सड़क हादसों में मदद करने वालों को मिलेगा सम्मान और ₹25,000 इनाम — गडकरी की ‘राहवीर’ योजना

सड़क हादसों में मदद करने वालों को मिलेगा सम्मान और ₹25,000 इनाम — गडकरी की ‘राहवीर’ योजना

सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद करने वालों के लिए सरकार का बड़ा ऐलान। अब हादसे के बाद मदद करने पर न तो पुलिस की पूछताछ होगी और न ही कानूनी झंझट।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ‘राहवीर’ योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचाने वाले मददगार को ‘राहवीर’ के रूप में सम्मानित किया जाएगा और उसे 25,000 का नकद इनाम दिया जाएगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें औसतन 1.8 लाख लोगों की जान जाती है। इनमें से 66% मौतें युवाओं (18 से 34 साल) की होती हैं।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी के सवाल पर गडकरी ने स्वीकार किया कि रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने और कानून सख्त करने के बावजूद सरकार मौतों की संख्या घटाने में पूरी तरह सफल नहीं हुई है।

गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों को आधुनिक एंबुलेंस देने की योजना बना रही है। इसके तहत एंबुलेंस हादसे की जगह पर 10 मिनट के भीतर पहुंचेगी।

उन्होंने IIM की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि अगर घायलों को समय पर इलाज मिल जाए तो 50 हजार जिंदगियां बच सकती हैं।

सड़क निर्माण परियोजनाएं पीछे चल रही हैं

राज्यसभा में मंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल में स्वीकृत 574 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं तय समय से पीछे चल रही हैं। इनकी कुल लागत करीब 3.60 लाख करोड़ रुपए है।

इनमें से 300 परियोजनाएं एक साल से कम, 253 एक से तीन साल और 21 तीन साल से अधिक समय से लेट हैं। वहीं, 133 नई सड़क परियोजनाएं (कुल लागत 1 लाख करोड़ रु.) भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी में फंसी हैं।

2026 तक सैटेलाइट टोल सिस्टम, बचेगा 1,500 करोड़ रु.

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2026 तक देशभर में सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली लागू होगी। यह तकनीक सैटेलाइट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होगी।

वाहनों से फास्टैग और नंबर प्लेट पहचान तकनीक के जरिए बिना रुके टोल कट जाएगा। इससे 1,500 करोड़ रुपए ईंधन की बचत और 6,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व की बढ़ोतरी होगी।

पहले जहां टोल पार करने में 3-10 मिनट लगते थे, अब यह समय घटाकर शून्य करने का लक्ष्य रखा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *