देश के पूर्व गृह मंत्री स्वर्गीय सरदार बूटा सिंह के बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग द्वारा की गई टिप्पणी ने राजनीति में बहस छेड़ दी है। राजा वड़िंग ने एक वीडियो में बूटा सिंह को “पठे पाऊण वाला” कहकर संबोधित किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री सरदार हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि यह बयान राजा वड़िंग की मनुवादी और दलित–विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।
हरभजन सिंह ने कहा कि जिस व्यक्ति को राजा वड़िंग ने नीचा दिखाया, वह बी.ए. ऑनर्स, एम.ए., और पी.एच.डी. की डिग्रियों के साथ-साथ पत्रकारिता समेत कई क्षेत्रों में काम कर चुके थे। उन्होंने सिर्फ 25 साल की उम्र में 1962 में संसद का सदस्य बनने का गौरव हासिल किया।
हरभजन सिंह ने कहा कि राजा वड़िंग की यह रंग–आधारित टिप्पणी सीधे तौर पर संविधान का उल्लंघन है और यह दिखाता है कि कांग्रेस पार्टी के नेता अब भी अनुसूचित जातियों के प्रति सही दृष्टिकोण नहीं रखते।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही दलित विरोधी रही है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने हमेशा डॉ. भीमराव अंबेडकर का विरोध किया और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी एक दलित विधायक को नीचा दिखाते हुए कहा था, “यह किस तरह का मटेरियल विधानसभा में आ गया है।”
हरभजन सिंह ने कहा कि भारत का अनुसूचित जाति समाज हमेशा डॉ. भीमराव अंबेडकर का ऋणी रहेगा, जिन्होंने संविधान के माध्यम से सभी को समानता का अधिकार दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा संविधान नहीं होता, तो राजा वड़िंग जैसे नेता दलितों को ऊपर उठने का मौका कभी नहीं देते।
इस बयान के साथ ही राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं की दलित विरोधी मानसिकता अब भी साफ नजर आती है।


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