पंजाब में सोमवार रात 8 बजे के बाद दिवाली के पटाखों से हवा में घुला धुआं प्रदेश के कई शहरों को दमघोंटू बना गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में महज चार घंटों में तेज उछाल देखने को मिला और कई जिलों में स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच गई। पंजाब में कई जगह आज दिवाली मनाई जा रही है। बंदी छोड़ दिवस पर भी आज ही पटाखे फोड़े जाएंगे। जिसके बाद आज भी प्रदूषण के स्तर में बहुत बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। राज्य के पर्यावरण निगरानी केंद्रों के अनुसार, रात 8 बजे तक औसत AQI 114 दर्ज किया गया था। पटाखों के फूटते ही यह 9 बजे 153 और 10 बजे के बाद 309 हो गया। रात 11 बजे तक यह 325 और आधी रात तक कई स्थानों पर 500 तक पहुंच गया, जो अत्यंत खतरनाक श्रेणी है। बड़े शहर सबसे अधिक प्रभावित राज्य में सिर्फ 8 जगहों पर ही प्रदूषण बोर्ड हवा की गुणवत्ता की जांच करता है। इनमें लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और जालंधर सबसे अधिक प्रभावित रहे। इन शहरों में PM2.5 और PM10 की मात्रा सामान्य से 4 से 5 गुना तक ज्यादा पाई गई। रातभर आसमान में धुएं की परत छाई रही जिससे लोगों को आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। टेबल से जानें प्रदूषण का इंसानों पर क्या होता प्रभाव सीमित समय के बाद भी रातभर हुई आतिशबाजी पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि सीमित अवधि के आतिशबाजी से भी हवा में सूक्ष्म धूलकणों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। सरकार ने भी रात 8 बजे से 10 बजे तक आतिशबाजी का समय निर्धारित किया था। लेकिन पूरी रात आतिशबाजी हुई। ऐसी स्थिति बन चुकी है कि अब बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को इस स्थिति में घर के अंदर ही रहना चाहिए। लोगों को सुबह के समय बाहर टहलने या व्यायाम से बचने की सलाह दी है। हालात अगले दो दिन तक गंभीर मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर हवाएं तेज नहीं चलीं, तो यह प्रदूषण परत अगले दो दिनों तक बनी रह सकती है। प्रदूषण बढ़ने के साथ पराली जलाने की घटनाओं ने भी स्थिति को और खराब कर दिया है। पंजाब में सोमवार रात 8 बजे के बाद दिवाली के पटाखों से हवा में घुला धुआं प्रदेश के कई शहरों को दमघोंटू बना गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में महज चार घंटों में तेज उछाल देखने को मिला और कई जिलों में स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच गई। पंजाब में कई जगह आज दिवाली मनाई जा रही है। बंदी छोड़ दिवस पर भी आज ही पटाखे फोड़े जाएंगे। जिसके बाद आज भी प्रदूषण के स्तर में बहुत बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। राज्य के पर्यावरण निगरानी केंद्रों के अनुसार, रात 8 बजे तक औसत AQI 114 दर्ज किया गया था। पटाखों के फूटते ही यह 9 बजे 153 और 10 बजे के बाद 309 हो गया। रात 11 बजे तक यह 325 और आधी रात तक कई स्थानों पर 500 तक पहुंच गया, जो अत्यंत खतरनाक श्रेणी है। बड़े शहर सबसे अधिक प्रभावित राज्य में सिर्फ 8 जगहों पर ही प्रदूषण बोर्ड हवा की गुणवत्ता की जांच करता है। इनमें लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और जालंधर सबसे अधिक प्रभावित रहे। इन शहरों में PM2.5 और PM10 की मात्रा सामान्य से 4 से 5 गुना तक ज्यादा पाई गई। रातभर आसमान में धुएं की परत छाई रही जिससे लोगों को आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। टेबल से जानें प्रदूषण का इंसानों पर क्या होता प्रभाव सीमित समय के बाद भी रातभर हुई आतिशबाजी पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि सीमित अवधि के आतिशबाजी से भी हवा में सूक्ष्म धूलकणों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। सरकार ने भी रात 8 बजे से 10 बजे तक आतिशबाजी का समय निर्धारित किया था। लेकिन पूरी रात आतिशबाजी हुई। ऐसी स्थिति बन चुकी है कि अब बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को इस स्थिति में घर के अंदर ही रहना चाहिए। लोगों को सुबह के समय बाहर टहलने या व्यायाम से बचने की सलाह दी है। हालात अगले दो दिन तक गंभीर मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर हवाएं तेज नहीं चलीं, तो यह प्रदूषण परत अगले दो दिनों तक बनी रह सकती है। प्रदूषण बढ़ने के साथ पराली जलाने की घटनाओं ने भी स्थिति को और खराब कर दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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