सपा विधायक इरफान को सजा दिलाने वाली महिला का दर्द:प्लॉट की लड़ाई में दो बेटे और पति की मौत हुई, सड़क पर पान-मसाला बेचकर केस लड़ा कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को जेल भिजवाने वाली महिला नजीर फातिमा ने सजा का ऐलान होने के बाद राहत की सांस ली है। महज 533 गज के प्लॉट की लड़ाई में इरफान की सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सीज कर दी गई। करीब डेढ़ साल से जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ एक के बाद एक गैंगस्टर समेत 9 मुकदमे दर्ज हुए। अब उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द हो जाएगी। पढ़िए आखिर वो कौन महिला हैं, जिन्होंने कानपुर के चार बार के रसूखदार सपा विधायक पर भारी पड़ गई। उन्हें अर्श से फर्श पर पहुंचा दिया। कानपुर से दैनिक भास्कर की खास रिपोर्ट… स्टे के बाद भी सपा सरकार में बुलडोजर चलवाया
जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा ने बताया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी के पैतृक आवास (कोठी) से ठीक सटा हुआ उनका 533 गज का एक प्लॉट है। इसमें वह अपने परिवार के साथ रहती हैं। उन्होंने कहा कि मेरा इरफान से कोई विवाद नहीं था, लेकिन वो लोग मेरे प्लाॅट पर कब्जा करना चाहते थे। कोर्ट से स्टे होने के बाद भी सपा सरकार में मेरे प्लॉट पर दो-दो बार बुलडोजर चलवा दिया। लाइट कटवा दी। कई बार परिवार से मारपीट करके भगाने का प्रयास किया। हालात ये हो गए कि हम लोग एक कमरे का अस्थायी घर बनाकर रहने को मजबूर हो गए। लेकिन, सपा सरकार होने के चलते कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी। जबकि उनका इस प्लॉट में कुछ भी नहीं था। समय बदला, सरकार बदली और मुझे न्याय मिल सका
नजीर फातिमा ने बताया कि हम लोग 1986 से रह रहे हैं। कोर्ट से स्टे चल रहा था। 7 नवंबर 2022 को हम परिवार के साथ शादी में चले गए थे। इस दौरान इरफान उनके भाई रिजवान ने अपने गुंडों के साथ प्लॉट पर बने अस्थायी घर को फूंक दिया। लेकिन, समय बदला और सरकार बदलने के चलते मेरी सुनवाई हुई। योगी सरकार में न्याय मिल सका। हमारी गरीबी और बेबसी का सबको एहसास हुआ और सभी ने मेरी मदद की और आज मुझे इंसाफ मिल सका। इस केस में इंसाफ दिलाने में सबसे अहम भूमिका यहां पर जॉइंट पुलिस कमिश्नर रहे आनंद प्रकाश तिवारी की रही है। उन्हीं ने हमें इंसाफ दिलाया है। अल्लाह और योगी सरकार ने बहुत साथ दिया
इरफान सोलंकी के रसूख के आगे कितना संघर्ष करना पड़ा? इस सवाल के जवाब में नजीर फातिमा ने कहा- अरे उनका क्या रसूख था, हमारे साथ और बाकी लोगों के साथ क्या व्यवहार था… पूरा इलाका जानता है। मुसीबत हमको बहुत झेलनी पड़ी, लेकिन हम इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे थे। अल्लाह ने और सारे लोगों ने मेरा साथ दिया। योगीजी ने मेरा बहुत साथ दिया। उनकी सरकार में हमको न्याय मिल सका। बेटियों ने रातभर खुले आसमान के नीचे काटा
नजीर फातिमा ने कहा- हमारी सच्चाई और न्याय की लड़ाई थी। सन 1986 से हम लोग यहां रह रहे हैं। इन लोगों ने कई बार हमारे साथ कांड किया तो मामला फेमस हो गया था। सब लोग देख रहे थे कि इनके साथ अन्याय हो रहा है। बहुत बार हमारे बच्चों को मारा और धमकाया। रातभर खुले आसमान के नीचे मेरी बेटियों ने काटा। यही इरफान रात में 12 बजे गाड़ी लेकर निकलता था। हम 1997 से कोर्ट कचहरी कर रहे हैं। हमें बीपी, हार्ट और शुगर की बीमारी हो गई है। इरफान ने मेरे बेटे को जहर देकर मार डाला
नजीर फातिमा ने कहा- इस प्लाट पर कब्जा करने के लिए इरफान और उसके परिवार ने मेरे एक 18 साल के बेटे को जहर देकर मार डाला। दूसरे 14 साल के बच्चे को इतने झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किया कि उसकी भी मौत हो गई। प्लॉट पर कब्जा करने के दौरान हमारे पति को भी धक्का दे दिया और उनकी ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई। हम भी बुरी तरह से टूट गए हैं। अपने बेटी, दामाद को साथ में रखा है कि मेरी मदद कर सकें। सड़क पर एक-एक रुपए का पान-मसाला बेचकर केस लड़ा
आज फैसला आने के बाद हम खुश हैं। 1997 से विधायक के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब इंसाफ मिला है। यह बताते बताते नजीर फातिमा फफक पड़ी। बोलीं- कोर्ट कचहरी के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। यहां तक कि मेरे पास कोर्ट तक जाने के लिए किराया भी नहीं होता था। सड़क पर एक-एक रुपए का पान-मसाला बेचकर बच्चों को पाला। पैदल कचहरी जाते थे। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर सड़क किनारे रहने को मजबूर थे। अपने बच्चे से मिल नहीं पाते थे। एक रुपए की मदद नहीं कर पाते थे। फर्जी मुकदमे में बच्चे को जेल हुई, उसके पास भी नहीं जा पाते थे। बेटा हमारा तड़प-तड़प कर मर गया। इसी प्लाॅट के चक्कर में दो बच्चे हमारे कमा भी नहीं पा रहे हैं। जब देखाे तब हमारे भाइयों को पुलिस भेजकर पकड़वाते
नजीर फातिमा की बेटी कनीज जेहरा ने बताया कि जब मेरे भाई को फर्जी केस में फंसाया और 2021 में उसकी मौत हुई। भाई के इंतकाल के बाद हम ससुराल से कानपुर आए थे। रिजवान ने प्लॉट पर बने हमारे कच्चे मकान को भी गिरा दिया था। इसके बाद हमने भाइयों को हटाकर हम मां के साथ रहने लगे थे। हमेशा सपा सरकार में हमारे घर पर बुलडोजर चलवाया गया। हम लोग छोटे थे। आठवीं क्लास से हम प्रताड़ना झेल रहे हैं। इतना ज्यादा परेशान हो गए थे कि जब देखाे तब हमारे भाइयों को पुलिस भेजकर पकड़वाते थे। इनकी फर्जी रजिस्ट्री कैंसिल करके हमें रजिस्ट्री कर दी जाए।