किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के डॉक्टर एक बार फिर इतिहास रचने में कामयाब हुए हैं। चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी अस्पताल में डॉक्टरों ने पहली बार गर्भस्थ शिशु को ब्लड ट्रांसफ्यूज कर उसकी जान बचाने में सफल हुए हैं। गर्भ में पल रहे बच्चे (भ्रूण) में खून की कमी हो गई थी। जिसके वजह से कभी भी बच्चे के दिल की धड़कन रुक सकती थी, समय रहते डॉक्टरों ने महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को ब्लड चढ़ाया। जिससे बच्चे की न सिर्फ जान बची,बल्कि जन्म के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। KGMU की फिट्ल मेडिसिन यूनिट ने पहली बार गर्भस्थ शिशु को मां के पेट से खून चढ़ाकर डॉक्टरों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। डॉ.सीमा मेहरोत्रा ने बताया की प्रसूता को सात माह के गर्भवती होने पर भ्रूण में खून की कमी पाये जाने पर कानपुर से रेफर किया गया था। केस हिस्ट्री की स्टडी करने पर पता चला कि महिला पूर्व में दो बार गर्भवती हुई थी और इस बार लाल रक्त कोशिका (RBC) एलोइम्युनाइजेशन की शिकार हुई। जिसके बाद गर्भाशय में भ्रूण को दो बार रक्त चढ़ा कर 35 सप्ताह में सिजेरियन से 3 किलो के बच्चे की डिलीवरी कराई गई। उन्होंने बताया कि मेडिकल में इंट्रआयूटिराइन ट्रांसफ्यूजन (intrauterine transfusion) कहलाने वाले इस प्रोसिजर में अल्ट्रासाउंड की मदद से सुई के जरिये गर्भाश्य में ही भ्रूण को रक्त चढ़ाया जाता है। KGMU की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.अंजु अग्रवाल ने बताया कि क्वीनमेरी अस्पताल में KGMU भ्रूण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है और अब हमने आरएच – आइसोइम्युनाइजेशन गर्भावस्था के उपचार में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि KGMU में पहली बार स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ. सीमा महरोत्रा के नेतृत्व में डॉ. नम्रता, डॉ. मंजूलता वर्मा, रैडियोलॉजी विभाग के डॉ सौरभ, डॉ सिद्धार्थ, पिडियाट्रिक्स विभाग से डॉ. हरकीरत कौर, डॉ श्रुति और डॉ ख्याति ने इस चिकित्सा प्रक्रिया को पूरा किया। उन्होंने बताया कि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने ओ- निगेटिव (O -ve) ब्लड उपलब्ध कराया। डॉ.नम्रता ने बताया कि मां-बाप के ब्लड आरएच विपरीत होने पर इस तरह की दिक्कत आती है। इसके अलावा नवजात की मां का ब्लड ग्रुप निगेटिव और पिता के ब्लड आरएच पॉजिटिव होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है। डॉ नम्रता के अनुसार, इस विपरीत रक्त समूह के कारण, भ्रूण आरएच पॉजिटिव हो सकता है और मां में एंटीबॉडी विकसित होते हैं और यह एंटीबॉडी प्लेसेंटा को पार करते हैं और भ्रूण के RBC को नष्ट कर देते हैं । बाद में धीरे ये भ्रूण में एनीमिया का कारण बनते हैं। ऐसी स्थिति में पूरे भ्रूण में सूजन आ जाती है। ऐसे मामलों में गर्भाशय में ही भ्रूण की मृत्यु हो जाती है। इस ब्लड ग्रुप की महिलाओं को रहने होगा ज्यादा सतर्क डॉ.मंजुलता वर्मा ने बताया कि एक हजार निगेटिव ब्लड ग्रुप की गर्भवती महिलाओं में किसी एक महिला के गर्भस्थ शिशु को इस तरह का गंभीर खतरा होता है, लेकिन ट्रांसफ्युजन से इसको रोका जा सकता है। इसके अलावा डॉ. सीमा मेहरोत्रा ने इस समस्या से बचने के लिए निगेटिव ब्लड ग्रुप की महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान दो बार इंजेक्शन दिया जाता है, लेकिन यह इंजेक्शन चिकित्सक की सलाह पर ही लेना चाहिए। KGMU कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने पूरी टीम को सफल उपचार के लिए बधाई दी है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के डॉक्टर एक बार फिर इतिहास रचने में कामयाब हुए हैं। चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी अस्पताल में डॉक्टरों ने पहली बार गर्भस्थ शिशु को ब्लड ट्रांसफ्यूज कर उसकी जान बचाने में सफल हुए हैं। गर्भ में पल रहे बच्चे (भ्रूण) में खून की कमी हो गई थी। जिसके वजह से कभी भी बच्चे के दिल की धड़कन रुक सकती थी, समय रहते डॉक्टरों ने महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को ब्लड चढ़ाया। जिससे बच्चे की न सिर्फ जान बची,बल्कि जन्म के बाद बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। KGMU की फिट्ल मेडिसिन यूनिट ने पहली बार गर्भस्थ शिशु को मां के पेट से खून चढ़ाकर डॉक्टरों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। डॉ.सीमा मेहरोत्रा ने बताया की प्रसूता को सात माह के गर्भवती होने पर भ्रूण में खून की कमी पाये जाने पर कानपुर से रेफर किया गया था। केस हिस्ट्री की स्टडी करने पर पता चला कि महिला पूर्व में दो बार गर्भवती हुई थी और इस बार लाल रक्त कोशिका (RBC) एलोइम्युनाइजेशन की शिकार हुई। जिसके बाद गर्भाशय में भ्रूण को दो बार रक्त चढ़ा कर 35 सप्ताह में सिजेरियन से 3 किलो के बच्चे की डिलीवरी कराई गई। उन्होंने बताया कि मेडिकल में इंट्रआयूटिराइन ट्रांसफ्यूजन (intrauterine transfusion) कहलाने वाले इस प्रोसिजर में अल्ट्रासाउंड की मदद से सुई के जरिये गर्भाश्य में ही भ्रूण को रक्त चढ़ाया जाता है। KGMU की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.अंजु अग्रवाल ने बताया कि क्वीनमेरी अस्पताल में KGMU भ्रूण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है और अब हमने आरएच – आइसोइम्युनाइजेशन गर्भावस्था के उपचार में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि KGMU में पहली बार स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ. सीमा महरोत्रा के नेतृत्व में डॉ. नम्रता, डॉ. मंजूलता वर्मा, रैडियोलॉजी विभाग के डॉ सौरभ, डॉ सिद्धार्थ, पिडियाट्रिक्स विभाग से डॉ. हरकीरत कौर, डॉ श्रुति और डॉ ख्याति ने इस चिकित्सा प्रक्रिया को पूरा किया। उन्होंने बताया कि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने ओ- निगेटिव (O -ve) ब्लड उपलब्ध कराया। डॉ.नम्रता ने बताया कि मां-बाप के ब्लड आरएच विपरीत होने पर इस तरह की दिक्कत आती है। इसके अलावा नवजात की मां का ब्लड ग्रुप निगेटिव और पिता के ब्लड आरएच पॉजिटिव होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है। डॉ नम्रता के अनुसार, इस विपरीत रक्त समूह के कारण, भ्रूण आरएच पॉजिटिव हो सकता है और मां में एंटीबॉडी विकसित होते हैं और यह एंटीबॉडी प्लेसेंटा को पार करते हैं और भ्रूण के RBC को नष्ट कर देते हैं । बाद में धीरे ये भ्रूण में एनीमिया का कारण बनते हैं। ऐसी स्थिति में पूरे भ्रूण में सूजन आ जाती है। ऐसे मामलों में गर्भाशय में ही भ्रूण की मृत्यु हो जाती है। इस ब्लड ग्रुप की महिलाओं को रहने होगा ज्यादा सतर्क डॉ.मंजुलता वर्मा ने बताया कि एक हजार निगेटिव ब्लड ग्रुप की गर्भवती महिलाओं में किसी एक महिला के गर्भस्थ शिशु को इस तरह का गंभीर खतरा होता है, लेकिन ट्रांसफ्युजन से इसको रोका जा सकता है। इसके अलावा डॉ. सीमा मेहरोत्रा ने इस समस्या से बचने के लिए निगेटिव ब्लड ग्रुप की महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान दो बार इंजेक्शन दिया जाता है, लेकिन यह इंजेक्शन चिकित्सक की सलाह पर ही लेना चाहिए। KGMU कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने पूरी टीम को सफल उपचार के लिए बधाई दी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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रोहतक में पुरानी रंजिश में पहलवान को मारी गोली:6 साल पहले हुआ विवाद, दादी बोली- थारा शेर मार दिया, अब परिवार की बारी रोहतक के गांव गांधरा निवासी पहलवान को दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारने वाले आरोपी नामजद हो गए हैं। हमलावरों में शामिल 3 नामजद आरोपी गांव के ही रहने वाले हैं। जिनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी। यह वारदात वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई थी। जिसमें आरोपी पीछा करके हमला करते हुए दिखाई दे रहे थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों का घायल पहलवान के साथ करीब 6 साल पहले 2018 में गांव गांधरा निवासी राजीव और मुनीम को झगड़ा हुआ था। जिसके बाद अब मुनीम के बेटों और परिवार पर ही आरोप है कि उन्होंने राजीव पर हमला किया है। घायल के भाई व पिता पर भी की फायरिंग
रोहतक के गांव गांधरा निवासी धर्मेंद्र उर्फ मोनू ने सांपला थाना में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि शुक्रवार को वह अपने भाई राजीव उर्फ ढिला पहलवान और पिता महाबीर के साथ बस स्टैंड के पास खेत से आए थे। अचानक एक ब्लैक रंग की गाड़ी आकर रुकी। उसमें से गांव के ही दिपांशु, हिमांशु और सुनील सहित एक सांपला गांव का युवक तथा 6-7 नौजवान लड़के थे। आरोपियों ने राजीव उर्फ ढिला पहलवान पर अपने हथियारों से गोली मारने लगे। जब वह और उसके पिता बचाने के लिए दौड़े तो हमलावरों ने उन पर भी फायरिंग कर दी। चौक पर ज्यादा लोग होने से वे गोली लगने से बच गए। पुरानी रंजिश में मारी गोली
उन्होंने कहा कि आरोपियों की दादी ने धमकी दी कि थारा शेर मार दिया, बाकि परिवार वालों को भी नहीं छोड़ेंगे। आरोपियों ने पुरानी रंजिश रखते हुए उसके भाई राजीव उर्फ ढिला पहलवान पर हमला किया है। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि उसका भाई राजीव उर्फ ढिला कुश्ती का खिलाड़ी रहा है और फिलहाल गांव में अपना अखाड़ा चलाता है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
सांपला थाना प्रभार बिजेंद्र सिंह ने कहा कि घायल राजीव के भाई धर्मेंद्र के बयान दर्ज किए हैं। जिसके आधार पर गांव के ही हिमांशु, दीपांशु और सुनील सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल बयानों की जांच की जा रही है। वहीं आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आरोपी गिरफ्तार होने के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा।
सहारनपुर में सड़क 20 फीट धंसी:पार्षद और 4 मजदूर घायल, लोगों ने सड़क जाम की; सालभर पहले बनी थी रोड
सहारनपुर में सड़क 20 फीट धंसी:पार्षद और 4 मजदूर घायल, लोगों ने सड़क जाम की; सालभर पहले बनी थी रोड सहारनपुर में रविवार को मोहल्ले की रोड करीब 20 फीट धंस गई। वार्ड 34 के मोहल्ला विनोद विहार की घटना है। गड्ढे में गिरकर पार्षद सुधीर पंवार घायल हो गए। उनके अलावा 4 मजदूर भी घायल हुए हैं। विरोध में मोहल्ले के लोग सड़क जाम कर बैठ गए हैं। जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। नगर निगम ने यह सड़क सालभर पहले बनाई थी। मोहल्ले के लोगों ने बताया- एक साल पहले जल निगम की ओर से सीवर बिछाया गया। इसके बाद नगर निगम ने सड़क की मरम्मत कर दी। जल निगम का कहना है कि यह पूरी लापरवाही नगर निगम की है। मोहल्ले के लोग लगातार पानी लीकेज की शिकायत नगर निगम से कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कोई भी एक्शन नहीं लिया। मोहल्ले वालों की पुलिस से नोकझोंक
हादसे के बाद लोगों ने नगर निगम के खिलाफ हंगामा किया। सड़क पर धरना देते हुए बैठ गए। नगर निगम मुर्दाबाद…तानाशाही नहीं चलेगी… भ्रष्टाचार नहीं चलेगा आदि नारे लगाए। नगर विधायक राजीव कुमार, मेयर डॉक्टर अजय सिंह, नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर पुलिस और सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार भी पहुंचे। मोहल्ले वालों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई है। लोग बोले- हमारे घर गिरने वाले हैं, क्या होगा?
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मोहल्ले के सतीश कपिल ने बताया कि 5-6 महीने से पानी की समस्या थी। सिटी मजिस्ट्रेट के यहां गए तो नगर निगम भेजा गया। 15-20 दिन पहले नगर निगम भी गया। वहां किसी ने नहीं सुनी। अंदर जगह-जगह सीवर लाइन टूट गई है। पानी जगह-जगह रुक रहा। सीवर का पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा था, मोहल्ले में कई जगह लीकेज की स्थिति थी। अंदर ही अंदर रोड और घरों की नींव खोखली हो गई। मरम्मत नहीं हुई तो रोड धंस गई। पार्षद और 3-4 मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं। कल को घर गिर गया तो क्या मरने के बाद मुआवजा देने का इंतजार नगर निगम कर रहा। देखिए हादसे से जुड़ी तस्वीरें- खबर लगातार अपडेट की जा रही है…
लुधियाना में करंट लगने से महिला की मौत:घर में घुसा बारिश का पानी, रसोई में खाना बना रही थी, फ्रिज से लगा झटका
लुधियाना में करंट लगने से महिला की मौत:घर में घुसा बारिश का पानी, रसोई में खाना बना रही थी, फ्रिज से लगा झटका पंजाब के लुधियाना के हरिकरतार कॉलोनी इलाके में रहने वाली महिला की करंट लगने से मौत हो गई। महिला का पति काम के लिए शहर से बाहर गया हुआ था। आज सुबह भारी बारिश के कारण गलियों में पानी भर गया। मृतक महिला मीनू मल्होत्रा रसोई में खाना बना रही थी, तभी अचानक उसके घर में पानी भर गया। फ्रिज, इन्वर्टर और पानी की मोटर बारिश के पानी में डूब गई। अचानक पानी में करंट आ गया। रसोई में खाना बना रही मीनू को अचानक करंट लग गया। परिवार के सदस्यों ने उसे उठाने की कोशिश की तो उन्हें भी झटका लगा। परिजनों ने तुरंत बिजली का मेन स्विच आफ किया। मीनू को अस्पताल लेकर गए लेकिन उसने दम तोड़ दिया। काम के सिलसिले में पति गया था घर से बाहर मीनू के देवर विशाल मल्होत्रा ने कहा कि उसका वरिंदर काम के सिलसिले में शहर से बाहर गया हुआ था। अचानक घर में पानी भर गया। फ्रिज से करंट आने के कारण रसोई में खाना बना रही भाबी मीनू उसकी चपेट में आ गई। मीनू की आयु 42 साल है। उसके 14 साल की एक बेटी भी है। डॉक्टरों ने दिया मृतक करार मीनू के पति को घटना की जानकारी दे दी है। जिस समय मीनू को करंट लगा वह उसे लेकर तुरंत सीएमसी अस्पताल ले गए। रास्ते में उनकी गाड़ी भी पानी में बंद हो गई। डाक्टरों ने अस्पताल में पहुंचते ही उसे मृतक करार दे दिया। फिलहाल मीनू का शव सीएमसी अस्पताल में रखवाया है। थाना डिवीजन नंबर 3 की पुलिस को भी सूचित कर दिया है। अस्पताल प्रशासन के द्वारा मीनू का शव नहीं दिया जा रहा था। जिस कारण शिंगार सिनेमा रोड पर प्रोटेस्ट भी किया गया। मौके पर पहुंच SHO अमृतपाल ने कहा कि मामले की जांच के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।