जींद में 6वीं से 8वीं के एग्जाम आज से:29 हजार विद्यार्थी देंगे परीक्षा; पेपर छपने में देरी के कारण बदली थी डेटशीट

जींद में 6वीं से 8वीं के एग्जाम आज से:29 हजार विद्यार्थी देंगे परीक्षा; पेपर छपने में देरी के कारण बदली थी डेटशीट जींद जिले के सरकारी स्कूलों में 6वीं से 8वीं कक्षा तक की वार्षिक परीक्षाएं आज से शुरू हो रही हैं। तीनों कक्षाओं में 29 हजार से ज्यादा विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। 6वीं कक्षा में 9 हजार 207, 7वीं कक्षा में 9 हजार 544 और 8वीं कक्षा में 10 हजार 425 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। पहले जारी शेड्यूल के अनुसार 10 मार्च से परीक्षा शुरू होनी थी। लेकिन प्रश्न पत्र छपने में देरी के कारण डेटशीट में बदलाव किया गया था। पहले 10 मार्च को 6वीं कक्षा की गणित, 7वीं कक्षा की विज्ञान और 8वीं कक्षा की अंग्रेजी विषय की परीक्षा होनी थी। अब तीनों कक्षाओं की इन विषयों की परीक्षा 25 मार्च को होगी। 6वीं कक्षा का आज हिंदी, 17 मार्च को विज्ञान, 19 मार्च को अंग्रेजी, 21 मार्च को सामाजिक विज्ञान, 22 मार्च को संस्कृत, पंजाबी व उर्दू, 24 मार्च को ड्राइंग, गृह विज्ञान, संगीत और 25 मार्च को गणित विषय का एग्जाम होगा। 25 मार्च तक चलेंगी परीक्षाएं 7वीं कक्षा की आज गणित, 17 मार्च को सामाजिक विज्ञान, 19 मार्च को हिंदी, 21 मार्च को अंग्रेजी, 22 मार्च को ड्राइंग, गृह विज्ञान, संगीत विषय, 24 मार्च को संस्कृत, पंजाबी, उर्दू और 25 मार्च को विज्ञान विषय की परीक्षा होगी। 8वीं कक्षा की आज विज्ञान, 17 मार्च को गणित, 19 मार्च को सामाजिक विज्ञान, 21 मार्च को हिंदी, 22 मार्च को ड्राइंग, गृह विज्ञान, संगीत विषय, 24 मार्च को संस्कृत, पंजाबी, उर्दू और 25 मार्च को अंग्रेजी विषय की परीक्षा होगी। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डा. सुभाष वर्मा ने बताया कि सरकारी स्कूलों में कक्षा 6वीं से 8वीं तक की परीक्षा आज शुरू होंगी। एफएलएन के तहत विद्यार्थियों को खेल-खेल में बेहतर शिक्षा दी गई है। इससे विद्यार्थियों की विषय पर अच्छी पकड़ बने। विद्यार्थी अच्छी तैयारी करके परीक्षा देने पहुंचें, ताकि परिणाम बेहतर मिले।

नूंह के किसानों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा:विधायक बोले-सीएम के आश्वासन पर मांगें नहीं हुई पूरी; टिकैत ने दी कड़ा फैसला लेने की चेतावनी

नूंह के किसानों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा:विधायक बोले-सीएम के आश्वासन पर मांगें नहीं हुई पूरी; टिकैत ने दी कड़ा फैसला लेने की चेतावनी नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने 9 गांवों के किसानों की मांगे पूरी करने और पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि आईएमटी रोजकामेव में 9 गांवों के किसान कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन सीएम के आश्वासन पर मांगे पूरी नहीं हुई हैं। इसके साथ ही किसानों की गिरफ्तारी को लेकर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कड़ी निंदा करते हुए कड़ा फैसला लेने की बात कही है। वहीं किसान भी आगामी 17 मार्च को एक पंचायत कर कुछ बड़े फैसले लेने की बात कह रहे हैं। विधायक आफताब अहमद ने विधानसभा में उठाया मुद्दा हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन धरने पर बैठे किसानों का मुद्दा विधायक आफताब अहमद ने विधानसभा में उठाया। विधायक ने कहा कि आईएमटी रोजकामेव में कई वर्षों से किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को चुनावों के समय मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगे पूरी की जाएगी। लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं की गई है। विधायक ने बताया कि रमजान के पवित्र महीने में किसानों की गिरफ्तारी की गई है, जो बहुत ही गलत है। सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए। 25 फरवरी 2024 से धरने पर बैठे हैं किसान आईएमटी रोजकामेव भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर 25 फरवरी 2024 से किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। कई बार एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे। लेकिन किसानों ने 1 साल से कोई काम नहीं होने दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ किसानों की कुछ बातें भी हुई, लेकिन उन बातों से कोई समाधान नहीं निकला। बीते सोमवार को जब एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी आईएमटी में काम करने के लिए पहुंचे, तो किसानों ने जेसीबी मशीनों पर चढ़कर कार्य को रुकवा दिया। कर्मचारियों को वहां से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। दूसरे दिन एचएसआईआईडीसी के कर्मचारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और काम को चालू कराया गया। जब किसानों ने फिर से काम रोकना चाहा, तो पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें 54 महिलाएं और 53 पुरुष किसान शामिल थे। मंगलवार को आईएमटी रोजकामेव में जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे 9 गांवों के किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस मौके से सभी किसानों को हरियाणा रोडवेज की 4 बसों में थाने ले आई और उनके खिलाफ की दर्ज कर लिया गया। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने दी चेतावनी किसानों के गिरफ्तार होने के बाद बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि “BKU के नेतृत्व में नूंह के IMT में बकाया मुआवजे के लिए चल रहे धरने पर पुलिस फोर्स लगाकर जबरदस्ती काम करने का किसानों ने विरोध किया, तो रोजे के पवित्र महीने में 300 महिलाओं और किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर दिया। पुलिस तत्काल गिरफ्तार किए गए किसानों और महिलाओं को रिहा करें अन्यथा कड़ा फैसला लिया जाएगा।” किसानों ने कहा 17 मार्च को लेंगे बड़ा फैसला धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि मंगलवार को आईएमटी में चल रहे कार्य को किसानों द्वारा बंद कर दिया गया था। जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन किसान ना डरेंगे और ना हटेंगे। आगामी 17 मार्च को एक बड़ी महापंचायत की जाएगी। जिसमें कई बड़े किसान नेता शामिल होंगे। 17 मार्च को ही बड़ा फैसला लिया जाएगा। जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक किसी भी कीमत पर आईएमटी में काम नहीं होने दिया जाएगा। 2010 में हुई थी किसानों की भूमि अधिग्रहण आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं, तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके। इस दौरान सरकार ने सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। इसी के चलते किसान धीरदूका गांव में 29 फरवरी 2024 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।

हरियाणा निकाय चुनाव, 10 रोचक मामले:3 कैंडिडेट 1 वोट से जीते; एक ने खुद को भी वोट नहीं डाला; मंत्री के जीजा पार्षद बने

हरियाणा निकाय चुनाव, 10 रोचक मामले:3 कैंडिडेट 1 वोट से जीते; एक ने खुद को भी वोट नहीं डाला; मंत्री के जीजा पार्षद बने हरियाणा निकाय चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। 10 नगर निगमों में से 9 पर भाजपा ने जीत हासिल की, जबकि 1 पर निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया। इन नतीजों में कुछ रोचक और चौंकाने वाले पहलू रहे। 3 पार्षद कैंडिडेट मात्र एक वोट से चुनाव जीते। वहीं एक मंत्री के जीजा तो दूसरे मंत्री के पीए की पत्नी पार्षद बनीं। इसके साथ एक ही परिवार के तीन सदस्य पार्षद बने। वहीं एक जगह कांग्रेस की हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने गोभी के पकौड़े बांटकर जश्न मनाया। अब विस्तार से पढ़िए 10 रोचक मामले… 1. कैथल: सीवन में 1 वोट से जीत
कैथल की सीवन नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 में बेअंत कौर मात्र 1 वोट से जीतीं। उनको 173 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी रवि कुमार को 172 वोट मिले। हालांकि उनके साथ 2 और कैंडिडेट मैदान थे, जो 100 वोटों तक भी नहीं पहुंच पाए। 2. सोनीपत: संजय महज 1 वोट से जीते, 12वां चुनाव हारे रमेश खत्री
खरखौदा नगर पालिका में सबसे रोमांचक मुकाबला वार्ड नंबर 9 में देखने को मिला। जहां संजय पंवार ने सिर्फ 1 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें 484 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी संदीप को 483 वोट मिले। वहीं सोनीपत में मेयर उपचुनाव में निर्दलीय रमेश खत्री को सिर्फ 342 ही वोट मिले। यहां से BJP के राजीव जैन को जीत मिली है। रमेश के मुताबिक अभी तक वह करीब 12 चुनाव लड़ चुके हैं। नगर निगम चुनाव से लेकर विधानसभा और लोकसभा का चुनाव हर बार लड़ते हैं। हर बार उनको हार मिलती है। खत्री ने बताया कि ये चुनाव उनका 12वां चुनाव था। 3. भिवानी: पार्षद उम्मीदवार को जीरो वोट, एक वोट से जीता पार्षद
भिवानी की बवानीखेड़ा नगर पालिका के वार्ड नंबर 9 में रोचक मामला सामने आया। जहां कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे। कुल 564 वोट पोल हुए। इनमें निर्दलीय सुमित्रा देवी सबसे ज्यादा 193 वोट लेकर पार्षद बनी। इसी वार्ड में उम्मीदवार कृष्ण कुमार को एक भी वोट नहीं मिला। जिससे साफ है कि कृष्ण कुमार ने खुद को भी वोट नहीं डाला। वहीं यहां से एक और उम्मीदवार निशा को एक ही वोट ही मिला। उधर, लोहारू के वार्ड नंबर 13 में कांटे का मुकाबला रहा। जहां सिर्फ एक वोट से हार-जीत का फैसला हुआ। 761 वोट पोल हुए थे। जिनमें से जीते उम्मीदवार अजय शर्मा को 271 और दूसरे स्थान पर रहने वाले सुशील कुमार को 270 वोट मिले। जबकि तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार रिक्की को 193 वोट पड़े। यहां 17 लोगों ने नोटा दबाया। 4. हिसार: BJP की कैंडिडेट 14 वोट से जीती, पूर्व मंत्री को चप्पल मरवाने वाला हारा
हिसार के वार्ड नंबर 10 में BJP की कैंडिडेट साक्षी शर्मा ने सबसे छोटी जीत हासिल की है। साक्षी महज 14 वोट से चुनाव जीतीं। उन्होंने कांग्रेस नेता बीर सिंह ख्यालिया की पत्नी कविता को हराया। साक्षी को 2149 वोट और कविता ख्यालिया को 2135 वोट मिले। इसी वार्ड से एक और कविता मैदान में थी, जिन्हें 1268 वोट मिले। वहीं हिसार से पूर्व मंत्री कमल गुप्ता को जनसभा के बीच चप्पल मरवाने वाला BJP का ही कैंडिडेट राजेंद्र सैनी चुनाव हार गया। राजेंद्र सैनी जिंदल हाउस के कोटे से टिकट लाए थे। इन पर भाजपा के नेता ने आरोप लगाया था कि इनके समर्थक ने कमल गुप्ता पर चप्पल फेंकी थी। वार्ड नंबर 8 से निर्दलीय रवि सैनी जमालपुरिया ने 2792 वोट से राजेंद्र सैनी को हरा दिया। 5. पानीपत: मंत्री पंवार के जीजा और ढांडा के पीए की पत्नी पार्षद बनीं
पानीपत निगम के 26 वार्डों में से 23 पर भाजपा कमल खिलाने में कामयाब रही है। यहां वार्ड नंबर 7 से पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार के जीजा अशोक कटारिया तीसरी बार जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के भोपाल सिंह को हरा दिया। उन्हें कुल 4950 वोट मिले जबकि भोपाल सिंह को 1961 वोट ही मिल पाए। इसके साथ ही वार्ड नंबर 2 से भी एक रोचक मामला सामने आया। यहां से भाजपा ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के PA अनिल शर्मा की पत्नी काजल शर्मा को टिकट दी थी। काजल शर्मा पहली बार चुनाव लड़ रही थी, लेकिन उन्हें 7062 वोट मिले। इस तरह वह पहली ही बार चुनाव लड़ पार्षद बन गईं। 6. झज्जर: 2 वार्डों से दंपती ने चुनाव लड़ा, दोनों जीते
बेरी नगर पालिका में 2 वार्डों से पति और पत्नी ने चुनाव लड़ा। दोनों ने ही बाजी मारकर सबको चौंका दिया है। प्रवीण कुमार ने वार्ड नंबर 8 से नॉमिनेशन फॉर्म भरा था। जबकि उन्होंने पत्नी का वार्ड 10 से ऊषा का नामांकन भरवाया था। दोनों को जीत मिली। प्रवीण कुमार की ये लगातार तीसरी जीत रही। 7. सिरसा: कांग्रेस की हार पर कांग्रेसियों ने ही गोभी के पकौड़े बांटे
सिरसा नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही खुशी मनाई। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गोभी के पकौड़े बांट खुशी मनाई। बाकायदा हलवाई बिठाकर गोभी के गर्मागर्म पकौड़े बनवाए गए। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को पार्टी की गोभी खोदने वाला बताया था। इसके बाद से स्थानीय कांग्रेसी नेता नाराज रहे और चुनाव प्रचार में नजर नहीं आए। अंदरखाते कांग्रेस उम्मीदवार जसविंदर कौर की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र कुमार की भी मदद की। 8. फरीदाबाद: एक ही परिवार के 3 सदस्य पार्षद बने
फरीदाबाद में एक ही परिवार के 3 सदस्य पार्षद चुनाव जीत गए। इनमें वार्ड 42 से दीपक यादव, वार्ड 43 से उनकी पत्नी रश्मि यादव और वार्ड 40 से उनके भाई पवन यादव को जीत मिली। तीनों ने ही निर्दलीय चुनाव लड़ा था। दीपक 5614 वोट, रश्मि को 9931 और पवन को 6189 वोट मिले। तीनों को एक ही चुनाव चिन्ह हवाई जहाज मिला था। 9. गुरुग्राम: 4 बार काउंटिंग कराई, 2 वोट से जीता उम्मीदवार
गुरुग्राम नगर निगम के वार्ड 10 से निर्दलीय उम्मीदवार महावीर यादव ने 2 वोटों से जीत दर्ज की है। इस वार्ड में 4 बार काउंटिंग कराई गई। जिसको लेकर हंगामा भी हुआ। महावीर ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए बार-बार गिनती करवाई। इसकी साथ मेयर चुनाव में 15911 लोगों ने नोटा दबाया। वहीं कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी सीमा पाहुजा 1,79,485 वोटों से हार गई। यहीं नहीं उनके पति भी पार्षद चुनाव हार गए। उनके पति पवन पाहुजा वार्ड 32 से पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे। वह 3595 वोटों से हार गए। 10. महेंद्रगढ़: बहू 566 तो ससुर 100 वोटों से जीते
महेंद्रगढ़ जिले की कनीना नगर पालिका में अध्यक्ष और वार्ड पार्षदों का चुनाव हुआ। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर रिंपी कुमारी चेयरपर्सन चुनी गईं हैं। रोचक बात ये है कि इस बार रिंकी के परिवार से उनके ससुर भी चुनावी मैदान में थे। वार्ड नंबर 14 से रिंपी के ससुर राजेंद्र सिंह पार्षद का चुनाव लड़ रहे थे। वह मात्र 100 वोटों से चुनाव जीते हैं। जबकि रिंपी 566 वोटों के अंतर से जीतीं। रिंपी को 3138 वोट मिले, जबकि सुमन चौधरी को 2572 वोट मिले। उधर, वार्ड 14 से राजेंद्र को 324 वोट मिले, जबकि अनूप यादव को 224 वोट प्राप्त हुए। बहू हारी, बेटा 35 वोटों से जीता
राजेंद्र के परिवार से 2 लोग चुनावी मैदान में उतरे और दोनों को ही जीत मिल गई। हालांकि ऐसा पूर्व चेयरपर्सन दिलीप सिंह के परिवार के साथ नहीं हुआ। इस बार पूर्व चेयरपर्सन ने अपनी बहू सुमन चौधरी को मैदान में उतारा था और अपने बेटे दीपक को वार्ड नंबर 2 से चुनाव लड़वाया था। दीपक वार्ड नंबर 2 से मात्र 35 वोटों से जीते, जबकि उनकी बहू सुमन चौधरी को रिंपी से हार का सामना करना पड़ा। किस नगर निगम में कौन मेयर चुनाव जीता, ग्राफिक्स में देखिए ———————– हरियाणा निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा में BJP ने 10 में से 9 निगम जीते:कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला, हुड्‌डा-सैलजा गढ़ नहीं बचा सके, मानेसर में निर्दलीय मेयर हरियाणा के 10 नगर निगमों में से 9 में भाजपा ने जीत दर्ज की है। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीतीं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुंदर लाल को हराया। इंद्रजीत यादव ने खुद को केंद्रीय राज्यमंत्री व गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत की करीबी बताकर प्रचार किया था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा चला:BJP ने 2 नए निगम भी जीते, कांग्रेस का सूपड़ा साफ; दोनों की हार-जीत की 4-4 वजहें हरियाणा में 8 नगर निगमों में चुनाव और 2 में उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 9 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, यमुनानगर और सोनीपत में भाजपा जीत चुकी है। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में भी मेयर की कुर्सी जीत ली। पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। पढ़ें पूरी खबर

हरियाणा में मेयर-पार्षदों का मानदेय बढ़ सकता है:सरकार बजट में कर सकती है प्रावधान; 25 से 30% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव

हरियाणा में मेयर-पार्षदों का मानदेय बढ़ सकता है:सरकार बजट में कर सकती है प्रावधान; 25 से 30% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव हरियाणा सरकार मेयरों और पार्षदों के मानदेय में 25 से 30% की बढ़ोतरी कर सकती है। नायब सैनी सरकार के पिछले टर्म में इस पर प्रस्ताव लाया गया था, मगर सिरे नहीं चढ़ पाया था। अब सरकार चुनावी नतीजों से उत्साहित होकर बजट में इसके लिए प्रावधान कर सकती है। इसके अलावा पार्षदों और मेयरों को अपने वार्ड व एरिया में काम करवाने के लिए अनुदान राशि मिल सकती है। पार्षद और मेयर काफी समय से इसकी मांग भी करते आ रहे हैं। इतना ही नहीं, मेयर को अफसरों की ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) लिखने की पावर बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है। अभी मेयर सिर्फ अफसरों की ACR पर कमेंट ही दे सकते हैं, मगर मेयर इससे खुश नहीं हैं। वह चाहते हैं कि कमिश्नर लेवल तक के अफसरों सहित निगम के अफसरों की ACR लिखने की फुल पावर उन्हें दी जाए। इस पर भी सरकार विचार कर सकती है। पहले मेयर को 20,500 रुपए मिलते थे
मनोहर लाल सरकार ने करीब एक साल पहले मानदेय बढ़ाया था। मगर, मेयर और पार्षद इस मानदेय बढ़ोतरी से खुश नहीं थे। वे चाहते थे कि मानदेय में और बढ़ोतरी हो। इससे पहले मेयर को 20,500 रुपए मासिक मानदेय मिलता था। इसी प्रकार, सीनियर डिप्टी मेयर का मानदेय 16,500 रुपए, डिप्टी मेयर का मानदेय 13,000 रुपए और पार्षदों का मानदेय 10,500 रुपए था। हिसार में सीएम कर चुके घोषणा
विधानसभा चुनाव से पहले निकाय प्रतिनिधियों को तोहफा देने के लिए हिसार में राज्य स्तरीय निकाय जनप्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में मानदेय छोड़कर अन्य कार्यों के लिए प्रतिनिधियों को कई तरह के तोहफे देने की घोषणा की गई थी। मानदेय के मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर फैसला लेने की बात कही थी, मगर इसके बाद आचार संहिता लग गई और बाद में सरकार इस पर फैसला नहीं ले पाई। ऐसे में अब आस जगी है कि सरकार इस पर कोई फैसला ले सकती है। मानदेय बढ़ाने की ये 2 वजहें… 1. शहरों में गांवों के मुकाबले कोर वोटर ज्यादा
हरियाणा में भाजपा का कोर वोटर गांवों के मुकाबले शहरों में अधिक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को शहरों में गांवों के मुकाबले ज्यादा वोट पड़ा था। यही वजह है कि शहरों के इस कोर वोटर को भाजपा और मजबूत करना चाहती है। निकाय चुनाव में भी शहरी वोटरों ने भाजपा को एकतरफा वोट दिए। 2. हरियाणा में सरकार को मिलेगी मजबूती
हरियाणा में भाजपा ट्रिपल इंजन की सरकार का नारा देकर निकाय चुनाव जीती है। नीचे तक विकास हो, इसके लिए सरकार निकायों को आत्मनिर्भर बनाने जैसे फैसले तो लेगी ही, साथ ही मेयरों और पार्षदों का अनुदान फिक्स कर छोटे-मोटे कार्य करवाने की पावर दे सकती है। इससे हर कार्य के लिए टेंडर की निर्भरता कम होगी और जल्दी विकास कार्य हो सकेंगे। *********** निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा में BJP ने 10 में से 9 निगम जीते:कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला, हुड्‌डा-सैलजा गढ़ नहीं बचा सके, मानेसर में निर्दलीय मेयर हरियाणा के 10 नगर निगमों में से 9 में भाजपा ने जीत दर्ज की है। मानेसर नगर निगम में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीतीं। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुंदर लाल को हराया। इंद्रजीत यादव ने खुद को केंद्रीय राज्यमंत्री व गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत की करीबी बताकर प्रचार किया था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ का नारा चला:BJP ने 2 नए निगम भी जीते, कांग्रेस का सूपड़ा साफ; दोनों की हार-जीत की 4-4 वजहें हरियाणा में 8 नगर निगमों में चुनाव और 2 में उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 9 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, यमुनानगर और सोनीपत में भाजपा जीत चुकी है। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में भी मेयर की कुर्सी जीत ली। पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। पढ़ें पूरी खबर

करनाल में रंजिश के तहत चलाई परिवार पर गोलियां:काले रंग की स्कॉर्पियो में आए हमलावरों ने बरसाई गोलियां, पत्नी की मौत, पिता- बेटा गंभीर

करनाल में रंजिश के तहत चलाई परिवार पर गोलियां:काले रंग की स्कॉर्पियो में आए हमलावरों ने बरसाई गोलियां, पत्नी की मौत, पिता- बेटा गंभीर हरियाणा में करनाल के असंध के पास गांव मानपुरा में बुधवार रात बदमाशों ने एक घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में पति, पत्नी और बेटे को गोलियां लगीं, जिसमें पत्नी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पिता और बेटा गंभीर रूप से घायल हैं और उनका करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि हमलावर काले रंग की स्कॉर्पियो में सवार होकर आए थे और घर में घुसते ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। रात के खाने की तैयारी कर रहा था परिवार, तभी घर में घुसे हमलावर गांव मानपुरा निवासी 55 वर्षीय दलबीर, 48 वर्षीय सुमित्रा और 25 वर्षीय सचिन (अविवाहित) बुधवार रात करीब 7:30 बजे घर के अंदर मौजूद थे। रात के खाने की तैयारी चल रही थी, तभी अचानक घर के बाहर काले रंग की स्कॉर्पियो आकर रुकी। कुछ ही सेकंड में उसमें से 5-6 हथियारबंद बदमाश उतरे और सीधे घर में घुस गए। इससे पहले कि दलबीर कुछ समझ पाते, बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। 8-9 राउंड फायरिंग, गोलियों की आवाज से दहशत में आया गांव ​​​​​​​गोलियों की आवाज से पूरा इलाका दहल उठा। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने करीब 8-9 राउंड फायर किए। इस हमले में दलबीर, उसकी पत्नी सुमित्रा और बेटा सचिन बुरी तरह घायल हो गए। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।आसपास के लोग फायरिंग की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे तो परिवार को लहूलुहान हालत में पाया। आनन-फानन में डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही मिनटों में पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से घायलों को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। इलाज के दौरान सुमित्रा की मौत, सचिन और दलबीर की हालत गंभीर
अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने सुमित्रा को मृत घोषित कर दिया। सचिन और दलबीर की हालत गंभीर बनी हुई है। फायरिंग में सचिन के प्राइवेट पार्ट, छाती और बाजू में गोलियां लगी हैं, जबकि दलबीर की तीन उंगलियां कट गईं, बाजू और सिर पर भी तीन-तीन कट मिले हैं। एक साल पुरानी रंजिश बनी हमले की वजह
पुलिस जांच में सामने आया है कि दलबीर के परिवार और आरोपियों के बीच एक साल पुरानी रंजिश चल रही थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक साल पहले सचिन ने किसी जगह बुलेट के पटाखे बजाए थे, जिससे आरोपियों के परिवार के बुजुर्ग को दिक्कत हुई थी। उस वक्त सचिन को समझाया गया था, लेकिन इसके बाद से ही दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ था। इसी रंजिश के चलते बुधवार को हमला किया गया। एफएसएल टीम ने जुटाए सबूत, पुलिस कर रही जांच ​​​​​​​मुनक थाना प्रभारी राजपाल ने बताया कि सुमित्रा की मौत हो चुकी है, जबकि सचिन और दलबीर गंभीर रूप से घायल हैं। मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों की तलाश के लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। फिलहाल घायलों की हालत ऐसी नहीं है कि वे बयान दे सकें, उनके बयान के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा बजट सत्र का आज पांचवा दिन:सदन में नौकरी की पर्ची, अटैची कांड गूंजा; MLA गौतम मंत्री और हुड्‌डा से भिड़ चुके

हरियाणा बजट सत्र का आज पांचवा दिन:सदन में नौकरी की पर्ची, अटैची कांड गूंजा; MLA गौतम मंत्री और हुड्‌डा से भिड़ चुके हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का आज गुरुवार (13 मार्च) को 5वां दिन है। सदन की कार्यवाही सुबह 10 बजे शुरू होगी। पहले प्रश्नकाल होगा, जिसमें विधायक मंत्रियों से सवाल पूछेंगे। उसके बाद गवर्नर के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इसके बाद 14 से 16 मार्च तक होली के चलते कार्यवाही स्थगित रहेगी। सोमवार (17 मार्च) को CM नायब सैनी बतौर वित्तमंत्री अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगे। पिछले 3 दिन सदन में खूब हंगामा चला। कांग्रेस विधायकों के सवालों पर मंत्रियों से उनका टकराव हो रहा है। वहीं भाजपा के विधायक भी अपनी ही सरकार के मंत्री से भिड़ चुके हैं। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, विधानसभा में पिछले 3 दिन क्या हुआ… 12 मार्च: नौकरी की पर्ची, अटैची कांड, स्कूलों में नकल, खिलाड़ियों की डाइट का मामला गूंजा
गुरुवार को सदन में BJP विधायक राम कुमार गौतम ने कह दिया कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर की सरकार में सूबे में मेरिट से नौकरी मिलनी शुरू हुई। मैंने भी हुड्‌डा साहब को पर्ची दे रखी है। इस पर तुरंत पूर्व सीएम हुड्‌डा ने कहा, मेरी बात कर रहा है, अपनी बात क्यों नहीं कर रहा। याद है ना, HPSC में अटैची कांड आपकी सरकार में हुआ। इसे लेकर सदन में हंगामा हुआ। वहीं कांग्रेस MLA मामन खान ने बोर्ड एग्जाम को लेकर कहा- किसी ने ये नहीं सोचा कि स्कूलों में नकल क्यों हो रही है। स्कूलों में सिलेबस ही पूरा नहीं हो पाता है। मेरे मेवात में स्कूली शिक्षा का बुरा हाल है, स्कूलों में साढ़े चार हजार शिक्षकों की कमी है, लेकिन सरकार इसको दूर नहीं करती है। बच्चे मजबूरी में नकल करने को मजबूर हैं। कांग्रेस MLA विनेश फोगाट ने कहा- सरकार 10 साल में खिलाड़ियों को 500 करोड़ से अधिक देने का दावा कर रही है, ये आंकड़े गलत हैं। उल्टा 20 साल पहले खिलाड़ियों को डाइट के जो 1500 रुपए मिलते थे, आज भी वही पैसा मिलता है, जबकि महंगाई इतनी बढ़ चुकी है। इसी दौरान CM ने प्रदेश में शामलात जमीनों पर वक्फ बोर्ड के कब्जे की भी जांच का भरोसा दिया। 11 मार्च: महिलाओं को 2100 रुपए पर हंगामा, गोहाना की जलेबी पर मंत्री-MLA भिड़े
बुधवार को मुलाना से MLA पूजा चौधरी ने पूछा कि सरकार महिलाओं को 2100 रुपए कब से दे रही है। इस पर मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि ये योजना विचाराधीन है। इस पर पूजा उखड़ गईं, उन्होंने कहा कि अपने संकल्प को भाजपा योजना बता रही है। मुझे तारीख बताओ कि कब से रुपए मिलने लगेंगे। इस पर मंत्री कृष्ण बेदी गुस्सा गए और कहा कि पहले वह बताएं कि हिमाचल, तेलंगाना सरीखे जिन राज्यों में कांग्रेस सरकार हैं, वहां राहुल गांधी के कहे मुताबिक खटाखट मिले क्या? इसी दिन कांग्रेस MLA विनेश फोगाट ने जुलाना में गर्ल्स कॉलेज की मांग की। इस पर CM नायब सैनी ने कहा कि 1 किमी पर इंटर कॉलेज है। वहां सीटें खाली पड़ी हैं। पहले इन्हें भरने में मदद कराइए। उसके बाद जो जरूरत होगी, उसे पूरी करेंगे। कार्यवाही के आखिरी वक्त में भाजपा के सफीदों से MLA रामकुमार गौतम और मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भिड़ गए। शर्मा ने गोहाना की जलेबी की तारीफ की तो गौतम ने कहा कि उसमें शुद्धता नहीं है। वह घी नहीं डालडा में बनती है। इस पर मंत्री ने तंज कसते हुए कहा- ”ये पता नहीं किस किस दुकान पर चले जाते हैं। ये जलेबी मुख्यमंत्री ने उतारी थीं। इनके बारे में कई चर्चाएं हो रही हैं, ये तो शर्त में 10 किलो गोबर तक पी गए थे। इस पर गौतम इतने उखड़े कि उन्होंने कह डाला कि डॉक्टर(मंत्री) ने न जाने कितने लोगों के पैसे मार लिए। मेरे रिश्तेदार से भी 10 लाख लिए और फिर लौटाए नहीं। 10 मार्च: 3 मंत्री कांग्रेस विधायकों से भिड़े, हुड्‌डा-CM बीच में आए, गैंगरेप केस पर भी हंगामा मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो रोहतक से कांग्रेस MLA बीबी बत्रा ने कहा कि तालाब पर माफिया ने कब्जा कर लिया है। मंत्री महिपाल ढांडा ने सफाई दी तो भूपेंद्र हुड्‌डा ने कहा कि सही जवाब दो, गुमराह मत करो। इस पर CM सैनी ने कहा कि ये वक्फ बोर्ड की जमीन है। जिसका किसानों साथ पट्‌टा होता है, कोई कब्जा नहीं। रघवीर कादियान ने सदन में हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन बड़ौली से जुड़ा गैंगरेप केस उठाया तो भाजपा ने हंगामा कर दिया। तल्खी इतनी बढ़ी कि मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि कृष्ण हुड्‌डा आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन कांग्रेस नेता का भतीजा MLA हॉस्टल में ड्रग्स बेचते पकड़ा था। इस पर हुड्‌डा ने टोका कि जो सदन में नहीं, उस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। ********************** बजट से जुड़ी ये खबरे भी पढ़ें… हरियाणा बजट सत्र, कांग्रेस MLA बिना नेता प्रतिपक्ष शामिल हुए, गवर्नर ने 10 बड़ी उपलब्धियां गिनाईं हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र-2025-26 आज (7 मार्च) से शुरू हो गया है। पहले दिन गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय का अभिभाषण हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद गरीबों का उत्थान करना है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से किसानों और खिलाड़ियों को मिले सम्मान और मदद के बारे में बताया। गवर्नर ने सरकार के आगे के कामों के बारे में बताते हुए विधायकों से सदन के समय का सदुपयोग करने के लिए कहा। (पढ़ें पूरी खबर) हरियाणा विधानसभा में गैंगरेप-माफिया पर हंगामा, 3 मंत्री कांग्रेसी विधायकों से भिड़े हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन खूब हंगामा हुआ। मंत्री कृष्ण बेदी कांग्रेस के सीनियर विधायक रघुवीर कादियान से भिड़ गए। जिसके बाद भूपेंद्र हुड्‌डा को बीच में आना पड़ा। वहीं मंत्री महिपाल ढांडा का रोहतक से कांग्रेस MLA बीबी बत्रा से टकराव हो गया। इससे पहले CM नायब सैनी ने भी बत्रा के दावों पर सवाल खड़े किए। मंत्री विपुल गोयल और कांग्रेस MLA आफताब अहमद में भी खूब बहस हुई। (पढ़ें पूरी खबर) हरियाणा विधानसभा में CM-विनेश फोगाट आमने-सामने, MLA बोलीं- महिलाओं को ₹2100 देने की तारीख बताओ हरियाणा में मंगलवार को बजट सत्र के तीसरे दिन लाडो लक्ष्मी योजना और गोहाना की जलेबी को लेकर हंगामा हो गया। कांग्रेस विधायक पूजा चौधरी ने पूछा कि महिलाओं को 2100 रुपए कब मिलेंगे? इस पर कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि पहले वे बताएं कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां खटाखट मिले क्या? (पढ़ें पूरी खबर)

हरियाणा निकाय चुनाव, BJP का 4 वजह से क्लीन स्वीप:बागियों से किनारा और 5 लेवल मैनेजमेंट शामिल; 5 महीने में कांग्रेस की दूसरी हार के 4 कारण

हरियाणा निकाय चुनाव, BJP का 4 वजह से क्लीन स्वीप:बागियों से किनारा और 5 लेवल मैनेजमेंट शामिल; 5 महीने में कांग्रेस की दूसरी हार के 4 कारण हरियाणा में 8 नगर निगमों में चुनाव और 2 में उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 9 नगर निगम अंबाला, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, पानीपत, यमुनानगर और सोनीपत में भाजपा जीत चुकी है। इस बार भाजपा ने सोनीपत और अंबाला में भी मेयर की कुर्सी जीत ली। पिछली बार यहां कांग्रेस और हरियाणा जनचेतना पार्टी का मेयर था। विधानसभा चुनाव के 5 महीने बाद हुए निगम चुनाव में भाजपा का ट्रिपल इंजन सरकार का नारा चल गया है। केंद्र और राज्य के बाद अब शहरों में भी भाजपा की लोकल सरकार बन गई। वहीं मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव चुनाव जीत गईं। कांग्रेस का निगम चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस इस बार न केवल सभी जगह से हार गई बल्कि पिछली बार जीती सोनीपत मेयर की सीट भी गंवा बैठी। भाजपा के चुनाव जीतने के 4 बड़े कारण… 1. प्रदेश में सरकार होने का फायदा मिला
प्रदेश में 5 महीने पहले भाजपा की सरकार बनी। उससे पहले केंद्र में भी भाजपा की अगुआई वाली NDA सरकार बनी। ऐसे में भाजपा ने चुनाव प्रचार में इसको खूब भुनाया। भाजपा के नेताओं से लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ट्रिपल इंजन का नारा दिया। प्रचार में लोगों को समझाया कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा है। ऐसे में अगर शहर में भी भाजपा ही जीतेगी तो तालमेल आसान होगा। इससे विकास भी तेजी से होगा। वोटर भी समझ गए कि अगर राज्य सरकार के उलट विपक्षी दल को जिताया तो फिर शहरों में काम नहीं होंगे। चूंकि भाजपा की प्रदेश में सरकार अभी साढ़े 4 साल चलनी है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलते रहेंगे। 2. प्रदेश में बूथ तक 5 लेवल का मैनेजमेंट किया
केंद्र और प्रदेश में सरकार के बावजूद भाजपा नगर निकाय चुनाव को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट नहीं दिखी। भाजपा ने इसे भी लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह लड़ा। निकाय चुनाव के लिए भी बूथ लेवल पर 5 लेवल का मैनेजमेंट किया। संगठन की टीम हर घर पर कम से कम 4 बार पहुंची। वार्ड लेवल पर भी छोटी-छोटी टीमें बनाईं जो लोगों से मिलकर पार्टी को लेकर बातचीत करती रहीं। मेयर और पार्षद चुनाव के लिए अलग टीम बनी थी। जिला स्तर की टॉप लीडरशिप इसमें शामिल थी। प्रदेश स्तर पर उन लोगों को कमान दी गई, जिन्हें चुनाव लड़ने का लंबा अनुभव है। 3. CM नायब सैनी समेत सभी बड़े चेहरे प्रचार में उतारे
भाजपा ने प्रचार के लिए सभी बड़े चेहरे फील्ड में उतारे। इनमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली के अलावा सभी सीनियर नेता हर चुनाव क्षेत्र में पहुंचे। सरकार भी प्रचार में उतरी। सभी विधायकों और मंत्रियों के साथ CM नायब सैनी ने भी प्रचार किया। लोकल नेताओं ने प्रचार के लिए संगठन और सरकार से जिस चेहरे की मांग की, उसे वहां भेजा गया। CM और मंत्रियों के प्रचार से लोगों को यकीन हुआ कि भाजपा वाकई शहरों के विकास और लोगों के काम करने के लिए सीरियस है। इसका नतीजा भाजपा को मिले वोटों के तौर पर दिखा। 4. बागियों से किनारा किया
भाजपा के प्रदेश संगठन ने यह चुनाव पूरे जोश से लड़ा। इसकी बड़ी वजह ये रही कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बगावत करने वालों को वापस नहीं लिया। CM नायब सैनी और पार्टी अध्यक्ष मोहन बड़ौली से लेकर मंत्रियों ने भी खुलकर इस पर बयान दिए। हिसार में भाजपा ने पूरी तैयारी के बावजूद पूर्व मेयर गौतम सरदाना और वरिष्ठ नेता तरुण जैन को पार्टी में नहीं लिया। अगर बागी पार्टी में वापस आते तो दूसरे नेता नाराज हो सकते थे। पार्टी के इस कड़े रवैये को देखते हुए न पार्टी में किसी ने बगावत की हिम्मत की और न ही बागियों के आने से कोई मनमुटाव हुआ। कांग्रेस की हार की 4 बड़ी वजहें… 1. विधानसभा के बाद इस बार भी संगठन की कमी खली
कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी संगठन की कमी खली। प्रदेश में 11 साल से पार्टी का संगठन नहीं है। बिना संगठन ग्राउंड पर वर्कर एकजुट नहीं है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने संगठन बनाने की जगह 4 संगठनात्मक सूचियां जारी कर नेताओं को खुश करने की कोशिश की। मगर यह दांव फेल रहा। संगठन न होने से ग्राउंड लेवल पर पार्टी का असरदार प्रचार नहीं हुआ। सिर्फ उम्मीदवारों से जुड़े जो लोग थे, वही पार्टी की जगह उनके लिए वोट मांगते हुए नजर आए। इसका असर यह भी दिखा कि कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिले। हिसार और करनाल में कांग्रेस ने निर्दलीयों को समर्थन देकर साख बचाई। वहीं फरीदाबाद में कांग्रेस की उम्मीदवार आखिरी वक्त में पार्टी छोड़ गई। 2. प्रभारी बदला, प्रधान हटाने की चर्चा, नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बना
प्रदेश में 5 फरवरी को निकाय चुनाव की घोषणा हुई। ऐसे वक्त में पार्टी को सीनियर नेताओं को एकजुट करने, हाईकमान से तालमेल के लिए प्रभारी की जरूरत थी। मगर हाईकमान ने 14 फरवरी को प्रभारी दीपक बाबरिया को हटा दिया। ऐसे में पहले ही गुटबाजी में फंसी पार्टी और बिखर गई। न ग्राउंड पर वर्करों को कोई हाईकमान का मैसेज देने वाला था, न प्रचार की रणनीति बनाने वाला और न ही नेताओं को एक साथ लाने के लिए तालमेल वाला बचा। कांग्रेस ने बीके हरिप्रसाद को नया प्रभारी लगाया, लेकिन वे निकाय चुनाव को लेकर 2 मार्च को वोटिंग के बाद हरियाणा पहुंचे। वहीं विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रधान चौधरी उदयभान को भी हटाने की तैयारी है। मगर, अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ। ऐसे में लोकल नेता और वर्कर कन्फ्यूज रहे कि उनके निर्देशों को हाईकमान का आदेश मानें या न मानें। वहीं कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक नहीं बनाया। सेशन में भी कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल होने के बावजूद बिना नेता प्रतिपक्ष के शामिल होती है। इन तमाम कारणों से जनता में भी मैसेज गया कि कांग्रेस में अनिश्चितता का माहौल है, ऐसे में काम की उम्मीद नहीं कर सकते। 3. चुनाव प्रचार को लेकर कांग्रेस लापरवाह दिखी, बड़े नेता नहीं आए
चुनाव प्रचार में कांग्रेस पूरी तरह से लापरवाह दिखी। जिन्हें टिकट दी, वही अपने स्तर पर प्रचार करते रहे। कुछ ही नेता अपने रसूख से बड़े नेताओं को प्रचार में ला पाए। हालांकि हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज चेहरे पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा, उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्‌डा, सिरसा सांसद कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला प्रचार में कहीं नजर नहीं आए। वह इस चुनाव को लेकर भी गंभीर नहीं दिखे। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा ने तो यहां तक कह दिया था कि वह हर चुनाव में प्रचार करने के लिए नहीं जाते हैं। वह सिर्फ बड़े चुनाव लोकसभा और विधानसभा पर ही फोकस करते हैं। नेताओं की प्रचार से दूरी से जनता में मैसेज गया कि कांग्रेस की खुद इस चुनाव में दिलचस्पी नहीं है, ऐसे में उन्हें जिताया तो आगे काम भी नहीं होंगे। 4. नेता पार्टी छोड़ते रहे, किसी ने मनाने तक की कोशिश नहीं की
निकाय चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़ते चले गए। हिसार से विधानसभा में कांग्रेस उम्मीदवार रहे रामनिवास राड़ा मेयर टिकट मांग रहे थे। पार्टी ने सूरजमल किलोई को उम्मीदवार बना दिया। राड़ा ने निर्दलीय नामांकन भरा, लेकिन कांग्रेस का कोई नेता मनाने नहीं गया। उलटा जब पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा हिसार गए तो उन्होंने चेतावनी दी कि अगर निर्दलीय लड़ा तो राड़ा को पार्टी से निकाल देंगे। राड़ा अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए। करनाल में भी 2 बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने वाले तिरलोचन सिंह और पूर्व MLA नरेंद्र सांगवान भी पार्टी छोड़ गए। इसके बावजूद किसी ने उनकी सुध नहीं ली। जिस वजह से वे भाजपा में शामिल हो गए। मानेसर से भाजपा क्यों हारी, निर्दलीय इंद्रजीत कैसे जीतीं
मानेसर नगर निगम से भाजपा ने सुंदर लाल सरपंच को उम्मीदवार बनाया था। इसके मुकाबले डॉ. इंद्रजीत यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। इंद्रजीत ने चुनाव के बीच खुद को केंद्रीय राज्य मंत्री और गुरुग्राम से भाजपा के सांसद राव इंद्रजीत का समर्थक बताया। भाजपा की तरफ से यहां प्रदेश के मंत्री राव नरबीर ने खुलकर प्रचार किया। मगर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत प्रचार में नहीं आए। इसके पीछे यही वजह मानी गई कि वह डॉ. इंद्रजीत को टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन भाजपा राव नरबीर को नाराज नहीं करना चाहती थी। इसी वजह से समर्थक को टिकट नहीं मिली तो राव इंद्रजीत ने प्रचार से दूरी बना ली। वोटिंग से पहले उनका भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में एक वीडियो जरूर वायरल हुआ, लेकिन उस पर भी विवाद हुआ कि वह एडिट किया गया है। हालांकि जब वोटिंग के दिन उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे विदेश में थे। वहीं डॉ. इंद्रजीत की जीत से इतना जरूर तय हुआ कि अहीरवाल बेल्ट में फिलहाल राव इंद्रजीत के मुकाबले राव नरबीर प्रभावशाली नहीं बन पाए हैं। ************* निगम चुनाव नतीजों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा निकाय चुनाव नतीजे:भाजपा हुड्‌डा के गढ़ समेत 7 निगम जीती हरियाणा के 10 नगर निगमों के मेयर चुनाव के नतीजे आ गए हैं। भाजपा गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, करनाल, अंबाला, सोनीपत और फरीदाबाद नगर निगम में मेयर का चुनाव जीत गई है (पूरी खबर पढ़ें)

करनाल में फर्नीचर दुकानदार ने लगाया फंदा:सुसाइड नोट में बताई वजह, पैसे डबल करने के नाम पर 12 लाख लिए

करनाल में फर्नीचर दुकानदार ने लगाया फंदा:सुसाइड नोट में बताई वजह, पैसे डबल करने के नाम पर 12 लाख लिए हरियाणा में करनाल के कुंजपुरा रोड स्थित दनियालपुर चौक के पास एक फर्नीचर दुकान मालिक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने बुडाखेड़ा गांव के एक व्यक्ति पर पैसे डबल करने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। मृतक ने लिखा कि आरोपी ने 36 महीने में पैसे डबल करने की बात कहकर 12 लाख रुपये ले लिए और जब उसने पैसे वापस मांगे तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इस नोट में मृतक ने विधायक हरविंद्र कल्याण और प्रशासन से अपील की है कि आरोपी से पैसे दिलवाकर उसके परिवार को दिए जाएं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। बेटे ने बताया-बेसमेंट में जाकर देखा तो पापा फंदे पर लटके थे मृतक की पहचान गांव सुभरी माजरा निवासी मृतक शमशेर सिंह रूप में हुई हैञ मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता की दनियालपुर चौक पर फर्नीचर की दुकान है। बुधवार देर शाम को जब मैं घर आया तो पिता घर पर नहीं थे। उसके बाद वह दुकान पर पहुंचा तो मैंने पिता का फोन और पर्स टेबल पर पड़ा मिला। उसने आसपास के लोगों से पिता के बारे में पूछा, लेकिन किसी को जानकारी नहीं थी। इसके बाद वह बेसमेंट में गया, जहां अक्सर लाइट जलती थी, लेकिन कल लाइट बंद थी। जब मैंने लाइट ऑन की तो पिता को फंदे पर लटका पाया। आरोप-महादेव प्रॉपर्टी के मालिक ने पैसे डबल करने का लालच देकर लगवाए थे मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि सामने ही महादेव प्रॉपर्टी के रामनिवास ने उनके पिता से 12 लाख रुपये लिए थे। आरोपी ने कहा था कि एक महीने ब्याज मिलेगा, लेकिन दो-तीन महीने के बाद ब्याज मिलना बंद हो गया। जब पिता ने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने धमकी दी कि पैसे नहीं मिलेंगे और विरोध करने पर जान से मार दिया जाएगा। मृतक ने प्लॉट बेचकर यह पैसे दिए थे और इसी टेंशन में वह काफी परेशान रहते थे। सुसाइड नोट में क्या लिखा? मृतक ने अपने सुसाइड नोट में विधायक हरविंद्र कल्याण और प्रशासन से अपील करते हुए लिखा कि आरोपी ने उसे मेटा वर्क कंपनी में 10 लाख रुपये निवेश करने के लिए बहला-फुसलाकर मजबूर किया। 36 महीने में पैसे डबल करने और हर महीने 3% ब्याज देने का वादा किया था। 11 जून 2024 को पीएनबी बैंक से 5 लाख और 9 जुलाई 2024 को यूनियन बैंक से 5 लाख रुपये दिए थे। शुरुआत में दो-तीन महीने ब्याज मिला, फिर आरोपी ने 2 लाख रुपये को कई गुना करने का लालच दिया। जब मैंने गारंटी मांगी तो आरोपी ने देने से इनकार कर दिया। पैसे वापस मांगे तो धमकी दी कि जान से मार देंगे। मेरी प्रशासन से यही अपील है कि मेरे 12 लाख रुपये मेरे परिवार को दिलवाएं। पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा ​​​​​​​सेक्टर 32 थाना प्रभारी मनोज ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है और सुसाइड नोट को आधार बनाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

करनाल में परिवार पर फायरिंग:महिला की मौत, पिता और बेटा घायल; बदमाशों ने खाना खाते वक्त चलाई गोलियां

करनाल में परिवार पर फायरिंग:महिला की मौत, पिता और बेटा घायल; बदमाशों ने खाना खाते वक्त चलाई गोलियां करनाल के मानपुरा गांव में देर रात बदमाशों ने एक घर में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में 60 वर्षीय सुमित्रा देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके पति दलबीर (60) और बेटा सचिन (25) गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक, घटना रात करीब 9 बजे की है। दलबीर, उनकी पत्नी सुमित्रा और बेटा सचिन घर में खाना खा रहे थे। तभी अचानक हथियारबंद बदमाशों ने गोलियां चला दीं। गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बदमाश भाग चुके थे। गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने सुमित्रा देवी को मृत घोषित कर दिया। दलबीर और सचिन की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है। पुलिस जांच में जुटी, CCTV खंगाले जा रहे
वारदात के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी है। बल्ला चौकी इंचार्ज रजनीश कुमार ने बताया कि घटना के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस इलाके में लगे CCTV फुटेज खंगाल रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है। ग्रामीण बोले- परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं थी
यह हमला रंजिश में किया गया या कोई और वजह थी, इस पर पुलिस जांच कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। पुलिस जल्द ही इस मामले का खुलासा करने का दावा कर रही है।

कुरूक्षेत्र में फायरिंग करने वाले तीन हमलावर काबू:युवक पर चलाई थी ताबड़तोड़ गोलियां, हथियार बरामद, पुलिस रिमांड पर भेजा

कुरूक्षेत्र में फायरिंग करने वाले तीन हमलावर काबू:युवक पर चलाई थी ताबड़तोड़ गोलियां, हथियार बरामद, पुलिस रिमांड पर भेजा कुरुक्षेत्र जिला पुलिस ने बदरपुर में हुई फायरिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने तीन आरोपियों से हथियार बरामद कर लिए हैं। एसपी वरुण सिंगला के निर्देशन में अपराध अन्वेषण शाखा-2 की टीम ने कार्रवाई की। घटना 24 फरवरी की सुबह 6:30 बजे की है। एक महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। पति के दरवाजा खोलने पर चलाई गोलियां महिला ने बताया कि जब उसके पति ने दरवाजा खोला, तो अज्ञात युवकों ने उन पर गोली चला दी। गोलियों की आवाज सुनकर जब वह बाहर आई, तो दो युवक फायरिंग करते हुए भाग गए। हमले में उनके पति गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने 7 मार्च को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान देशराज (सहारनपुर, यूपी), सचिन उर्फ सुमित (आदर्श नगर, हिसार) और सुरेश कुमार उर्फ मुन्ना (बनी, कुरुक्षेत्र) के रूप में हुई। कोर्ट ने आरोपियों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। चार रौंद और मोटरसाइकिल बरामद 10 मार्च 25 को अपराध अन्वेषण शाखा-2 प्रभारी निरीक्षक मोहन लाल के मार्ग निर्देश में मामले की गहनता से जांच करते हुए उप निरीक्षक रणधीर सिंह, सहायक उप निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह, लखन सिंह, मुख्य सिपाही गुरमेज, ललित कुमार, नरेश कुमार व प्रदीप कुमार की टीम ने गोली चलाने के आरोपी देशराज से वारदात में प्रयोग स्कूटी व मोबाइल बरामद किया। आरोपी सचिन उर्फ सुमित से एक देसी कट्टा व 5 रौंद तथा सुरेश कुमार उर्फ मुन्ना से एक देसी कट्टा व 4 रौंद व वारदात में प्रयोग की गई मोटरसाइकिल बरामद की गई।