कान्हा ने भेजा काशी-विश्वनाथ के लिए गुलाल:पूजा-अर्चना के बाद रवाना हुई गुलाल यात्रा,अभिभूत हो उठे ब्रजवासी और श्रद्धालु

कान्हा ने भेजा काशी-विश्वनाथ के लिए गुलाल:पूजा-अर्चना के बाद रवाना हुई गुलाल यात्रा,अभिभूत हो उठे ब्रजवासी और श्रद्धालु श्री कृष्ण जन्मस्थान से काशी विश्वनाथ धाम के लिए होली के रंग, गुलाल, बाबा के वस्त्र, प्रसाद आदि सामग्री फाल्गुन शुक्ल नवमी को एक भव्य शोभायात्रा के मध्य रवाना की। वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा काशी विश्वनाथ धाम से भी भगवान श्रीकृष्ण की होली उत्सव के लिए कर्पूर भस्म, सुगन्धित द्रव्य, वस्त्र एवं प्रसाद आदि सामग्री, श्री महादेव जी के भाव को धारण करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की रंगारंग होली उत्सव के लिए भेजी गयी है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने की पहल
काशी विश्वनाथ न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा की अलौकिक पहल से श्रुतियों, स्मृतियों एवं पुराणों में उल्लिखित सनातन की पुरातन परंपरा का पुनर्जागरण हुआ है। होली की परंपरागत वाद्य यंत्रों पर झूमते, नाचते एवं होली गायन करते हजारों श्रद्धालु एवं ब्रजवासी काशी विश्वनाथ की गुलाल यात्रा’ में सम्मिलित होकर अभिभूत हुए। यह लोग गए काशी रंग गुलाल लेकर
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी एवं अन्य पदाधिकारी, अधिकारी श्री कृष्ण जन्मभूमि से काशी विश्वनाथ जा रही ऐसी अनूठी पहल को लेकर उत्साह व भाव से लगे हुए थे। शोभायात्रा भव्य सुसज्जित वाहन में काशी विश्वनाथ धाम के लिए रवाना हुई। संस्थान के पूजाचार्य राम अवतार अवस्थी, शशांक गर्ग, ब्रजकिशोर अग्रवाल, पवन अग्रवाल एवं गोपाल भगवान के रंग, गुलाल एवं प्रसाद को लेकर गये हैं। काशी से भेजी होली सामग्री
काशी विश्वनाथ धाम से शोभायात्रा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के लिए होली महोत्सव के लिए भेंट आ रही है। काशी विश्वनाथ धाम से आने वाली यात्रा को मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखलेश कुमार मिश्र, उप जिला मजिस्ट्रेट शंभू शरण ने पूजन-अर्चन के बाद मथुरा रवाना किया। भगवान शिव हुए थे ब्रज की होली में शामिल
भगवान श्री कृष्ण और राधा की प्रिय होली लीला में भगवान शिव का विशिष्ट स्थान है। भगवान शिव के हृदय में बसन्त भाव उत्पन्न हुआ वह भी होली खेलने के लिए बरसाना रंगीली गली पधारे। भगवान शिव के विचित्र रूप को देखकर गोपियां आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि- ” मैं कैसे होरी खेलूं या बावरिया के संग, अंग भभूत, गले विषमाला, लटकन बिराजै गंग, मैं कैसे होरी खेलूं या बावरिया के संग ” इसके बाद भगवान शिव के संकेत को पाकर भगवान शिव ने गोपी रूप धारण किया। प्रिया-प्रियतम की इस प्रिय लीला में सम्मिलित हुए, आज भी रंगेश्वर महादेव के रूप में रंगीली गली में विराजमान हैं। जिस ब्रज भाव और होली के आनन्द को प्राप्त करने के लिए भगवान शिव ने गोपी रूप धारण किया, आज उसी होली लीला की प्रसादी को भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि से काशी विश्वनाथ धाम भेजा गया है। चूंकि काशी विश्वनाथ धाम एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर होली का मुख्य आयोजन रंगभरी एकादशी के दिन होता है। अतः काशी विश्वनाथ धाम एवं श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के प्रमुख होली उत्सव में परस्पर आदान-प्रदान से प्राप्त दिव्य प्रसाद का उपयोग होगा, जिसका लाभ भक्तजन ले सकेंगे। श्री कृष्ण जन्मस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया श्री कृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ धाम के मध्य यह सनातनी नवाचार करोड़ों-करोड़ सनातनियों के लिए न सिर्फ एक संदेश है अपितु भविष्य के लिए भी परम कल्याणकारी है।

खाटू श्याम-नारनौल रोडवेज बस का टायर फटा:बाल-बाल बचे 52 यात्री; रात में कई घंटे सुनसान जगह पर फंसे रहे

खाटू श्याम-नारनौल रोडवेज बस का टायर फटा:बाल-बाल बचे 52 यात्री; रात में कई घंटे सुनसान जगह पर फंसे रहे महेंद्रगढ़ के नारनौल डिपो की एक बस का टायर खाटू श्याम मेले से आते हुए निकल गया और दूसरा टायर फट गया। जिससे बस डगमगा गई। गनीमत यह रही कि बस में बैठी सभी 52 सवारियां बाल-बाल बच गई। वहीं इस हादसे के बाद करीब एक घंटे तक यात्रियों को वापस लाने के लिए कोई बस नहीं मिली। जिसके कारण यात्री राजस्थान के पाटन गांव के पास सुनसान जगह पर खड़े रहे। नारनौल से खाटू श्याम के लिए हरियाणा रोडवेज ने स्पेशल बसें चलाई हुई हैं। ये बसें राजस्थान के पाटन, नीम का थाना व रिंग्स होते हुए खाटू के लिए जाती हैं, वहीं इसी रूट से वापस आती हैं। शाम साढ़े 7 खाटू श्याम से निकली थी बस हरियाणा रोडवेज की नारनौल डीपो की बस शाम को करीब साढ़े 7 बजे खाटू श्याम से नारनौल की सवारियां लेकर चली थी। बस सही प्रकार से नारनौल से करीब 40 किलोमीटर दूर राजस्थान के गांव पाटन तक पहुंच गई। जैसे ही बस पाटन के पास सुनसान रास्ते में आई, तो पहले बस का एक टायर निकल गया। वहीं दूसरा टायर फट गया। जिससे बस डगमगा गई। हालांकि ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा होते हुए टल गया। बाल-बाल बची 52 सवारियां, घटों नहीं आई दूसरी बस बस में मोहल्ला पुरानी सराय के रामबिलास सैनी अपनी पत्नी के साथ खाटू श्याम से वापस नारनौल आ रहे थे। रामबिलास सैनी ने बताया कि पाटन के पास रात को करीब साढ़े 9 बजे बस अचानक डगमगाई। सवारियों को अचानक झटका लगा। हालांकि ड्राइवर ने बस को जल्दी संभाल लिया। जिसके कारण सभी सवारियां बच गई। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद सभी सवारियां बस से बाहर आकर खड़ी हो गई, मगर रात होने के कारण उनको कोई दूसरा साधन नहीं मिला। ड्राइवर दूसरी बस की व्यवस्था में लगे थे, मगर बहुत देर तक बस नहीं पहुंची।

करनाल के स्टील मैन ने तोड़े 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड:1 मिनट में पेट से गुजरी 23 बाइकें; कार पलटते हैं, बाइक उठाकर एक किलोमीटर चलते हैं

करनाल के स्टील मैन ने तोड़े 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड:1 मिनट में पेट से गुजरी 23 बाइकें; कार पलटते हैं, बाइक उठाकर एक किलोमीटर चलते हैं हरियाणा में करनाल के बॉडी बिल्डर अमनदीप सिंह ने एक बार फिर अपने अनोखे स्टंट से दुनिया को हैरान कर दिया है। हाल ही में इटली में आयोजित हुई एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। प्रतियोगिता में उनके सामने टास्क था कि 1 मिनट में 23 बाइकों को गुजारना है, जिसे अमनदीप ने बड़े ही आराम से पूरा कर लिया। अमनदीप को स्टील मैन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। वह मूल रूप से इस्माइलाबाद, कुरुक्षेत्र के रहने वाले हैं। अमनदीप रोज 8 घंटे एक्सरसाइज करते हैं और डाइट रूटीन फॉलो करते हैं। वह हर सुबह नाश्ते में 1 किलो फ्रूट खाते हैं। ताकत की बात करें तो अमनदीप 120 kg की बाइक को उठाकर एक किलोमीटर तक चले जाते हैं साथ ही वो अपने पेट के ऊपर से कार के पहिए को भी चढ़ा लेते हैं। 20 फरवरी को इटली में तोड़े दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
अमनदीप ने बताया कि वह 22 फरवरी को भारत लौटे हैं, जहां से पहले 20 फरवरी को इटली में आयोजित वर्ल्ड स्ट्रॉन्गेस्ट मैन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। वहां उन्हें दो चुनौतीपूर्ण स्टंट करने थे। पहला स्टंट यह था कि 15 फुट की ऊंचाई से 15 किलो की बर्फ की सिल्ली उनके पेट पर गिराई जाएगी, जिसे उनके एब्स से टूटना था। अमनदीप ने इस चुनौती को न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि 11 बर्फ की सिल्लियों अपने पेट पर तुड़वाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। 1 मिनट में पेट से गुजरी 23 बाइकें
दूसरा स्टंट बाइकर्स से जुड़ा था, जिसमें बाइकर्स को उनके पेट के ऊपर से फुल स्पीड में बाइक निकालनी थी। एक मिनट में 20 बाइक निकालने का लक्ष्य था, लेकिन उन्होंने इसे पार करते हुए 23 बाइक निकालकर एक नया रिकॉर्ड बना दिया। कुरुक्षेत्र में बॉडी बिल्डिंग से मिली प्रेरणा
अमनदीप ने बताया कि 2005 में जब वह मिस्टर बॉडी बिल्डर बनने के लिए कुरुक्षेत्र पहुंचे, तो वहां उन्हें कहा गया कि उनके पास बॉडी बिल्डर बनने के लिए उचित डाइट नहीं है। यह बात उनके दिल पर लग गई और उन्होंने ठान लिया कि न केवल अपने शरीर को मजबूत बनाना है, बल्कि इसे स्टील की तरह शक्तिशाली भी बनाना है। इसी दौरान उन्होंने WWE के फाइटर्स को देखकर खुद को प्रेरित किया और कड़ी मेहनत शुरू कर दी। 2009 में मिला ‘स्टील मैन’ का खिताब
साल 2009 में अमृतसर में आयोजित मिस्टर सिख इंटरनेशनल प्रतियोगिता में उन्होंने भाग लिया, जहां करीब 15,000 से ज्यादा सिख युवाओं ने हिस्सा लिया था। इसी प्रतियोगिता में उन्हें ‘स्टील मैन’ का खिताब मिला। तब से वह लगातार अपने स्टंट्स से दुनियाभर में पहचान बना रहे हैं। हर दिन 8-9 घंटे की मेहनत, बिना किसी स्टेरॉयड के बनाई मजबूत बॉडी
अमनदीप वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन दोनों हैं और हर दिन वह 8-9 घंटे की कड़ी एक्सरसाइज व ट्रेनिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी आय का मुख्य स्रोत अलग-अलग इवेंट में परफॉर्म करना है। उनका सपना इंटरनेशनल लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व करना और वर्ल्ड स्ट्रॉन्गेस्ट मैन का खिताब जीतना है। इसके अलावा, वह UFC फाइट का वर्ल्ड चैंपियन बनने का भी सपना रखते हैं। ‘स्टेरॉयड से दूरी, नेचुरल डाइट और मेहनत पर भरोसा’
अमनदीप का कहना है कि वह किसी भी तरह के स्टेरॉयड का सेवन नहीं करते। उनके मुताबिक, स्टेरॉयड शरीर बनाने का शॉर्टकट जरूर है, लेकिन यह बेहद खतरनाक भी है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे प्राकृतिक डाइट लें और सादा भोजन करें। मेहनत और लगन से ही सफलता हासिल की जा सकती है, किसी शॉर्टकट से नहीं। उन्होंने बताया कि वह प्रसिद्ध रेसलर ‘हिटमैन’ को फॉलो करते हैं और उन्हें देखकर ही प्रेरित हुए थे। 23 मार्च को जियोग्राफी चैनल पर दिखेंगे अमनदीप
अमनदीप ने यह भी बताया की 23 मार्च को वो नेशनल जियोग्राफी चैनल पर दिखेंगे। जहां पर वह स्टील मैन के खिताब के साथ आएंगे। यह शूट करीब दो साल पहले हुआ था और अब वह रिलीज होने वाला है। वहां सलेक्शन के लिए यूएसए की टीम आई थी। जिसमें 25 अंग्रेज शामिल थे। वे पूरे विश्व में सुपर ह्यूमन सलेक्ट कर रहे थे। अमनदीप आगे कहते हैं “मेरा छह महीने तक इंटरव्यू चला था। उनकी टीम के लोगों ने पंच मारकर चेक किया। करीब 200 पंच मारे गए थे। जिसकी वजह से मेरे शरीर पर निशान भी पड़ गए थे और उसी दौरान वहां पर भी उनका रिकॉर्ड तोड़ा और मुझे सुपर ह्यूमन का खिताब मिला। अब उस चैनल पर भी स्टील मैन ऑफ वर्ल्ड का खिताब मिलेगा।” अमनदीप का अगला लक्ष्य – वर्ल्ड स्ट्रॉन्गेस्ट मैन बनना
अब तक 50 से ज्यादा वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके अमनदीप का अगला लक्ष्य दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान बनने का है। वह लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि अपने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और ऊंचा कर सकें। उनकी इस उपलब्धि पर करनाल सहित पूरे हरियाणा को गर्व है।

चेहरे पर घूंघट, हाथ में लट्‌ठ…निशाने पर हुरियारे:10 क्विंटल गुलाल उड़ा, हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश; बरसाना की लट्‌ठमार होली का VIDEO

चेहरे पर घूंघट, हाथ में लट्‌ठ…निशाने पर हुरियारे:10 क्विंटल गुलाल उड़ा, हेलिकॉप्टर से फूलों की बारिश; बरसाना की लट्‌ठमार होली का VIDEO चेहरे पर घूंघट, हाथ में लट्‌ठ…सामने ढाल लिए नंदगांव के हुरियारे। बरसाना में लट्‌ठमार होली का कुछ ऐसा ही नजारा रहा। शनिवार को नंदगांव से आए श्रीकृष्ण के सखाओं पर बरसाना की हुरियारनों ने लाठी बरसाईं। देश-दुनिया के 10 लाख टूरिस्ट इसको देखने पहुंचे। रंगीली गली और कुंज गलियों में 10 क्विंटल गुलाल उड़ाया गया। हेलिकाप्टर से फूलों की बारिश की गई। VIDEO में देखिए बरसाना की लट्‌ठमार होली…

काशी में नरमुंडों की माला पहन शिव तांडव करेंगे नागा:11 हजार चिताओं की राख से खेली जाएगी मसाने की होली; महिलाएं शामिल नहीं होगी

काशी में नरमुंडों की माला पहन शिव तांडव करेंगे नागा:11 हजार चिताओं की राख से खेली जाएगी मसाने की होली; महिलाएं शामिल नहीं होगी धधकती चिताओं के बीच रोते-बिलखते लोग। वहीं पर चिता की राख से होली खेलते शिव के गण…। काशी में​​​​​​ मसाने की होली कुछ ऐसी ही होगी। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर नरमुंड की माला पहने शिव के गण नृत्य करेंगे। 11 हजार चिताओं की भस्म से होली खेली जाएगी। महाकुंभ संपन्न होने के बाद काशी पहुंचे 5000 से ज्यादा नागा साधु भी शामिल होंगे। जूना अखाड़े के संत मणिकर्णिका घाट पर होली खेलेंगे। अलग-अलग अखाड़ों के आश्रम में भी होली खेली जाएगी। महाश्मशान के इस खास उत्सव को देखने 5 लाख टूरिस्ट काशी पहुंचे हैं। कमेटी ने महिलाओं को होली में शामिल होने की इजाजत नहीं दी है। काशी में 2 दिन होने वाले आयोजन में क्या-कुछ होगा, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… 10 मार्च : हरिश्चंद्र घाट 3 Km लंबी शोभायात्रा, घाट पर पूजा…फिर होली खेलेंगे साधु
10 मार्च यानी सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर से 5 km दूर कीनाराम बाबा आश्रम से हरिश्चंद्र घाट तक 3Km लंबी शोभायात्रा निकाली जाएगी। आश्रम से सुबह 9 बजे शोभा यात्रा निकलेगी। इसमें बाबा कीनाराम, कालूराम, बाबा मसान नाथ का चित्र बग्घी पर रहेगा। डमरू दल के साथ घोड़े पर भोलेनाथ के 5 स्वरूप रहेंगे। विभिन्न झांकियों के साथ ढोल-नगाड़ा, बैंड पार्टी शामिल होगी। शोभायात्रा कीनाराम जन्मस्थल से शुरू होकर आईपी विजया, भेलूपुर थाना होते हुए सोनारपुर से हरिश्चंद्र घाट पहुंचेगी। इसके बाद बाबा मसान नाथ का भव्य श्रृंगार और आरती की जाएगी। आरती के बाद लोग बाबा के मंदिर पर ही चिता भस्म के साथ होली खेलेंगे। इस बार हरिश्चंद्र घाट पर नागा साधुओं का टेंट लगा हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए साउंड सिस्टम नहीं रहेंगे। मसाने की होली में सिर्फ काशी के लोग या साधु-संत ही शामिल नहीं होते। टूरिस्ट भी शामिल हो सकते हैं। 11 मार्च : मणिकर्णिका घाट घाट पर पूजा होगी, लोग नाचते हुए गुलाल-अबीर लगाएंगे
11 मार्च को मणिकर्णिका घाट पर दोपहर 12 बजे बाबा मसान नाथ की पूजा होगी। इसमें नागा साधु भी शामिल होंगे। कोई शोभायात्रा नहीं निकलेगी। भक्ति गीतों पर गंगा घाट पर लोग झूमते और नाचते हैं। एक-दूसरे को गुलाल अबीर और भस्म लगाते हैं। 2025 की होली में घाट कमेटी ने DJ बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही मसाने की होली सिर्फ 1 घंटे खेली जाएगी। पिछले साल तक DJ बजता था, समय की कोई बाध्यता भी नहीं थी। मुंबई, दक्षिण भारत के कलाकार पहुंचे काशी
हरिश्चंद्र घाट की व्यवस्था को समझने के लिए दैनिक भास्कर ने काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के अध्यक्ष पवन चौधरी से बात की। उन्होंने कहा- हम 25 साल से घाट पर मसाने की होली की व्यवस्था देखते आ रहे हैं। कीनाराम बाबा आश्रम से 20 झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें मुंबई और दक्षिण भारत के कलाकार शामिल होंगे, जो बाबा के स्वरूपों में दिखेंगे। इसमें सभी लोग बाबा के बाराती की तरह शामिल होते हैं। इस यात्रा में भूत, पिशाच, हाकिनी-डाकिनी, चुड़ैल के स्वरूप दिखते हैं। बाबा के बाराती नाचते-गाते चलते हैं। हरिश्चंद्र घाट पर बाबा मसान नाथ की पूजा होती है। धधकती चिंताओं के बीच में चिता भस्म होली की शुरुआत होती है। इस आयोजन की तैयारियां 6 महीने पहले से होती हैं। चिताओं की राख इकट्‌ठा की जाती है। जिसे भस्म के साथ होली के दिन उड़ाया जाता है। मसाने की होली में बड़ा बदलाव मणिकर्णिका घाट पर महिलाएं नहीं आएंगी, नाव से होली देखेंगी
महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बाबा मसान नाथ मंदिर कमेटी व्यवस्थाएं संभालती है। आयोजन समिति के प्रमुख गुलशन कपूर ने बताया- दोपहर 12 बजे मसान नाथ की दोपहर की आरती होगी। 5100 चिताओं की भस्म जमा की गई है। जब भस्म उड़ती है, तो वह नीचे जमीन पर नहीं आती, बल्कि उड़ती रहती है। इस बार महाकुंभ होने की वजह से बहुत से नागा संन्यासी भी शामिल होंगे। बाबा के घर को बहुत सुविधा नहीं चाहिए, बस उन्हें खाली स्थान चाहिए। कमेटी ने महिलाओं के मसाने की होली में आने पर प्रतिबंध लगाया है। इस बार महिलाएं नाव से महाश्मशान की होली देख पाएंगी। बढ़ती भीड़ और हुड़दंग की वजह से महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समिति ने यह फैसला लिया है। अब टूरिस्टों की बात… लोग बोले- ऐसा लगता है महादेव के साथ होली खेल रहे
काशी के अभिनव राय कहते हैं- दुनिया में यह सबसे अनोखी होली होती है। इसको खेलने का तरीका भी अलग है। जो लोग यहां आते हैं, वो अलग मिजाज में दिखते हैं। इसमें लोग अपने में खोकर होली खेलते हैं। तब लगता है कि यह महादेव की नगरी है। ये उनकी होली है, हम उनके साथ होली खेल रहे हैं। राणा प्रताप सिंह कहते हैं- काशी के लोग इस होली का आनंद लेना चाहते हैं। मगर कुछ उपद्रवी लोग माहौल खराब करते हैं। कमेटी ने कुछ रोक लगाई हैं। यह होली बहुत खास है, मनाने का तरीका भी बिल्कुल अलग है। काशी की मसाने की होली की खासियत यह है कि हर साल नए लोग शामिल होते हैं। यह होली किसी खास परिवार या शहर के लोगों की नहीं है। विश्वनाथ मंदिर के निदेशक बोले- चिता भस्म का शास्त्र में उल्लेख नहीं
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं विश्वनाथ मंदिर के मानित निदेशक डॉ. विनय पांडेय ने शास्त्र प्रमाणों के उदाहरण देते हुए कहा- चिता भस्म होली का उल्लेख किसी भी शास्त्र में नहीं है। यह अब एक इवेंट बन चुका है, जो सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। …………………… यह भी पढ़ें : बरसाने में लट्‌ठमार होली…घूंघट में सखियों ने लट्ठ बरसाए:हुरियारों ने खुद को ढाल से बचाया; मथुरा में 10Km तक भारी भीड़ चेहरे पर घूंघट…हाथ में लट्‌ठ। ये नजारा रहा…मथुरा के बरसाने में चल रही लट्‌ठमार होली का। यहां शनिवार को 2 घंटे तक राधा बनीं हुरियारिनों ​ने कृष्ण रूपी हुरियारों ​पर जमकर ​​​​​​लट्ठ बरसाए। हुरियारों ने भी गीत गाते हुए ढाल से अपना बचाव किया। पढ़िए पूरी खबर…

बजट सत्र में बिखरी दिखी सपा, भारी पड़ी सरकार:वॉकआउट में भी साथ नहीं रहे विधायक, 2027 के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी

बजट सत्र में बिखरी दिखी सपा, भारी पड़ी सरकार:वॉकआउट में भी साथ नहीं रहे विधायक, 2027 के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी महाकुंभ के बाद बुलाए गए विधानमंडल के बजट सत्र में सत्तापक्ष ने सदन के अंदर और बाहर पूरी तरह से अपनी ताकत का एहसास कराया। वहीं, समाजवादी पार्टी दोनों सदनों में बिखरी-बिखरी दिखी। महाकुंभ को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया में सरकार पर आरोप लगाने वाली सपा ने सदन के अंदर उतना असरदार विरोध दर्ज नहीं कराया। विधानसभा में सपा विधायकों ने अकेले-अकेले वॉकआउट किया। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि विधानसभा चुनाव- 2027 में अब 2 साल का समय भी नहीं बचा है। भाजपा ने हैट्रिक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं सपा को 2027 में बाजी मारने के लिए नए सिरे से अपनी रणनीति पर विचार करना होगा। अखिलेश की कमी, माता प्रसाद पर दिखा उम्र का असर
वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय मानते हैं कि नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (82) पुराने दौर के हैं। बुजुर्ग होने के साथ वह नियमों की परिधि में बात करते हैं। सपा विधायक, नेता प्रतिपक्ष में जिस तरह की आक्रामकता देखना चाहते हैं, वह नहीं दिख रही। ऐसा पहली बार देखने को मिला कि नेता प्रतिपक्ष की स्पीच के दौरान उन्हीं की पार्टी के विधायक बीच में बोलते नजर आए। आनंद राय का मानना है कि सदन में सपा की कमजोरी के पीछे अखिलेश यादव की गैरमौजूदगी भी बड़ा कारण है। अखिलेश यादव सदन में रहते थे, तो सपा विधायकों का उत्साह बना रहता था। उनमें अपने नेता के सामने सक्रियता दिखाने की ललक रहती थी। जो इस बार देखने को नहीं मिली। पूरे सत्र में सपा की रणनीतिक चूक दिखी
वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय मानते हैं- समाजवादी पार्टी ने बजट सत्र के दौरान महाकुंभ की अव्यवस्था और भगदड़ को मुद्दा बनाया। इसको भी विपक्ष सदन में उतना प्रभावी तरीके से नहीं उठा सका, जितनी प्रभावी तरीके से सीएम योगी ने आंकड़ों के साथ अपनी बात को रखा। सीएम योगी ने महाकुंभ में उमड़े जनसैलाब, अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती सहित ऐसे आंकड़े पेश किए, जिन पर विपक्ष के पास कोई सवाल नहीं था। राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विरोध के बाद सपा के कुछ विधायक बगावत कर गए थे। वैसे ही हिंदुओं की आस्था से जुड़े महाकुंभ को विवादों से जोड़ने की सपा की यह रणनीतिक चूक रही है। रागिनी सोनकर, पंकज मलिक, अतुल प्रधान और कमाल अख्तर ने सरकार को घेरा
विधानसभा में विपक्ष की ओर से विधायक रागिनी सोनकर, पंकज मलिक, अतुल प्रधान, संग्राम यादव और मुख्य सचेतक कमाल अख्तर ने सरकार को जमकर घेरा। सपा विधायक इंजीनियर सचिन यादव, पंकज पटेल, समरपाल, रविदास मेहरोत्रा, फहीम इरफान, पल्लवी पटेल और स्वामी ओमवेश ने भी सवालों से सरकार को घेरने का प्रयास किया। सदन में कई बार ऐसे मौके भी आए जब विधायक रागिनी सोनकर ने तीखे सवाल किए। इनके जवाब देने के लिए विभागीय मंत्री की जगह खुद सीएम योगी और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना को दखल देना पड़ा। सदन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के व्यवहार से आहत रागिनी ने सदन का वॉकआउट भी किया। ज्यादातर सपा विधायक दिखे निष्क्रिय
विधानसभा में सपा के 107 सदस्य हैं। लेकिन सदन के अंदर कमोबेश करीब 12 सदस्य ही सक्रिय रहते हैं। बाकी सदस्य राजनीतिक कारणों से या विषय की जानकारी के अभाव में सदन में सक्रिय नहीं रहते। 50 से ज्यादा ऐसे विधायक भी हैं, जिन्होंने बजट सत्र में एक भी प्रश्न नहीं लगाया। विधायक अंकित भारती, इंद्रजीत सरोज, इंद्राणी देवी, उषा मौर्य, कमलाकांत राजभर उर्फ पप्पू, गीता शास्त्री, जयकिशन साहू, महराजी प्रजापति, हाकिम अली बिंद, नसीम सोलंकी समेत अन्य कई विधायक सदन में सक्रिय नहीं दिखे। इन्होंने सदन में तारांकित सवाल (जिसका उत्तर सदस्य सदन में मौखिक रूप से चाहता है) तक नहीं किए। पारिवारिक संबंध भी बने मजबूरी
जानकारों का मानना है, इसके पीछे राजनीतिक और पारिवारिक मजबूरी भी है। जैसे विधायक इंद्रजीत सरोज भाजपा एमएलसी रामचंद्र प्रधान के समधी हैं। उनके भाजपा से अच्छे रिश्ते हैं। समय-समय पर उनकी भाजपा में शामिल होने की चर्चा भी चलती रहती है। अब बात करते हैं विधान परिषद की सीएम योगी के आरोपों का जवाब नहीं दे पाई सपा
विधान परिषद में भी सपा सुस्त नजर आई। 4 मार्च को बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लिया। योगी ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला। लेकिन, सपा इस पर जवाब देने या सीएम के आरोपों को काउंटर करने की जगह रक्षात्मक मुद्रा में नजर आई। यहां तक कि जब सीएम योगी का लगभग डेढ़ घंटे का संबोधन समाप्त हुआ, तो नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव अपनी पार्टी का बचाव तक नहीं किया। वह मुख्यमंत्री से अपना वेतन बढ़ाने की मांग करने लगे। नेता विरोधी दल को टांग ले गए मार्शल, जगह से भी नहीं हिले सपा सदस्य
बजट सत्र के दूसरे दिन समाजवादी पार्टी नियम- 105 के तहत चर्चा कर रही थी। नेता विरोधी दल लाल बिहारी 2 घंटे की चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़ गए। इस पर सभापति मानवेंद्र सिंह ने मार्शल को आदेश दिया कि उन्हें उठाकर बाहर ले जाएं। मार्शल आए और लाल बिहारी यादव को टांग कर ले गए। उस समय समाजवादी पार्टी के कई सदस्य वेल में बैठे थे। जिस समय मार्शल लाल बिहारी यादव को ले जा रहे थे, सपा के कई सदस्य वेल में बैठे हंसते नजर आए। आलाकमान ने कसे पेंच, तो एकजुट हुए सपाई
विधान परिषद में नेता विरोधी दल को सदन से बाहर करने पर विरोध नहीं करना सपा नेतृत्व को भी नागवार गुजरा। सपा सुप्रीमो ने सभी सदस्यों को सदन में एकजुट रहने की हिदायत दी। इसके बाद सपा थोड़ा एकजुट जरूर दिखी। सत्र के दौरान दो मौके ऐसे आए, जब समाजवादी पार्टी ने जनहित का मुद्दा उठाते हुए सदन का बहिष्कार किया। एक मौका किसानों की समस्याओं का था, दूसरा जातीय जनगणना का था। नेता प्रतिपक्ष को टांग ले जाने की पहली घटना
लंबे समय से बतौर शिक्षक दल के नेता के रूप में विधान परिषद में प्रतिनिधित्व करने वाले ध्रुव कुमार त्रिपाठी कहते हैं- नेता विरोधी दल को इस तरह से उठा कर ले जाने की विधान परिषद की यह पहली घटना थी। आमतौर पर जब पीठ किसी भी सदस्य को या नेता को बाहर जाने के लिए कहती है, तो वह खुद बाहर चला जाता है। 19 फरवरी को कोई इतना बड़ा मुद्दा भी नहीं था, जिसे नेता विरोधी दल लाल बिहारी यादव ने तूल दिया। वह न सिर्फ वेल में बैठे रहे, बल्कि लेट गए। विधान परिषद में सपा के आधे से ज्यादा सदस्य सवाल भी नहीं पूछते
विधान परिषद में मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के 10 सदस्य हैं। इनमें लाल बिहारी यादव के अलावा किरणपाल कश्यप, जसमीर अंसारी, बलराम यादव, राजेंद्र चौधरी, डॉ. मान सिंह, शाह आलम उर्फ गुड्‌डू जमाली, मुकुल यादव, आशुतोष सिन्हा और शहनवाज आलम हैं। इसमें आधे से ज्यादा सदस्य तो सरकार से सवाल पूछना भी मुनासिब नहीं समझते। इस बार अधिकतर सवाल डॉ. मान सिंह, आशुतोष सिन्हा और शहनवाज आलम के रहे। बाकी सदस्यों के पास सत्ता से पूछने के लिए सवाल भी नहीं थे। 11 दिन के सत्र में दो मौके ऐसे आए जब सवालों के लिए समय तो था, लेकिन विपक्ष के पास सवाल ही नहीं थे। इतना ही नहीं, सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने भी अपनी सरकार से सवाल पूछे और सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सपा को क्या करना होगा?…2027 के लिए नए सिरे से बनानी होगी रणनीति
वरिष्ठ पत्रकार रतन मणिलाल मानते हैं- ऐसा लंबे समय से चल रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद मिली जीत से बने माहौल को सपा अपने पक्ष में बरकरार नहीं रख सकी। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस मजबूती से सरकार चल रही है, उससे साफ है जनता में भाजपा की अपील है। सपा का पीडीए फॉर्मूला शब्दों का खेल बनकर रह गया है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक सिद्धार्थ कलहंस मानते हैं- सपा को 2027 की तैयारी के लिए संगठनात्मक रणनीति में बदलाव करना होगा। विधानसभा सत्र के दौरान सपा को और अधिक तैयारी के साथ आना होगा। विधानसभा में नियम 56 हो या विधान परिषद में नियम- 105 के तहत जो सवाल उठाए जाते हैं वे तथ्यों पर आधारित हों। उसके लिए विधायकों को पहले आपस में ही विमर्श करना होगा। किन मुद्दों पर वॉकआउट करना है, किन पर वेल में आना है, इसकी पहले से तैयारी करके सदन में आना होगा। यह बात भी सही है कि जिस आक्रामकता के साथ अखिलेश यादव बतौर नेता प्रतिपक्ष अपनी बात रखते थे, वो काम फिलहाल माता प्रसाद पांडेय नहीं कर पा रहे। माता प्रसाद को नेता प्रतिपक्ष बनाने का निर्णय भी अखिलेश यादव का ही है। इसीलिए पार्टी के अंदर भी इसका कोई विरोध होगा, ऐसा नहीं लगता। ———————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी सरकार जातीय जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती, हिंदू वोटबैंक बंटने का डर; सपा पिछड़ों को एकजुट कर सियासी फायदा उठाएगी यूपी में जातिगत जनगणना को लेकर बहस थमती नहीं दिख रही है। बजट सत्र के दौरान विधान परिषद में इस पर जमकर नोकझोंक हुई। सपा ने जातिगत जनगणना की मांग उठाई। बिहार का उदाहरण दिया। भाजपा ने इस मांग को खारिज कर दिया। कहा- जनगणना करने का विषय भारत सरकार के पास है ये राज्य का मामला ही नहीं है। इस पर सपा ने वॉकआउट किया। पढ़ें पूरी खबर…

चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती हैं मायावती:टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में आईं, गेस्टहाउस कांड के बाद भी सपा से मिलाया हाथ

चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाती हैं मायावती:टीचर की नौकरी छोड़ राजनीति में आईं, गेस्टहाउस कांड के बाद भी सपा से मिलाया हाथ यूपी की राजनीति का महिला चेहरा, एक तिलिस्म, चाणक्य, दलितों की मसीहा, जुझारू व्यक्तित्व से लबरेज- ये उपमाएं किसी को दी जा सकती हैं तो वह मायावती हैं। 1997 से 2007 के बीच कुल 7 साल 10 दिन सूबे की मुख्यमंत्री रहीं। 2003 से बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया हैं। कहावत है, राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। मायावती ने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान इस ‘सरप्राइज फैक्टर’ और ‘अनिश्चितता’ को बनाए रखा है। फिलहाल, मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को पद और पार्टी से हटाने और भाई आनंद कुमार के कोऑर्डिनेटर पद नहीं लेने की वजह से चर्चा में हैं। उन्हें इस समय सबसे बड़ी चुनौती परिवार से ही मिल रही है। मुख्यमंत्री, बहन, सुश्री और बसपा की आलाकमान मायावती की जिंदगी के हर पहलू को संडे बिग स्टोरी में पढ़िए- ग्राफिक्स: प्रदीप तिवारी —————— ये खबर भी पढ़ें… बसपा को पुराने फॉर्म में लाने की तैयारी में मायावती, भतीजे को निकाला, भाई को साथ रखा; बताया- पार्टी में उनसे ऊपर कोई नहीं मायावती राजनीति में मंझी हुई खिलाड़ी हैं। उनके अब तक के फैसलों और कार्यशैली पर नजर डालें तो मायावती सड़क पर संघर्ष करने की जगह जातीय और सियासी समीकरण पर ज्यादा विश्वास रखती हैं। उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर इस बार दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण की सोशल इंजीनियरिंग का दांव चला है। पढ़ें पूरी खबर…

महेंद्रगढ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 49 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल:बोले-सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मकता से सफलता संभव, महिलाओं के लिए कई विकल्प

महेंद्रगढ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 49 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल:बोले-सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मकता से सफलता संभव, महिलाओं के लिए कई विकल्प महेंद्रगढ़ के केंद्रीय विश्वविद्यालय में ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में 49 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला। इनमें किसी ने सफलता का श्रेय गुरुजनों को दिया तो किसी ने परिवार के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। सभी ने अपनी सफलता की कहानी बताई। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अब्दुल ने कहा कि यह उसके लिए बेहद खुशी का पल है। वह अपने विभाग और सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करता हैं, विशेष रूप से डॉ. अशोक कुमार और डॉ. नीरज करन सिंह का, जिनका मार्गदर्शन हमेशा मिला। फिलहाल, वह दिल्ली के एक न्यूज चैनल से जुड़ा हुआ है। मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ कैंपस के हर पल का आनंद लेना भी उतना ही जरूरी है। संस्कृत विभाग के दीपक वशिष्ठ ने कहा कि यह सफलता उसके लिए अपेक्षित थी। उसके प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र सिंह राजपूत मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वह मानता है कि यदि शुरुआत से ही लक्ष्य तय कर लिया जाए, तो सफलता निश्चित होती है। फिलहाल, वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पीएचडी कर रहा है। बिना रुके लक्ष्य की ओर बढ़ें महिलाएं सांख्यिकी विभाग की रेणु कुमारी ने कहा कि यह उसके लिए गर्व का क्षण था। फिलहाल वह केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से पीएचडी कर रही है। उसका मानना है कि महिलाओं को अपने लक्ष्य की ओर बिना रुके बढ़ते रहना चाहिए, आज के समय में महिलाओं के पास ढेरों विकल्प हैं और स्वतंत्रता है। गणित विभाग की निकिता शर्मा ने बताया कि गणित में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना उसके लिए जीवन के सबसे खास पलों में से एक है। यह उपलब्धि उसकी कड़ी मेहनत, माता-पिता और दोस्तों के सहयोग का परिणाम है। उसकी प्रेरणा का स्रोत आईएएस टीना डाबी हैं, जिसने उसे निरंतर प्रयास और धैर्य सीखा है। उसका मानना है कि नियमित और एकाग्र अध्ययन ही सफलता की कुंजी है। सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव रसायन विज्ञान विभाग की चेतना सैनी ने कहा कि उन्होंने नेट और गेट क्वालिफाइड किया है। वर्तमान में आईआईटी रुड़की से पीएचडी कर रही हैं। शुरुआत में टॉपर बनने का सपना नहीं था, लेकिन एकेडमिक में रुचि बढ़ती गई। कल्पना चावला से प्रेरित चेतना मानती हैं कि सही दिशा न मिलने पर भी सकारात्मक दृष्टिकोण से सफलता संभव है।

पंजाब के 6 जिलों में तापमान 28 डिग्री के पार:48 घंटों में 4 डिग्री तक बढ़ेगी तापमान; 12मार्च से बारिश के आसार

पंजाब के 6 जिलों में तापमान 28 डिग्री के पार:48 घंटों में 4 डिग्री तक बढ़ेगी तापमान; 12मार्च से बारिश के आसार पंजाब में खिली धूप के बाद तापमान में बढ़ौतरी जारी है। न्यूनतम व अधिकतम तापमान में 15 डिग्री से अधिक का असर देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 48 घंटों में राज्य का तापमान 30 डिग्री के पार जाने का अनुमान है। लेकिन, इसके बाद राज्य में बारिश के आसार भी बन रहे हैं। जिस अनुसार 12 मार्च के बाद राज्य के कुछ हिससों में बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार औसत अधिकतम तापमान में 1.2°C की वृद्धि हुई है। हालांकि, यह राज्य में सामान्य से 2°C अधिक है। राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 30.2°C दर्ज किया गया, जो अबोहर में रहा। आज भी पंजाब के हालात ऐसे ही रहने वाले हैं। अनुमान है कि तापमान में वृद्धि के साथ ही तापमान सामान्य से अधिक रहने वाला है। 6 जिलों का तापमान 28°C के पार हुआ पंजाब के 6 जिले ऐसे हैं, जहां का तापमान 28°C के पार हो रहा है। शनिवार शाम पटियाला में तापमान 28.6°C, बठिंडा में 29°C, फतेहगढ़ साहिब में 28.2°C, अबोहर में 30.2°C, फिरोजपुर में 29.2°C, रूपनगर में 28.9 °C और मोहाली में 28°C तापमान दर्ज किया गया है। 15 मार्च तक बारिश के बने आसार मौसम विज्ञान केंद्र की तरफ से जारी जानकारी के अनुसार आज से पंजाब में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो रहा है। लेकिन इसका असर पहाड़ी इलाकों में रहेगा। यहां आज से बारिश व बर्फबारी की संभावनाएं बन रही हैं। मैदानी इलाकों में इसका असर 12 मार्च से देखने को मिलेगा। 12 से लेकर 15 मार्च तक पंजाब में बारिश के आसार बने हैं। वहीं, हरियाणा में 14-15 मार्च को बारिश के असार हैं। पंजाब के शहरों का मौसम अमृतसर- आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ौतरी होगी। तापमान 10 से 27 डिग्री के बीच रह सकता है। जालंधर- आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ौतरी होगी। तापमान 9 से 27 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना- आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ौतरी होगी। तापमान 12 से 28 डिग्री के बीच रह सकता है। पटियाला- आसमान साफ रहेगा। न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ौतरी होगी। तापमान 12 से 27 डिग्री के बीच रह सकता है। मोहाली- आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ौतरी होगी। तापमान 14 से 27 डिग्री के बीच रह सकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 को आएंगी चंडीगढ़:पंजाब यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल; छात्रों को देंगी पदक और डिग्रियां

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 को आएंगी चंडीगढ़:पंजाब यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में होंगी शामिल; छात्रों को देंगी पदक और डिग्रियां पंजाब यूनिवर्सिटी का 72वां दीक्षांत समारोह 12 मार्च को होने जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस समारोह में 2024 में परीक्षा पास करने वाले छात्रों को पदक, पुरस्कार और डिग्री दी जाएगी। राष्ट्रपति मुर्मू पीयू में दीक्षांत भाषण देने वाली देश की 6वीं राष्ट्रपति होंगी। इससे पहले प्रणब मुखर्जी, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, ज्ञानी जैल सिंह, नीलम संजीव रेड्डी और डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी यहां दीक्षांत भाषण दे चुके हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव सुरक्षा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिस चेकिंग बढ़ा दी गई है। राष्ट्रपति के काफिले के लिए मुख्य रूट के अलावा एक अतिरिक्त रूट भी तय किया गया है, ताकि किसी आपात स्थिति में उसे इस्तेमाल किया जा सके। मानद उपाधि और सम्मान
दीक्षांत समारोह में कई प्रसिद्ध हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। डॉ. आर.जे. हंसगिल और कमलेश डी. पटेल को डॉक्टर ऑफ साइंस (मानद उपाधि) दी जाएगी। निवेदिता रघुनाथ भिड़े को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (मानद उपाधि) मिलेगी। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने के लिए इन हस्तियों को विशेष पुरस्कार दिए जाएंगे।