हरियाणा के झज्जर मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ने से हुए हादसे में पशुओं के डॉक्टर की मौत हो गई। वह दूध लेने के लिए बाइक लेकर घर से निकला था। हादसे की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची ओर छानबीन की। परिजनों के बयान दर्ज कर शव को नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 41 वर्षीय कर्मवीर पुत्र कृष्ण निवासी गांव डीघल, जिला झज्जर के रूप में की गई है l वह शादीशुदा था और उसके दो बेटे हैं l कर्मवीर रोहतक जिले के गांव कारोर में पशुओं का डॉक्टर था l झज्जर की डीघल पुलिस चौकी से आए जांच अधिकारी एएसआई युद्धवीर ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि डीघल गांव का कर्मवीर दूध लेने के लिए बाइक पर घर से निकला था। रास्ते में मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और मोटरसाइकिल ईंटों में जा टकराई। इसमें कर्मवीर को गंभीर चोटें आयी और उसकी मौत हो गई। उसके पिता कृष्ण के बयान दर्ज कर पुलिस ने शव का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्ट कराया। हादसे को लेकर पुलिस छानबीन कर रही है। हरियाणा के झज्जर मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ने से हुए हादसे में पशुओं के डॉक्टर की मौत हो गई। वह दूध लेने के लिए बाइक लेकर घर से निकला था। हादसे की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची ओर छानबीन की। परिजनों के बयान दर्ज कर शव को नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 41 वर्षीय कर्मवीर पुत्र कृष्ण निवासी गांव डीघल, जिला झज्जर के रूप में की गई है l वह शादीशुदा था और उसके दो बेटे हैं l कर्मवीर रोहतक जिले के गांव कारोर में पशुओं का डॉक्टर था l झज्जर की डीघल पुलिस चौकी से आए जांच अधिकारी एएसआई युद्धवीर ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि डीघल गांव का कर्मवीर दूध लेने के लिए बाइक पर घर से निकला था। रास्ते में मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ गया और मोटरसाइकिल ईंटों में जा टकराई। इसमें कर्मवीर को गंभीर चोटें आयी और उसकी मौत हो गई। उसके पिता कृष्ण के बयान दर्ज कर पुलिस ने शव का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्ट कराया। हादसे को लेकर पुलिस छानबीन कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार
हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार हरियाणा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव हार गई है। इस बार पार्टी को 37 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर प्रदेश में बहुमत हासिल किया है। इस हार के बाद कांग्रेस ने EVM को भाजपा की जीत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, अपनी हार की समीक्षा ही नहीं की। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने प्रदेश में भाजपा की जीत में खामियां बताकर अपने खराब प्रदर्शन को ढंकने की कोशिश की है। इससे पहले साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा की जीत के ही कारण गिनाए। पार्टी ने खुद की कमियां नहीं बताईं और न ही किसी नेता ने हार की जिम्मेदारी ली। राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लगातार सत्ता से बाहर रहने का कारण भी यही है। वह हार के कारणों को जानकर उन पर काम करने के बजाय भाजपा की जीत के कारण गिनाने लगते हैं। इससे पार्टी नेताओं की अपनी खामियां छिप जाती हैं, और अगले चुनाव के लिए पार्टी कोई बेहतर प्लेटफॉर्म नहीं बना पाती। टर्म बाई टर्म जानिए, कांग्रेस ने हार के क्या कारण बताए… 2014 : मोदी लहर में जीती भाजपा
हरियाणा में साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सरकार गंवाई। उसी साल देश में लोकसभा चुनाव भी हुए थे, जिनमें मोदी लहर के दम पर भाजपा ने केंद्र में अपनी सरकार बनाई। इसी के कुछ समय बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी हुए, जिनमें भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में ही वोट मांगे। इस चुनाव में भाजपा ने हरियाणा में 47 सीटें जीतीं और पहली बार बहुमत की सरकार बनाई। जबकि, कांग्रेस को साल 2014 में 14 सीटों पर जीत मिली। जब इस हार की समीक्षा की गई तो पार्टी नेताओं ने देश में प्रधानमंत्री मोदी की लहर को भाजपा की जीत का कारण बताया। जबकि, किसी भी नेता ने अपनी हार की जिम्मेदारी नहीं ली। 2019 : भाजपा को पुलवामा अटैक का फायदा मिला
कांग्रेस ने 2014 की अंदरुनी गलतियों को भुलाकर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा। इस बार पार्टी के अंदर गुटबाजी हुई। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का एक गुट बन गया और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी का एक गुट बन गया। इनके समर्थक अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे, और इसका लाभ भाजपा उठा ले गई। इस चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ हवा थी, फिर भी भाजपा 41 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और जन नायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर दूसरी बार सरकार बना ली। वहीं, कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। इस हार का समीक्षा में कांग्रेस ने नया बहाना लगाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि 2019 की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भाजपा ने फायदा उठाया है। शहीदों के नाम पर भाजपा ने वोट मांगे, जिससे उन्हें सहानुभूति वोट मिला है। कांग्रेस ने इस हार की जिम्मेदारी लिए बगैर इसे ऐसे ही छोड़ दिया। 2024 : EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती
10 साल की एंटीइनकंबेंसी के बावजूद भाजपा ने 2024 का चुनाव भी अकेले लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस भी अकेले चुनावी मैदान में उतरी। शुरुआत से ही प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल रहा। हर तरफ लोग कांग्रेस को ही वोट देने और सरकार बदलने की बात करते नजर आए। भाजपा इस चुनाव में हर पॉइंट पर बैकफुट पर थी, लेकिन भाजपा ने इस बार भी कांग्रेस की अंदरुनी कलह का फायदा उठाया। इस बार भी कांग्रेस के अंदर गुट बने रहे। हुड्डा गुट ने अधिपत्य दिखाते हुए हरियाणा की ज्यादातर सीटों पर टिकट अपने चहेतों को दिलवाए। वहीं, दूसरी तरफ कुमारी सैलजा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की जुगत में लगी रहीं। इसी बीच चुनाव प्रचार में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कुछ बयानबाजी भी की जिससे दोनों के समर्थक नाराज हुए। इस कलह ने आम वोटर पर भी असर डाला और भाजपा ने इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस की हवा को अपने पाले में कर लिया। जब नतीजा आया तो कांग्रेस पूरी हवा होने के बावजूद 37 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा 48 सीटें जीतकर तीसरी बार बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही। जब इस हार की समीक्षा की बात उठी तो पूर्व CM हुड्डा समेत कई नेताओं ने EVM में गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया। कहा कि चुनाव के दौरान EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती है। 10 साल, 3 प्रदेशाध्यक्ष… पर संगठन तक नहीं बना पाए
हरियाणा में कांग्रेस का 10 साल से संगठन नहीं बना है। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर 3 अध्यक्ष आ चुके हैं। इनमें अशोक तंवर, कुमारी सैलजा से लेकर उदयभान तक शामिल हैं। गुटबाजी के चलते आज तक कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष भी तय नहीं कर पाई है। लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान को सूची भेजी गई थी, लेकिन आज तक हाईकमान इसे जारी करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया है। संगठन न होने के चलते कांग्रेस के बस्ते पकड़ने वालों तक की कमी रही। हरियाणा में हार पर क्या-क्या बोले कांग्रेस नेता… 1. प्रदेश अध्यक्ष बोले- खास EVM , जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने हार के बाद कहा कि हमारे पास 20 शिकायतें आईं, जिनमें 7 लिखित हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन कुछ खास EVM थीं, जिनकी बैटरी 99% चार्ज दिखा रही थी। इनसे BJP को ज्यादा वोट मिले। मतगणना के बाद बैटरी इतनी चार्ज नहीं रह सकती। हमारे संदेह का यह सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि बाकी जो सामान्य EVM थी, उनकी बैटरी 60 से 70% थी। उसमें BJP नहीं जीत रही थी। इस बारे में हमने आयोग को बता दिया है। हमने कहा है कि जिन मशीनों की शिकायत की गई है, उन्हें जांच पूरी होने तक सील किया जाए। आयोग ने हमें जांच का भरोसा दिया है। 2. गोगी बोले- हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई
करनाल की असंध सीट से 2306 वोटों से हारे शमशेर गोगी ने कहा कि एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। अब हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। अगर शीर्ष नेतृत्व ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई तो वह सारी बातें रखेंगे। शमशेर गोगी ने कहा कि हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई है, कांग्रेस की नहीं। 3. परविंदर परी बोले- कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया
अंबाला कैंट से हारे परविंदर परी ने कहा कि एक ही छत के नीचे रहने वाले नेता, जो 6 बार चुनाव हारते हैं, उसके बाद कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है। बीडी गैंग यानी भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा गैंग ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों को उतार कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया। चुनाव हारना और चुनाव हराना दोनों में फर्क होता है। पार्टी ने ही बागी उम्मीदवार को कैंडिडेट उतार कर हमें अपनी पूरी मंशा के तहत हराया है। हमें लगता है कि सैलजा सही टाइम पर आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और होते। 4. सैलजा बोलीं- तालमेल नहीं रखा गया
कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी को राज्य में सींचा नहीं गया, तालमेल नहीं रखा गया, कौन से लोग थे जो सबको साथ लेकर चलने के जिम्मेदार थे? ये भी बातें हैं। राज्य में क्या संदेश गया है। किस लिए लोग कांग्रेस की सरकार बनाते हुए पीछे हट गए? ये सब बातें देखनी पड़ेंगी।
हरियाणा में ITI एडमिशन आवेदन की लास्ट डेट 21 जून:अब तक कैथल में सबसे ज्यादा, दूसरे नंबर पर जींद; ऑनलाइन अप्लाई जरूरी
हरियाणा में ITI एडमिशन आवेदन की लास्ट डेट 21 जून:अब तक कैथल में सबसे ज्यादा, दूसरे नंबर पर जींद; ऑनलाइन अप्लाई जरूरी हरियाणा में ITI में दाखिले को लेकर प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में कैथल की राजकीय आईटीआई में सबसे ज्यादा 5,155 आनलाइन आवेदन आ चुके हैं। दूसरे नंबर पर 4,645 आवेदनों के साथ जींद जिला है। माना जा रहा है कि आईटीआई में दाखिले को लेकर इस बार कॉम्पिटिशन नजर आ सकता है। वहीं जींद के सफीदों की आईटीआई खेड़ाखेमावती में मैकेनिक मोटर व्हीकल व टर्नर व्यवसाय इस बार शुरू हुआ है। फिटर व कोपा की अतिरिक्त यूनिट शुरू की गई है। प्रदेश में ITI दाखिलों की टॉप 10 लिस्ट सूची जींद ITI के प्राचार्य बोले- हेल्पडेस्क बनाया
जींद की राजकीय आईटीआई के प्राचार्य अनिल गोयल ने बताया कि उनकी आईटीआई प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। यहां विभिन्न 23 ट्रेड में 896 सीट हैं, जिसमें दाखिले के लिए विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विद्यार्थियों की सहायता के लिए आइटीआई में हेल्पडेस्क भी लगाए गए हैं। आइटीआई में दाखिले को लेकर विद्यार्थी 21 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रार्थी अपनी योग्यता अनुसार व्यवसाय व संस्थान के लिए विकल्प भरें
आईटीआई में दाखिले के लिए विद्यार्थी के पास अपना आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र, ई-मेल आईडी, बैंक खाता संख्या, शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, नवीनतम फोटो, हरियाणा के स्थायी निवासी का प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज जरूरी हैं। ऑनलाइन दाखिला आवेदन पत्र में प्रार्थी अपनी योग्यता अनुसार व्यवसाय व संस्थान के विकल्प भर सकता है। आईटीआई में एडमिशन फॉर्म भरने के लिए अलग से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता। इसके अतिरिक्त आवेदनकर्ता अपने स्तर पर या किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भी आवेदन कर सकता है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 21 जून है। दाखिला लेने के इच्छुक आवेदनकर्ता को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
फतेहाबाद में एक्सईएन पर हमला:अधिकारी बोले- काम ठीक नहीं किया तो बिल रोका, थार में आए ठेकेदार ने की हाथापाई
फतेहाबाद में एक्सईएन पर हमला:अधिकारी बोले- काम ठीक नहीं किया तो बिल रोका, थार में आए ठेकेदार ने की हाथापाई फतेहाबाद में लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन (कार्यकारी अभियंता) ने ठेकेदार पर उनके सरकारी निवास में घुसकर हाथापाई का प्रयास करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। आरोप यह भी है कि निर्माण कार्य के गलत बिल पास न करने पर हाथापाई का प्रयास किया गया है। इस सम्बन्ध में शहर थाना में शिकायत दी गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि ठेकेदार का काम जांच में सही नहीं मिला और निर्माण में पत्थर की जगह मिट्टी की मात्रा ज्यादा मिली है जो कि नियम अनुसार ठीक नहीं है। मामले में शहर थाना पुलिस ने कार्यकारी अभियंता कश्मीर चंद कंबोज की शिकायत पर आरोपी ठेकेदार रमेश पूनिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में कार्यकारी अभियंता कश्मीर चंद ने बताया कि 10 जनवरी की शाम को ठेकेदार रमेश पूनिया लोक निर्माण विभाग के कार्यालय में आया। इस दौरान उसने गलत कार्य की पेमेंट करने और सिक्योरिटी का उसी समय भुगतान करने के लिए कहा। मैंने उसे कहा कि गलत कार्य की पेमेंट नहीं की जा सकती है। उसके किए काम को बीत दिन ही चेक किया गया है। जिसमें पत्थर की जगह मिट्टी की मात्रा अधिक है और कार्य लोक निर्माण विभाग के नियम अनुसार नहीं है। काम ठीक कराया जाए और इसके बाद पेमेंट का भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद जब कार्यालय से अपने सरकारी आवास पर जाने लगा तो आरोपी ठेकेदार रमेश पूनिया पीछे आ गया और सरकारी आवास में घुस आया। इसके बाद उसने रास्ता रोककर जान से मारने की धमकी दी और हाथापाई का प्रयास किया। इस दौरान चौकीदार सुभाष ने रोकने का प्रयास किया तो उसके साथ हाथापाई की गई। इसके बाद आरोपी ठेकेदार अपनी थार गाड़ी में बैठकर जान से मारने की धमकी देते हुए चला गया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।