदाताओं को शनिवार शाम को तब पता चला कि वे भी चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं, जब गांव के सरकारी स्कूल में पांच मतदान केंद्र बनाए गए। प्रशासन ने उसी शाम वोटर स्लिप बांटना शुरू किया, जिसके बाद रविवार सुबह मुनादी कर मतदान की अपील की गई। लेकिन इस जल्दबाजी के कारण अधिकांश ग्रामीण मतदान प्रक्रिया को लेकर असमंजस में पड़ गए, जिसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ा। कम मतदान प्रतिशत ने प्रशासन पर उठाए सवाल जल्दबाजी और अव्यवस्थित चुनावी प्रक्रिया के चलते बैंयापुर में बेहद कम मतदान हुआ। 4500 मतदाताओं में से केवल 1200 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उन्हें पहले से जानकारी होती और प्रचार किया गया होता, तो मतदान का प्रतिशत अधिक होता। गांव कब और कैसे निगम में शामिल हुआ, किसी को नहीं पता गौरतलब है कि बैंयापुर और हरसाना गांव पहले नगर निगम में शामिल किए गए थे, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद इन्हें निगम से बाहर कर दिया गया था। 2020 के नगर निगम चुनावों में इन गांवों को मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया था, और 2022 में यहां पंचायत चुनाव हुए थे। तब से गांव पंचायती राज प्रणाली के अंतर्गत ही कार्य कर रहा था।अब जब नगर निगम मेयर उपचुनाव हुआ, तो अचानक गांव के लिए मतदान केंद्र बना दिए गए, लेकिन ग्रामीणों को यह स्पष्ट नहीं था कि गांव को दोबारा नगर निगम में कब और कैसे शामिल किया गया। प्रशासन की सफाई पर ग्रामीण संतुष्ट नहीं इस पूरे मामले पर प्रशासन की ओर से सफाई दी गई है। जिला उपायुक्त (डीसी) डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि बैंयापुर की जमीन नगर निगम क्षेत्र में आती है और सभी राजनीतिक दलों की मौजूदगी में मतदाता सूची तैयार की गई थी, जिसमें किसी ने आपत्ति नहीं जताई। इसलिए गांव में मतदान केंद्र बनाए गए।वहीं, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) जितेंद्र कुमार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों के सवाल, जवाब मांग रहे लोग 1. गांव में पंचायत होते हुए इसे नगर निगम में क्यों शामिल किया गया? 2. अगर गांव निगम क्षेत्र में है, तो पंचायत और सरपंच का क्या औचित्य रह जाता है? 3. गांव को निगम में शामिल करने की सार्वजनिक घोषणा क्यों नहीं हुई? 4. चुनाव में कोई प्रत्याशी प्रचार करने गांव क्यों नहीं आया? 5. मतदान केंद्र इतने देरी से क्यों बनाए गए? 6. चुनाव की सूचना केवल एक दिन पहले क्यों दी गई? प्रशासन की लापरवाही ने खड़े किए सवाल बैंयापुर में हुई इस अव्यवस्थित चुनावी प्रक्रिया ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। ग्रामीण अब इस मुद्दे पर स्पष्टता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। अगर समय रहते जागरूकता फैलाई जाती और चुनाव की जानकारी पहले दी जाती, तो मतदान प्रतिशत बेहतर हो सकता था। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर चूक पर क्या कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी अन्य विवादों की तरह समय के साथ ठंडा पड़ जाएगा।

गुरुग्राम में आधी रात तक जमा होती रही ईवीएम:41.9% सिमटा मतदान, होली से एक दिन पहले खुलेगा प्रत्याशियों के किस्मत का पिटारा

गुरुग्राम में आधी रात तक जमा होती रही ईवीएम:41.9% सिमटा मतदान, होली से एक दिन पहले खुलेगा प्रत्याशियों के किस्मत का पिटारा गुरुग्राम में शाम को छह बजे मतदान खत्म हो गया था, लेकिन आधी रात तक सेक्टर 14 स्थित मतगणना केंद्र तक पोलिंग पार्टियों के आने का सिलसिला जारी रहा। गुरुग्राम नगर निगम के लिए इस बार वोटरों की बेरुखी देखने को मिली और वोटिंग का आंकड़ा 41.9% पर सिमट गया। शहरी क्षेत्र में सुबह से लेकर शाम तक बूथ खाली नजर आए तो ग्रामीण क्षेत्र में कुछ बूथों पर ही लाइन देखने को मिली। वार्ड एक के नाथूपुर गांव में सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। यहां गांव के लोग खुद मतदान केंद्र के बाहर और अंदर बोगस वोटिंग रोकने के लिए निगरानी करते नजर आए। इस वार्ड से लगभग सभी प्रत्याशी के शहर धनाढ्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। डीएलएफ के पॉश इलाके के बीच में मौजूद गांव नाथूपुर के इस मतदान केंद्र पर सुबह आठ बजे से ही लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई थी और मतदान खत्म होने तक लोग लाइन में लगे नजर आए। गुरुग्राम जिले के पांच निकायों के लिए हुए चुनाव में कुल 5 लाख 3 हजार 978 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से गुरुग्राम नगर निगम में 377641 मतदाताओं ने वोट डाले। कहां कितना मतदान गुरुगाम 45.5% नगर निगम-41.9% मानेसर नगर निगम-65.1% नगर परिषद पटौदी जाटौली-73.9% सोहना नगर परिषद-35.2% नगर पालिका फर्रुखनगर-76.7%

करनाल में प्रशासन की कार्रवाई पर कालोनाइजर दिखा रहे ठेंगा:JCB से तोड़ी गई सड़कों को खुद ही भरकर बना दीं नई सड़कें, अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई का असर नहीं

करनाल में प्रशासन की कार्रवाई पर कालोनाइजर दिखा रहे ठेंगा:JCB से तोड़ी गई सड़कों को खुद ही भरकर बना दीं नई सड़कें, अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई का असर नहीं हरियाणा में करनाल के घरौंडा में अवैध कॉलोनियों को लेकर जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) विभाग की कार्रवाई बेअसर साबित होती नजर आ रही है। प्रशासन जेसीबी से कॉलोनियों को तोड़ता है, लेकिन कॉलोनाइजर तुरंत ही दोबारा उन्हें ठीक कर देते हैं। ऐसा ही मामला घरौंडा में कैमला रोड पर सामने आया, जहां 27 फरवरी को डीटीपी विभाग की टीम ने अवैध कॉलोनी पर पीला पंजा चलाया था। कच्ची सड़कों को तोड़कर गड्ढे कर दिए गए थे, लेकिन महज चार दिन बाद कॉलोनाइजरों ने जेसीबी लगाकर गड्ढे भरवा दिए और नई सड़कें तैयार कर दीं। इससे साफ है कि प्रशासन की कार्रवाई का कॉलोनाइजरों पर कोई खौफ नहीं है। बार-बार चल रही जेसीबी, फिर भी कॉलोनी हो रही विकसित डीटीपी विभाग लगातार अवैध कॉलोनियों को तोड़ने का दावा करता है, लेकिन कॉलोनाइजर उतनी ही तेजी से उन्हें दोबारा विकसित करने में जुट जाते हैं। 27 फरवरी को एटीपी मोहित कुमार ने अपनी टीम के साथ अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की थी। सबसे पहले कैमला रोड पर बनी अवैध कॉलोनी को तोड़ा गया। यहां कच्ची सड़कें तैयार की जा चुकी थीं और नीले रंग के छोटे पिलर गाड़कर प्लॉटों की निशानदेही की गई थी। डीटीपी विभाग ने इन पिलरों को गिराकर कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया था, लेकिन अब वही सड़कें फिर से ठीक कर दी गई हैं। राधा स्वामी सत्संग भवन के पास छह बार चल चुका है पीला पंजा ​​​​​​​कैमला रोड के अलावा, प्रशासन ने राधा स्वामी सत्संग भवन के पास अवैध कॉलोनी पर भी कार्रवाई की। इस इलाके में पहले भी छह बार जेसीबी चलाई जा चुकी है, लेकिन कॉलोनाइजर बार-बार कॉलोनी को बसाने में जुटे रहते हैं। हर बार प्रशासन कॉलोनी तोड़ता है और कुछ ही समय बाद वहां फिर से सड़कें तैयार कर दी जाती हैं। इससे न केवल प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि सरकारी संसाधनों की बर्बादी भी हो रही है। डीटीपी का दावा- फिर से तोड़ देंगे कॉलोनियां ​​​​​​​जब डीटीपी सतीश कुमार से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर कैमला रोड पर दोबारा से कॉलोनी काटी गई है तो उसे फिर से तोड़ा जाएगा। उन्होंने साफ किया कि किसी भी सूरत में अवैध कॉलोनियों को पनपने नहीं दिया जाएगा। साथ ही लोगों से अपील की कि वे ऐसी अवैध कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें, ताकि उन्हें भविष्य में नुकसान न उठाना पड़े।

नूंह में परीक्षा केंद्रों पर बढ़ाया धारा-163 का दायरा:500 मीटर की परिधि में आवाजाही बंद; नकल रोकने अतिरिक्त पुलिस और ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त

नूंह में परीक्षा केंद्रों पर बढ़ाया धारा-163 का दायरा:500 मीटर की परिधि में आवाजाही बंद; नकल रोकने अतिरिक्त पुलिस और ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त हरियाणा के नूंह जिले में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं में नकल रोकने में नाकाम प्रशासन ने धारा-163 का दायरा बढ़ा दिया है। पहले जहां परीक्षा केंद्रों पर इस धारा का दायरा 200 मीटर था, वहीं अब इसे बढ़ाकर 500 मीटर कर दिया है। जिला उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने परीक्षाओं के मद्देनजर जिला नूंह के परीक्षा केंद्रों के 500 मीटर की परिधि में व्यक्तियों की स्वतंत्र आवाजाही व फोटोस्टेट मशीनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं पेपर मामले को भी जिला प्रशासन गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई में जुटा हुआ है। नक़ल मामले में अध्यापकों के साथ-साथ नूंह के दो डीएसपी भी सस्पेंड हो चुके है। पेपर लीक मामले में 13 लोग हो चुके गिरफ्तार जिला उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि कोई बाहरी व्यक्ति,परीक्षार्थी या शिक्षा विभाग का स्टाफ नकल करवाने में शामिल मिलता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जिला प्रशासन के पास उपलब्ध विडियो व फोटो के माध्यम से भी आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ मामले दर्ज करवाए जा रहे हैं। अब तक नकल करवाने के मामलों में दो एफआईआर दर्ज कर संलिप्त पाए गए 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक परीक्षा केंद्र अधीक्षक व दो केंद्र सुपरवाइजर को सस्पेंड किया जा चुका है। परीक्षा केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस बल और ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त डीसी ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर नकल की घटनाओं को लेकर अतिरिक्त पुलिस बल, इनविजिलेटर, ड्यूटी मजिस्ट्रेट व नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं। परीक्षा केंद्रों के अंदर की व्यवस्था शिक्षा विभाग और बाहरी दखल को रोकने के लिए पुलिस व ड्यूटी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी तय की गई है। अगर कोई भी अवांछनीय व्यक्ति परीक्षा केंद्र की दीवार अथवा 500 मीटर के दायरे में मिला, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी इस तरह का व्यक्ति मिला उसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों से भी यह आग्रह किया गया है कि वह अपने गांवों के परीक्षा केंद्रों पर किसी भी तरह की नकल न होने दें और परीक्षा के दौरान बाहरी हस्तक्षेप को रोकें। अगर इसके बावजूद भी कोई लापरवाही मिलती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। डीसी व एसपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से ली बैठक उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा और एसपी विजय प्रताप सिंह व जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने जिला नूंह में बने सभी परीक्षा केंद्रों पर बोर्ड परीक्षाओं को नकल रहित व शांतिपूर्वक ढंग से करवाने के उद्देश्य से जिले के सभी केंद्र अधीक्षक की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। उपायुक्त ने केंद्र अधीक्षकों को निर्देश दिए कि सभी चीफ सुपरिटेंडेंट अपने विद्यालयों में बने परीक्षा केंद्रों को पूरी तरह दुरुस्त कर लें। किसी भी प्रकार की कोई संस्थागत सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। ये सभी का पहला दायित्व है। चीफ केंद्र अधीक्षक खुद अपने स्कूल में अच्छे से व्यवस्था को संभाले और अपने अनुसार पंचायत, एसएमसी का नकल रोकने के लिए सहयोग लिया जाए। 2 सुपरवाइजर और 1 सुपरिटेंडेंट निलंबित स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के महानिदेशक की ओर से 27 फरवरी को हुए कक्षा बारहवीं के अंग्रेजी के पेपर लीक के मामले में टपकन परीक्षा केंद्र से राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल खोर बसई जिला नूंह में पीजीटी हिंदी पद पर कार्यरत संजीव कुमार , वहीं जिला मौलिक अधिकारी नूंह द्वारा रकमुद्दीन जेबीटी अध्यापक राजकीय प्राथमिक पाठशाला रिठाला और शौकत अली को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। रकमुद्दीन और शौकत अली जो टपकन परीक्षा केंद्र पर सुपरवाइजर के पद पर कार्य कर रहे थे। वहीं संजीव कुमार इस परीक्षा केंद्र पर बतौर सुपरिंटेंडेंट कार्यरत थे। संजीव कुमार की शिकायत पर रकमुद्दीन और शौकत अली के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है, जो पुलिस द्वारा जुडिशल भेज दिए गए हैं।

करनाल निकाय चुनाव के दौरान भिड़त का मामला:एक पक्ष से पूर्व पार्षद युद्धवीर सैनी का नाम आया सामने, पूर्व सीएम के रह चुके खास, विधानसभा चुनाव में छोड़ी थी पार्टी

करनाल निकाय चुनाव के दौरान भिड़त का मामला:एक पक्ष से पूर्व पार्षद युद्धवीर सैनी का नाम आया सामने, पूर्व सीएम के रह चुके खास, विधानसभा चुनाव में छोड़ी थी पार्टी हरियाणा के करनाल में रविवार को निकाय चुनाव की वोटिंग के दौरान वार्ड नंबर 15 में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हो गई थी। जुंडला गेट के पास एक स्कूल में बने मतदान केंद्र के बाहर लात-घूंसे चले, जिससे सड़क पर अफरातफरी मच गई। झगड़ा होते देख आसपास के लोग वहां जमा हो गए और कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें तक बंद कर दीं। झगड़े की वजह बूथ के बाहर चुनाव प्रचार को माना जा रहा है। इसी वार्ड से भाजपा से पूर्व पार्षद रहे युद्धवीर सैनी की पत्नी चुनाव लड़ रही है और युद्धवीर सैनी पहले भाजपा में थे और पूर्व सीएम मनोहर लाल के खास थे। बूथ के बाहर चुनाव प्रचार को लेकर हुआ विवाद इस बार वार्ड नंबर 15 महिलाओं के लिए आरक्षित सीट है, जहां से आजाद उम्मीदवार नेहा अंशुल लाठर और पूर्व पार्षद युद्धवीर सैनी की पत्नी प्रियंका मैदान में थीं। आरोप है कि युद्धवीर सैनी अपनी पत्नी के साथ बूथ के पास पहुंचे और वहां खड़े लोगों से अपने चुनाव चिह्न पर वोट डालने की अपील करने लगे।इसी दौरान अंशुल लाठर के किसी रिश्तेदार ने उन्हें देख लिया और इस बात की जानकारी अंशुल लाठर को दी। इसके बाद अंशुल भी वहां पहुंच गए। बूथ परिसर के अंदर हुई नोकझोंक, बाहर निकलते ही भिड़े समर्थक ​​​​​​​बूथ परिसर के अंदर दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, लेकिन वहां मौजूद पुलिस के कारण मामला ज्यादा नहीं बिगड़ा। पुलिस ने दोनों को बूथ से बाहर निकाल दिया, लेकिन स्कूल से बाहर आते ही दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और हाथापाई शुरू हो गई। देखते ही देखते मामला बढ़ गया और दोनों ओर से लात-घूंसे चलने लगे। कौन है युद्धवीर सैनी, क्या है राजनीतिक बैकग्राउंड ​​​​​​​युद्धवीर सैनी पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में थे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते थे। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की लहर देखते हुए उन्होंने भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि, कांग्रेस में भी उन्हें वार्ड पार्षद का टिकट नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस से दूरी बना ली और अपनी पत्नी प्रियंका को वार्ड 15 से पार्षद पद के लिए चुनाव में उतार दिया। पुलिस ने शुरू की जांच, अब तक नहीं मिली कोई शिकायत ​​​​​​​इस घटना को लेकर जब सिटी थाना के एसएचओ प्रवीण कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मामला एसपी गंगाराम पूनिया तक पहुंचने के बाद एसएचओ ने बताया कि पुलिस को इस घटना की जानकारी वायरल वीडियो के जरिए मिली है। अब तक किसी भी पक्ष ने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि हंगामा किस कारण हुआ और कौन इसमें शामिल था।