Raja Warring की कथित जातिवादी टिप्पणी पर Controversy तेज़, AAP नेता Harmeet Singh Sandhu का Congress पर बड़ा हमला

Raja Warring की कथित जातिवादी टिप्पणी पर Controversy तेज़, AAP नेता Harmeet Singh Sandhu का Congress पर बड़ा हमला

पंजाब की राजनीति में इन दिनों एक बयान को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने दिवंगत वरिष्ठ दलित नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह के खिलाफ जातिगत और अपमानजनक टिप्पणी की। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस को घेरा है और वड़िंग को पार्टी से बाहर निकालने की मांग की है।

AAP नेता और तरनतारन उपचुनाव के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने कहा कि वड़िंग का बयान सिर्फ “ज़ुबान फिसलना” नहीं, बल्कि पूरे दलित समुदाय का अपमान है। संधू का कहना है कि वड़िंग की माफ़ी असली पछतावा नहीं है, बल्कि सिर्फ अपनी इमेज और राजनीतिक कुर्सी बचाने की कोशिश है।

संधू ने क्या कहा?

संधू ने बताया कि सरदार बूटा सिंह कोई आम नेता नहीं थे। वे देश के बड़े दलित चेहरों में से एक, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और सम्मानित राष्ट्रीय नेता थे। अगर कोई नेता इतनी बड़ी शख्सियत को जाति के आधार पर नीचा दिखा सकता है, तो सोचिए आम दलित नागरिक के लिए उनकी सोच कैसी होगी

उन्होंने कहा:

“पंजाब गुरुओं और समानता की धरती है। यहाँ जाति का घमंड या भेदभाव की कोई जगह नहीं है। राजा वड़िंग जैसे नेताओं को राजनीति में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस को उन्हें अध्यक्ष बनाने की जगह पार्टी से निकाल देना चाहिए।”

कांग्रेस पर दलित-विरोधी सोच का आरोप

संधू ने कहा कि यह घटना कोई पहली बार नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस में दलितों को लेकर भेदभाव की सोच पहले से चली आ रही है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इसके पहले भी प्रताप बाजवा और सुनील जाखड़ जैसे कांग्रेस नेताओं द्वारा ऐसी टिप्पणियाँ की जा चुकी हैं।

संधू के अनुसार, कांग्रेस डॉ. अंबेडकर का सम्मान सिर्फ दिखावे में करती है, जबकि व्यवहार में दलित नेताओं को नीचा दिखाया जाता है।

क्या मांग रखी गई?

  • राजा वड़िंग को तुरंत कांग्रेस से बाहर निकाला जाए
  • कांग्रेस पार्टी को दलित समाज से सार्वजनिक माफ़ी मांगनी चाहिए
  • ऐसी मानसिकता को कानूनी और राजनीतिक सज़ा मिलनी चाहिए

मामला क्यों गरमाया?

सोशल मीडिया पर वड़िंग के बयान का वीडियो वायरल हुआ।
इसके बाद कांग्रेस की ओर से सफ़ाई और माफ़ी आई, लेकिन राजनीतिक दलों ने इसे डैमेज कंट्रोल बताते हुए खारिज कर दिया।

इस विवाद के बीच तरनतारन उपचुनाव भी है, जहाँ संधू AAP की ओर से उम्मीदवार हैं, इसलिए इस मुद्दे ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है।

यह मामला सिर्फ एक बयान तक सीमित नहीं रह गया है।
यह दलित सम्मान, राजनीतिक संस्कार, और पंजाब की सामाजिक सोच के सवाल से जुड़ गया है।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस पार्टी राजा वड़िंग पर क्या कार्रवाई करती है और यह विवाद आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है

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