उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सालों पुरानी मांग पूरी, अपने मिलेगी ये छूट

उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सालों पुरानी मांग पूरी, अपने मिलेगी ये छूट <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> राज्य सरकार ने कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए उनके सेवा काल में एक बार पदोन्नति के मानकों में छूट देने का फैसला किया है. यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए राहत भरा साबित होगा, जो पदोन्नति के लिए निर्धारित अहर्ता का 50 प्रतिशत पूरा करते हैं, लेकिन विभाग में ऊपर का पद खाली होने के कारण अब तक प्रमोशन नहीं पा सके थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समेत कई कर्मचारी संगठन लंबे समय से पदोन्नति में शिथिलीकरण की नियमावली लागू करने की मांग कर रहे थे. पहले सरकार ने इसे सीमित समय के लिए लागू किया था, लेकिन अब इसे स्थायी रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया है. इस फैसले के बाद अब कर्मचारियों को पूरे सेवाकाल में एक बार पदोन्नति के मानकों में छूट मिलेगी, जिससे हजारों कर्मचारियों को लाभ होने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रमोशन के लिए प्रोबेशन की अवधि पूरी करनी होगी<br /></strong>सरकार के नए फैसले के तहत यदि किसी पद पर पदोन्नति के लिए 10 साल की सेवा अनिवार्य थी, लेकिन वह पद रिक्त पड़ा है, तो उससे निचले पद पर कार्यरत कर्मचारी केवल 5 साल की सेवा के बाद ही पदोन्नति के लिए पात्र हो जाएगा. हालांकि, यह छूट केवल उन कर्मचारियों को मिलेगी, जो प्रोबेशन अवधि पूरी कर चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस फैसले से कर्मचारियों में उत्साह देखा जा रहा है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय ने कहा कि अधिवेशन में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था और सरकार से नियमावली को पुनः लागू करने की मांग की गई थी. सरकार के सकारात्मक निर्णय से हजारों कर्मचारियों को करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/AAL6Baajv14?si=MGplaBgJKt5yMzi9″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस फैसले पर राज्य सरकार की राय?&nbsp;<br /></strong>राज्य सरकार का यह फैसला न केवल कर्मचारियों के हित में है, बल्कि प्रशासनिक सुधारों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इससे रिक्त पदों को भरने में तेजी आएगी और विभिन्न विभागों में कार्यक्षमता में सुधार होगा. सरकार का मानना है कि यह निर्णय कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने में भी मदद करेगा, जिससे वे और अधिक उत्साह के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/chamoli-glacier-burst-kanpur-alok-yadav-death-in-accident-and-one-injured-ann-2896497″>चमोली हिमस्खलन में कानपुर के अलोक की मौत, परिवार वाले बोले- प्रशासन ने नहीं की मदद</a></strong></p>

सांसद अनिल बलूनी की गृह मंत्री से मुलाकात, सीमांत क्षेत्रों में विकास के लिए 543 करोड़ रुपये की योजना की रखी मांग

सांसद अनिल बलूनी की गृह मंत्री से मुलाकात, सीमांत क्षेत्रों में विकास के लिए 543 करोड़ रुपये की योजना की रखी मांग <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News: </strong>उत्तराखंड के गढ़वाल से लोकसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने चमोली जिले के सीमांत क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए 543 करोड़ रुपये की योजनाओं की मांग रखी. गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गढ़वाल के सीमांत क्षेत्रों में विकास कार्यों को जल्द से जल्द आगे बढ़ाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में सरकार सीमांत गांवों के विकास को प्राथमिकता दे रही है. प्रधानमंत्री ने इन गांवों को “देश के पहले गांव” का दर्जा दिया है और “वाइब्रेंट विलेज” जैसी योजनाओं के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी का विशेष लगाव रहा है, और उनके विजन को साकार करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गढ़वाल के विकास को लेकर गृह मंत्री ने दिखाई गंभीरता<br /></strong>अनिल बलूनी द्वारा प्रस्तुत विकास योजनाओं में प्रमुख रूप से 66 नई सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है, जिससे दूरस्थ गांवों में आवागमन आसान होगा. सीमावर्ती इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी से न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गृह मंत्री अमित शाह ने गढ़वाल के विकास को लेकर गंभीरता दिखाई और कहा कि सीमांत क्षेत्रों की प्रगति को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रस्तावित योजनाओं पर जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा. लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद अनिल बलूनी ने गढ़वाल की जनता से सीमांत क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य शुरू करने का वादा किया था. इसी वादे को निभाते हुए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर इन योजनाओं को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अनिल बलूनी ने गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया<br /></strong>अनिल बलूनी ने गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गढ़वाल के सीमांत गांवों के विकास को लेकर उनका रुख हमेशा सकारात्मक रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इन परियोजनाओं पर काम शुरू होगा और सीमांत क्षेत्रों में विकास की नई लहर देखने को मिलेगी.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/_ldsgk1G9aM?si=ztOIYzpkLaqRAWOM” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”>सांसद अनिल बलूनी की इस पहल से उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी. खासकर कनेक्टिविटी बढ़ने से न केवल लोगों को आवागमन में सुविधा होगी, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि इन विकास परियोजनाओं को कितनी जल्दी मंजूरी मिलती है और उन पर कार्य कब शुरू होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-got-angry-on-akash-anand-victim-card-after-action-2896516″>बसपा में ठिकाने लगे मायावती के भतीजे आकाश आनंद के पास हैं ये दो विकल्प!</a></strong></p>

UP News: आईआईएम के कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी, महाकुंभ पर गिनाई सरकार की उपलब्धियां

UP News: आईआईएम के कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी, महाकुंभ पर गिनाई सरकार की उपलब्धियां <p><strong>Lucknow News:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ &nbsp;सोमवार को आईआईएम व भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के साथ महाकुंभ के सफल आयोजन द्वारा राष्ट्र निर्माण विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान महाकुंभ से संबंधित वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई. &nbsp;<a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने कहा कि विपरीत परिस्थिति में निर्णय लेने का सामर्थ्य विकसित करना चैलेंज होता है. ऐसी स्थिति में बहुत सारे लोग हाथ-पैर छोड़ देते हैं, मानकर चलते हैं कि जो होना होगा, देखा जाएगा, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में धैर्य से काम करते हुए चैलेंज को फेस करने को तैयार होना पड़ेगा. महाकुंभ में यही किया गया, तब जाकर सकुशल महाकुंभ संपन्न हो सका.&nbsp;</p>
<p>सीएम ने कहा कि 2019 में हमारी सरकार ने प्रयागराज कुंभ को संपन्न किया था. कुंभ सामान्य रूप से हजारों वर्षों की भारत की विरासत का हिस्सा रहा है, लेकिन लोग कुंभ का मतलब भगदड़, अव्यवस्था, गंदगी मान चुके थे. हमने तय किया कि आज के समय में लोगों की इस धारणा के विपरीत कुछ नया करके दिखाएं, क्योंकि जब हम लीक से हटकर काम करते हैं, तभी वह स्मरणीय बनता है. सीएम ने कहा, ‘हम समस्या के बारे में ज्यादा सोचते हैं. इससे हमें बहाना मिलता है, लेकिन समाधान की तरफ जाते हैं तो अनेक रास्ते मिलते हैं. समाधान ही इनोवेशन है.&nbsp;</p>
<p>सीएम ने कहा कि जब 2013 में कुंभ का आयोजन हुआ था, तब मैं योगी के रूप में प्रयागराज में अपने शिविर में था. अगले दिन समाचार पत्रों की लीड न्यूज थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री कुंभ में आए, लेकिन गंगा जी में गंदगी को देखकर स्नान नहीं किया और टिप्पणी की कि क्या यही गंगा हैं, फिर दूर से प्रणाम करके चले गए. मेरे मन में यह बात आई कि एक देश के राष्ट्राध्यक्ष आए और उनकी भावना आहत हुई. इसका मतलब हमारे आयोजन में कोई कमी थी. इसका निवारण होना चाहिए.&nbsp;</p>
<p><strong>नियमित कराई गई साफ-सफाईः सीएम योगी&nbsp;</strong><br />सीएम ने कहा कि यह आयोजन गंगा तट पर बालू में होता है. शौचालय शीट को बालू में ऐसे डाल दिया जाता था. सप्ताह-दस दिन बाद बदबू, मक्खी, मच्छर और बीमारी होने लगती थी. फिर मैंने कहा कि ऐसे टॉयलेट बनाएं, जिसकी नियमित सफाई हो सकें. हम लोगों ने एक लाख टॉयलेट-टैंक तैयार कराए. कहा कि एक भी टॉयलेट का लिक्विड गंगा-यमुना में नहीं जाना चाहिए. इसकी नियमित सफाई कराई गई.</p>
<p>सीएम ने कहा कि इतना बड़ा आयोजन तब सकुशल संपन्न होगा, जब सुरक्षा, क्राउड मैनेजमेंट की समुचित व्यवस्था हो. हर किसी के मन में यह विश्वास हो कि पुलिस हमें सुरक्षा दे सकती है. किसी भी क्राइसिस मैनेजमेंट में पुलिस का सबसे महत्वपूर्ण रोल होता है. उनका व्यवहार बहुत मायने रखता है. पुलिस के लिए चार महीने स्पेशल कोर्स चलाए गए.&nbsp;</p>
<p><strong>2025 महाकुंभ में भीड़ ने तोड़ सभी रिकॉर्ड- सीएम</strong><br />सीएम ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन होगा, तो भीड़ होगी. जो पहले आएंगे, उन्हें कम पैदल चलना होगा, क्योंकि उन्हें संगम से दो-तीन KM के दायरे में पार्किंग देंगे, लेकिन जैसे-जैसे पार्किंग भर ती जाएगी, तो लोगों को अधिक पैदल चलना होगा. जो 10 किमी. पैदल चलेगा और पुलिस उसे रोकेगी तो झल्लाएगा ही. 2019 प्रयागराज कुंभ ने स्वच्छता व सुव्यवस्था का संदेश दिया था. सीएम ने कहा कि 2025 महाकुंभ में इतनी भीड़ का अंदाजा हमें भी नहीं था. संभावना थी कि 2019 की अपेक्षा दोगुनी भीड़ होगी, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए.&nbsp;</p>
<p>सीएम ने कहा कि 2025 महाकुंभ से पहले प्रयागराज में उससे दोगुना कार्य हुआ. पब्लिक व जनप्रतिनिधियों का विश्वास मिला. यह विश्वास अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. सीएम ने बताया कि हमने मेले के दायरे समेत सभी व्यवस्थाओं को बढ़ाया. पांच हजार एकड़ में हर रूट पर छह अलग-अलग पार्किंग स्पेस दिए गए. इसमें छह लाख बस व चार पहिया वाहन पार्क किया जा सकता है. मुझे आशंका थी कि भीड़ बढ़ेगी. इस एरिया को बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन प्रयागराज के आसपास स्पेस नहीं था, इसलिए आसपास के मीरजापुर, भदोही, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, चित्रकूट, रायबरेली में पार्किंग स्पेस और होल्डिंग एरिया तैयार किए.&nbsp;</p>
<p>भगदड़ वाले दिन थी चार करोड़ लोगों की भीड़<br />सीएम ने कहा कि ऐसे आयोजन विशुद्ध धार्मिक होते हैं. हर स्नानार्थी श्रद्धाभाव से आता है. उसे गंतव्य तक पहुंचने का मार्ग दीजिए. यदि बाधित करने का प्रयास करेंगे तो अगल-बगल के क्षेत्र में बिखरेगी और वहां होल्डिंग एरिया नहीं है तो भगदड़ के खतरे होते हैं. धार्मिक भीड़ अनुशासित होती है. 28-29 की रात सवा एक से डेढ़ बजे के मध्य भगदड़ की घटना हुई. उस दौरान मेला क्षेत्र में चार करोड़ लोगों की भीड़ थी. जैसे ही भगदड़ हुई 15 मिनट के अंदर पब्लिक ने ग्रीन कॉरिडोर दिया और सभी को हॉस्पिटल पहुंचाने में मदद की.&nbsp;</p>
<p>सीएम योगी ने कहा कि ऐसे आयोजन आस्था के साथ आर्थिकी का भी कारण बन सकता है. देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकते हैं. जिसे अब तक हम नजरंदाज करते थे, आज वह देखने को मिल रहा है. 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) के स्नान से महाकुंभ प्रारंभ और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि से इसका समापन हुआ. बालू में चलना आसान नहीं होता, मेला क्षेत्र में जो चकर्ड प्लेट बिछाई गईं, उनकी लंबाई 500 किमी. थी. रिवर फ्रंट तैयार किए. 12 किमी. का अस्थायी व कुछ पक्के घाट भी बनाए गए.&nbsp;</p>
<p>पहली बार महाशिवरात्रि तक चल महाकुंभ- सीएम<br />सीएम ने कहा किर कुंभ के दौरान अक्सर बसंत पंचमी स्नान के बाद मेला प्रायः समाप्त हो जाता था. माघ पूर्णिमा तक केवल कल्पवासी बचते थे. पहली बार मेला <a title=”महाशिवरात्रि” href=”https://www.abplive.com/topic/mahashivratri-2023″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाशिवरात्रि</a> तक चला. मौनी अमावस्या के बाद प्रतिदिन डेढ़ से पौने दो करोड़ लोग आ रहे थे. बसंत पंचमी पर लगभग तीन करोड़ व माघ पूर्णिमा पर दो करो़ड़ की संख्या थी. अन्य दिनों में डेढ़ से पौने दो करोड़ की संख्या आती रही.&nbsp;</p>
<p>सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अनेक केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, 74 देशों के अंबेडसर व हाई कमिश्नर्स, भूटान के नरेश, 12 देशों के मंत्री समेत लगभग 100 से अधिक देशों की भागीदारी हुई थी. उद्यमी, फिल्म स्टार, क्रिकेटर समेत हर तबका इसका हिस्सा बने थे. अद्भुत संगम के दृश्य को देखकर हर कोई अभिभूत था.&nbsp;</p>
<p><strong>एक भारत, श्रेष्ठ भारत का माध्यम बना महाकुंभ- सीएम</strong><br />मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री के &nbsp;’एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की अभिव्यक्ति का भी माध्यम बना. जाति, धर्म, भाषा, पंथ के भेद से मुक्त नदी के एक ही घाट पर सभी पवित्र भावना के साथ डुबकी लगा रहे थे. केंद्र व राज्य सरकार ने साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए. इसमें से छह हजार करोड़ रुपये प्रयागराज शहर व आसपास के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हुए. प्रयागराज की विरासत से जुड़े 12 कॉरिडोर (अक्षयवट, सरस्वती कूप, महर्षि भारद्वाज, श्रृंगवेरपुर, नागवासुकि, द्वादश माधव, लेटे हनुमान) आदि तैयार किया गया.&nbsp;</p>
<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनेस्को 2023 से देखना चाहता था कि इतने बड़े आयोजन से पर्यावरणीय असर क्या पड़ेगा. हमने पहले दिन से ही ध्यान रखा कि गंगा- यमुना नदी में कोई नाला या सीवर लीक न होने पाए. यूपी में गंगा नदी का सबसे क्रिटिकल पॉइंट कानपुर है. सीसामऊ के पास चार करोड़ लीटर सीवर प्रतिदिन गंगा नदी में गिरता था. हमने तीन वर्ष पहले ही उसे टेप करवाया. आज वहां से एक भी बूंद सीवर नहीं गिरता.&nbsp;</p>
<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन आर्थिकी के बड़े आधार बनते हैं. यहां रोजगार सृजन कितने बड़े पैमाने पर होता है. कैसे यह लोगों के जीवन में परिवर्तन के आधार बनते हैं. मुख्यमंत्री ने एक निवेशक का प्रकरण सुनाते हुए उनकी कमाई और लाभ के बारे में भी जिक्र किया. बोले कि अलग-अलग तबके के लोगों ने वहां आजीविका का माध्यम भी बनाया. जो जिस भाव से गया, उसे वैसी दृष्टि व सृष्टि भी मिली. प्रयागराज <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> सबक देता है कि हमें ऐसे आयोजन के साथ धैर्य के साथ जुड़ना होगा और प्रकृति के नियमों का पालन करना पड़ेगा.</p>
<p>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-ats-will-go-to-faridabad-to-gather-information-about-terrorist-abdul-rehman-2896669″><strong>राम मंदिर पर हमले की साजिश से हड़कंप, आतंकी अब्दुल रहमान की जानकारी जुटाने फरीदाबाद जाएगी UP ATS</strong></a></p>

पानीपत निगम चुनाव में अनोखे तरीके से प्रचार:कांग्रेस पार्षद उम्मीदवार दंडवत कर रहा प्रणाम; बीजेपी का झंडा देख भागा निर्दलीय मेयर कैंडिडेट

पानीपत निगम चुनाव में अनोखे तरीके से प्रचार:कांग्रेस पार्षद उम्मीदवार दंडवत कर रहा प्रणाम; बीजेपी का झंडा देख भागा निर्दलीय मेयर कैंडिडेट हरियाणा के पानीपत में नगर निगम चुनाव में प्रचार-प्रसार का दौर चल रहा है। यहां 9 मार्च को वोटिंग होनी है। ऐसे में 7 मार्च की शाम 6 बजे ये प्रचार-प्रसार थम जाएगा। जिसको देखते हुए हर प्रत्याशी, हर पार्टी अपने-अपने उम्मीदवारों को अधिकतर समय जनता के बीच रहने को कह रह रही है। इस चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ अब कांग्रेस ने भी प्रचार-प्रसार को तेज कर दिया है। इसी बीच पानीपत में दो जगह प्रचार के दौरान ऐसी चीजें देखने को मिली, जिन्होंने सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर ली है। इनमें कांग्रेस से वार्ड 10 से उम्मीदवार गौरव शर्मा और निर्दलीय मेयर प्रत्याशी केवल सिंह उर्फ बौना शामिल है। कांग्रेस उम्मीदवार गौरव शर्मा अपने वार्ड में नंगे पांव चलकर वोट मांग रहे हैं। वहीं वे जनता के सामने दंडवत प्रणाम कर एक बार मौका देने की बात कह रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर केवल सिंह को बीजेपी वालों ने जबरन पार्टी का झंडा थमाना चाहा, लेकिन वह छोटे-छोटे कदमों से वहां से भाग निकले। जिसका वीडियो भी सामने आया है।

कांगड़ा में 18 निजी नशा निवारण केंद्रों को नोटिस:मरीजों को नशीली दवाएं देने का आरोप, सीएमओ ने मांगा जवाब

कांगड़ा में 18 निजी नशा निवारण केंद्रों को नोटिस:मरीजों को नशीली दवाएं देने का आरोप, सीएमओ ने मांगा जवाब हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में नशा निवारण केंद्रों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। प्रशासन ने 18 निजी नशा निवारण केंद्रों को नोटिस जारी किया है। इन केंद्रों पर इलाज के नाम पर मरीजों को नशे की दवाइयां देने की शिकायतें मिली हैं। विधायक निक्का का आरोप नूरपुर के विधायक रणवीर निक्का ने पंजाब सीमा से लगे क्षेत्र में चल रहे केंद्रों पर मरीजों को सही इलाज न मिलने का आरोप लगाया है। सीएमओ डॉ. राजेश गुलेरी के अनुसार शिकायतों के आधार पर इन केंद्रों से जवाब मांगा गया है। जिले में कुल 19 नशा निवारण केंद्र हैं। एक सरकारी केंद्र में मरीजों को मुफ्त या कम शुल्क पर इलाज मिलता है। 2024-25 के दिसंबर तक ओपीडी में 14,180 मरीज आए। 1,338 मरीजों को भर्ती किया गया। हर माह 152 मरीज पहुंच रहे प्रति माह हर केंद्र में औसतन 152 मरीज पहुंच रहे हैं। जुलाई 2024 तक सभी केंद्रों का निरीक्षण किया जा चुका है। निरीक्षण समिति को नए सिरे से गठित किया गया है। कमियां मिलने पर नियमित रूप से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रशासन नशा निवारण केंद्रों की संख्या बढ़ाने और सुविधाओं में सुधार की योजना बना रहा है। साथ ही सामाजिक जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से नशे के खिलाफ लड़ाई में सहयोग की अपील की है।

कांगड़ा में तीन गाड़ियों से टकराई बेकाबू बस:बाइक बचाने के चक्कर में हादसा, कोई हताहत नहीं, ड्राइवर पर केस

कांगड़ा में तीन गाड़ियों से टकराई बेकाबू बस:बाइक बचाने के चक्कर में हादसा, कोई हताहत नहीं, ड्राइवर पर केस हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के घुरकड़ी में एक निजी बस ने तीन वाहनों को टक्कर मार दी। यह हादसा उस समय हुआ, जब बस ड्राइवर ने एक बाइक सवार को बचाने का प्रयास किया। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सड़क पर दोनों ओर लगा जाम जानकारी के अनुसार बाइक सवार को बचाने के चक्कर में बेकाबू हुई बस ने पहले सड़क किनारे गलत तरीके से खड़ी दो गाड़ियों को टक्कर मारी। इसके बाद आगे खड़ी एक ऑल्टो कार भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। हादसे के बाद सड़क पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस ने ड्राइवर का कराया मेडिकल टेस्ट स्थानीय लोगों की मध्यस्थता से यातायात को सुचारू किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बस ड्राइवर का मेडिकल टेस्ट कराया। थाना प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि हादसे में किसी को कोई चोट नहीं आई है। पुलिस ने बस ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मंडी में वॉयस ऑफ शिवरात्रि का फाइनल आज:10 प्रतिभागियों में मुकाबला, बाबा भूतनाथ की निकली जलेब; कल समापन समारोह में राज्यपाल होंगे शामिल

मंडी में वॉयस ऑफ शिवरात्रि का फाइनल आज:10 प्रतिभागियों में मुकाबला, बाबा भूतनाथ की निकली जलेब; कल समापन समारोह में राज्यपाल होंगे शामिल हिमाचल की छोटी काशी मंडी में वॉयस ऑफ शिवरात्रि का फाइनल मुकाबला आज होगा। इंटरनेशनल शिवरात्रि महोत्सव में पहली बार इस प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। यह प्रतियोगिता सेरी मंच पर शाम 4 बजे शुरू होगी। वॉयस ऑफ शिवरात्रि के लिए 257 कलाकारों ने ऑडिशन दिया। इनमें से टॉप-10 प्रतिभागी फाइनल के लिए चुने गए हैं। इनमें मुकुल शर्मा, शालु धीमान, गुलशन, विकास, शुभम चोपड़ा, रागिनी, आनंद कुमार, देवांश शर्मा और रजनी ठाकुर शामिल हैं। बाबा भूतनाथ की जलेब निकाली गई मंडी शिवरात्रि महोत्सव के दौरान आज बाबा भूतनाथ की दूसरी जलेब भी निकाली गई। ब्यास घाट से शुरू हुई यह जलेब बाबा भूतनाथ मंदिर तक गई। इसमें संत समाज के साथ सैकड़ों श्रद्धालु और क्षेत्र के चार देवी-देवता शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर भक्तों ने जलेब की शोभा बढ़ाई। बाबा भूतनाथ के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से महोत्सव में मंदिर कमेटी की ओर से जलेब का आयोजन किया जा रहा है। इस बार दो जलेब निकाली गईं। पहली शिवरात्रि के दिन और दूसरी आज निकाली गई। कल संपन्न होगा शिवरात्रि पर्व 7 दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव कल संपन्न होगा। समापन समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि होंगे। राज्यपाल 4 मार्च की दोपहर को मंडी पहुंचेंगे और सांस्कृतिक संध्या में भाग लेंगे। महोत्सव का विधिवत समापन राज देवता माधोराय जी की अगुआई में निकलने वाली अंतिम जलेब के साथ होगा।

रामपुर के नारकंडा में भारी बर्फबारी, NH-5 बंद:शिमला जाने वाली बसों का बदला रूट, सुन्नी-बसंतपुर से हो रही आवाजाही

रामपुर के नारकंडा में भारी बर्फबारी, NH-5 बंद:शिमला जाने वाली बसों का बदला रूट, सुन्नी-बसंतपुर से हो रही आवाजाही हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हो गई है। नारकंडा में भारी बर्फबारी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पूरी तरह बंद हो गया है। सड़कों पर जमी बर्फ के कारण वाहनों की आवाजाही रुक गई है। परिवहन विभाग ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए शिमला जाने वाली बसों का रोड परिवर्तित कर दिया है। अब बसें सुन्नी और बसंतपुर होकर शिमला पहुंच रही हैं। रामपुर-रोहडू रोड सुंगरी से खुला है। बस ड्राइवरों को निर्देश जारी विभाग ने बस ड्राइवरों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। उन्हें स्नो बाउंड एरिया में बसें खड़ी न करने की हिदायत दी गई है। ऊंचाई वाले मार्गों पर जाने वाली बसों को रात में ही वापस आने के निर्देश दिए गए हैं। इससे बसों के बर्फबारी में फंसने का जोखिम कम होगा। मौसम विभाग के अनुसार ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी आगे भी जारी रहेगी। किसानों और बागवानी के लिए लाभदायक मौसम विभाग के अनुसार यह बर्फबारी किसानों और बागवानी के लिए लाभदायक साबित हो रही है। हालांकि इससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम और खराब होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। लोक निर्माण विभाग ने बताया कि मौसम साफ होते ही बंद पड़ी सड़कों को बहाल करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। निचले इलाकों में बारिश हो रही है। रामपुर परिवहन डिपो के अड्डा प्रभारी राजेंद्र पॉल के अनुसार, रोहडू सड़क रोड अभी खुला है।

शिमला में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत:घटनास्थल से सुई और दवा की बोतल बरामद, रासायनिक जांच रिपोर्ट का इंतजार

शिमला में नशे की ओवरडोज से युवक की मौत:घटनास्थल से सुई और दवा की बोतल बरामद, रासायनिक जांच रिपोर्ट का इंतजार हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सिमिट्री में बीते 21 फरवरी को मृत अवस्था में मिले 24 वर्षीय युवक की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सोमवार को मृतक युवक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। जिसमें कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए है। साहिल को श्वसन संबंधी समस्या हुई जानकारी के अनुसार युवक की मौत की वजह नशीले पदार्थों की ओवरडोज बताई गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार साहिल की मृत्यु नशीले पदार्थों की ओवरडोज से हुई। पुलिस ने घटनास्थल से एक सिरिंज, सुई और खाली दवा की बोतल भी बरामद की थी। आईजीएमसी शिमला में किए गए पोस्टमॉर्टम में डॉक्टर ने अपनी राय में स्पष्ट किया है कि इन नशीले पदार्थों के सेवन से साहिल को श्वसन संबंधी समस्या हुई। केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस इससे उनके हृदय की गति भी अनियमित हो गई। वहीं पुलिस ने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार मामले में अंतिम राय के लिए रासायनिक जांच रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस थाना ढली में में भारतीय न्याय सहिंता की धारा 105 गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इसके तहत मामले की आगामी जांच करेगी। क्या था पूरा मामला बता दें कि बीते 21 फरवरी को एक युवक शिमला संजौली के सिमिट्री में मृत अवस्था में मिला था। जिसकी पहचान साहिल उम्र 24 वर्ष जिला मंडी के रहने वाले के रूप में हुई थी। पुलिस को घटनास्थल पर नशीले पदार्थ मिले थे। जिससे पुलिस को पहले ही आशंका थी कि युवक की मौत नशे के ओवरडोज से हुई थी, लेकिन अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हो गया है। पुलिस ने अब मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

बुलडोजर एक्शन पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब:25 मार्च को सुनवाई; याची बोला-एनडीपीएस के तहत संपत्ति को गिराने का प्रावधान नहीं

बुलडोजर एक्शन पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब:25 मार्च को सुनवाई; याची बोला-एनडीपीएस के तहत संपत्ति को गिराने का प्रावधान नहीं पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस द्वारा कथित ड्रग तस्करों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर पंजाब सरकार से जवाब तलब किया है। एक जनहित याचिका पीपल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा दायर की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने और एनडीपीएस एक्ट के तहत कानूनी प्रक्रिया के अनुसार संपत्ति जब्त करने के प्रावधानों को लागू करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के अनुसार, एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, 28 फरवरी को प्रकाशित खबरों में बताया गया कि पंजाब पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान के तहत कथित ड्रग तस्करों की संपत्तियों को ध्वस्त करना शुरू किया है। लुधियाना पुलिस ने पिछले हफ्ते दो ड्रग तस्करों की अवैध संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया था और आगे 78 और संपत्तियों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें जल्द ही गिराया जाएगा। याचिका में क्या है मांग याचिकाकर्ता ने एनडीपीएस एक्ट के तहत संपत्ति की जब्त करने और फोरफिट की उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने की मांग की है। इसके अलावा, BNSS 2023 की धारा 107 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 19 (a) से (c) को लागू करने की भी अपील की गई है, जिससे पंजाब में बढ़ रही नशाखोरी की समस्या को प्रभावी रूप से रोका जा सके। याचिका में प्रस्तुत समाचार रिपोर्ट में बताया गया कि पंजाब पुलिस ने अब तक 112 तस्करों की लगभग 94 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। इसके अलावा, पुलिस ने यह भी दावा किया कि लुधियाना में 78 और कथित ड्रग तस्करों की संपत्तियों को गिराने की योजना बनाई गई है। 25 मार्च तक जवाब दाखिल करने के आदेश मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने पंजाब सरकार, पंजाब परिवहन विभाग के सचिव, लुधियाना पुलिस कमिश्नर और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, चंडीगढ़ के जोनल डायरेक्टर को नोटिस जारी किया है और इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इस मामले में क्या प्रभाव है। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि यह निर्णय किसी भी आरोपी के खिलाफ बिना उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाए संपत्ति को ध्वस्त करने पर रोक लगाता है, जिसे पंजाब पुलिस को भी मानना चाहिए।
अदालत ने इस मामले में सभी से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 25 मार्च 2025 को निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट का ‘बुलडोजर एक्शन’ पर आदेश पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने ‘बुलडोजर एक्शन’ पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि कार्यपालिका केवल इस आधार पर किसी की संपत्ति को ध्वस्त नहीं कर सकती कि वह किसी अपराध का आरोपी या दोषी है। कोर्ट ने कहा था कि यह न्यायिक समीक्षा के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है और कानून के शासन (Rule of Law) के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था “कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती, क्योंकि यह न्यायपालिका की जिम्मेदारी है। केवल आरोपों के आधार पर, यदि किसी आरोपी की संपत्ति को बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के ध्वस्त किया जाता है, तो यह कानून के मूल सिद्धांतों के खिलाफ होगा और इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रशासन न्यायाधीश नहीं बन सकता और यह तय नहीं कर सकता कि आरोपी दोषी है और उसे उसकी संपत्ति को ध्वस्त करके दंडित किया जाए।”