भिवानी के गांव खरकड़ी माखवान निवासी एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के जवान अनिल कुमार उत्तराखंड में शहीद हो गए। दिवाली पर्व पर अनिल की शहादत की सूचना से परिवार में मातम है। उनकी पार्थिव देह आज गांव में पहुंचेगी। उनका गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानकारी अनुसार, अनिल कुमार सशस्त्र सीमा बल की 55वीं वाहिनी में तैनात थे और उनकी ड्यूटी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में थी। अनिल कुमार के चचेरे भाई अनिल ने बताया कि शनिवार-रविवार की रात को गश्त के दौरान अनिल कुमार का पांव फिसल गया, जिसके कारण वे खाई (नाले) में गिर गए। इस दौरान उनके सिर में चोट लग गई और वे शहीद हो गए। दो साल पहले हुई थी शादी अनिल के परिजनों ने बताया कि वे 10 जुलाई 2012 को एसएसबी में भर्ती हुए थे। करीब दो महीने पहले वे छुट्टी पर घर आए हुए थे और छुट्टी के बाद 2 महीने पहले ही ड्यूटी पर गए थे। अनिल कुमार की करीब 2 साल पहले शादी हुई थी और उनकी पत्नी भी उनके साथ ही रहती थी। पिता की हो चुकी है मौत अनिल कुमार तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके पिता कृष्ण कुमार एक किसान थे, जिनकी मौत करीब 4-5 साल पहले हो चुकी है। गांव खरकड़ी माखवान के सरपंच राजेश कुमार ने बताया कि रविवार को गांव में सूचना मिली थी कि अनिल कुमार ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए हैं। उनका पार्थिव शरीर सोमवार को गांव पहुंचेगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अनिल कुमार के बड़े भाई सुनील कुमार पार्थिव शरीर के साथ उत्तराखंड से आएंगे। भिवानी के गांव खरकड़ी माखवान निवासी एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के जवान अनिल कुमार उत्तराखंड में शहीद हो गए। दिवाली पर्व पर अनिल की शहादत की सूचना से परिवार में मातम है। उनकी पार्थिव देह आज गांव में पहुंचेगी। उनका गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। जानकारी अनुसार, अनिल कुमार सशस्त्र सीमा बल की 55वीं वाहिनी में तैनात थे और उनकी ड्यूटी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में थी। अनिल कुमार के चचेरे भाई अनिल ने बताया कि शनिवार-रविवार की रात को गश्त के दौरान अनिल कुमार का पांव फिसल गया, जिसके कारण वे खाई (नाले) में गिर गए। इस दौरान उनके सिर में चोट लग गई और वे शहीद हो गए। दो साल पहले हुई थी शादी अनिल के परिजनों ने बताया कि वे 10 जुलाई 2012 को एसएसबी में भर्ती हुए थे। करीब दो महीने पहले वे छुट्टी पर घर आए हुए थे और छुट्टी के बाद 2 महीने पहले ही ड्यूटी पर गए थे। अनिल कुमार की करीब 2 साल पहले शादी हुई थी और उनकी पत्नी भी उनके साथ ही रहती थी। पिता की हो चुकी है मौत अनिल कुमार तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके पिता कृष्ण कुमार एक किसान थे, जिनकी मौत करीब 4-5 साल पहले हो चुकी है। गांव खरकड़ी माखवान के सरपंच राजेश कुमार ने बताया कि रविवार को गांव में सूचना मिली थी कि अनिल कुमार ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए हैं। उनका पार्थिव शरीर सोमवार को गांव पहुंचेगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अनिल कुमार के बड़े भाई सुनील कुमार पार्थिव शरीर के साथ उत्तराखंड से आएंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राहुल बताते हैं कि कॉमनवेल्थ में देश की पहली गोल्ड मेडल विजेता रेसलर गीता फोगाट ने भी वर्ष 2021 में बेटे के जन्म के बाद खेल में कमबैक किया था। गोंडा में हुई नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था। उन्होंने बताया कि गीता को इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में सरिता ने ही हराया था। वहीं, गीता ने 30 किलोग्राम से ज्यादा वजन तोड़कर 59 केजी वेट कैटेगरी में कमबैक करते हुए रजत पदक जीता था। वैसे मां बनने के बाद सबसे अच्छा कमबैक बॉक्सर मैरी कॉम ने किया था। 2014 एशियाई खेल में मैरी कॉम ने बच्चे के जन्म के बाद दो साल की छुट्टी के बाद वापसी करते हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। अब पढ़िए….सरिता के वैवाहिक जीवन से मां बनने तक का सफर बेटे के जन्म पर सरिता ने लगातार दो पोस्ट साझा की थी
बेटे के जन्म पर सरिता मोर ने फेसबुक पर दो पोस्ट साझा की थी। एक पोस्ट में लिखा, विद ब्लेसिंग्स ऑफ गॉड एंड विश ऑफ यू ऑल, वी हैव बीन बलेस्ड बाई ए बेबी ब्वाय। ए न्यू जर्नी बिगिन्स,फिल्ड विद टिनी फीट एंड एंडलैस लव, वेलकम टू द वर्ल्ड, अवर बेबी ब्वाय। वहीं दूसरी पोस्ट में उन्होंने संस्कृत का एक श्लोक साझा किया, जिसमें लिखा है- ओइम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः । प्रेग्नेंसी के वक्त सरिता ने फेसबुक पर की थी पोस्ट
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