जिस आश्रम में रेप हुआ, उसकी जमीन का विवाद:गाजियाबाद में केयरटेकर बोलीं-20 साल से यहां हूं, 200 लड़कियां रहीं, कभी कुछ नहीं हुआ

जिस आश्रम में रेप हुआ, उसकी जमीन का विवाद:गाजियाबाद में केयरटेकर बोलीं-20 साल से यहां हूं, 200 लड़कियां रहीं, कभी कुछ नहीं हुआ मैं अनाथ हूं, घर-परिवार में कोई नहीं। पहले मेरा रेप किया। फिर टॉर्चर किया, ताकि मैं पुलिस तक न जाऊं। मगर जिंदगी बर्बाद करने वालों को छोडूंगी नहीं…। ये गुस्सा 29 साल की उस महिला का है, जिसके साथ गाजियाबाद के आश्रम में रेप हुआ। महिला ने हिम्मत दिखाई और पुलिस तक पहुंची। अब आश्रम की संचालिका दिव्या योग माया सरस्वती और मेड राधिका उर्फ शबनम को अरेस्ट किया गया है। योग माया का सौतेला भाई गोकुल फरार है। रविवार की सुबह महिला आश्रम पहुंची। ताला खुलवाकर अपना सामान लेकर चली गई, उसके साथ 3 और लोग भी थे। क्या महिला के साथ वाकई रेप हुआ? आश्रम में क्या महिलाओं के साथ गलत हो रहा था? पुलिस की जांच में क्या सामने आया? इन सवालों के साथ दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप टीम दिल्ली बॉर्डर के आश्रम पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… महिला ने कहा- यहां 200 लड़कियां रहीं, कभी कुछ नहीं हुआ
दैनिक भास्कर की टीम जब दिल्ली बार्डर पर इस आश्रम में पहुंची, तो आश्रम की देखरेख करने वाली 2 महिलाएं मिलीं। एक बाहरी युवक भी आश्रम में मिला, जोकि गायों की सेवा करता है। आश्रम के 4 कमरों में ताले लटके थे। इसी आश्रम में 45 साल की नेपाल की महिला मिली। उन्होंने बताया- मैं 20 साल से इस आश्रम में रह रही हूं। मेरी दोनों बेटियों ने यहीं जन्म लिया है। माता जी ने ही बच्चियों की देखरेख की है। ऐसे कैसे बलात्कार कराएंगी। यहां मैं भी रह रही हूं, इन्हीं माता जी ने बेटियों की शादी कराई। जिस गोकुल नाम के युवक पर रेप का आरोप है, वह बचपन से यहीं रहा है। यहां पहले गुरुकुल था। 100-200 लड़कियां भी रही हैं। एक लड़की अनाथ बताकर यहां आई, गुरुमाता ने उसे रहने के लिए ठिकाना दिया। लेकिन अब उसने आश्रम को बदनाम करने के लिए माता जी को जेल भिजवा दिया, बाकी किसी का बलात्कार नहीं हुआ। वृद्धा ने कहा- उस महिला ने गोकुल को पीटा था
इसी आश्रम में 65 साल की एक वृद्धा भी रह रही हैं। उन्होंने बताया- 5 महीने पहले ही यह महिला आई होगी। एक बाबा भी कुछ दिन पहले एक कमरे में रहते थे, उसने उन्हें भी मारपीट कर भगा दिया। फिर माता जी के भाई गोकुल को मारा। आश्रम में पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया। मैं 3 साल से यहां रह रही हूं। अब पुलिस आई तो पता चला कि यहां यह काम हो गया। अपना ताला खोलकर सारा सामान भी ले गई। महिला का क्या कहना है, पढ़िए… मुझे कोल्डड्रिंक पीने को दी, फिर मेरी बॉडी ने रेस्पॉन्स नहीं किया
रेप केस में महिला ने जो कहानी पुलिस को सुनाई, पहले वो समझते हैं। महिला ने कहा- मैं दिल्ली के उत्तम नगर की रहने वाली हूं। परिवार से अनाथ हूं, मेरे घर परिवार में कोई नहीं है। सितंबर, 2024 को मैं दिल्ली बॉर्डर से सटे आश्रम में अपना सामान लेकर रहने के लिए आई थी। यहां मुझे सारे आश्रम की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई। कहा गया था कि आपको हर महीने 20 हजार रुपए मिलेंगे। कुछ दिन बाद ही आश्रम की संचालिका मुझे अपनी चेली कहकर बोलने लगीं। कहा कि तुझे भी साध्वी की पदवी दी जाएगी और आने वाले समय में आश्रम की देखरेख करोगी। उन्होंने आश्रम में एक मुस्लिम महिला को भी अपने साथ रखा हुआ था। 15 अप्रैल, 2025 की बात है, मुझे आश्रम संचालिका ने कोल्ड ड्रिंक दी। उसको पीने के बाद मुझे बेहोशी छाने लगी। मेरी बॉडी रिस्पांस नहीं दे रही थी, मगर मैं सोच समझ पा रही थी। मुझे इतना एहसास हो रहा था कि मेरे साथ रेप हो रहा है। आंखें खोली तो देखा कि वो संचालिका का भाई गोकुल था। जब मैं होश में आई, तब संचालिका और उसके भाई गोकुल ने मुझे एक वीडियो दिखाया। उसमें मैं न्यूड थी। मेरे साथ गलत काम हो रहा था। इस वीडियो को दिखाकर मुझे ब्लैकमेल किया जाने लगा। मैं इतना समझ चुकी थी कि मैं फंस गई हूं। इन लोगों ने सैलरी के 1.40 लाख रुपए भी मुझे नहीं दिए थे। अब वो मिलने की उम्मीद भी नहीं थी। साथ ही, मैं आश्रम छोड़कर भाग भी नहीं सकती थी, क्योंकि वो लोग धमकी दे रहे थे कि अगर आश्रम छोड़ा तो ये न्यूड वीडियो वायरल कर देंगे। महिला ने कहा- 23 अप्रैल की रात मुझे टॉर्चर किया
हमने पूछा- फिर आपने पुलिस के पास जाने के बारे में कैसे सोचा? उन्होंने कहा- मैं परेशान थी, फिर 23 अप्रैल की रात को मुझे संचालिका ने अपने पास बुलाया। मुझे धमकाया तो मैंने कह दिया कि आश्रम छोड़ दूंगी। इसके बाद उन्होंने मुझे आश्रम में ही पीटा। मुझे पुलिस की तरह थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया। धमकी दी कि अगर पुलिस के पास गई तो लाश का भी पता नहीं चलेगा। उस रात के बाद अक्सर मेरे साथ गलत काम होने लगा, तरह-तरह से परेशान किया जाने लगा। फिर मैं परेशान हो गई। 8 मई को थाने में शिकायत दर्ज कराई। 1 जून को पुलिस ने दोनों महिलाओं को जेल भेजा। आश्रम की 22 बीघा जमीन का विवाद IAS के साथ रहती थीं योग माया
कौशांबी पुलिस ने महिला के सामने आने के बाद छानबीन शुरू की। सामने आया कि आश्रम के पास 22 बीघा जमीन है। आधे से ज्यादा हिस्सा खाली पड़ा है, इसके कुछ हिस्से में मंदिर और मूर्तियां हैं, बाकी में गाय पाली जाती हैं। आश्रम में बाहर की तरफ की दुकानों को किराए पर दिया गया है। यह जमीन पहले एक IAS अधिकारी की थी, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। आईएएस अधिकारी के यहां दिव्या योग माया सरस्वती रहती थीं। इन्हीं IAS अधिकारी की पहली पत्नी परिवार के साथ लिंकरोड के पास रहती हैं। 62 साल की दिव्या योग माया सरस्वती जो इस आश्रम की मौजूद समय में संचालिका हैं, उनके नाम पर भी लिंक रोड पर एक मकान है। जबकि एक मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति आश्रम की जमीन पर अपना दावा करता है। यह मामला प्राधिकरण के साथ कोर्ट में विचाराधीन है। इस जमीन पर मालिकाना हक का विवाद पहले भी प्रशासन के पास पहुंचता रहा है। लेकिन कोर्ट में मामला है इसलिए पुलिस प्रशासन हस्तक्षेप कराने से मना कर देता है। अब पुलिस की बात 2021 में हथियार और हिरन की खाल बरामद हुई
कौशांबी थाने के SHO अजय शर्मा ने बताया कि महिला की तरफ से केस दर्ज कराया है। पीड़िता के पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं। कोर्ट में भी बयान दर्ज कराए हैं। महिला ने अपने बयान में रेप की बात कही है। इस केस की विवेचना एसआई भुवन चंद्र शर्मा कर रहे हैं। 2021 में भी इस आश्रम का विवाद सामने आया था। जिसमें पुलिस ने छापा मारते हुए 2 तमंचे, कारतूस और काले हिरन की खाल बरामद की थी। इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। उस समय कौशांबी थाना नहीं बना था, ऐसे में यह आश्रम इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में आता था। जिसमें पुलिस ने आश्रम की संचालिका समेत 3 लोगों को जेल भेजा था। अब पुलिस ने रेप, मारपीट, नशीला पदार्थ खिलाना, जान से मारने की धमकी और आपराधिक षड़यंत्र की धारा में केस दर्ज किया है। ————————– यह भी पढ़ें : गाजियाबाद में महिला से रेप, आश्रम संचालिका गिरफ्तार:आरोपी बोला- शिकायत की तो लाश का पता नहीं चलेगा; वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल किया गाजियाबाद में एक आश्रम महिला से दरिंदगी की गई। इसमें दो महिलाओं ने भी आरोपी का साथ दिया। घटना का वीडियो बना लिया। वीडियो दिखाकर आरोपी युवक पीड़ित महिला को ब्लैकमेल करता था। आरोपी ने पीड़ित महिला को धमकी दी कि अगर पुलिस के पास गई तो मार फेंक दूंगा। लाश भी नहीं मिलेगी। पढ़िए पूरी खबर…

यूपी DGP राजीव कृष्ण और मीनाक्षी सिंह की लव स्टोरी:बरेली में पहली बार मिले, एक जैसी सोच ने बना दिया सात जन्मों का साथी

यूपी DGP राजीव कृष्ण और मीनाक्षी सिंह की लव स्टोरी:बरेली में पहली बार मिले, एक जैसी सोच ने बना दिया सात जन्मों का साथी वो साल 1991 था, जब 22 साल की उम्र में राजीव कृष्ण ने UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की कठिन परीक्षा को पहली बार में ही पास कर लिया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हो गए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। उनकी यात्रा शुरू हुई, मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग पूरी की। 1992 में उनकी पहली तैनाती प्रयागराज में हुई, इसके बाद वे हैदराबाद ट्रेनिंग पर चले गए। अक्टूबर, 1993 में ट्रेनिंग से लौटे तो उन्हें बतौर ASP पोस्टिंग बरेली जिले में मिली। यहां से उनकी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था। परिवार के करीबी बताते हैं, बरेली में राजीव ट्रेनी IPS थे। यहां उनकी मुलाकात DIG रण बहादुर से हुई। DIG के साथ उनकी छोटी बेटी मीनाक्षी सिंह थीं, जो अपनी पढ़ाई में अव्वल थीं। मीनाक्षी बचपन से ही हर क्लास में टॉपर रहीं। संयोग की बात, उसी साल मीनाक्षी ने भी UPSC परीक्षा पास की थी। वह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयनित हुई थीं। वह भी बरेली में ही थीं। DIG रण बहादुर ने अपनी बेटी से राजीव का परिचय कराया। यह मुलाकात बस एक औपचारिक शुरुआत थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पहली मुलाकात में राजीव और मीनाक्षी एक-दूसरे को पसंद करने लगे। दोनों की सोच और देश सेवा का जुनून एक-दूसरे से मिलता-जुलता था। धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। कभी ड्यूटी के बाद की गपशप, कभी ट्रेनिंग के अनुभव और कभी भविष्य के सपनों की बातें। इन मुलाकातों ने दोनों को एक-दूसरे के करीब ला दिया। दोनों को पता नहीं था कि यह छोटा-सा परिचय कब प्यार की गहरी डोर में बंध जाएगा। लखनऊ में हुई थी शादी
जैसे ही राजीव और मीनाक्षी को अपनी भावनाओं का एहसास हुआ, उन्होंने अपने–अपने परिवार के लोगों को इस रिश्ते के बारे में बताया। दोनों के घरवाले इस रिश्ते से खुश थे, क्योंकि राजीव और मीनाक्षी न केवल एक-दूसरे के लिए उपयुक्त थे, बल्कि दोनों ही प्रशासनिक सेवा में अपनी पहचान बना रहे थे। 1996 में लखनऊ के पुलिस मेस में एक खूबसूरत समारोह में दोनों की शादी हो गई। दो बेटों के पिता हैं राजीव
राजीव कृष्ण दो बेटों के पिता हैं। बड़े बेटे रुद्र सिंह कृष्ण नेशनल यूनिवर्सिटी ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता में थर्ड ईयर का स्टूडेंट हैं। वहीं छोटे बेटे रिभव सिंह कृष्ण ने हाल ही में इंटर मीडिएट की परीक्षा पास की है। मीनाक्षी की मां का सपना था– दोनों बेटियां अफसर बनें
मीनाक्षी की मां तारा सिंह 1961 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पास आउट थीं। उनकी इच्छा थी कि दोनों बेटियां प्रशासनिक सेवाओं में जाएं और देश की सेवा करें। उनकी यह ख्वाहिश पूरी हुई। मीनाक्षी ने जहां IRS में अपनी जगह बनाई, वहीं उनकी बहन आभा सिंह भारतीय डाक सेवा (इंडियन पोस्टल सर्विस) में अधिकारी बनीं। तारा सिंह की बेटियों ने उनकी उम्मीदों को न केवल पूरा किया, बल्कि उससे कहीं अधिक हासिल किया। ————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी के नए डीजीपी बने राजीव कृष्ण:सीएम योगी से मिले, देर रात लिया चार्ज; अखिलेश बोले- ये क्या प्रदेश चलाएंगे यूपी के DGP का ऐलान हो गया है। राजीव कृष्ण नए DGP बनाए गए हैं। इन्हें भी कार्यवाहक DGP बनाया गया है। ये लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। अभी तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP थे, जो आज रिटायर हो गए। रात करीब 9 बजे डीजीपी राजीव कृष्ण ने सीएम योगी से मुलाकात की। इसके बाद वह DGP आवास गए और निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार से कार्यभार ग्रहण कर लिया। नए DGP राजीव कृष्ण ने कहा कि रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया से बात करेंगे। पढ़ें पूरी खबर

अलीगढ़ में मीट की दुकानें नहीं खोल रहे मुस्लिम:मॉब लिंचिंग का डर, बोले- गोमांस के शक में पीटा, इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें

अलीगढ़ में मीट की दुकानें नहीं खोल रहे मुस्लिम:मॉब लिंचिंग का डर, बोले- गोमांस के शक में पीटा, इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें ‘हम डर-डरकर मीट का व्यापार कर रहे हैं। हमें कोई दूसरा काम आता नहीं। ऐसे में क्या करें? मीट कारोबार के सारे डॉक्यूमेंट्स हमारे पास हैं। फिर भी हमको पकड़ा जा रहा, पीटा जा रहा है। हम सरकार से चाहते हैं कि बिना दिक्कत एक नंबर का काम करने दिया जाए।’ ये कहना है यूपी के जिला अलीगढ़ के मीट व्यापारी अकील का। अकील और उनके 3 साथी 24 मई को मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। हिंदूवादी संगठनों की भीड़ ने गोमांस ले जाने के शक में चारों व्यापारियों की बर्बरता से पिटाई की। इस घटना के बाद अलीगढ़ के मीट व्यापारी खौफ में हैं। कस्बा अतरौली की 20 से ज्यादा मीट दुकानें 24 मई से बंद हैं। दोबारा लिंचिंग के डर से दुकानदार फैक्ट्री से मीट लेकर नहीं जा पा रहे। दैनिक भास्कर ने अलीगढ़ पहुंचकर मॉब लिंचिंग के शिकार मीट व्यापारियों से बात की। उनका दर्द जाना। कारोबार में कैसी दिक्कतें आ रही हैं, ये समझने की कोशिश की। इस केस में पुलिस एक्शन का स्टेटस भी जाना। पढ़िए ये रिपोर्ट… सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए
अलीगढ़ में कस्बा अतरौली है। यहां मीट की 20-25 दुकानें हैं। सभी दुकानदार अलीगढ़ में मथुरा बाइपास रोड पर अल अम्मार फ्रोजन फूड्स एक्सपोर्ट कंपनी से रोजाना तकरीबन 700-800 किलो मीट खरीदते हैं। एक ही पिकअप गाड़ी में मीट भरकर रोजाना अतरौली ले जाते हैं। 24 मई की सुबह मीट व्यापारी अरबाज, कदीम और अकील नाम के दो व्यक्ति पिकअप गाड़ी में अलीगढ़ से मीट लेकर अतरौली के लिए चले। थाना हरदुआगंज इलाके में कुछ हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लड़कों ने गाड़ी रुकवा ली। गोमांस तस्करी के शक में चारों व्यापारियों को बर्बरता से पीटा। मथुरा लैब से आई जांच रिपोर्ट में पता चला है कि ये मीट भैंस का था। इसके बाद पुलिस ने सलीम की शिकायत पर 13 नामजद और 20-25 अज्ञात युवकों के खिलाफ हमले की FIR दर्ज कर ली। इस मामले में अब तक 4 आरोपी जेल जा चुके हैं। मीट व्यापारी बोले- इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें
भीड़ की हिंसा का शिकार होने वालों में मीट व्यापारी अकील भी हैं। वो फिलहाल JNM अस्पताल के वार्ड- 5 में भर्ती हैं। ऐसे हालातों में मीट कारोबार अब कितना मुश्किल हो गया है? इसके जवाब में अकील कहते हैं- इस सरकार में दिक्कतें ही दिक्कतें हैं। इससे पहले हमारे काम में कोई परेशानी नहीं आई। हम वैध मीट बेचते हैं। उसके भी सारे कागजात होते हैं। इसके बावजूद डर रहता है कि कहीं वाहन न पकड़ लिया जाए। अकील कहते हैं- 15 दिन पहले भी बजरंगदल कार्यकर्ताओं ने हमारी गाड़ी पकड़ी थी। उनके साथ कुछ पुलिसवाले भी मौजूद थे। सारी इन्क्वायरी करने के बाद शाम 6 बजे हमारा मीट छोड़ा गया। तब तक करीब 700-800 किलो मीट खराब हो चुका था। हमारे साथ आए दिन ऐसा होता है। बजरंगदल वाले और पुलिसवाले आरोप लगाते हैं कि गाय का मीट है। इस काम को छोड़ो, बंद कर दो। जबकि डॉक्टर की जांच-पड़ताल के बाद ही हम भैंस का मीट बेचते हैं। अकील बताते हैं- एक बार पहले भी अलीगढ़ में गंदे नाले पर बजरंगदल वालों के साथ कुछ पुलिसवालों ने हमारा मीट भरा वाहन पकड़ा था। वो 2 लाख 70 हजार रुपए लेकर छोड़ा गया। इसके बावजूद हमारा मीट फेंक दिया गया। अब फिर से वही गैंग 50 हजार रुपए मांग रहे थे। धमकी देते हैं कि पैसे दो, वरना मीट बेचने नहीं देंगे। हमने पैसे नहीं दिए तो ऐसा किया गया। वायरल वीडियो : बेबस खाकी, पुलिसकर्मियों के डंडों से ही पिटाई
इस घटना से जुड़े कई वीडियो अब सामने आए हैं। इसमें हिंदू संगठनों के नाम पर उपद्रव कर रहे लड़कों की गुंडई सामने आई है। एक वीडियो के अनुसार, चारों मीट व्यापारी अपनी जान बचाने के लिए पुलिस की डायल-112 स्कॉर्पियो में बैठ गए। उपद्रवियों ने उन्हें पुलिस गाड़ी से बाहर निकालकर पीटा। इतना ही नहीं, स्कॉर्पियो में रखे पुलिस के डंडों से उन्हें पीटा। वहां खड़े पुलिसवाले बेबस दिख रहे थे। चारों चीखते-चिल्लाते रहे। पुलिसवालों ने घायलों को भीड़ से निकालकर गाड़ी भगाना भी उचित नहीं समझा। पुलिस की स्कॉर्पियो के शीशे डाउन थे, खिड़कियां खुली हुई थीं। उपद्रवियों ने इसका खूब फायदा उठाया। अलीगढ़ के AMU कैंपस स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे मीट व्यापारियों के जख्म तो धीरे-धीरे सूख रहे हैं। लेकिन, पूरे शरीर पर मौजूद पिटाई के निशान शायद ही आसानी से जाएं। दर्द इतना है कि वो न लेट पा रहे, न बैठ पा रहे, न चल पा रहे। आंखों देखी : पुलिसवालों ने हमें नहीं बचाया, उन्हें सरकारी गाड़ी टूटने की फिक्र थी
हमने मॉब लिंचिंग में घायल हुए दूसरे मीट व्यापारी कदीम से भी बात की। कदीम बताते हैं- 24 मई की सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर हम फैक्ट्री से मीट भरी गाड़ी लेकर अतरौली के लिए निकले। पन्हैटी चौराहे से एक किलोमीटर दूर ही चार-पांच बाइकों पर कुछ लड़के आए। उन्होंने अपनी बाइकें आगे लगाकर गाड़ी रुकवा ली। हमसे पूछताछ की और गाड़ी की तलाशी ली। मीट के कागजात देखे। फिर भी उन्होंने हमें रोके रखा और अपने कुछ साथी बुला लिए। 5 मिनट बाद ही चार-पांच बाइक पर 15-16 लड़के और आ गए। आते ही उन्होंने हमें पीटना शुरू कर दिया। कदीम आगे बताते हैं- उसी वक्त एक पुलिस की गाड़ी वहां से निकल रही थी। मैं तुरंत भागा और पुलिस गाड़ी रोकने को कहा। पुलिस ने गाड़ी नहीं रोकी और आगे निकल गई। हमलावर हमें लगातार पीटते रहे। करीब 20-25 मिनट बाद पुलिस की एक गाड़ी आई। मैं भागकर वहां पहुंचा और जान बचाने को गाड़ी में बैठ गया। हमलावरों ने हमें पुलिस गाड़ी के अंदर से निकाल लिया और खूब पीटा। पुलिसवाले भी हमें गाड़ी से बाहर निकालने में मदद कर रहे थे। कह रहे थे कि तुम्हारी वजह से हमारी गाड़ी तोड़ देंगे ये लोग। मैंने कहा कि सर तुम्हें अपनी गाड़ी की फिक्र हो रही है, हमारी जान की नहीं। पुलिस ने इस केस में अब तक क्या किया? 4 आरोपी जेल भेजे, फोटो जारी कर हमलावरों को पहचानने की अपील
24 मई को ही इस केस में थाना हरदुआगंज में 2 FIR हुईं। पहली FIR विजय बजरंगी ने कराई। विजय बजरंगी के अनुसार, हम मीट से भरी एक मैक्स गाड़ी को रोकने का प्रयास कर रहे थे। मैक्स ने बाइक सवारों को कुचलने का प्रयास किया। बेकाबू होकर मैक्स गाड़ी पलट गई। इसके बाद मैक्स सवार युवकों ने हम पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस आ गई। मैक्स गाड़ी से गोमांस बरामद हुआ। 27 मई को मथुरा लैब की जांच रिपोर्ट में मीट भैंस का पाए जाने के बाद ये FIR रद्द कर दी गई है। दूसरी FIR मीट व्यापारियों की तरफ से सलीम खां ने दर्ज कराई है। इसमें हिंदू संगठनों से जुड़े रामकुमार आर्या, अर्जुन उर्फ भोलू, चेतन लोधी, शिवम हिंदू, रविंद्र उर्फ बंटी, लवकुश, अनुज, भूरा, विजय, गिरीश कुमार, अंकित, राना, विजय गुप्ता और 20–25 अज्ञात युवकों को आरोपी बनाया है। आरोप है कि इन लोगों ने मीट व्यापारियों से 50 हजार रुपए रंगदारी मांगी। पैसे न देने पर उन्हें बर्बरता से पीटा, गाड़ी में तोड़फोड़ और लूटपाट की। रामकुमार आर्या विहिप में विभाग मंत्री रह चुका है। अर्जुन सिंह फिलहाल भाजपा युवा मोर्चा में है। इसी तरह बाकी लोग भी किसी न किसी संगठन से जुड़े हुए हैं। इस दूसरी FIR पर एक्शन लेते हुए हरदुआगंज थाना पुलिस अब तक 4 आरोपियों विजय गुप्ता, विजय बजरंगी, लवकुश और एक अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने एक फोटो जारी करते हुए आरोपियों को पहचानने की अपील पब्लिक से की है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी के नए डीजीपी बने राजीव कृष्ण, सीएम योगी से मिले, देर रात लिया चार्ज; अखिलेश बोले- ये क्या प्रदेश चलाएंगे यूपी के DGP का ऐलान हो गया है। राजीव कृष्ण नए DGP बनाए गए हैं। इन्हें भी कार्यवाहक DGP बनाया गया है। ये लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। अभी तक प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP थे, जो रिटायर हो गए। रात करीब 9 बजे डीजीपी राजीव कृष्ण ने सीएम योगी से मुलाकात की। इसके बाद वह DGP आवास गए और निवर्तमान DGP प्रशांत कुमार से कार्यभार ग्रहण कर लिया। पढ़ें पूरी खबर

गोरखपुर में बर्ड फ्लू से हुए नुकसान का मिलेगा मुआवजा:संक्रमण के खतरे को देख अभी बंद रहेगी चिकन की बिक्री, व्यापारियों को हो रहा भारी नुकसान

गोरखपुर में बर्ड फ्लू से हुए नुकसान का मिलेगा मुआवजा:संक्रमण के खतरे को देख अभी बंद रहेगी चिकन की बिक्री, व्यापारियों को हो रहा भारी नुकसान गोरखपुर में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गोरखपुर चिड़ियाघर से शुरू हुआ यह संक्रमण अब चिकन शॉप तक पहुंच गया है। मुर्गे के मीट की दुकानों पर बर्ड फ्लू की पुष्टि होते ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। अब तक यहां एक हजार से अधिक मुर्गों में संक्रमण की आशंका होने पर उन्हें नगर निगम की टीम ने मारकर जमीन में दफना दिया है। जबकि, 21 दिनों तक मुर्गे के मीट की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है। ऐसे में मुर्गी फार्मों से लेकर मीट बेचने वाले दुकानदारों का काफी अधिक नुकसान हो रहा है। तय मानक के अनुसार मिलेगा मुआवजा हालांकि, बर्ड फ्लू से हुए मीट व्यापारियों के नुकसान की भरपाई करने के लिए जिला प्रशासन उन्हें मुआवजा देगा। डीएम कृष्णा करुणेश ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत व्यापारियों के नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है। 90 से 120 रुपये प्रति पीस तय मानक के अनुसार वायपारियों को मुआवजा भी दिया जाएगा। लेकिन, एहतियात के तौर पर फिलहाल जब तक संक्रमण पूरी तरह खत्म नहीं होता, तब तक मुर्गे के मांस की बिक्री पर पूरी तरह से रोक जारी रहेगी। भोपाल लैब की रिपोर्ट ने खोली मीट बाजार की सच्चाई दरअसल, 20 मई को नगर निगम की टीमों ने झुंगिया बाजार, तारामंडल, शास्त्री चौक, एचएन सिंह चौराहा और हड़हवा फाटक समेत कई क्षेत्रों की मीट दुकानों से सैंपल इकट्ठा किए थे। भोपाल स्थित प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में मुर्गे के मीट, चॉपिंग बोर्ड, छूरी, गंदे पानी और आफेल में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है। खास बात यह है कि वायरस वही है, जिसने चिड़ियाघर के जानवरों की जान ली थी — यानी H5N1 और H9N2। इस रिपोर्ट के बाद संक्रमण के शहरी फैलाव की पुष्टि हो गई। अब यह मान लिया गया है कि वायरस केवल पक्षियों तक सीमित नहीं, बल्कि मांस के ज़रिए भी फैल रहा है। संक्रमित दुकानों पर सख्त कार्रवाई जिन इलाकों से वायरस की पुष्टि हुई है, वहां 1000 जिंदा मुर्गों को प्रशासन की निगरानी में मारा गया और गड्ढा खोदकर उन्हें जमीन में दफनाया गया। संक्रमण फैलने की संभावना को रोकने के लिए 19 दुकानों को तुरंत सील कर दिया गया और पूरे इलाके को सैनिटाइज किया गया। इसके अलावा, एहतियात के तौर पर पूरे शहर में मीट और चिकन की बिक्री पर 21 दिनों तक रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने बनाया कंटेनमेंट प्लान संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने 1 किलोमीटर के दायरे को ‘इंफेक्टेड जोन’ और 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र को ‘सर्विलांस जोन’ घोषित किया है। इंफेक्टेड जोन में किसी भी तरह के पोल्ट्री उत्पाद की बिक्री, परिवहन और संग्रहण पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। वहीं, सर्विलांस जोन में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार डोर-टू-डोर सर्वे कर रही हैं। रैपिड रिस्पॉन्स टीमें अलर्ट मोड पर हैं और किसी भी तरह के लक्षण मिलने पर तुरंत रिपोर्टिंग और नमूना संग्रह किया जा रहा है। सभी मीट दुकानों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना अनुमति कोई भी दुकान न खोली जाए, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त निगरानी स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और पशुपालन विभाग की संयुक्त टीमें पूरे मामले पर लगातार नजर रखे हुए हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए शहर में जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है। मुनादी के जरिए लोगों को मीट और चिकन के सेवन से परहेज की सलाह दी जा रही है। डॉक्टरों की टीम ने साफ कहा है कि वायरस गंभीर है और इंसानों में भी संक्रमण का खतरा मौजूद है, इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।

अयोध्या में राममंदिर का शिखर सोने से जगमगाया:दूर से ही बिखेर रहा चमक; 5 जून को होगी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या में राममंदिर का शिखर सोने से जगमगाया:दूर से ही बिखेर रहा चमक; 5 जून को होगी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में रामलला के मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़ित कलश लगाया गया गया है। यह दूर से ही चमक बिखेर रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को मंदिर के स्वर्ण जड़ित भव्य और चमकदार शिखर की तस्वीरें जारी की हैं। मंदिर में 5 जून को राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इसके लिए अनुष्ठान 3 जून से प्रारंभ हो जाएंगे। अयोध्या में रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को
अयोध्या राम मंदिर में 5 जून को राम दरबार सहित 7 मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। गंगा दशहरा पर सुबह 11 बजे के बाद स्थिर लग्न और अभिजीत मुहूर्त में पूजा शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या और काशी के 101 आचार्य शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि CM योगी को ट्रस्ट की ओर से आमंत्रित किया गया है। योगी ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। 3 जून से शुरू होगा अनुष्ठान कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान कार्यक्रम 3 जून से शुरू होगा। इससे पहले 2 जून को महिलाओं द्वारा सरयू जल कलश यात्रा निकाली जाएगी। 3 जून की सुबह 6.30 बजे से सभी मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ शुरू होगा, जो रात 9 बजे तक चलेगा। दोपहर में 1 घंटे का विश्राम होगा। इसी तरह 4 जून को भी विशेष पूजा-पाठ होगा। फिर 5 जून को सुबह 5.30 बजे पूजा शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा 11 बजे के बाद की जाएगी। इन 7 मंदिरों में होनी है प्राण प्रतिष्ठा
मंदिर के फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार की स्थापना हुई है, जबकि परकोटे में 6 मंदिरों में भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियां स्थापित की गई है। इन्हीं मंदिरों में 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके अलावा, सप्त मंडपम में 7 मंदिर बने हैं। इनमें महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्ति स्थापित की जा चुकी है। 7 मंदिर भक्तों के लिए कब खोले जाएंगे, अभी तय नहीं
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। फर्स्ट फ्लोर पर राम दरबार और परकोटे में 6 भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, शिव, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा का मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए किस दिन खोला जाएगा, इस पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। मंदिर के पश्चिम हिस्से में लिफ्ट लगाई जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला के दर्शन जारी रहेंगे
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में CM योगी और काशी-अयोध्या के 101 आचार्यों के अलावा 20 संत-धर्माचार्य, 15 गृहस्थ और ट्रस्ट के पदाधिकारी को भी आमंत्रित किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के दौरान ग्राउंड फ्लोर पर रामलला का दर्शन जारी रहेगा। राम दरबार की मूर्तियां मकराना के सफेद संगमरमर से बनी है। इसमें भगवान श्रीराम और सीता सिंहासन पर विराजमान हैं। भरत और हनुमानजी भगवान श्रीराम के चरणों के पास बैठे हैं। मूर्ति जयपुर में बनकर तैयार हुई है। सत्य नारायण पांडे, गोविंद, केशव, समेत 5 मूर्तिकारों ने बनाई है। जगह-जगह हो रही सजावट
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में उत्साह का माहौल है। जगह-जगह सजावट, फूल-मालाएं, दीपों और झंडों से मंदिर परिसर को सजाया जा रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। वहीं, सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। मंदिर की कुल ऊंचाई 203 फीट
29 अप्रैल को मंदिर के शिखर पर 42 फीट ऊंचा धर्म ध्वजदंड लगाया गया था। राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा है। ध्वज लगने के बाद मंदिर की ऊंचाई 203 फीट हो गई है। ध्वजदंड का वजन 5.5 टन है और यह पीतल (ब्रास) से बना है। इसकी आयु करीब 100 साल है। इसे 60 कारीगरों ने 7 महीने में तैयार किया है। ——————————— यह खबर भी पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट- वृंदावन की कुंज गलियों की बहुओं में गुस्सा, कहा- ब्याह इसलिए हुआ कि कान्हा की शरण में जीवन कटे मथुरा की बेटी, ब्रज की गाय। कर्म फूट गए, जो बाहर जाए।। वृंदावन की कुंज गलियों में रहने वाले यही सोचते हैं। गलियों में राधे…राधे जपते चलते हैं। अब इन्हीं लोगों में कुंज गलियों के छूटने का डर है। लोग कहते हैं- ये गलियां रहेंगी या खत्म होंगी? ये किशोरीजी ही जाने, मगर हम इन्हें छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते। दूसरी तरफ, मथुरा-वृंदावन प्रशासन बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण की प्लानिंग तैयार करने लगा है। पूरी खबर पढ़िए

प्रयागराज में सपा नेता का अश्लील वीडियो:हाथ में शराब की बोतल लिए लड़की को गोद में बैठाए दिख रहा; बोला- फर्जी है

प्रयागराज में सपा नेता का अश्लील वीडियो:हाथ में शराब की बोतल लिए लड़की को गोद में बैठाए दिख रहा; बोला- फर्जी है प्रयागराज में सपा नेता का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह एक युवती साथ अश्लील हरकतें करते नजर आ रहे हैं। वहीं, युवती शराब की बोतल हाथ में पकड़े दिख रही है। वह बेड पर सपा नेता की गोद में बैठी है। वीडियो में दिख रहा सपा नेता रामसागर उर्फ मुखिया यादव है। वह मेजा लोहारी का रहने वाला है और साधन सहकारी समिति का अध्यक्ष रह चुका है। वीडियो में सामने आने के बाद डीसीपी यमुना नगर विवेक चंद्र यादव ने मामले में मेजा थाने में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं, सपा नेता मुखिया यादव कहना है कि यह वीडियो फर्जी है। मुझे बदनाम करने के लिए मेरी ही पार्टी के एक विधायक की साजिश है। मैं इसकी शिकायत अफसरों से करूंगा। शराब पार्टी के बुलाई गई थीं लड़कियां
वीडियो में मुखिया यादव (45) के बगल में दो अन्य लोग भी हैं। वो भी सपा से जुड़े बताए जा रहे हैं। वीडियो एक बंद कमरे का है। माना जा रहा है कि डांस और मस्ती के दौरान इसे बनाया गया। इसमें दिख रहा है कि सपा नेता मुखिया यादव अपने 4-5 साथियों के साथ शराब पी रहा है। वहीं वीडियो में 2-3 युवतियां भी नजर आ रही हैं। सपा नेता पर मेजा थाने पर दर्ज हैं कई मुकदमे
वीडियो में दिख रहा सपा नेता मुखिया यादव प्रयागराज के कई बार के सांसद का काफी करीबी बताया जाता है। इसी के चलते वह 2024 में सिरसा साधन सहकारी समिति का अध्यक्ष बना था। वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान मुखिया यादव का मेजा में पुलिस वालों से विवाद हो गया था। सोशल मीडिया पर वह वीडियो भी वायरल हुआ था। सपा नेता बोला- ये मेरी पार्टी के विधायक की साजिश
अश्लील वीडियो के मामले में मुखिया यादव का कहना है कि यह साजिश है। वीडियो फर्जी है। इसे वायरल करने में मेरी पार्टी के विधायक की साजिश लग रही है। अभी परिवार में शादी है, इसलिए व्यस्त हूं। शादी से खाली होकर अफसरों से लिखित रूप से शिकायत करूंगा। वीडियो कब बनाया गया, मुझे नहीं पता। कोई फ्रंट पर भी नहीं आ रहा है। मुखिया यादव 15 साल से समाजवादी पार्टी से जुड़ा है। वह मेजा से जिला सचिव, तहसील उपाध्यक्ष और लोकसभा चुनाव में मेजा तहसील प्रभारी रह चुका है। वह ठेकेदारी का भी काम करता है। सड़क निर्माण, बोरिंग, प्रॉपर्टी का भी काम है। सपा नेता पर 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। मेजा थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट है। उस पर हत्या का प्रयास, मारपीट, बवाल तोड़-फोड़, सरकारी काम में बाधा डालने, सड़क जाम करने, चुनाव के दौरान हंगामा करने के आरोप में मुकदमे दर्ज हैं। डीसीपी बोले- वीडियो की जांच कराई जाएगी
सपा नेता का वीडियो सामने आने के बाद डीसीपी यमुना नगर विवेक चंद्र यादव ने कोतवाली पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया। डीसीपी का कहना है कि वीडियो की पहले जांच कराई जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। भाजपा नेत्री के बेटे के अश्लील वीडियो भी वायरल 130 अश्लील वीडियो सामने आए, पत्नी ने शिकायत की थी
दो दिन पहले मैनपुरी में भाजपा महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष के बेटे के करीब 130 वीडियो वायरल हुए थे। इनमें वह एक महिला के साथ अश्लील हरकतें करता दिख रहा है। वीडियो सामने आने के बाद युवक की पत्नी ने थाने में शिकायत की है। उसने बताया- मेरे पति का एक महिला के साथ अवैध संबंध है। वो उसके साथ अश्लील हरकतें करते हैं। वीडियो बनाकर मुझे दिखाते हैं। कहते हैं कि तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगी। मेरी मां भाजपा की बड़ी नेता हैं। शादी के बाद से ही मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। महिला नेता के बेटे के जो वीडियो सामने आए हैं, वो शहर के विभिन्न होटल और रेस्टोरेंट में बनाए गए हैं। वीडियो में दिख रही महिला भी शहर की रहने वाली है, जिसने अपने पति को छोड़ दिया है। घटना के बाद महिला नेता का फोन बंद है। इस मामले पर अखिलेश ने X पर पोस्ट किया। लिखा- भाजपाई नेताओं और उनके परिजनों के कुकृत्यों के सिलसिलेवार खुलासों की कड़ी में मैनपुरी से ‘130 वीडियो’ का महाभंडाफोड़, भाजपाइयों के कुख्यात कर्नाटक कांड से टक्कर लेता दिख रहा है। —————————- ये खबर भी पढ़िए- अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट रिक्त घोषित, रविवार को सचिवालय खुला, आयोग को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने विधायक अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। मऊ MP/MLA कोर्ट ने शनिवार को अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट का आदेश मिलते ही रविवार के दिन विधानसभा सचिवालय खोला गया। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त कर दी। साथ ही मऊ सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी कर दिया। पढ़ें पूरी खबर…

DGP से विदाई पर प्रशांत कुमार का भावुक संदेश:वर्दी अस्थायी, कंधे पर सितारे भले न हों, दिल में पुलिस हमेशा रहेगी

DGP से विदाई पर प्रशांत कुमार का भावुक संदेश:वर्दी अस्थायी, कंधे पर सितारे भले न हों, दिल में पुलिस हमेशा रहेगी यूपी पुलिस के डीजीपी रहे प्रशांत कुमार पुलिस सर्विस से रिटायर हो गए हैं। रिटायरमेंट के बाद रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लेटर पोस्ट कर भावुक संदेश दिया। लिखा- भले ही कंधे पर अब सितारे न हों, लेकिन दिल में पुलिस बल की भावना हमेशा रहेगी। मैं इस पद को बिना किसी पछतावे के और गर्व के साथ छोड़ रहा हूं। यह केवल विदाई नहीं, बल्कि रुककर विचार करने और आप सभी के साथ इस असाधारण सेवा यात्रा के लिए धन्यवाद देने का क्षण है। पुलिस सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि एक पुकार है जिसे उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर निभाया। उन्होंने कॉन्स्टेबल से लेकर अधिकारियों तक सभी के समर्पण को पुलिस बल की आत्मा बताया। प्रशांत कुमार ने अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि आधुनिक पुलिसिंग, साइबर अपराध से निपटने, संकटों का जवाब देने और जनता के बीच खाकी की विश्वसनीयता को बहाल करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। आखिर में उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से साहस, करुणा और नैतिकता के साथ सेवा जारी रखने की अपील की। नहीं हुआ विदाई समारोह
प्रशांत कुमार का विदाई समारोह नहीं हो सका। 31 मई को रिटायर होने वाले अफसरों को डीजीपी ने 2 दिन पहले यानी 29 मई को ही विदाई पार्टी दे दी थी। इस पार्टी में उनकी विदाई नहीं हुई थी। दो दिन पहले विदाई समारोह के आयोजन के पीछे तर्क दिया गया था कि 30 मई को प्रधानमंत्री कानपुर में और 31 मई को सीजेआई प्रयागराज में रहेंगे। ऐसे में व्यस्तता के चलते दो दिन पहले विदाई समारोह का आयोजन किया गया। खुद के विदाई पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि क्योंकि मैं खुद होस्ट हूं तो खुद को विदाई कैसे दे सकता हूं। हालांकि पूर्व में ऐसे आयोजन होते रहे हैं जब विदाई समारोह में मौजूदा डीजीपी और दूसरे अधिकारी भी शामिल होते रहे हैं। दो दिन पहले विदाई समारोह होने और उसमें प्रशांत कुमार का नाम न होने से माना गया कि डीजीपी को सेवा विस्तार मिलने जा रहा है। रिटायरमेंट के आखिरी क्षण तक इसका इंतजार भी होता रहा, लेकिन सेवा विस्तार नहीं मिला। प्रशांत कुमार से पहले दो डीजीपी ऐसे रहे हैं जिनका विदाई समारोह नहीं हुआ। इसमें पूर्व कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान और पूर्व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी। हितेश चंद्र अवस्थी का रिटायरमेंट कोरोना काल के दौरान हुआ था, इसलिए उनकी विदाई पार्टी नहीं हुई थी। जबकि डीएस चौहान ने अपनी विदाई पार्टी नहीं दी थी। जब आखिरी समय पर निरस्त हो गया था विदाई समारोह
2015 में अरविंद कुमार जैन प्रदेश के डीजीपी थे। अरविंद कुमार 31 मार्च को रिटायर होने वाले थे। वे भी अपने सेवा विस्तार के लिए प्रयासरत थे। दोपहर बाद तक जब सेवा विस्तार संबंधी पत्र नहीं आया तो शाम को डीजीपी मुख्यालय पर विदाई पार्टी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम शाम पांच बजे से था। मेहमान भी आने शुरू हो गए थे। तभी पौने पांच बजे के करीब सेवा विस्तार का आदेश आ गया। जिसके बाद विदाई समारोह को स्थगित कर दिया गया। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। —————————- ये भी पढ़ें: राजीव कृष्ण 11 अफसरों को पीछे छोड़ DGP बने:योगी के भरोसेमंद, 4 साल बाद रिटायरमेंट; परिवार में कई IAS-IPS राजीव कृष्ण 11 अफसरों को पीछे छोड़ते हुए कार्यवाहक DGP बने हैं। यानी राजीव कृष्ण 11 अफसरों से जूनियर हैं। इनमें 3 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। राजीव कृष्ण के पास सबसे लंबे समय तक के लिए प्रदेश के DGP बने रहने का मौका है। क्योंकि, अभी इनके रिटायरमेंट में 4 साल 1 महीने का वक्त है। (पढ़ें पूरी खबर)

ललितपुर जेल में बाहुबली पूर्व सांसद डनलप गद्दे पर सोता:छापेमारी में ब्रांडेड खाने-पीने का सामान; तकिए के नीचे से 30 हजार कैश मिला

ललितपुर जेल में बाहुबली पूर्व सांसद डनलप गद्दे पर सोता:छापेमारी में ब्रांडेड खाने-पीने का सामान; तकिए के नीचे से 30 हजार कैश मिला समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद रिजवान जहीर हत्या की साजिश के आरोप में ललितपुर जेल में बंद हैं। लेकिन उन्हें जेल में VIP सुविधाएं दी जा रही थीं। इसका खुलासा तब हुआ, जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने छापा मारा। रिजवान जहीर अपनी बैरक में डनलप के गद्दे पर सोता था। तकिए के नीचे 30 हजार रुपए भी रखे थे। ब्रांडेड देसी घी, मिठाई, महंगे खाने-पीने का सामान बरामद हुआ। प्राधिकरण के सचिव मयंक जायसवाल ने जब इन सुविधाओं को लेकर जेल अधीक्षक से सवाल किया गया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए। हैरानी की बात रही कि इसी बैरक में अन्य चार बंदी जमीन पर बैठकर पन्नी में रखी रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। निरीक्षण की रिपोर्ट जिला जज नरेंद्र कुमार झा को सौंपी गई। कानपुर रेंज के डीआईजी जेल ने मामले में मुख्यालय को रिपोर्ट दी है। जल्द ही लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है। अब विस्तार से पढ़िए… बैरक में मिला कैश, ब्रांडेड क्रीम, वीआईपी क्रॉकरी शनिवार सुबह 10:45 बजे का वक्त था। प्राधिकरण सचिव मयंक जायसवाल बैरक संख्या 5A में पहुंचे। वहां की स्थिति बाकी जेल की तुलना में बेहद अलग थी। गद्दा-तकिया, बैटरी पंखा, महंगे खाने पीने के सामान, मिठाई, अचार, ब्रांडेड तेल, साबुन, शैंपू, क्रीम, अच्छी क्रॉकरी, टिफिन वगैरह रखे मिले। तकिए के नीचे 500-500 रुपए की गड्डियों में कुल 30 हजार रुपए नकद मिले। पूछताछ में सामने आया कि इस बैरक में बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर को रखा गया है। हैरानी की बात यह रही कि इसी बैरक में अन्य चार बंदी जमीन पर बैठकर प्लास्टिक की पन्नी में रोटी और कटोरी में दाल खा रहे थे। वहीं, दीवारों पर गुटखा थूकने के निशान और बाहर भारी संख्या में तंबाकू के पाउच पड़े मिले। खास बंदियों के लिए बनता है अलग खाना
निरीक्षण के दौरान एक और बैरक में ताला लगा मिला। जब उसे खोलने के लिए कहा गया, तो जेलकर्मियों ने टालमटोल शुरू कर दी। कई बार कहने पर जब बैरक खोला गया तो अंदर कुछ खास बंदियों के लिए अलग से भोजन तैयार किया जा रहा था। किचन जैसे माहौल वाले इस बैरक में भी साफ दिखा कि कुछ कैदियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। डॉक्टर ने डनलप गद्दे पर सोने की दी थी सलाह
जेल अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया, पूर्व सांसद रिजवान जहीर को कोई भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जा रही थी। उन्हें जेल मेन्यू के अनुसार ही सामग्री दी जा रही है। रिजवान जहीर हार्ट के मरीज हैं और अटैक भी आ चुका है। जिला अस्पताल के दो डॉक्टर जेल अस्पताल में रिजवान जहीर का इलाज करने आए थे। उन्होंने डनलप गद्दे पर सोने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, 7500 रुपए कैश मिले हैं। यह पैसे बैरक में कैसे पहुंचे। इसमें लापरवाही आई है। तलाशी करने वाले एक बंदी रक्षक व उप कारापाल सहित चार लोगों की लापरवाही पाई गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। दो दिन पहले रिजवान जहीर के वकील मुलाकात के लिए आए थे। हत्या की साजिश में बंद हैं पूर्व सांसद
बलरामपुर की तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज अहमद उर्फ पप्पू की हत्या की साजिश में पूर्व सांसद रिजवान जहीर जेल में बंद हैं। जुलाई 2022 से वे ललितपुर जेल में हैं। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा और आर्म्स एक्ट समेत कुल 14 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, समाजवादी पार्टी का टिकट पाने की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते रिजवान ने अपने दो करीबी शूटर्स- मेराज उल हक उर्फ मामा और महबूब से फिरोज अहमद की हत्या करवाई थी। यह हत्या 4 जनवरी, 2022 की रात करीब 10:30 बजे हुई थी। पहले भी लग चुका है NSA, हैं थाने के हिस्ट्रीशीटर 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा और आगजनी के मामले में रिजवान जहीर पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया था। तुलसीपुर थाना क्षेत्र के बेलीकला गांव में मतदान के बाद हुई हिंसा में उन्हें कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह समेत गिरफ्तार किया गया था। रिजवान जहीर हरैया थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं और 2003 से अब तक उन पर कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिला प्रशासन ने उन्हें लोकशांति के लिए खतरा मानते हुए NSA की कार्रवाई की थी। ऐसा रहा रिजवान जहीर का राजनीतिक करियर रिजवान जहीर साल 1989 में निर्दल, 1993 में सपा और 1996 में बसपा से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। साल 1998 और 1999 में सपा से श्रावस्ती लोकसभा से सांसद भी रहे हैं। रिजवान जहीर के राजनीति के सितारे गर्दिश में उस वक्त आ गए, जब उन्होंने साल 1999 के बाद मुलायम सिंह यादव को सीधा चैलेंज करते हुए कहा था, रिजवान जहीर को किसी पार्टी की जरूरत नहीं है। रिजवान जहीर खुद में पार्टी है और मुलायम सिंह यादव चाहें तो मेरे सामने चुनाव लड़ कर देख लें, उन्हें भी हार ही हाथ लगेगी। जिसके बाद से रिजवान जहीर के सितारे गर्दिश में चले गए और तब से उन्होंने एक भी चुनाव नहीं जीता। हालांकि, 2021 में अखिलेश यादव उन्हें फिर से सपा में ले आए। ———————————————————————- ये खबर भी पढ़ेंः- अब्बास अंसारी की विधानसभा सीट खाली, संडे को खुला सचिवालय:छुट्‌टी के दिन आदेश जारी, मऊ में उपचुनाव का प्रस्ताव भी आयोग को भेजा यूपी विधानसभा सचिवालय ने विधायक बेटे अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट को खाली घोषित कर दिया। शनिवार को मऊ MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। पढ़ें पूरी खबर…

अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट रिक्त घोषित:रविवार को सचिवालय खुला, आयोग को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा

अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट रिक्त घोषित:रविवार को सचिवालय खुला, आयोग को उपचुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने विधायक अब्बास अंसारी की मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। मऊ MP/MLA कोर्ट ने शनिवार को अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट का आदेश मिलते ही रविवार के दिन विधानसभा सचिवालय खोला गया। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त कर दी। साथ ही मऊ सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी कर दिया। विधानसभा सचिवालय की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को मऊ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव करने का प्रस्ताव भेज दिया गया। सूत्रों का कहना है- प्रदेश सरकार का प्रयास रहेगा कि बिहार चुनाव से पहले की मऊ में उपचुनाव कराया जा सके। अब हेट स्पीच का पूरा मामला समझिए… बात 3 मार्च, 2022 की है। अब्बास ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली की। इसमें कहा- यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो हैं, वह यहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब किताब यहां देना पड़ेगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने तब अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं। अब्बास का वह वीडियो देखिए, जिस पर उन्हें दोषी ठहराया… 21 मार्च को 2 साल 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए थे अब्बास
मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट मामले में अब्बास अंसारी 21 मार्च को 2 साल 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 7 मार्च को ही जमानत दे दी थी। कोर्ट ने कहा था- अब्बास अंसारी कब तक जेल में रहेगा? कोर्ट के आदेश के 15 दिन बाद रिहाई का परवाना कासगंज जेल पहुंचा, जिसके बाद अब्बास की रिहाई हुई। अब्बास को नवंबर, 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिरासत में लिया था। उन पर आरोप था कि वह आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा थे और अवैध तरीके से धन इकट्ठा करते थे। ईडी ने जांच के बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। बिना इजाजत अब्बास से मिलने पर पत्नी निखत को हुई थी जेल
11 फरवरी, 2023 को निखत अंसारी बिना अनुमति के चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी से मिलने पहुंची। वह जेलर के कमरे में पति अब्बास से मुलाकात कर रही थी, तभी एसपी और डीएम अचानक पहुंच गए। हालांकि, अब्बास को छापेमारी से थोड़ी देर पहले ही जेलकर्मियों ने कमरे से निकाल दिया था। मामला सामने आने के बाद 15 फरवरी को अब्बास अंसारी को चित्रकूट जिला जेल से कासगंज जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि, निखत को चित्रकूट जेल में ही रखा गया था। करीब 154 दिन जेल में रहने के बाद निखत को रिहा किया गया था। आखिर में पढ़िए अब तक किन-किन नेताओं की विधायकी या सांसदी गई- इस नियम के तहत जाती है सदस्यता
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 (3) के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी। वह रिहाई के 6 साल बाद तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा। ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट’ की धारा 8 (4) कहती है कि दोषी सांसद या विधायक की सदस्यता तुरंत खत्म नहीं होती। उसके पास तीन महीने का समय होता है। इस दौरान अगर वह हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर देता है तो उस अपील की सुनवाई पूरी होने तक सदस्यता नहीं जाती। अगर वह अपील नहीं करता है तो तीन महीने बाद उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है। हालांकि, जुलाई 2013 में लिली थॉमस vs यूनियन ऑफ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 (4) के तहत मिली छूट को असंवैधानिक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि सांसद या विधायक दोषी करार दिए जाते हैं और उन्हें 2 साल या इससे ज्यादा साल की सजा सुनाई, तो दोषी करार होते ही उनकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी। खबर लगातार अपडेट की जा रही है…

यूपी की बड़ी खबरें:अलीगढ़ में युवक ने फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा- लड़की ने छेड़छाड़ का केस किया, मुझे जिंदा नहीं रहना

यूपी की बड़ी खबरें:अलीगढ़ में युवक ने फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा- लड़की ने छेड़छाड़ का केस किया, मुझे जिंदा नहीं रहना अलीगढ़ में एक युवक ने मां की साड़ी से लटक कर सुसाइड कर लिया। युवक का शव उसके घर के कमरे में फंदे पर लटका मिला है। युवक ने मौत से पहले एसएसपी के लिए एक सुसाइड नोट लिखा है। नोट में उसने एक महिला और उसके पति को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। नोट में लिखा- मैंने उसका साथ दिया। इसमें मेरी क्या गलती थी। उसने पति के साथ मिलकर मुझे पिटवाया। फिर छेड़छाड़ का केस किया। मुझे अब नहीं जीना है। फिलहाल मामले की सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया है। पढ़ें पूरी खबर… प्रेमिका के सामने युवक ने लगाई फांसी, बाग में बातचीत के दौरान दोनों ने साथ मरने की खाई थी कसम कानपुर देहात में एक युवक ने प्रेमिका के सामने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक की पहचान 23 वर्षीय बलवीर केवट के रूप में हुई। 23 वर्षीय बलबीर का हमीरपुर की एक युवती से प्रेम संबंध था। दोनों शादी करना चाहते थे। लेकिन लड़की के परिवार वाले विरोध कर रहे थे। घटना गजनेर थाना क्षेत्र के त्रिवेदिनपुर गांव की है। शनिवार की रात में बलबीर सिंह अपने घर से बाइक से 50 किमी चलकर त्रिवेदिनपुर गांव के आम की बाग में पहुंचा था। वहीं प्रेमिका बलबीर से मिलने के लिए 40 किमी की दूरी तय करके वह भी आम की बाग में पहुंच गयी। वहां पर दोनों घंटों बैठक कर बातचीत कर साथ में फांसी लगाने का निर्णय लिया। बलबीर ने फांसी तो लगा लिया। लेकिन प्रेमिका ने फांसी लगाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। पढ़ें पूरी खबर… अलीगढ़ में पिता-पुत्र सहित 4 की मौत; गभाना हाईवे पर बकरों से लदा कैंटर डिवाइडर से टकराया अलीगढ़ के थाना गभाना क्षेत्र में 2 सड़क हादसों में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई। सभी लोग बकरीद के लिए एटा से बकरे बेचने के लिए दिल्ली जा रहे थे। मृतकों में पिता पुत्र सहित चार लोग शामिल हैं। इस हादसे में 6 अन्य लोग घायल है। एटा जिले के मारहरा निवासी पशु व्यापारी दो कंटेनर में बकरे लेकर दिल्ली के लिए निकले थे। एक कैंटर में पांच लोग सवार थे जबकि दूसरे में 6 थे। दिल्ली-कानपुर नेशनल हाईवे पर एक कैंटर अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गया। घटना में तीन लोगों की हजारी लाल (52), हरिश्चन्द्र (28), अमर सिंह (25) की मौत हो गई। कुछ दूरी पर चलते ही दूसरे कंटेनर की सीएनजी खत्म हो गई। इस दौरान उनको पहले कंटेनर के डिवाइडर से टकराने की सूचना मिली। वह लोग एक ट्रैक्टर से वापस आ रहे थे। इस दौरान अनियंत्रित कंटेनर ने ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। जिसमें रवेंद्र (22) की मौत हो गई। जबकि 5 लोग घायल हुए हैं। पढ़िए पूरी खबर कानपुर में सपा नगर अध्यक्ष समेत 305 पर FIR:PM के आने से ठीक एक दिन पहले सपाइयों ने किया था हल्लाबोल प्रदर्शन कानपुर में प्रधानमंत्री के आने से ठीक एक दिन पहले 29 मई को महंगाई, बेरोजगारी समेत अन्य समस्याओं को लेकर हल्लाबोल प्रदर्शन करने वाले सपा के जिलाध्यक्ष समेत 305 लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इसमें समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद, महामंत्री बंटी सेंगर समेत पांच पदाधिकारी नामजद हैं, जबकि करीब 300 अज्ञात हैं। परेड स्थित एकता पुलिस चौकी प्रभारी नितिन कुमार की तहरीर पर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पढ़िए पूरी खबर झांसी में सेना का ड्रोन गिरा, दहशत में आए ग्रामीण, आर्मी और पुलिस पहुंची झांसी में शनिवार रात को सेना का ड्रोन गिर गया। आवाज के साथ लाइट ब्लिंक हो रही थी। यह देख ग्रामीण दहशत में आ गए। सूचना पर सेना के अधिकारी, इंटेलिजेंस टीम और पुलिस मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल के बाद सेना के अधिकारी ड्रोन को अपने साथ ले गए। बताया जा रहा है कि बबीना सैन्य क्षेत्र के 7 मैक यूनिट द्वारा निगरानी के लिए ड्रोन को उड़ाया गया था। तकनीकी खराबी के कारण ड्रोन गिर गया। घटना बबीना थाना क्षेत्र के मनकुआं गांव की है। पढ़ें पूरी खबर… मायावती, बोलीं– अपराधों में उलझा यूपी, देश की रीढ़ कैसे बनेगा बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- यूपी में सामंती और आपराधिक तत्वों का वर्चस्व इस हद तक बढ़ गया है कि जातिवादी, सांप्रदायिक हिंसा और अत्याचार की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इससे साफ है कि प्रदेश में कानून का राज पूरी तरह पटरी से उतर चुका है। मायावती ने प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी बने राजीव कृष्ण को लेकर कहा- उत्तर प्रदेश के मौजूदा हालात में पुलिस के नए मुखिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वह अपराध नियंत्रण करें और कानून का राज स्थापित कर प्रदेश की जनता को राहत दिलाएं। बसपा प्रमुख ने सरकार के मंत्रियों से भी अपील करते हुए कहा कि सिर्फ भाषणों और घोषणाओं से कुछ नहीं होगा, कानून व्यवस्था की मजबूती के लिए सरकार और दल के हर स्तर पर ईमानदारी से सक्रिय सहयोग जरूरी है। LU में एडमिशन के लिए आवेदन की डेट बढ़ी, अब 15 जून तक का मौका लखनऊ विश्वविद्यालय के UG पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए अब 15 जून तक का मौका है। पहले अंतिम तिथि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 31 मई तय की गई थी। प्रवक्ता प्रोफेसर दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि CUET में प्रवेश के लिए 3 मई से एंट्रेंस एग्जाम की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में छात्र इस परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए थे। ज्यादातर छात्रों को आवेदन फॉर्म भरने में विलंब हुआ है। इसी को देखते हुए तारीख को आगे बढ़ाया है। लखनऊ विश्वविद्यालय और उससे सम्बद्ध-सहयुक्त महाविद्यालयों में जिन स्टूडेंट्स को किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना है, वह अपना LURN रजिस्ट्रेशन पंजीकरण पहले कराएंगे। इसका पंजीकरण शुल्क 100 रुपए है। पढ़ें पूरी खबर…