हिमाचल प्रदेश में दिवाली पर आज शाम पांच बजे के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) लोकल बसें नहीं चलाएगा। इससे लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। लोकल बसे कल सुबह 8 बजे के बाद चलाई जाएगी। इस अवधि में लौंग रूट की भी कम बसें ही चलेगी। परिवहन निगम ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि HRTC के ड्राइवर-कंडक्टर भी दिवाली पर्व को अपने घर पर परिवार के साथ मना सके। aहिमाचल में 3000 सरकारी बसें, अधिकांश नहीं चलेगी प्रदेश में HRTC की लगभग 3000 बसें है। इनमें से अधिकांश बसें शाम पांच बजे के बाद नहीं दौड़ेगी। हिमाचल में 95 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी है। इसलिए, यहां अधिकांश लोग दिवाली को हर्षोल्लास से मनाते हैं। ऐसे में प्राइवेट बसें भी कम ही सड़कों पर नजर आएगी। यात्रा प्लान करके घरों से निकले इसे देखते हुए लोगों को अपनी यात्रा पहले ही प्लान करके घर से निकलना होगा। या फिर सरकारी बसों का इंतजार नहीं करना होगा। दिवाली पर 257 स्पेशल बसें चलाई वहीं निगम ने हिमाचल से बाहर दूसरे राज्यों में रोजगार को गए लोगों को दिवाली पर वापस घर लाने के लिए 17 से 19 नवंबर तक 257 स्पेशल बसें चलाई। इनमें से अधिकांश बसें हिमाचल वापस लौट आई है। हिमाचल प्रदेश में दिवाली पर आज शाम पांच बजे के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) लोकल बसें नहीं चलाएगा। इससे लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। लोकल बसे कल सुबह 8 बजे के बाद चलाई जाएगी। इस अवधि में लौंग रूट की भी कम बसें ही चलेगी। परिवहन निगम ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि HRTC के ड्राइवर-कंडक्टर भी दिवाली पर्व को अपने घर पर परिवार के साथ मना सके। aहिमाचल में 3000 सरकारी बसें, अधिकांश नहीं चलेगी प्रदेश में HRTC की लगभग 3000 बसें है। इनमें से अधिकांश बसें शाम पांच बजे के बाद नहीं दौड़ेगी। हिमाचल में 95 प्रतिशत से ज्यादा हिंदू आबादी है। इसलिए, यहां अधिकांश लोग दिवाली को हर्षोल्लास से मनाते हैं। ऐसे में प्राइवेट बसें भी कम ही सड़कों पर नजर आएगी। यात्रा प्लान करके घरों से निकले इसे देखते हुए लोगों को अपनी यात्रा पहले ही प्लान करके घर से निकलना होगा। या फिर सरकारी बसों का इंतजार नहीं करना होगा। दिवाली पर 257 स्पेशल बसें चलाई वहीं निगम ने हिमाचल से बाहर दूसरे राज्यों में रोजगार को गए लोगों को दिवाली पर वापस घर लाने के लिए 17 से 19 नवंबर तक 257 स्पेशल बसें चलाई। इनमें से अधिकांश बसें हिमाचल वापस लौट आई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल के पूर्व IC बोले- RTI कमजोर कर रही सरकार:CIC-IC पद 4 महीने से खाली; इनफॉर्मेशन-कमीशन में अपील के लगे ढेर; एक्ट की अवहेलना
हिमाचल के पूर्व IC बोले- RTI कमजोर कर रही सरकार:CIC-IC पद 4 महीने से खाली; इनफॉर्मेशन-कमीशन में अपील के लगे ढेर; एक्ट की अवहेलना हिमाचल प्रदेश में चार महीने से मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और सूचना आयुक्त (IC) दोनों नहीं है। इनके बगैर, सूचना आयोग सफेद हाथी साबित हो रहा है। ‘राइट टू इनफॉर्मेशन’ (RTI) एक्ट के तहत आयोग के पास अब अपीलों के ढेर लग गए हैं। मगर इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। कांग्रेस ने एक सप्ताह पहले देशभर में मोदी सरकार पर RTI को कमजोर करने के आरोप जड़े और हिमाचल में खुद सत्तारूढ़ कांग्रेस चार महीने से अधिक समय से सीआईसी और आईसी की तैनाती नहीं कर पाई। इससे, सूचना आयोग के पास आरटीआई के तहत जानकारी नहीं देने की लगभग एक हजार अपील पेंडिंग हो गई है। हिमाचल के पूर्व आईसी केडी बातिश ने बताया- सीआईसी और आईसी न लगाकर सरकार RTI को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा- हिमाचल के पूर्व CIC भीमसेन ने बताया- पूर्व में यदि CIC नहीं रहा तो IC जरूर होता था। दोनों में से एक जरूर रहा है, लेकिन अभी दोनों नहीं है। इनके बगैर अपील की सुनवाई संभव नहीं है। नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए CIC-IC दोनों की जल्द नियुक्ति होनी चाहिए। 4 प्वाइंट में समझे क्यों जरूरी है CIS-IC हिमाचल में कब से और क्यों खाली पड़ी सीआईसी-आईसी के पद हिमाचल में पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस गुलेरिया आईसी थे और आरडी धीमान सीआईसी थे। एसएस गुलेरिया 3 जुलाई को रिटायर हो गए। इसके बाद से सरकार नया आईसी नहीं लग पाई। इसी तरह जुलाई में ही पूर्व सीआईसी आरडी धीमान रेरा (रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण) चेयरमैन लगाए गए। तब से लेकर सीआईसी का पद भी खाली पड़ा है। 22 दावेदारों ने कर रखा आवेदन एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म डिपार्टमेंट ने बीते 28 जून को ही सीआईसी और आईसी के लिए पात्र लोगों से आवेदन मांग रखे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, लगभग 22 लोगों ने इनके लिए आवेदन कर रखा है। इसके बाद, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म डिपार्टमेंट ने भी सरकार को इनकी तैनाती के लिए फाइल भेज रखी है। मगर सरकार ने अब तक तैनाती नहीं की। कौन बन सकता है सीआईसी और आईसी? मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और सूचना आयुक्त (IC) बनने के लिए व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठित व्यक्ति होना चाहिए, जिसके पास विधि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंचार माध्यम या प्रशासन और शासन जैसे क्षेत्रों में व्यापक ज्ञान और अनुभव हो। यह व्यक्ति संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं हो सकता है।
मंडी में तेज रफ्तार कार ने मारी छात्रा को टक्कर:कर रही थी सड़क पार, ड्राइवर ने अपनी गलती स्वीकार कर मांगी माफी
मंडी में तेज रफ्तार कार ने मारी छात्रा को टक्कर:कर रही थी सड़क पार, ड्राइवर ने अपनी गलती स्वीकार कर मांगी माफी मंडी जिले के चैल चौक बाजार में एक तेज रफ्तार कार ने स्कूली छात्रा को टक्कर मार दी, जिससे वह घायल हो गई। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज रविवार को सामने आया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घायल छात्रा की पहचान वैष्णवी(पुत्री यशु सोनी निवासी गांव टील्ली के रुप में हुई है। जानकारी के मुताबिक, एक निजी विश्वविद्यालय का छात्र तेज रफ्तार कार में तेज संगीत बजाते हुए चैल चौक बाजार से गुजर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चालक ने कार से नियंत्रण खो दिया और सड़क पार कर रही छात्रा वैष्णवी को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वैष्णवी सड़क पर गिर गई और उसे अंदरूनी चोटें आईं। दोनों पक्षों में हुआ आपसी समझौता घटना के तुरंत बाद, वैष्णवी के पिता, जो चैलचौक बाजार में ज्वेलरी की दुकान चलाते हैं, उसे उपचार के लिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज ले गए। कार चालक भी उनके साथ अस्पताल गया, लेकिन कुछ समय बाद वह वहां से फरार हो गया। इसके बाद छात्रा के पिता ने कार चालक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद, कार चालक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और माफी मांगी, जिसके बाद मामला आपसी समझौते से सुलझा लिया गया। वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि छात्रा सड़क के एक किनारे पर खड़ी थी। जैसे ही वह दौड़कर सड़क पार करने की कोशिश करती है, वह तेज रफ्तार कार की चपेट में आ जाती है।
रामपुर में दिवाली पर सिर्फ 17 जगह मिलेंगे पटाखे:बिक्री के लिए 85 दुकानदारों को लाइसेंस जारी, 20 अक्टूबर तक मान्य रहेंगे
रामपुर में दिवाली पर सिर्फ 17 जगह मिलेंगे पटाखे:बिक्री के लिए 85 दुकानदारों को लाइसेंस जारी, 20 अक्टूबर तक मान्य रहेंगे रामपुर उपमंडल में दीपावली के अवसर पर जन सुरक्षा और आगजनी की घटनाओं के रोकथाम के लिए 85 अस्थायी पटाखा लाइसेंस जारी किए गए हैं। इन लाइसेंसों के तहत पटाखों की बिक्री केवल 17 अधिकृत स्थलों पर ही की जा सकेगी। ये अस्थायी लाइसेंस 20 अक्टूबर तक मान्य रहेंगे। एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंदर सिंह नेगी ने बताया कि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विक्रेताओं को निर्धारित स्थानों पर ही बिक्री की अनुमति होगी। इन जगहों पर मिलेंगे पटाखे अधिकृत पटाखा विक्रय स्थलों में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग स्टोर/टैरेस (चौधरी अड्डा के पास), डकोलर, नोगली, निरसु, दत्तनगर, भद्रास, निरथ, चूआबाग, खनेरी, पदम नगर, झाकड़ी बस स्टैंड, ननखरी बस स्टैंड, तकलेच बस स्टैंड, मेमोरियल मैदान ज्यूरी, बोंडा, घराट और सराहन (बस स्टैंड के पास) शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद दीपावली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न विभागों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसका उद्देश्य भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता सुनिश्चित करना है। अग्निशमन विभाग को सभी विक्रय स्थलों पर फायर टेंडर और आवश्यक उपकरण सुनिश्चित करने तथा आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। अवैध पटाखा बिक्री पर रहेगी पुलिस की नजर पुलिस विभाग भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और अवैध पटाखा बिक्री की निगरानी करेगा। स्वास्थ्य विभाग नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में आकस्मिक चिकित्सा सहायता दल तैनात करेगा।विद्युत विभाग सुरक्षित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा और ढीले तारों की जांच करेगा। जल शक्ति विभाग को आपात स्थिति के लिए पर्याप्त जल भंडारण बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। वन विभाग भी अलर्ट पर वन विभाग जंगलों और ज्वलनशील क्षेत्रों के पास पटाखों के दुरुपयोग पर कड़ी निगरानी रखेगा।राजस्व विभाग लाइसेंस की शर्तों की जांच करेगा और विक्रय स्थलों पर समन्वय स्थापित करेगा। होम गार्ड्स पुलिस के साथ सुरक्षा और निगरानी में सहयोग करेंगे। नगर परिषद और ग्राम पंचायतें विक्रय स्थलों की स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगी। प्रत्येक क्षेत्र में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो लाइसेंसधारी दुकानों की जांच करेंगे और अग्निशमन दल के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।
