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राजस्थान में आया राज्यसभा चुनाव का रिजल्ट, BJP उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू का क्या हुआ?
राजस्थान में आया राज्यसभा चुनाव का रिजल्ट, BJP उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू का क्या हुआ? <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Rajya Sabha Elections 2024:</strong> राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी के डमी उम्मीदवार सुनील कोठारी ने शुक्रवार (23 अगस्त) को अपना नामांकन वापस ले लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. ऐसे में अब बीजेपी के अन्य उम्मीदवार और केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू निर्विरोध चुनाव जीत रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, नामांकन पत्र दाखिल करने वालों में तीन उम्मीदवार शामिल थे. इनमें निर्दलीय उम्मीदवार बबीता वाधवानी का भी नामांकन पत्र था, जिसे जांच के बाद रद्द कर दिया गया. वहीं, अब बिट्टू ही मैदान में बचे हैं. विपक्षी कांग्रेस ने इस उपचुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा. नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 27 अगस्त है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर जरूरत पड़ी तो 3 सितंबर को वोटिंग कराई जाएगी और उसी दिन शाम 5.00 बजे काउंटिंग भी होगी. चुनाव प्रक्रिया 6 सितंबर तक पूरी हो जाएगी. कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद इस्तीफा देने से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होना है. इस सीट पर सदस्यता का कार्यकाल 21 जून 2026 तक रहेगा. बता दें राजस्थान में कुल 10 राज्यसभा सीटें हैं. मौजूदा समय में बीजेपी के पास चार और कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस ने नहीं उतारा उम्मीदवार<br /></strong>राज्यसभा सीट को लेकर कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पार्टी इस बार राज्यसभा सीट के चुनाव को लेकर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, क्योंकि बीजेपी के पास इस सीट को जीतने के लिए पर्याप्त संख्या बल है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस को जीत की कोई गुंजाइश नहीं दिखने के कारण उन्होंने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इधर राज्यसभा सीट पर चुनाव को लेकर बीजेपी प्रत्याशी बिट्टू के साथ पार्टी ने डमी कैंडिडेट कोठारी का भी नामांकन भरवारा गया था. अब कोठारी के नामांकन लिए जाने के बाद पूरी स्थिति साफ हो चुकी है, अब केवल चुनाव आयोग को बिट्टू के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा करने की औपचारिकता बची है.</p>
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<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”राजस्थान की भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, अब सरकारी कर्मचारी RSS के कार्यक्रमों में हो सकेंगे शामिल” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-government-employees-to-participate-in-rss-programs-announces-cm-bhajan-lal-sharma-2767699″ target=”_blank” rel=”noopener”>राजस्थान की भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, अब सरकारी कर्मचारी RSS के कार्यक्रमों में हो सकेंगे शामिल</a></strong></p>
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सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क बोले- ‘सांप्रदायिक ताकतों के मुंह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला तमाचा’
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क बोले- ‘सांप्रदायिक ताकतों के मुंह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला तमाचा’ <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Madrasa Act:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया,जिसमें यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट के का फैसले पर लगातार राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं. संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाली सांप्रदायिक ताकतों के मुंह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला तमाचा है उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदुस्तान में संविधान जिंदा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा सांसद ने यह भी कहा कि बीजेपी को इससे सबक लेना चाहिए. प्राइवेट प्रॉपर्टी पॉलिसी पर उन्होंने सरकार पर सरकारी प्रॉपर्टी बेचने और निजी प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का आरोप लगाया. वहीं हिंदू संगठनों द्वारा सनातन बोर्ड की मांग पर कहा कि हिंदू समाज को यदि जरूरत है तो उनके लिए बोर्ड बनाए. हमें कोई आपत्ति नहीं, सभी धर्मों को हक इंसाफ मिलना चाहिए. सरकार वक्फ बोर्ड बिल वापस ले और अपने गिरेबान म़ें झांके जब हमारा हक नहीं दे पा रहे तो दूसरा बोर्ड बनाने की क्या जरूरत है, यदि सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है तो मुसलमानों को उनके हक और आजादी दे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मदरसे नहीं दे सकेंगे डिग्री </strong><br />यूपी मदरसा एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक्ट में मदरसा बोर्ड को फाजिल, कामिल जैसी डिग्री देने का अधिकार दिया गया है. यह यूजीसी एक्ट के खिलाफ है. इसे हटा देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिग्री देना असंवैधानिक है, बाकी एक्ट संवैधानिक है. सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ये फैसला दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मदरसों की डिग्री को यूपी सरकार ने बताया था अमान्य </strong><br />यूपी की <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा था कि यूपी मदरसा बोर्ड के जरिए दी जाने वाली कामिल और फाजिल डिग्री न यूनिवर्सिटी की डिग्री के समकक्ष है और न ही बोर्ड की ओर से पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों के समकक्ष हैं. इस स्थिति में मदरसे के छात्र उन्हीं नौकरियों के लिए योग्य हो सकते हैं, जिनके लिए हाई स्कूल/इंटरमीडिएट योग्यता की जरूरत होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/poster-put-up-of-a-family-forced-to-flee-due-to-bullies-in-pilibhit-police-take-a-action-ann-2817501″>पीलीभीत में दबंगों के कारण पलायन को मजबूर हुआ परिवार, घर के बाहर लगाया पोस्टर</a></strong></p>
कोर्ट पहुंचा फर्जी एनकाउंटर केस, पुलिसवालों पर FIR का आदेश:प्रयागराज से युवक का अपहरण कर कौशांबी ले गए, गोली लगने से हुई मौत
कोर्ट पहुंचा फर्जी एनकाउंटर केस, पुलिसवालों पर FIR का आदेश:प्रयागराज से युवक का अपहरण कर कौशांबी ले गए, गोली लगने से हुई मौत प्रयागराज के एक युवक को कौशांबी पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मार दी। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ कांड पर सवाल खड़े हो गए। पुलिस पर घर से अपहरण कर ले जाने, फिर फर्जी मुठभेड़ में गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा। कोर्ट ने कौशांबी के चरवा थाने की पुलिस, SOG प्रभारी और उनकी टीम पर अपहरण कर हत्या करने की FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट का स्टेटमेंट पढ़िए
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शशि कुमार ने मारे गए युवक की मां की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा- जो दस्तावेज हमारे सामने रखे गए हैं। उससे ऐसा लगता है कि कौशांबी पुलिस की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। इसलिए संबंधित थानाध्यक्ष को आदेश दिया जाता है कि FIR दर्ज कर मामले की सही जांच की जाए। 2 गाड़ियों में पुलिस आई, विजय को ले गई
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा- दस्तावेज के मुताबिक, घटना 10 सितंबर, 2023 को सुबह 7 बजे हुई। थाना चरवा कौशांबी की पुलिस अचानक अंजू देवी के घर पहुंची, जोकि प्रयागराज के कोरांव में है। अंजू के बेटे विजय कुमार सोनी को मारने-पीटने लगे। कहा कि लूट के बारे में जानकारी के लिए चरवा थाना चलो। घर पर दो गाड़ियों में करीब 1 दर्जन पुलिस वाले पहुंचे थे। चरवा थाने की पुलिस के साथ SOG प्रभारी व उनकी टीम मौजूद थी। टीम विजय का अपहरण करके ले गई। 2 दिन बाद विजय को गोली मारी
दरअसल, थाना चरवा इलाके में 8 सितंबर, 2023 को सोनार के साथ एक लूट की घटना हुई थी। उसी संबंध में विजय से फर्जी बरामदगी दिखाई गई। विजय को 12 सितंबर, 2023 को 1.33 बजे मुठभेड़ दिखाकर गोली मार दी गई। विजय के दाहिने कंधे में गोली लगी थी। गोली मारने वाली टीम में थाना चरवा प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, SOG प्रभारी सिद्धार्थ सिंह और उनकी टीम शामिल थी। 21 सितंबर, 2023 को विजय की मौत हो गई। उसका पोस्टमॉर्टम 22 सितंबर, 2023 को स्वरूपरानी मेडिकल कालेज प्रयागराज में कराया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा- कोर्ट ये मान रहा है कि विजय कुमार सोनी को जान से मारने की नीयत से गोली चलाई गई। इन पुलिसवालों पर पर दर्ज होगा केस अधिकारियों के दफ्तर में सुनवाई नहीं, तब अंजू देवी कोर्ट पहुंची
विजय की मां अंजू देवी की ओर से धारा 156 (3) के तहत शपथपत्र भी दिया गया। आरोप लगाया गया कि विजय की अपहरण के बाद हत्या की गई। अंजू ने कहा कि मैंने पुलिस आयुक्त प्रयागराज, यूपी के गृह सचिव को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी, मगर कहीं सुनवाई नहीं हुई। अब 1 साल पहले फेक एनकाउंटर की भास्कर कवरेज पढ़िए… ये एनकाउंटर फेक है…बेटे की मौत पर पिता का दर्द: बोले-2 दिन तक थाने में बैठाए रखा, फिर जंगल ले गए; मुठभेड़ का रचा नाटक UP पुलिस एक बार फिर एनकाउंटर को लेकर चर्चा में है। शाहजहांपुर में प्रोफेसर के हत्या आरोपी का एनकाउंटर हो या अंबेडकरनगर में छात्रा का दुपट्टा खींचने वालों के पैर में मारी गई गोली। सभी मामलों में पुलिस की स्क्रिप्ट एक जैसी ही है। यूपी में हो रहे एनकाउंटर में खास बात यह भी है कि पुलिस का निशाना बिल्कुल सटीक है। माने गोली सीधा पैर में लगती है। लेकिन कौशांबी में हुए ऐसे ही एक एनकाउंटर में पुलिस का निशाना चूका, तो लूट के एक आरोपी की मौत हो गई। अब आरोपी के पिता ने एनकाउंटर को फेक बताते हुए पुलिस पर आरोप लगाए हैं। पढ़िए पूरी कहानी…