TCS मैनेजर के सुसाइड में पत्नी कितनी कसूरवार?:मानव-निकिता की नई चैट मिली; लीगल एक्सपर्ट बोले- डिजिटल सबूत गिरफ्तारी के लिए काफी

TCS मैनेजर के सुसाइड में पत्नी कितनी कसूरवार?:मानव-निकिता की नई चैट मिली; लीगल एक्सपर्ट बोले- डिजिटल सबूत गिरफ्तारी के लिए काफी TCS में रिक्रूटमेंट मैनेजर मानव ने आगरा में 24 फरवरी को सुसाइड कर लिया था। इसके 8 दिन बाद भी पुलिस पत्नी निकिता को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। आगरा में निकिता के मायके में ताला पड़ा है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। सुसाइड केस में पुलिस को डिजिटल एविडेंस भी मिले हैं। इनमें 3 सबूत सबसे अहम हैं… 1- मानव शर्मा के सुसाइड का LIVE वीडियो और बयान। 2- निकिता के दूसरे लड़के से रिलेशन के कबूलनामे का वीडियो। 3- मानव, उनकी पत्नी निकिता और बहन आकांक्षा के साथ हुई वॉट्सऐप चैट। दैनिक भास्कर ने TCS मैनेजर मानव सुसाइड मामले में इन्वेस्टिगेशन किया। इसमें निकिता कितनी कसूरवार है? यह हमने जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत कुमार गुप्ता और रिटायर्ड IPS अफसर राजेश पांडेय से समझा। हूबहू पढ़िए उनसे हुए सवाल-जवाब… सवाल : मानव के सुसाइड का जो वीडियो सामने आया है, क्या ये आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त है?
जवाब : नए BNS कानून के तहत वीडियो को डिजिटल साक्ष्य माना गया है। ऐसे में ये वीडियो गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त है। हालांकि साथ ही पुलिस जांच करेगी कि क्या सच में जिन लोग को नामजद किया गया, उनका केस में इन्वॉल्वमेंट है या नहीं। सवाल : धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) में कितनी सजा है? क्या थाने से जमानत मिल सकती है?
जवाब : BNS की धारा 108 में अधिकतम 10 साल की सजा है। ऐसे में पुलिस थाने से जमानत नहीं दे सकती। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट के सामने पेश करना होगा। सवाल : अभी तक जो साक्ष्य सामने आए हैं, क्या उसमें निकिता को दोषी माना जा सकता है?
जवाब : कोर्ट में आरोपों को साबित करना होता है। ऐसे में जो भी साक्ष्य हैं, कोर्ट के सामने रखे जाएंगे। अगर उनसे साबित होता है कि मानव को सुसाइड के लिए पत्नी ने उकसाया और मजबूर किया। या फिर उससे प्रताड़ित होने के बाद ही उसने ये कदम उठाया, तब कोर्ट आरोपी को दोषी मानकर सजा सुना सकती है। सवाल : पीड़ित परिवार ने जो FIR दर्ज कराई है, उसमें पुलिस को कौन से साक्ष्य जुटाने होंगे?
जवाब : पुलिस को देखना होगा कि जिस समय मानव ने सुसाइड किया, उस समय उसकी पत्नी से बात हो रही थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि पत्नी से उसकी बात हुई ही न हो। पुलिस को CDR निकलवानी होगी। पत्नी से लास्ट बात कब हुई? इसके अलावा यह भी जानना होगा कि इनके बीच पहले अगर कोई झगड़ा था, तो क्या वो कभी थाने गए। घरवालों के बयान भी इस केस में महत्वपूर्ण होंगे। सवाल : मानव के परिवार वालों को कितने मजबूत साक्ष्य देने होंगे?
जवाब : वादी ने जो भी आरोप लगाए हैं, पुलिस उनकी जांच करेगी। ऐसे में उन्हें अपने आरोपों को साबित करने के लिए मजबूत साक्ष्य देने होंगे। अब पढ़िए रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय से सवाल-जवाब सवाल : जितने साक्ष्य सामने आए हैं, उसके आधार पर लड़की पर क्या मुकदमा बनता है?
जवाब : बिल्कुल, मुकदमा बनता है। मानव ने सुसाइड से पहले वीडियो में जो कुछ कहा, वह प्रताड़ना की श्रेणी में आता है। पुलिस पत्नी निकिता को गिरफ्तारी करेगी। सवाल : पुलिस के नजरिए से तत्काल क्या कार्रवाई होनी चाहिए थी?
जवाब : सबसे पहले पुलिस को पूछताछ के लिए पत्नी को बुलाना चाहिए। अगर वह फरार है, तो उसको सामने लाना चाहिए। फिर बयान दर्ज कराने चाहिए। मानव के वीडियो का सत्यापन करना चाहिए। पत्नी ही बताएंगी कि ये वीडियो मानव का है या नहीं। पुलिस को अरेस्टिंग पर फोकस करना चाहिए। सवाल : गिरफ्तारी का ग्राउंड कितना मजबूत है?
जवाब : वह आदमी अपने साथ हुई घटनाएं बता रहा है। गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य है। सवाल : आरोपों की जांच के क्या पॉइंट होंगे, जिन्हें जांच अधिकारी अपनी जांच में शामिल करेगा?
जवाब : पहले वीडियो की जांच होगी। मोबाइल को फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेजा जाना चाहिए। दूसरा, पत्नी से पूछा जाएगा कि मानव ने वीडियो में जो आरोप लगाए हैं, वह उन्होंने कभी घर वालों को छोड़कर किसी को बताए हैं क्या? मसलन, थाने में कभी शिकायत की है क्या? फिर विवेचक को आरोपों को साबित करने के लिए सबूत जुटाने होंगे। मानव के सुसाइड में जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उन सबके बयान होंगे। आरोपों को गलत साबित करने के लिए आरोपियों को अपने पक्ष में साक्ष्य देने होंगे। सुसाइड से पहले मानव-निकिता में हुई मोहित नाम के लड़के पर बहस
मानव के सुसाइड से पहले निकिता से बात हुई। पुलिस को उसकी लास्ट चैट मिली है। इसमें मोहित नाम के लड़के को लेकर झगड़ा हो रहा है। जबकि, निकिता ने अपने वीडियो में अभिषेक नाम के लड़के से रिलेशन का जिक्र किया था। इस केस में पुलिस को निकिता-आकांक्षा (मानव की बहन) और मानव-आकांक्षा के बीच हुई चैट भी मिल चुकी है। इसके अलावा निकिता के 2 वीडियो भी मिले हैं। सुसाइड के वक्त मानव शर्मा का वीडियो केस के सबूतों में शामिल किया गया है। मानव ने LIVE सुसाइड का 6.57 मिनट का वीडियो बनाया, पढ़िए उसमें जो कहा… सुसाइड से पहले TCS मैनेजर ने कहा- पापा-मम्मी सॉरी
मानव ने सुसाइड से पहले बनाए वीडियो में कहा- मैं तो चला जाऊंगा। मर्दों की सोचो, प्लीज सोचो। मर्दों के बारे में कोई तो बात करे। बेचारे बहुत अकेले हैं। पापा सॉरी, मम्मी सॉरी, अक्कू (बहन आकांक्षा) सॉरी। मेरे जाते ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। कोई आदमी बचेगा ही नहीं, जिसके ऊपर तुम इल्जाम लगा सको। मानव ने कहा- मैं पहले भी सुसाइड की कोशिश कर चुका हूं। आज फिर कर रहा हूं। चलो, ठीक है, अब जा रहा हूं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, किसी लॉ एंड ऑर्डर से। मैं अपना बता देता हूं यार, सबका सेम है। मेरी वाइफ का किसी के साथ अफेयर है। कोई बात नहीं। इसके बाद मानव रोने लगते हैं। आखिरी मिनट में हंसते हैं। कहते हैं- करना है, तो ढंग से करो। आंसू पोंछते हुए कहते हैं, डोंट टच माई पेरेंट्स। बहन आकांक्षा ने निकिता पर 3 बड़े आरोप लगाए आरोप- 1. अरेंज मैरिज के दौरान पुराने रिलेशन छिपाए
मानव और निकिता की अरेंज मैरिज के वक्त उनके परिवार के लोगों ने निकिता के पुराने रिलेशन छिपाए रखे। शादी के तुरंत बाद ही मानव निकिता को मुंबई ले गया था। 12 महीने तक दोनों के बीच में सब ठीक-ठाक था। इसके बाद दिक्कत शुरू हुई। वहां निकिता मेरे भाई से झगड़े करती थी। आरोप 2. निकिता का कैरेक्टर ठीक नहीं
निकिता की बहनों का भी कैरेक्टर ठीक नहीं है। फरवरी में मानव को एक महिला ने इंस्टाग्राम पर मैसेज भेजा। उसने बताया कि तुम्हारी वाइफ की बहन ने मेरे हसबैंड को फंसा रखा है। तुम्हारी वाइफ का भी किसी के साथ चक्कर चल रहा है। मानव को निकिता के बॉयफ्रेंड के बारे में पता चल गया। इसके बाद वह परेशान रहने लगा। डिप्रेशन इतना बढ़ गया कि जनवरी में उसने सुसाइड करने की कोशिश कर डाली। आरोप 3. मानव को 3 बार सुसाइड अटेंप्ट से बचाया, ये झूठ है
निकिता झूठ बोल रही है कि उसने 3 बार मानव को बचाया, बल्कि उस अटेंप्ट के बाद मानव ने ही मम्मी-पापा को फोन कर बुलाया था। तय हुआ था कि सब कुछ ठीक नहीं हुआ। दोनों म्युचुअल अंडरस्टैंडिंग से डायवोर्स ले लेंगे। वो मानव को आत्महत्या के लिए उकसा रही थी, इसके साथ मुझसे मैसेज पर बात करके खुद को सेफ करने की कोशिश कर रही थी। निकिता की तरफ से 2 VIDEO सामने आए… पहला वीडियो- मानव के सुसाइड से पहले का शादी से पहले अभिषेक मेरे टच में था
मैंने शादी के पहले अभिषेक के बारे में मानव को बताया था। रिलेशन बने, ये नहीं बताया था। शादी से पहले तक अभिषेक लगातार मेरे टच में था। मुझे लगता था कि अगर सारी बात बता दी तो मानव मुझे छोड़ देगा। मैं डर गई थी कि कहीं मानव को खो न दूं। लेकिन, शादी के बाद मैंने संपर्क खत्म कर दिए थे। पर मानव को लगता था कि अभी भी सब पहले की तरह ही है। निकिता ने आगे कहा- मुझे पता है कि मैंने बहुत सारे झूठ बोले हैं। सिर्फ इसलिए कि कहीं हमारी शादी टूट न जाए। मैं उसको बहुत प्यार करती हूं। मानव गलती के बदले जो भी सजा देगा, मुझे मंजूर होगी। मानव के परिवार के सब लोग, बहुत अच्छे थे। अगर मुझे कुछ भी होता है, तो किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं है। दूसरा वीडियो- मानव के सुसाइड से बाद का निकिता ने कहा- वह मुझसे मारपीट करते थे
निकिता शर्मा ने कहा- मानव ने 3 बार फांसी लगाने की कोशिश की थी। एक बार मैंने खुद फंदा काटकर उन्हें बचाया था। बचाने के बाद मैं उन्हें आगरा लेकर आई। वह मुझे खुशी-खुशी घर पर छोड़कर गए थे। यह कहना गलत है कि मर्दों की कोई नहीं सुनता। वह मुझसे मारपीट करते थे। ड्रिंक भी करते थे। मैंने उनके माता-पिता को यह बात बताई, लेकिन उन्होंने कहा- तुम दोनों पति-पत्नी आपस में समझो, तीसरा कोई नहीं आएगा। जिस दिन वह मरे, उस दिन मैंने उनकी बहन को बताया, लेकिन उन्होंने इसे इग्नोर कर दिया। जिस दिन मानव की डेड बॉडी आई, मैं उनके घर गई थी, लेकिन दो दिन बाद मुझे धक्के मारकर भगा दिया गया। मानव-निकिता में लिखित समझौते हुए थे, वह भी पढ़िए… 1- पुरानी बातों को भूल जाएंगे, उसका कोई जिक्र नहीं करेगा मानव : हम दोनों अपने पास्ट के बारे में एक-दूसरे से बात नहीं करेंगे, लेकिन तुम भी यह साफ करो कि अपने बॉयफ्रेंड से कोई बात नहीं करोगी। निकिता : मानव, मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं। मैंने तुमसे जितनी भी बातें छिपाईं, बस इसी डर से कि मैं तुम्हें खो न दूं। अब तुम जो कहोगे, उसी के अनुसार जिंदगी चलेगी। मैं अपने किसी दोस्त से बात नहीं करूंगी। न तुम्हारी मर्जी के बिना कहीं जाऊंगी। मैं तुम्हारे साथ नई जिंदगी शुरू करूंगी। 2- दहेज या किसी और केस में हमें नहीं फंसाओगी मानव : अगर हमारे बीच किसी प्रकार का कोई विवाद होता भी है, तो हम अपने माता-पिता को कतई नहीं बताएंगे। न ही तुम मेरे माता-पिता को किसी प्रकार के दहेज जैसे मामले में फंसाने की धमकी दोगी। न उन्हें कभी फंसाने की कोशिश करोगी। निकिता : मानव तुम्हारा परिवार बहुत अच्छा है। उन्होंने मेरे पिता से बिना किसी दहेज के शादी की। तुम्हारे पिताजी मुझे बेटी की तरह मानते हैं। पूरा परिवार मुझे ऐसे ही प्यार करता है। तुमने मुझे जैसी जिंदगी दी, वह मुझे कभी हासिल नहीं थी। 3- तुम्हारे घर वाले हमारे जीवन में दखलंदाजी नहीं करेंगे मानव : हम अपना जीवन एक-दूसरे के सहारे बिताएंगे। तुम्हारी पुरानी बातें या किसी भी मामले को लेकर तुम्हारे घर वाले हमारी जिंदगी में दखल नहीं देंगे। निकिता : मैं अपने परिवार को अब तक हुई किसी भी बात के बारे में नहीं बताऊंगी। यहां तक कि मैं बिना तुम्हारे साथ अपने घर भी नहीं जाऊंगी। (ये तीनों बातें लिखित समझौते की हैं, जैसा मानव की बहन ने बताया।) पिता ने FIR में लिखा- धमकियों के बाद मानव डिप्रेशन में गया
मानव के पिता नरेंद्र शर्मा वायुसेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने निकिता, उसके माता-पिता और 2 बहनों के खिलाफ FIR कराई है। आरोप लगाया है- मानव शर्मा के पिता नरेंद्र कुमार शर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में लिखा- 30 जनवरी, 2024 को बिना दान-दहेज के निकिता से बेटे की शादी की। शादी के बाद निकिता का व्यवहार घर के लोगों से अच्छा नहीं था। मानव के साथ मुंबई जाने के बाद भी झगड़े करती रही। उसको धमकी देती कि खुद सुसाइड कर लूंगी, तुम्हें जेल भिजवा दूंगी। मेरी मर्जी के बगैर शादी करवा दी गई। तुम मुझे पसंद नहीं, मैं किसी और को प्यार करती हूं। मेरे कई बॉयफ्रेंड हैं, ऐश-ओ-आराम से जिंदगी जीना चाहती हूं। मेरा बेटा इतना परेशान हो गया कि मुंबई से आगरा आ गया। निकिता शर्मा, उसके पिता निपेंद्र शर्मा, मां पूनम शर्मा, बहन निशु और रिया के नाम पर मामला दर्ज हुआ है। अब पुलिस एक्शन पर एक नजर कानपुर, फर्रुखाबाद में रिश्तेदारों के घर पहुंची
मानव सुसाइड केस में FIR दर्ज होने के बाद आगरा सदर पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने मानव के पिता और बहन से बयान दर्ज किए। मानव को प्रताड़ित करने के आरोप को लेकर उन्होंने निकिता के घर पर दबिश दी। मगर, घर पर ताला लगा मिला। पुलिस ने निकिता के घर के बराबर में पंजाब नेशनल बैंक से CCTV फुटेज कब्जे में ली हैं। मानव ने सुसाइड क्यों किया, ये जानिए… निकिता के मायके से लौटने के बाद फंदे पर लटका
मानव शर्मा अपनी पत्नी निकिता के साथ मुंबई में रहते थे। मानव TCS में रिक्रूटमेंट मैनेजर थे। निकिता WIPRO में जॉब करती थी। 23 फरवरी को दोनों आगरा आए, मकसद तलाक लेना था। निकिता के पिता की तबीयत खराब होने पर मानव बरहन इलाके में निकिता को मायके छोड़ने गया। आरोप है, यहां निकिता के परिवार ने धमकी दी कि तलाक नहीं लेने देंगे। तुम्हें और तुम्हारे परिवार को जेल में सड़वाएंगे। मानव डिप्रेशन में घर वापस आया। फिर अगली सुबह 24 फरवरी को फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया। इससे पहले मानव ने सुसाइड का LIVE वीडियो बनाया। पत्नी निकिता के रिलेशन का खुलासा किया। इस दौरान दिल्ली में रहने वाली बहन आकांक्षा और आगरा में ही 35km दूर मायके में रह रही पत्नी निकिता से वॉट्सऐप चैट भी हो रहे थे। ये सब सबूत अब सामने आ चुके हैं।
———————— यह खबर भी पढ़ें TCS मैनेजर और पत्नी ने 3 लिखित समझौते किए थे, मानव ने कहा था- बॉयफ्रेंड से बात नहीं करोगी ‘हमारी शादी को एक साल से ज्यादा हो चुका है। निकिता मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं। तुम अपने पास्ट को भूल जाओ और अपने बॉयफ्रेंड से बातचीत करना पूरी तरह बंद कर दो। ये बातें मानव की बहन आकांक्षा ने दैनिक भास्कर को बताई हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

सड़क किनारे सो रहे 4 लोगों को कार ने रौंदा:2 की मौत; लखनऊ में 100 की स्पीड में डिवाइडर पर चढ़ी टाटा सूमो

सड़क किनारे सो रहे 4 लोगों को कार ने रौंदा:2 की मौत; लखनऊ में 100 की स्पीड में डिवाइडर पर चढ़ी टाटा सूमो लखनऊ में टाटा सूमो ने डिवाइडर पर सो रहे 4 लोगों को कुचल दिया। 2 लोगों की मौत हो गई। 2 गंभीर हैं। टायर फटने पर एसयूवी टाटा सूमो बेकाबू होकर डिवाइडर पर चढ़ गई। हादसे के वक्त स्पीड 100 से अधिक थी। आखिरी में लोहे के पोल से टकराने पर रुकी। हादसा मंगलवार देर रात 1 बजे हसनगंज इलाके के नदवा रोड पर हुआ। हादसे के बाद चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। गाड़ी के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था। हादसे की 3 तस्वीरें- हसनगंज इंस्पेक्टर डीके सिंह ने कहा- CCTV और गाड़ी के नंबर (UP 32 EL 4582) से ड्राइवर की पहचान की जा रही है। हादसे वक्त आरोपी नशे में था या नहीं। इसकी जांच की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। मरने वालों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। एक की उम्र 20 और दूसरे की 40 साल है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त कार की स्पीड बहुत अधिक थी। ऐसे में टायर फटने से गाड़ी बेकाबू होकर गई और सड़क किनारे सो रहे लोगों को रौंदते हुए निकल गई। हम लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। लोग गाड़ी के नीचे दब गए थे। हम लोगों ने उन्हें बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। ———————– हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- बोर्ड परीक्षा देने जा रहीं 3 छात्राओं की मौत महाराजगंज में टायर फटने से बोलेरो बेकाबू होकर पलट गई। हादसे में तीन छात्राओं की मौत हो गई, जबकि ड्राइवर समेत 11 छात्राएं घायल हो गईं।छात्राएं सुबह 7 बजे 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने जा रही थीं। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई, जिससे आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। किसी तरह छात्राओं को गाड़ी से बाहर निकाला। पढ़ें पूरी खबर

लंबे समय से गैर हाजिर शिक्षामित्रों पर कार्यवाही होगी:लखनऊ के 127 शिक्षा मित्र प्रभावित होंगे, डीजी शिक्षा ने आदेश जारी किए

लंबे समय से गैर हाजिर शिक्षामित्रों पर कार्यवाही होगी:लखनऊ के 127 शिक्षा मित्र प्रभावित होंगे, डीजी शिक्षा ने आदेश जारी किए लखनऊ समेत मंडल में 50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित कर रहे 270 शिक्षामित्रों की सेवाएं समाप्त होंगी। शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर अभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। दरअसल, जांच में पता चला था कि ये शिक्षामित्र अवैतनिक अवकाश लेकर पढ़ाई के बजाय दूसरे काम में लगे थे। महानिदेशक कंचन वर्मा ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) से जांच कराई। जांच में मामला सही पाया गया। इन जिलों में चल रहा खेल इसके बाद लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर खीरी व रायबरेली में तैनात 270 शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने का निर्देश दिया है। वर्मा ने लिखा है कि अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे शिक्षामित्रों को तत्काल पहचान कर उन्हें नोटिस थमाई जाए। शिकायत की पुष्टि होने पर 15 दिनों में उनकी संविदा समाप्त करने की कार्रवाई हो। खंड शिक्षा अधिकारी भी संदेह के घेरे में मामले में खंड शिक्षा अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। दरअसल, शिक्षामित्रों को अवैतनिक अवकाश का नियम ही नहीं है। इसके बाद भी उनका अवकाश मंजूर होने की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में किसी खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत पाई गई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

अंसल प्रबंधक समेत 5 के खिलाफ FIR दर्ज:विधानसभा में CM योगी बोले- खरीदारों को धोखा देने वालों को पाताल से निकालकर सजा देंगे, एक्शन में LDA

अंसल प्रबंधक समेत 5 के खिलाफ FIR दर्ज:विधानसभा में CM योगी बोले- खरीदारों को धोखा देने वालों को पाताल से निकालकर सजा देंगे, एक्शन में LDA अंसल तो सपा की ही उपज थी। होम बायर्स के साथ धोखा हुआ है। आज उस पर शिकंजा हमने कसा है। किसी होम बायर्स के साथ धोखा नहीं होने देंगे। आरोपी को पाताल से भी निकाल कर सजा देंगे। ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में कहीं। उन्होंने सपा पर हमला करते हुए कहा कि अंसल मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने FIR लिखने के आदेश दिए हैं। यह वही प्रदेश है, जहां पहले कोई निवेश करने नहीं आता था। आज यह निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन बन कर सामने आया है। इधर, CM के बयान आने के कुछ घंटों बाद ही LDA आमीन ने अंसल प्रंबधक सहित पांच के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है। अंसल प्रमोटर के खिलाफ FIR अंसल मामले को लेकर सीएम ने सोमवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेरा के अफसरों की बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने अंसल प्रबंधक के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद LDA के अमीन ने गोमतीनगर थाने में अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मालिक पिता-पुत्र समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया है । आरोप है कि कंपनी ने दो बार टाउनशिप की योजना स्वीकृत कराई थी। निर्धारित भूमि से कई गुना पर टाउनशिप बना लिया। इसमें अंसल प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फेरन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन और डायरेक्टर विनय कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-316(5), 318(4), 61(2), 352, 351(2), 338, 336(3), 340(2), 111 और प्रिवेन्शन ऑफ डेमेज टु पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट-1984 की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एलडीए अमीन अर्पित शर्मा ने गोमतीनगर थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया हैं कि प्राधिकरण ने 2005 में 1765 एकड़ की हाईटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया था। इसकी डीपीआर 2006 में स्वीकृत की गई। अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. ने टाउनशिप विकसित करने का काम शुरू किया। स्वीकृत टाउनशिप में कंपनी ने खरीदी गई जमीन के अलावा ग्राम समाज, सीलिंग, तालाब, राज्य सरकार के नाम दर्ज, चक मार्ग, नवीन परती, बंजर, नहर और नाली की जमीन अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया। इसकी जानकारी प्राधिकरण को नहीं दी। और उसको बेच दिया। सीएम ने जताई थी नाराजगी अंसल API में 7000 निवेशकों ने रुपया लगाया है। निवेशकों का रुपया फंस गया है, जिसको लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। मुख्यमंत्री ने अनियमित और नियमावली के उल्लंघन पर रोष प्रकट किया था। सीएम ने मामले के गंभीरता को समझते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण को एक हफ्ते के अंदर FIR करने और अपने स्तर पर जांच करके शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। अंसल को दिवालिया घोषित किया राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) दिल्ली ने 25 फरवरी को लखनऊ में अंसल को दिवालिया घोषित कर दिया था। कंपनी पर एलडीए का 450 करोड़ रुपए बकाया है। दिवालिया घोषित होने के बाद एलडीए का पैसा भी फंस गया है। NCLT ने अंसल कंपनी के बोर्ड को भी भंग कर दिया है। ऐसे में टाउनशिप की जमीन अंसल के अधिकार में नहीं रही। अब NCLT की ओर से नियुक्त किया गया रिसीवर ही उसको लेकर निर्णय लेगा। 7000 से ज्यादा निवेशकों का करोड़ों रुपया फंसा 1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल स्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई। 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें रुपया लगाया। राजधानी लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत 5 राज्यों में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई हैं। कम दाम पर फ्लैट, मकान और जमीन देने का वादा करने वाले अंसल के खिलाफ CBI और ED की जांच चल रही है। अलग-अलग जिलों में सैकड़ों मुकदमे भी दर्ज हैं। मौजूदा समय में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में निवेश करने वालों को कहना है- अंसल ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला किया है। अंसल ने ऐसे बढ़ाया अपना दायरा… उत्तर प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी के तहत साल 2003 में अंसल को करीब 1335 एकड़ में टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था। पांच साल बीत जाने के बाद भी डेवलपर्स इसका विकास नहीं कर सके। इसके बावजूद 2008 में तत्कालीन सरकार ने टाउनशिप का दायरा बढ़ाकर 3530 एकड़ कर दिया। इतना ही नहीं डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियमों को ही बदल दिया। टाउनशिप पॉलिसी के तहत केवल एक बार ही एक्सटेंशन मिल सकता था, लेकिन अंसल API को दूसरा एक्सटेंशन देते हुए टाउनशिप का दायरा साल 2012 में बढ़ा कर 6500 एकड़ कर दिया था। ……………………. यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल API ऑफिस के बाहर हंगामा: निवेशकों से विधायक बोले- किसी का पैसा नहीं डूबेगा, CM ने अफसरों की बैठक बुलाई लखनऊ में अंसल के दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अंसल एपीआई दफ्तर के बाहर सभा कर नाराजगी जाहिर की। निवेशकों ने कहा- अंसल ने हमारे सपनों को मार दिया। पूरी कमाई लगाने के बाद आज हम लोग रोड पर आ गए। ये सब LDA अफसरों की निगरानी में होता रहा, लेकिन कोई उन्हें रोक नहीं पाया। इस मौके पर सभा में पहुंचें विधायक ने आश्वासन दिया कि किसी का भी पैसा नहीं डूबेगा। यहां पढ़े पूरी खबर

लखनऊ में नवजात की मौत की जांच शुरू:लोकबंधु अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप, 3 सदस्यीय टीम जांच कर रही

लखनऊ में नवजात की मौत की जांच शुरू:लोकबंधु अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप, 3 सदस्यीय टीम जांच कर रही लखनऊ के डॉ.राज नारायण बंधु अस्पताल में नवजात बच्चें की मौत के मामले में निदेशक द्वारा बैठाई गई जांच टीम ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजीव दीक्षित की अगुवाई में जांच टीम ने पीड़ित पक्ष से दस्तावेज मांगकर, KGMU के क्वीन मेरी से भी पीड़ित महिला के ऑपेरशन की डिटेल जुटाई। 7 दिन के भीतर इस मामले की जांच कर, रिपोर्ट निदेशक को सौंपनी हैं। वहीं, जानकीपुरम में नियमित वैक्सीनेशन के बाद मासूम बच्ची की मौत के मामले में भी लखनऊ सीएमओ ऑफिस की तरफ से जांच शुरू करने की बात कही गई। परिजनों का आरोप था कि बच्ची का टीकाकरण करने के लिए पहुंची आशा कार्यकर्ता को बच्ची के बुखार आने की बात कही गई थी पर आशा कार्यकर्ता ने उनकी नहीं सुनी और बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। इसके बाद से बच्ची की हालत बिगड़ गई और फिर निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ये था पूरा मामला लोकबंधु अस्पताल से गंभीर हालत में गर्भवती को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। यहां जन्म के बाद बच्चे की मौत हो गई। सोमवार को नाराज परिजनों ने लोकबंधु अस्पताल में हंगामा किया। निदेशक से शिकायत की। निदेशक ने कमेटी गठित कर जांच का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया।ये था पूरा मामला जानकारी के मुताबिक अमेठी के कोटवा बसंतपुर निवासी अभिषेक शुक्ला के पत्नी पारुल शुक्ला (27) गर्भवती थी। लोकबंधु की स्त्री रोग विभाग से उनका इलाज चल रहा था। परिजनों का आरोप हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान पांचवें माह पर टीफा जांच कराने के लिए महिला डॉक्टर से कहा तो उन्होंने मना कर दिया था। महिला डॉक्टर ने टीफा जांच लिखी इसके बाद जब 25 फरवरी को गर्भावस्था के अंतिम माह पर लोकबंधु अस्पताल दिखाने पहुंचे, तब महिला डॉक्टर ने टीफा जांच लिखी। टीफा अल्ट्रासाउंड जांच निजी डायग्नोस्टिक से कराई। जांच रिपोर्ट देखते ही 26 फरवरी की सुबह डॉक्टर ने पत्नी को भर्ती कर लिया। डॉक्टरों ने रात 8 बजे पत्नी को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। यहां प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई। 7 दिन में जांच रिपोर्ट देने के दिए निर्देश लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। टीम के अगुवाई को खुद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव दीक्षित कर रहे हैं वह स्वयं रेडियोलॉजिस्ट भी हैं। ऐसे में जांच के दौरान गड़बड़ी होने की आशंका नहीं हालांकि मरीज को समय रहते हायर सेंटर डिस्चार्ज कर दिया गया था। 2 महीने की बच्ची की हुई थी मौत जानकीपुरम इलाके में नियमित वैक्सीनेशन के बाद मासूम बच्ची की हालत बिगड़ गई। परिजनों ने बच्ची को नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने बच्ची का पोस्टमार्टम कराया है। बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए परिजनों के मुताबिक 2 महीने की बेटी अराध्या को शनिवार को क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, बच्ची का टीकाकरण करने के लिए गई थी। परिजनों ने बच्ची को बुखार होने की बात कही। आरोप है कि आशा कार्यकर्ता ने उनकी नहीं सुनी और बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। इसमें एक रोटा वायरस, पेंटा व पीसीवी वैक्सीन लगाई थी। शनिवार रात बच्ची की नाक से खून आने के साथ मुंह से झाग निकलने लगा। परिजन बच्ची को निजी अस्पताल ले गए। इलाज के बाद भी सुधार नहीं हुआ। देर रात बच्ची की मौत हो गई। 6 बच्चों को एक ही वॉयल से लगी थी वैक्सीन सीएमओ ऑफिस के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि वॉयल से 6 बच्चों को स्वास्थ्यकर्मी ने टीका लगाया था। सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इनमें वैक्सीन का कोई भी दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है।

रिटायरमेंट फंड से जमीन खरीदी..अब हाथ खाली:अंसल API के 400 निवेशक सैनिक बोले- रजिस्ट्री के लिए 15 साल से चक्कर लगा रहे

रिटायरमेंट फंड से जमीन खरीदी..अब हाथ खाली:अंसल API के 400 निवेशक सैनिक बोले- रजिस्ट्री के लिए 15 साल से चक्कर लगा रहे लखनऊ में सबसे बड़ी टाउनशिप विकसित करने वाले अंसल API को केवल 83 करोड़ रुपए बकाया के लिए NCLT ने दिवालिया घोषित कर दिया। ऐसी कार्रवाई को अंसल के प्लॉट, फ्लैट खरीदार हजारों करोड़ का घोटाला मान रहे हैं। इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। अंसल API के खरीदारों में बड़ी संख्या में सैनिक भी शामिल हैं। वे सैनिक जिन्होंने जवानी बॉर्डर पर खपा दी और रिटायरमेंट के बाद अपने घर का सपना देखा था। अंसल ने उनके सपनों को पूरा नहीं होने दिया। अंसल अपनी जीवन भर की जमा पूंजी फंसा बैठे रिटायर्ट सैनिकों का दर्द उन्हीं की जुबानी…। 2017 में SSP आवास का किया था घेराव अंसल एपीआई के आवंटियों ने 2017 में 10 सितंबर को एसएसपी कार्यालय और आवास पर प्रदर्शन किया था। आवंटियों ने डिवेलपर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज दिखाकर बुकिंग करने और मानसिक उत्पीड़न की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। आवंटियों ने बताया कि उन्होंने साल 2007 में अंसल के प्रोजेक्ट में घर खरीदने के लिए पैसा जमा करवाया था। कई प्लॉट और विला का आज तक पता ही नहीं। यही नहीं, पैराडाइज डायमंड अपार्टमेंट के आवंटियों ने 90% रकम जमा कर दी है। आवंटियों ने अंसल प्रबंधन के बड़े अधिकारियों के विदेश भागने की भी आशंका जताई। अंसल के सभी प्रोजेक्ट का बाजार भाव तेजी से गिर रहा है। सस्ती दरों पर फ्लैट और दुकान का वादा था भारतीय सेना में सूबेदार मेजर रहे आर एल वर्मा ने बताया कि साल 2010 में अंसल ने टाउनशिप शुरू की। सस्ती दरों पर विला, फ्लैट और दुकान देने का वादा किया। अंसल ने सभी भावी निवेशकों को 30 से 40 फीसदी भुगतान करने के लिए कहा। हम लोगों ने अंसल को भुगतान किया भी। अब 15 साल बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं है। सैनिक बॉर्डर पर अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा करते हैं। उनकी भी गाढ़ी कमाई अंसल ने लूट ली। अंसल में करीब 400 सैनिकों की जमा पूंजी फंसी है। हमने मामले में रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था। उसके बाद कुछ मामलों का निपटारा किया गया। पिछली बार 2018 में सुशील अंसल आए थे। उनसे शिकायत के बावजूद रवैया वही है। लद्दाख में तैनाती के दौरान बुक कराया था प्लॉट रिटायर्ड कर्नल राजेंद्र यादव ने बताया कि सेना की तरफ से जब मेरी तैनाती लेह-लद्दाख में थी तब अंसल में प्लॉट बुक किया था। नौकरी का सारा पैसा इसमें लगा दिया था। सोचा था कि देश की सेवा से निवृत्ति के बाद जाऊंगा तो अपने घर में रहूंगा। बॉर्डर पर तैनाती दे रहे सेना के कई अफसरों ने अंसल API में निवेश किया है। वहीं, परमजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने तकरीबन एक करोड़ रुपए अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी के नाम पर 2009 और 2011 में इन्वेस्ट किया था। अब भी प्लॉट वीरान पड़ा है। मेरे पिताजी ने अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई इसमें लगा दी। जब भी हमने इस मामले पर बात करनी चाही तो हमें सिर्फ टरकाया गया। सभा में उठे ये मुद्दे …………………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल के खिलाफ FIR होगी:CM योगी बोले- LDA सख्त कार्यवाही करे, NCLT के आदेश को चुनौती देंगे लखनऊ विकास प्राधिकरण अंसल प्रबंधक के खिलाफ गोमती नगर थाने में FIR दर्ज करवाएगा। CM योगी ने LDA अधिकारियों को मामले में सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ एलडीए NCLT के आदेश के खिलाफ चुनौती देगा। आदेश के खिलाफ ट्रिब्यूनल में जाएगा। यहां पर राहत नहीं मिलेगी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा। एक सप्ताह के अंदर यह कार्रवाई पूरी की जाएगी। यहां पढ़े पूरी खबर

लखनऊ में बोर्ड परीक्षा देने गए छात्रों के मोबाइल चोरी:प्रिंसिपल बोले- कैंपस में मोबाइल रखने की जगह नहीं, GIC हुसैनाबाद का मामला

लखनऊ में बोर्ड परीक्षा देने गए छात्रों के मोबाइल चोरी:प्रिंसिपल बोले- कैंपस में मोबाइल रखने की जगह नहीं, GIC हुसैनाबाद का मामला लखनऊ में बोर्ड परीक्षा देने गए छात्रों के मोबाइल फोन चोरी होने की खबर सामने आई हैं। मंगलवार सुबह पहली पाली में बोर्ड परीक्षा देकर निकले राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद के छात्रों ने बताया कि बोर्ड परीक्षा देने के बाद जब वह बाहर आए तो उनके मोबाइल फोन गायब मिले। इसके बाद स्टूडेंट्स में पुलिस को जानकारी दी। मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू की हैं। जानकारी के मुताबिक करीब 15 स्टूडेंट्स के मोबाइल गायब हुए हैं। प्रिंसिपल बोले- कैंपस में मोबाइल रखने की कोई जगह नहीं राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद के प्रिंसिपल अमित कुमार सिंह ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का कैंपस में प्रवेश प्रतिबंधित हैं। किसी भी स्टूडेंट को मोबाइल फोन के साथ गेट से एंट्री नहीं दी जाती। ऐसे में कैंपस में मोबाइल फोन या किसी अन्य सामान को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है ना ही इस घटना के बारे में उन्हें कोई शिकायत मिली हैं। संभव है गेट के बाहर जहां कहीं स्टूडेंट्स ने अपनी गाड़ी खड़ी की हो वहां से उनके मोबाइल फोन या कोई अन्य सामान गायब हुआ हो पर इसकी उनको कोई जानकारी नहीं। 2965 स्टूडेंट्स ने छोड़ी हाई स्कूल की साइंस परीक्षा मंगलवार को लखनऊ के 27 केंद्रों पर बोर्ड परीक्षा का आयोजन हुआ। इस दौरान पहली पाली में हाई स्कूल की साइंस की परीक्षा सुबह 8:30 मिनट से शुरू होकर 11:45 तक चली। इस दौरान कल 53 हजार 255 के सापेक्ष 50 हजार 290 स्टूडेंट्स परीक्षा देने पहुंचे। 2965 स्टूडेंट्स ने परीक्षा देने नहीं पहुंचे।जबकि दूसरी पाली में हाई स्कूल के कृषि के पेपर में 639 के सापेक्ष 601 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी, 38 स्टूडेंट एग्जाम देने नहीं पहुंचे। 249 ने अकाउंटेंसी और 426 में छोड़ी इकोनॉमिक्स की परीक्षा इंटरमीडिएट की परीक्षा में पहली पाली में कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट की एकाउंटेंसी की परीक्षा हुई इसमें 6129 के सापेक्ष 5880 स्टूडेंट की परीक्षा देने पहुंचे जबकि 249 स्टूडेंट परीक्षा के दौरान का गैर हाजिर हैं। वहीं, दूसरी पाली में इकोनॉमिक्स के पेपर में 10968 के सापेक्ष 10542 स्टूडेंट स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी। जबकि दौरान 426 स्टूडेंट परीक्षा देने नहीं पहुंचे।

अखिलेश के करीबी वासुदेव यादव प्रयागराज में अरेस्ट:कमाई से ज्यादा संपत्ति जुटाई, यूपी बोर्ड के सचिव रहे हैं

अखिलेश के करीबी वासुदेव यादव प्रयागराज में अरेस्ट:कमाई से ज्यादा संपत्ति जुटाई, यूपी बोर्ड के सचिव रहे हैं वाराणसी पुलिस ने सपा के पूर्व MLC वासुदेव यादव को प्रयागराज से गिरफ्तार किया। उनपर आय से अधिक संपत्ति का केस चल रहा है। कई बार नोटिस के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, तो गैर जमानती वारंट जारी हुआ। पुलिस ने मंगलवार को जार्जटाउन स्थित उनके आवास से पकड़ा है। वासुदेव यादव अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं। सपा सरकार में उन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशक बनाया गया था। आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक बनने के बाद वासुदेव यादव ने 1.87 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की। प्रयागराज विजिलेंस विभाग ने केस दर्ज किया था। उनके खिलाफ जांच करके आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए गए। सरकारी वकील की तरफ से मामले की पैरवी की गई। अब आरोपी वासुदेव की तरफ से अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई। सरकारी वकील ने इसका विरोध किया है। तर्क दिया है कि आरोपी प्रभावशाली है। वह केस को कमजोर कर सकता है। सपा सरकार में चलता था दबदबा
समाजवादी पार्टी सरकार में वासुदेव यादव का काफी रसूख रहा है। कहा जाता है कि पार्टी के बड़े बड़े नेताओं में सीधी दखल रखते थे। विभाग और शासन के उच्च अधिकारी भी इनसे दबते थे। इसी रसूख का नतीजा था कि 5 मार्च 2012 में समाजवादी पार्टी के विधानसभा चुनाव जीतने और 15 मार्च 2012 को अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के चंद दिनों बाद ही इन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। 2014 में आरोप लगे
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सन 2014 में वासुदेव के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई। पत्नी और बच्चों के नाम पर करोड़ों की लागत से शिक्षण संस्थाएं खोलने और संपत्ति खरीदने के आरोप लगाए गए। दो करोड़ से अधिक की संपत्ति सिर्फ प्रयागराज के फूलपुर तहसील में बताई गई। इसके अलावा सोरांव, हडिया तथा सदर तहसील में भी संपत्ति होने की शिकायत की गई। ————– यह खबर भी पढ़िए… यूपी की शहजादी को दुबई में फांसी:15 दिन पहले कहा था- अब्बू अब मेरा जीवन खत्म, बच्चे की हत्या के आरोप में कैद थी UAE में बांदा की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई। विदेश मंत्रालय ने आज, सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। विदेश मंत्रालय की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा। पढ़ें पूरी खबर…

‘हरिराम नाई’ ने लगाई मायावती के भतीजे की लंका:मैडम का मुखबिर ढूंढ रहे सपा सांसद; ट्रेन में यूपी के विधायक का झोला चोरी

‘हरिराम नाई’ ने लगाई मायावती के भतीजे की लंका:मैडम का मुखबिर ढूंढ रहे सपा सांसद; ट्रेन में यूपी के विधायक का झोला चोरी यह बात खरी है… इसमें आप देखेंगे यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों में अंदरखाने चल क्या रहा है? ऊपर VIDEO पर क्लिक करें…

पति-पत्नी के एक्स अफेयर पर प्रेमानंद महाराज की सलाह:संत बोले- पिछली गलती न बताएं, मान लो कि यह पूर्व जन्म की बात थी

पति-पत्नी के एक्स अफेयर पर प्रेमानंद महाराज की सलाह:संत बोले- पिछली गलती न बताएं, मान लो कि यह पूर्व जन्म की बात थी आगरा में TCS मैनेजर ने सुसाइड करते समय वीडियो में कहा था कि पत्नी के पूर्व में रिलेशन थे। यह बात उसने पहले हमसे छिपाई थी। बाद में हमें बताया, जबसे उसके रिलेशन के बारे में पता चला तो वह हमें ही धमकाने लगी। जिसकी वजह से मैं आत्महत्या कर रहा हूं। ऐसे ही मामले में संत प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह कह रहे हैं कि अगर ऐसी परिस्थिति आ जाए तो अपने पति या पत्नी को पिछली गलती न बताएं। ऐसा मान लें कि यह पूर्व जन्म की बात थी। पढ़िए उन्होंने और क्या कहा- कैसे इस तरह की समस्या से पार पाएं। पहले पूरा मामला जानिए, आखिर मानव ने जान क्यों दी? TCS के रिक्रूटमेंट मैनेजर मानव ने आगरा में 24 फरवरी को सुसाइड कर लिया था। आगरा की डिफेंस कॉलोनी में मानव का शव फंदे से लटका मिला था। सुसाइड से पहले मानव ने वीडियो बनाया और अपनी पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का खुलासा किया। मानव ने जब सुसाइड किया, तब उसकी पत्नी निकिता मायके में थी। मानव के पिता नरेंद्र शर्मा वायुसेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने निकिता, उसके माता-पिता और 2 बहनों के खिलाफ FIR कराई है। आरोप लगाया है- 23 फरवरी को जब मानव निकिता को उसके मायके छोड़ने के लिए गया, तब निकिता के परिवार ने उसको धमकाया। कहा- तलाक नहीं लेने देंगे। अब तुम्हारे मां-बाप को जेल भिजवा देंगे। वहीं सड़ोगे तुम लोग। इसके बाद मानव डिप्रेशन में चला गया। आखिरकार उसने सुसाइड कर लिया। अब पुलिस मानव और निकिता के परिवार वालों से बयान दर्ज करवा रही है। अब जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा कैसे पार पाएं इन समस्याओं से पास्ट रिलेशन के बारे में बताएं या नहीं संत प्रेमानंद महाराज के पास एक प्रश्न आया कि घर वालों की मर्जी से शादी हो गई। क्या पुराने वाले से संबंध की सच्चाई पति को बतानी चाहिए। इस तरह की समस्या से कैसे निपटें। जिसके बाद संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि कोशिश करें न बताएं, क्योंकि इससे पति के प्यार में लघुता आ जाएगी। अपनी बात को अपनी गलती को न बताएं और आगे भूल से कभी ऐसी गलती न करें। पास्ट रिलेशन को मान लो पूर्व जन्म की बात थी संत प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं अगर किसी मित्र से संबंध रहे हैं गलत कदम उठ गए हों और अब आपकी शादी दूसरी जगह हो गई है, तो इसे भूल जाओ मान लो कि यह पूर्व जन्म की बात थी। लेकिन अब गलती मत करना नहीं तो परिवार से आपका जो संबंध है वह विच्छेद हो जाएगा। अगर आपने पति को बता दिया तो उनका मन आपके प्रति मलिन हो जाएगा और आपके प्रति उनके भाव अच्छे नहीं रहेंगे। पति प्रेम के लिए गलती का प्रायश्चित करें संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि उनको लगता है पति प्रेम के लिए गलती का प्रायश्चित करें। अब भूल से किसी पराए पुरुष की तरफ आंख न उठाएं। अपने पति को भगवद भाव से मानें। पूर्व के सारे संबंधों का त्याग कर दें। यह पुरुष को भी करना चाहिए अगर पुरानी गलती रही है तो उसे छुपा लें और आगे एक पति या पत्नी व्रत का पालन करें। ——————– यह जरूरी खबर भी पढ़िए बोर्ड परीक्षा देने जा रहीं 3 छात्राओं की मौत:महाराजगंज में 100 की स्पीड में बोलेरो का टायर फटा, बेकाबू होकर पलटी, 11 गंभीर महाराजगंज में टायर फटने से बोलेरो बेकाबू होकर पलट गई। हादसे में तीन छात्राओं की मौत हो गई, जबकि ड्राइवर समेत 11 छात्राएं घायल हो गईं। छात्राएं 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने जा रही थीं। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई, जिससे आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। किसी तरह छात्राओं को गाड़ी से बाहर निकाला। पूरी खबर पढ़िए