बरेली में मिला 18 दिन से लापता लेखपाल का कंकाल:250 बीघा जमीन घोटाले का पर्दाफाश किया, शासन को भेजने वाले थे रिपोर्ट

बरेली में मिला 18 दिन से लापता लेखपाल का कंकाल:250 बीघा जमीन घोटाले का पर्दाफाश किया, शासन को भेजने वाले थे रिपोर्ट

बरेली में 18 दिन से लापता लेखपाल के सिर का कंकाल नाले में मिला। पास में ही शरीर की कुछ हड्डियां और कपड़े पड़े थे। पुलिस ने कपड़े से लेखपाल की शिनाख्त की। सूचना मिलते ही फोर्स के साथ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कंकाल को थैले में भरकर जांच के लिए फॉरेंसिंक टीम ले गई। कैंट थाना क्षेत्र के अमरनाथ कॉलोनी के रहने वाले लेखपाल मनीष चंद कश्यप 27 नवंबर से लापता थे। घर से करीब 4 किलोमीटर दूर मिर्जापुर नाले में उनका कंकाल मिला है। पुलिस ने रविवार देर शाम हत्या का खुलासा कर दिया। दो आरोपी ओमवीर और सूरज को पकड़ लिया, जबकि नन्हे कश्यप फरार है। वजह थी कि तीनों ने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर रखा था। लेखपाल इसकी रिपोर्ट शासन को भेजने वाले थे। SSP बोले-गला कसकर हत्या हुई
SSP अनुराग आर्य ने बताया-पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि वो 6 महीने से लेखपाल को जानता था। लेखपाल से फोन पर बातचीत होती थी। कई बार मुलाकात भी हुई थी। इसी का फायदा उठाकर 27 नवंबर को ओमवीर कश्यप और उसके फुफेरे साले सूरज कश्यप ने लेखपाल को कॉल करके शराब पीने के बहाने से फरीदपुर फाटक के पास बुलाया। अर्टिगा गाड़ी में सूरज के मफलर से गला कसकर हत्या कर दी। घटनास्थल की 4 तस्वीरें देखिए विस्तार से जानिए पूरा मामला… 6 दिसंबर को डीएम ऑफिस पहुंचे थे परिजन
6 दिसंबर को दोपहर बरेली के बुखारा मोड स्थित अमरनाथ कॉलोनी निवासी जमुना देवी, विष्णु और मोरवती कलेक्ट्रेट पहुंचीं। कलेक्ट्रेट में रोने की आवाज सुनकर डीएम रविंद्र कुमार अपने ऑफिस से बाहर आए। सभी को शांत कराया। परिजनों ने बताया कि लेखपाल मनीष चंद का अपहरण हो गया है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मां मोरवती बोलीं- मुझे मेरा बेटा चाहिए, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। पुलिस अफसरों ने उन्हें शांत कराया और बैठाया। इसके बाद एलआईयू से सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिलवाया गया था। अब पढ़िए, लेखपाल की पत्नी और भाई क्या बोले? हमारी शिकायत फेंक दी, मां का जबरन अंगूठा लगवाया
भाई विष्णु ने कहा- मेरे भाई लेखपाल मनीष चंद कश्यप जमीन घोटाले की रिपोर्ट शासन को भेजने वाले थे। उसी दिन उनका अपहरण हो गया। दो दिन बाद उनका चार्ज दूसरे लेखपाल को दे दिया गया। उनके बस्ते का ताला तोड़ दिया गया। हमने विरोध किया तो अफसरों ने गलत बयानबाजी की। तहसीलदार और एसडीएम मिले हुए हैं। हमने नामजद शिकायत देने की कोशिश की, लेकिन हमारी शिकायत नहीं ली गई। हमारी शिकायत फाड़कर फेंक दी गई। जबरन अपने हिसाब से शिकायत लिखवाई। फिर मेरी मां मोरवती का सादे कागज पर जबरन अंगूठा लगवा लिया। ———————— ये भी पढ़ें: AI इंजीनियर की आखिरी इच्छा-बेटा माता-पिता को दें:नॉनवेज, परिवारों के इंटरफेयर से बिगड़े रिश्ते; कोर्ट के चक्कर ने तोड़ दिया ‘मेरे केस की सुनवाई का लाइव टे​लिकास्ट हो। पत्नी मेरा शव न छू सके। यदि भ्रष्ट जज, मेरी पत्नी और उसके परिजन को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए।’ (पढ़ें पूरी खबर) बरेली में 18 दिन से लापता लेखपाल के सिर का कंकाल नाले में मिला। पास में ही शरीर की कुछ हड्डियां और कपड़े पड़े थे। पुलिस ने कपड़े से लेखपाल की शिनाख्त की। सूचना मिलते ही फोर्स के साथ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कंकाल को थैले में भरकर जांच के लिए फॉरेंसिंक टीम ले गई। कैंट थाना क्षेत्र के अमरनाथ कॉलोनी के रहने वाले लेखपाल मनीष चंद कश्यप 27 नवंबर से लापता थे। घर से करीब 4 किलोमीटर दूर मिर्जापुर नाले में उनका कंकाल मिला है। पुलिस ने रविवार देर शाम हत्या का खुलासा कर दिया। दो आरोपी ओमवीर और सूरज को पकड़ लिया, जबकि नन्हे कश्यप फरार है। वजह थी कि तीनों ने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर रखा था। लेखपाल इसकी रिपोर्ट शासन को भेजने वाले थे। SSP बोले-गला कसकर हत्या हुई
SSP अनुराग आर्य ने बताया-पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि वो 6 महीने से लेखपाल को जानता था। लेखपाल से फोन पर बातचीत होती थी। कई बार मुलाकात भी हुई थी। इसी का फायदा उठाकर 27 नवंबर को ओमवीर कश्यप और उसके फुफेरे साले सूरज कश्यप ने लेखपाल को कॉल करके शराब पीने के बहाने से फरीदपुर फाटक के पास बुलाया। अर्टिगा गाड़ी में सूरज के मफलर से गला कसकर हत्या कर दी। घटनास्थल की 4 तस्वीरें देखिए विस्तार से जानिए पूरा मामला… 6 दिसंबर को डीएम ऑफिस पहुंचे थे परिजन
6 दिसंबर को दोपहर बरेली के बुखारा मोड स्थित अमरनाथ कॉलोनी निवासी जमुना देवी, विष्णु और मोरवती कलेक्ट्रेट पहुंचीं। कलेक्ट्रेट में रोने की आवाज सुनकर डीएम रविंद्र कुमार अपने ऑफिस से बाहर आए। सभी को शांत कराया। परिजनों ने बताया कि लेखपाल मनीष चंद का अपहरण हो गया है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मां मोरवती बोलीं- मुझे मेरा बेटा चाहिए, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। पुलिस अफसरों ने उन्हें शांत कराया और बैठाया। इसके बाद एलआईयू से सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिलवाया गया था। अब पढ़िए, लेखपाल की पत्नी और भाई क्या बोले? हमारी शिकायत फेंक दी, मां का जबरन अंगूठा लगवाया
भाई विष्णु ने कहा- मेरे भाई लेखपाल मनीष चंद कश्यप जमीन घोटाले की रिपोर्ट शासन को भेजने वाले थे। उसी दिन उनका अपहरण हो गया। दो दिन बाद उनका चार्ज दूसरे लेखपाल को दे दिया गया। उनके बस्ते का ताला तोड़ दिया गया। हमने विरोध किया तो अफसरों ने गलत बयानबाजी की। तहसीलदार और एसडीएम मिले हुए हैं। हमने नामजद शिकायत देने की कोशिश की, लेकिन हमारी शिकायत नहीं ली गई। हमारी शिकायत फाड़कर फेंक दी गई। जबरन अपने हिसाब से शिकायत लिखवाई। फिर मेरी मां मोरवती का सादे कागज पर जबरन अंगूठा लगवा लिया। ———————— ये भी पढ़ें: AI इंजीनियर की आखिरी इच्छा-बेटा माता-पिता को दें:नॉनवेज, परिवारों के इंटरफेयर से बिगड़े रिश्ते; कोर्ट के चक्कर ने तोड़ दिया ‘मेरे केस की सुनवाई का लाइव टे​लिकास्ट हो। पत्नी मेरा शव न छू सके। यदि भ्रष्ट जज, मेरी पत्नी और उसके परिजन को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए।’ (पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर