पंजाब की जेल से हुए गैंगस्टर लारेंस के टीवी इंटरव्यू मामले की आज (2 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हाेगी। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार द्वारा बताया जाएगा कि इस मामले में तत्कालीन एसएसपी पर क्या कार्रवाई की है। पिछली सुनवाई पर अदालत ने कहा था कि अधिकारी को क्यों बचाया जा रहा है। हालांकि अदालत में सरकार के वकील ने कहा था कि अधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया था। जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं है। क्योंकि अफसर का कहना था कि सीआईए के इंचार्ज उस समय डीएसपी गुरशेर संधू इंचार्ज थे। अदालत ने कहा कि निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। जब जेल में फोन पकडे़ जाते हैं, तो वार्डन पर कार्रवाई होती है। ऐसे में एसएसपी सारे जिले के इंचार्ज है। अदालत ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक कार्रवाई की जाए। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पंजाब की जेल से हुए गैंगस्टर लारेंस के टीवी इंटरव्यू मामले की आज (2 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हाेगी। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार द्वारा बताया जाएगा कि इस मामले में तत्कालीन एसएसपी पर क्या कार्रवाई की है। पिछली सुनवाई पर अदालत ने कहा था कि अधिकारी को क्यों बचाया जा रहा है। हालांकि अदालत में सरकार के वकील ने कहा था कि अधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया था। जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं है। क्योंकि अफसर का कहना था कि सीआईए के इंचार्ज उस समय डीएसपी गुरशेर संधू इंचार्ज थे। अदालत ने कहा कि निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। जब जेल में फोन पकडे़ जाते हैं, तो वार्डन पर कार्रवाई होती है। ऐसे में एसएसपी सारे जिले के इंचार्ज है। अदालत ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक कार्रवाई की जाए। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही हैं। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गिद्दड़बाहा उप-चुनाव में AAP प्रत्याशी के खिलाफ SAD का प्रचार:डिंपी के पोस्टर बाजारों में लगाए; पार्टी को धोखा देने वाला बताया गिद्दड़बाहा में उप-चुनाव के दौरान शिरोमणि अकाली दल प्रतिस्पर्धा में नहीं है। इसके बावजूद अकाली दल के गिद्दड़बाहा के बाजारों में लगे पोस्टर चर्चा का विषय बने हुए हैं। इनमें पार्टी अपना कोई प्रचार तो नहीं कर रही, लेकिन पूर्व अकाली व AAP प्रत्याशी डिंपी ढिल्लों पर निशाना साधा गया है। इन पोस्टरों पर अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल की डिंपी ढिल्लों के साथ तस्वीर भी लगी हुई है। गिद्दड़बाहा में पोस्टर अभियान के माध्यम से अकाली दल ने यह संकेत दिया है कि डिंपी ढिल्लों के प्रति नाराजगी और असंतोष है। पोस्टरों पर लिखा है- जो नहीं हो सका भाई जैसे परिवार का, वे क्या मूल्य डालेगा गिद्दड़बाहा के सत्कार का। हालांकि, इन पोस्टरों पर जारी करने वाले का कोई नाम नहीं लिखा है, लेकिन पोस्टर पर शिरोमणि अकाली दल व पार्टी सिंबल लगाया गया है। पोस्टरों का मकसद यह दिखाना है कि डिंपी ढिल्लों, जो पहले अकाली दल में थे, अब पार्टी के साथ नहीं हैं और AAP के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। पोस्टरों में ढिल्लों की अकाली दल के साथ पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल कर यह जताने की कोशिश की गई है कि उन्होंने पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया है, जो उनके प्रति अकाली दल के समर्थकों में असंतोष की भावना को बढ़ावा दे सकता है। पोस्टर में सुखबीर व डिंपी एक साथ
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ब्यूरो ने आगे बताया कि इस जांच के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो थाना, अमृतसर रेंज में एफआईआर दिनांक 6 जुलाई 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 409, 201, 120-बी, 13(2) और 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह आरोपी भगोड़ा था और ट्रायल कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। विजिलेंस ब्यूरो की टीमों ने आरोपी को पकड़ने के लिए कई छापेमारी की, जिसके चलते उसे आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आरोपी को केंद्रीय जेल अमृतसर से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले के सभी पहलुओं की आगे पूछताछ के लिए कोर्ट से एक दिन का रिमांड भी लिया गया है।
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