संभल हिंसा…100 मीटर की गली में 24 घरों पर ताला:​​​​​​​खौफ से जामा मस्जिद का एरिया खाली, स्कूल खुले पर बच्चे नहीं आए

संभल हिंसा…100 मीटर की गली में 24 घरों पर ताला:​​​​​​​खौफ से जामा मस्जिद का एरिया खाली, स्कूल खुले पर बच्चे नहीं आए

यूपी के जिला संभल में हिंसा के चौथे दिन हालात सामान्य हैं। पुलिस के खौफ से जामा मस्जिद एरिया में सन्नाटा पसरा है। आलम यह है कि महज 100 मीटर की गली में करीब 24 घरों पर ताले लटक गए हैं। सभी घरों के लोग कहीं और चले गए हैं। डर है, कहीं पुलिस आकर पकड़ न ले। वहीं, चारों मृतकों के घरवाले सीधे तौर पर पुलिस पर गोली मारने का आरोप लगा रहे हैं। एक मृतक नईम के परिजनों को पुलिस ने रात में धमकाया कि वो मीडिया में कोई विवादित बयान न दें। इधर, साढ़े चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस नजरबंदी से छूटे जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने कहा कि पुलिस अफसरों ने उन्हें बयानबाजी करने पर जेल भेजने की धमकी दी है। ‘दैनिक भास्कर’ ने ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहकर हिंसा प्रभावित संभल की गलियों का हाल जाना। मृतकों के परिवारों से बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… अधिकतर घरों पर ताला, कुछ घरों में सिर्फ महिलाएं मौजूद
जामा मस्जिद के ठीक पीछे मोहल्ला कोटगर्वी है। गली की शुरुआत होते ही यहां घरों पर ताले लटकते दिखाई देते हैं। गली में हमें कुछ युवक खड़े मिले। हमने पूछा, इतनी बड़ी संख्या में मकान बंद क्यों हैं? वे बोले- सभी शादी-ब्याह में गए हैं। थोड़ा कुरेदने पर यहां के लोगों ने हमें बताया- हिंसा के बाद से पुलिस लगातार गली-मोहल्लों में दबिश दे रही है। आधी रात को कई गाड़ियों से पुलिस आती है। इसी वजह से मोहल्ला कोटगर्वी के ज्यादातर लोग अपने घर पर ताला लगाकर पूरे परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। कुछ घरों में सिर्फ महिलाएं मौजूद हैं, पुरुष गायब हैं। इन्हें भी डर है कि कहीं हिंसा के आरोप में पुलिस उनको उठाकर न ले जाए। क्योंकि, उनके घर जामा मस्जिद के सबसे नजदीक हैं। हम मोहल्ला कोटगर्वी में एक शादी वाले घर पर पहुंचे। यहां की महिलाओं ने अपना नाम न बताते हुए कहा- पुलिस हमारे घर आई थी। गेट तोड़कर अंदर घुसी। घर के अंदर बाइक, शीशा, फ्रिज समेत सब सामान तोड़ दिया। घर से नईम को उठाकर ले गई। वो हिंसा में शामिल भी नहीं था। वो तो अपनी बहन की शादी की तैयारी में व्यस्त था। स्कूल खुले, बच्चे नहीं आए
हम मोहल्ला कोटगर्वी के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल में पहुंचे। दरअसल, DM के आदेश पर 26 नवंबर से स्कूल खोल दिए गए। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति शून्य थी। यहां के स्टाफ ने बताया- हमें ड्यूटी करनी थी, इसलिए सुबह ही स्कूल खोल दिया। लेकिन, दहशत के चलते बच्चे नहीं आए। हम चाहते हैं कि माहौल सामान्य हो और बच्चे स्कूल आएं, ताकि हम उन्हें पढ़ा सकें। पुलिस ने धमकाया- मीडिया में बयानबाजी न करें
इससे थोड़ी दूर उस नईम का मकान है, जिसकी इस हिंसा में गोली लगने से मौत हुई। यहां परिवार की महिलाओं ने हमें बताया- 25 नवंबर की रात 10 बजे 20 से ज्यादा पुलिसवाले घर पर आए थे। उन्होंने हमें धमकाया कि नईम की मौत को लेकर हम पुलिस पर आरोप लगाने जैसे कोई बयान मीडिया को नहीं दें। नईम के भाई तस्लीम ने बताया- पुलिस ने मुझसे एक कोरे कागज पर अंगूठा भी लगवाया और चले गए। मृतक बिलाल का भाई बोला- दहशतगर्दी में देश कैसे चलेगा, हमें इंसाफ मिले
इस हिंसा में मोहल्ला सराय तरीन के 22 साल के बिलाल की गोली लगने से मौत हुई है। बिलाल की जामा मस्जिद से महज 100 मीटर दूर चक्की पाट के पास रेडिमेड गारमेंट्स की दुकान है। उनका घर जामा मस्जिद से करीब 3-4 किलोमीटर दूर है। जब हम बिलाल के परिवार से बात करने पहुंचे, तो उसका छोटा भाई अलीम रोते-रोते बेहोश हो गया। बिलाल के बड़े भाई सलमान ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया- हिंसा वाले दिन सुबह के वक्त मेरा भाई दुकान खोलने गया था। वहां पर उसे स्थानीय युवकों ने बताया कि आज यहां का माहौल ठीक नहीं है, वापस चले जाओ। मेरा भाई रिक्शे में बैठकर घर आ रहा था। रास्ते में पुलिस ने उसको गोली मार दी। एक गोली रीढ़ की हड्डी के पास लगी, जो शरीर के आरपार हो गई। कुछ लोग उसको हसीन हॉस्पिटल में ले गए। हॉस्पिटल वालों ने उनसे पूछकर मुझे कॉल करके बताया। इसके बाद मैं हॉस्पिटल पहुंचा। भाई ने मुझे बताया कि मुझे पुलिसवालों ने गोली मारी है। इसके बाद वो कलमा पढ़ने लग गया और बेहोश हो गया। संभल से डॉक्टरों ने मेरे भाई को मुरादाबाद के लिए रेफर कर दिया। मुरादाबाद के हॉस्पिटल में मेरे भाई की मौत हो गई। सलमान कहते हैं- हम चाहते हैं, इंसाफ मिले। धर्म के नाम पर यह जो कुछ हो रहा है, वो नहीं हो। ये एक तरीके से जुल्म है। देश को हिंदू-मुसलमान में बांट दिया गया है। इस दहशतगर्दी में देश कैसे चलेगा? सबके साथ एक जैसा बर्ताव होना चाहिए। हम ही जानते हैं कि हमारे ऊपर कैसा पहाड़ टूटा है। पिता बोले- पुलिसवालों पर मुकदमा करूंगा
बिलाल के पिता मोहम्मद हनीफ पुलिस चौकी सरायतरीन के बाहर फलों का ठेला लगाते हैं। वह बताते हैं- मेरे बेटे की दुकान का पार्टनर दिल्ली से सामान लेकर आया। उसने बेटे को फोन करके दुकान पर बुलाया। इस दौरान वहां हिंसा हो गई। मेरा बेटा घर लौट रहा था। पुलिस अधिकारी ने रोककर मेरे बेटे को गोली मारी। मुझे अब मुल्जिम चाहिए। अल्लाह का दिया सब कुछ है। मुल्जिम मेरे सामने होने चाहिए। उन्हें फांसी होने चाहिए। फिर चाहे वो अधिकारी हो, एसओ हो या दरोगा हो। मस्जिद के सदर बोले- पुलिस अफसरों ने मुझे जेल भेजने की धमकी दी
शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर (अध्यक्ष) जफर अली ने पुलिस कस्टडी पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा- पुलिस ये जानना चाहती थी कि मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कहीं, उसमें कितनी सच्चाई है। अधिकारियों को इस बात पर आपत्ति थी कि मैंने हिंसा के लिए उन्हें दोषी कैसे बता दिया? मैंने अधिकारियों से यही कहा कि मैं हिंसा का प्रत्यक्षदर्शी हूं। जफर अली ने कहा- 25 नवंबर को कोतवाली में मैं तीन घंटे तक बैठा रहा। करीब एक घंटे तक मुझसे पूछताछ हुई। इस पूछताछ में डीएम, एसपी भी शामिल थे। उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने पुलिस को गोली चलाते देखा, लेकिन पब्लिक को क्यों नहीं? मैंने अधिकारियों से यही कहा कि पब्लिक, पब्लिक को क्यों मारेगी? इसी बिंदु पर मेरी काफी देर तक अधिकारियों से बातचीत चलती रही। अधिकारियों ने मुझे FIR दर्ज करके जेल भेजने तक की बात भी कही। जफर अली ने भी कहा- शाही जामा मस्जिद करीब 504 साल पुरानी है। आजादी के पहले इस मस्जिद पर एक कोर्ट केस हुआ था, जो मस्जिद पक्ष जीत गया था। उस ऑर्डर के हमारे पास दस्तावेज भी मौजूद हैं। अब आजादी के बाद पहली बार कोर्ट केस हुआ है। तोड़फोड़ के लगातार वीडियो सामने आ रहे
संभल हिंसा से जुड़े वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं। एक नया CCTV फुटेज सामने आया है। इसमें उपद्रवी CCTV कैमरों को तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। कभी वे डंडों से कैमरे तोड़ने का प्रयास करते हैं, तो कभी उनके ऊपर पत्थर फेंकते हैं। जब ये कैमरा टूट नहीं पाता तो एक उपद्रवी टीन-शेड के ऊपर चढ़कर उसे घुमाकर लोकेशन बदल देता है। ये वीडियो सुबह सवा 9 बजे का है, जिस वक्त हिंसा की शुरुआत हुई थी। ————————- यह खबर भी पढ़ें संभल में वॉट्सऐप मैसेज भेजकर मस्जिद के पास बुलाई भीड़, कश्मीर पैटर्न में हिंसा; जान गंवाने वाले 3 लड़के 3-6 km दूर के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा में पथराव करने वाले शहर के अलग-अलग हिस्सों से आए। अभी तक जिन 25 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें 13 हिंसा प्रभावित इलाकों के रहने वाले नहीं हैं। उनके घर 3 से 6 किलोमीटर दूर हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर यूपी के जिला संभल में हिंसा के चौथे दिन हालात सामान्य हैं। पुलिस के खौफ से जामा मस्जिद एरिया में सन्नाटा पसरा है। आलम यह है कि महज 100 मीटर की गली में करीब 24 घरों पर ताले लटक गए हैं। सभी घरों के लोग कहीं और चले गए हैं। डर है, कहीं पुलिस आकर पकड़ न ले। वहीं, चारों मृतकों के घरवाले सीधे तौर पर पुलिस पर गोली मारने का आरोप लगा रहे हैं। एक मृतक नईम के परिजनों को पुलिस ने रात में धमकाया कि वो मीडिया में कोई विवादित बयान न दें। इधर, साढ़े चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस नजरबंदी से छूटे जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने कहा कि पुलिस अफसरों ने उन्हें बयानबाजी करने पर जेल भेजने की धमकी दी है। ‘दैनिक भास्कर’ ने ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहकर हिंसा प्रभावित संभल की गलियों का हाल जाना। मृतकों के परिवारों से बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… अधिकतर घरों पर ताला, कुछ घरों में सिर्फ महिलाएं मौजूद
जामा मस्जिद के ठीक पीछे मोहल्ला कोटगर्वी है। गली की शुरुआत होते ही यहां घरों पर ताले लटकते दिखाई देते हैं। गली में हमें कुछ युवक खड़े मिले। हमने पूछा, इतनी बड़ी संख्या में मकान बंद क्यों हैं? वे बोले- सभी शादी-ब्याह में गए हैं। थोड़ा कुरेदने पर यहां के लोगों ने हमें बताया- हिंसा के बाद से पुलिस लगातार गली-मोहल्लों में दबिश दे रही है। आधी रात को कई गाड़ियों से पुलिस आती है। इसी वजह से मोहल्ला कोटगर्वी के ज्यादातर लोग अपने घर पर ताला लगाकर पूरे परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। कुछ घरों में सिर्फ महिलाएं मौजूद हैं, पुरुष गायब हैं। इन्हें भी डर है कि कहीं हिंसा के आरोप में पुलिस उनको उठाकर न ले जाए। क्योंकि, उनके घर जामा मस्जिद के सबसे नजदीक हैं। हम मोहल्ला कोटगर्वी में एक शादी वाले घर पर पहुंचे। यहां की महिलाओं ने अपना नाम न बताते हुए कहा- पुलिस हमारे घर आई थी। गेट तोड़कर अंदर घुसी। घर के अंदर बाइक, शीशा, फ्रिज समेत सब सामान तोड़ दिया। घर से नईम को उठाकर ले गई। वो हिंसा में शामिल भी नहीं था। वो तो अपनी बहन की शादी की तैयारी में व्यस्त था। स्कूल खुले, बच्चे नहीं आए
हम मोहल्ला कोटगर्वी के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल में पहुंचे। दरअसल, DM के आदेश पर 26 नवंबर से स्कूल खोल दिए गए। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति शून्य थी। यहां के स्टाफ ने बताया- हमें ड्यूटी करनी थी, इसलिए सुबह ही स्कूल खोल दिया। लेकिन, दहशत के चलते बच्चे नहीं आए। हम चाहते हैं कि माहौल सामान्य हो और बच्चे स्कूल आएं, ताकि हम उन्हें पढ़ा सकें। पुलिस ने धमकाया- मीडिया में बयानबाजी न करें
इससे थोड़ी दूर उस नईम का मकान है, जिसकी इस हिंसा में गोली लगने से मौत हुई। यहां परिवार की महिलाओं ने हमें बताया- 25 नवंबर की रात 10 बजे 20 से ज्यादा पुलिसवाले घर पर आए थे। उन्होंने हमें धमकाया कि नईम की मौत को लेकर हम पुलिस पर आरोप लगाने जैसे कोई बयान मीडिया को नहीं दें। नईम के भाई तस्लीम ने बताया- पुलिस ने मुझसे एक कोरे कागज पर अंगूठा भी लगवाया और चले गए। मृतक बिलाल का भाई बोला- दहशतगर्दी में देश कैसे चलेगा, हमें इंसाफ मिले
इस हिंसा में मोहल्ला सराय तरीन के 22 साल के बिलाल की गोली लगने से मौत हुई है। बिलाल की जामा मस्जिद से महज 100 मीटर दूर चक्की पाट के पास रेडिमेड गारमेंट्स की दुकान है। उनका घर जामा मस्जिद से करीब 3-4 किलोमीटर दूर है। जब हम बिलाल के परिवार से बात करने पहुंचे, तो उसका छोटा भाई अलीम रोते-रोते बेहोश हो गया। बिलाल के बड़े भाई सलमान ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया- हिंसा वाले दिन सुबह के वक्त मेरा भाई दुकान खोलने गया था। वहां पर उसे स्थानीय युवकों ने बताया कि आज यहां का माहौल ठीक नहीं है, वापस चले जाओ। मेरा भाई रिक्शे में बैठकर घर आ रहा था। रास्ते में पुलिस ने उसको गोली मार दी। एक गोली रीढ़ की हड्डी के पास लगी, जो शरीर के आरपार हो गई। कुछ लोग उसको हसीन हॉस्पिटल में ले गए। हॉस्पिटल वालों ने उनसे पूछकर मुझे कॉल करके बताया। इसके बाद मैं हॉस्पिटल पहुंचा। भाई ने मुझे बताया कि मुझे पुलिसवालों ने गोली मारी है। इसके बाद वो कलमा पढ़ने लग गया और बेहोश हो गया। संभल से डॉक्टरों ने मेरे भाई को मुरादाबाद के लिए रेफर कर दिया। मुरादाबाद के हॉस्पिटल में मेरे भाई की मौत हो गई। सलमान कहते हैं- हम चाहते हैं, इंसाफ मिले। धर्म के नाम पर यह जो कुछ हो रहा है, वो नहीं हो। ये एक तरीके से जुल्म है। देश को हिंदू-मुसलमान में बांट दिया गया है। इस दहशतगर्दी में देश कैसे चलेगा? सबके साथ एक जैसा बर्ताव होना चाहिए। हम ही जानते हैं कि हमारे ऊपर कैसा पहाड़ टूटा है। पिता बोले- पुलिसवालों पर मुकदमा करूंगा
बिलाल के पिता मोहम्मद हनीफ पुलिस चौकी सरायतरीन के बाहर फलों का ठेला लगाते हैं। वह बताते हैं- मेरे बेटे की दुकान का पार्टनर दिल्ली से सामान लेकर आया। उसने बेटे को फोन करके दुकान पर बुलाया। इस दौरान वहां हिंसा हो गई। मेरा बेटा घर लौट रहा था। पुलिस अधिकारी ने रोककर मेरे बेटे को गोली मारी। मुझे अब मुल्जिम चाहिए। अल्लाह का दिया सब कुछ है। मुल्जिम मेरे सामने होने चाहिए। उन्हें फांसी होने चाहिए। फिर चाहे वो अधिकारी हो, एसओ हो या दरोगा हो। मस्जिद के सदर बोले- पुलिस अफसरों ने मुझे जेल भेजने की धमकी दी
शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर (अध्यक्ष) जफर अली ने पुलिस कस्टडी पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा- पुलिस ये जानना चाहती थी कि मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कहीं, उसमें कितनी सच्चाई है। अधिकारियों को इस बात पर आपत्ति थी कि मैंने हिंसा के लिए उन्हें दोषी कैसे बता दिया? मैंने अधिकारियों से यही कहा कि मैं हिंसा का प्रत्यक्षदर्शी हूं। जफर अली ने कहा- 25 नवंबर को कोतवाली में मैं तीन घंटे तक बैठा रहा। करीब एक घंटे तक मुझसे पूछताछ हुई। इस पूछताछ में डीएम, एसपी भी शामिल थे। उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने पुलिस को गोली चलाते देखा, लेकिन पब्लिक को क्यों नहीं? मैंने अधिकारियों से यही कहा कि पब्लिक, पब्लिक को क्यों मारेगी? इसी बिंदु पर मेरी काफी देर तक अधिकारियों से बातचीत चलती रही। अधिकारियों ने मुझे FIR दर्ज करके जेल भेजने तक की बात भी कही। जफर अली ने भी कहा- शाही जामा मस्जिद करीब 504 साल पुरानी है। आजादी के पहले इस मस्जिद पर एक कोर्ट केस हुआ था, जो मस्जिद पक्ष जीत गया था। उस ऑर्डर के हमारे पास दस्तावेज भी मौजूद हैं। अब आजादी के बाद पहली बार कोर्ट केस हुआ है। तोड़फोड़ के लगातार वीडियो सामने आ रहे
संभल हिंसा से जुड़े वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं। एक नया CCTV फुटेज सामने आया है। इसमें उपद्रवी CCTV कैमरों को तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। कभी वे डंडों से कैमरे तोड़ने का प्रयास करते हैं, तो कभी उनके ऊपर पत्थर फेंकते हैं। जब ये कैमरा टूट नहीं पाता तो एक उपद्रवी टीन-शेड के ऊपर चढ़कर उसे घुमाकर लोकेशन बदल देता है। ये वीडियो सुबह सवा 9 बजे का है, जिस वक्त हिंसा की शुरुआत हुई थी। ————————- यह खबर भी पढ़ें संभल में वॉट्सऐप मैसेज भेजकर मस्जिद के पास बुलाई भीड़, कश्मीर पैटर्न में हिंसा; जान गंवाने वाले 3 लड़के 3-6 km दूर के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा में पथराव करने वाले शहर के अलग-अलग हिस्सों से आए। अभी तक जिन 25 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें 13 हिंसा प्रभावित इलाकों के रहने वाले नहीं हैं। उनके घर 3 से 6 किलोमीटर दूर हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर