<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election Results 2024:</strong> हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर अब अपने ही नेता पार्टी की रणनीति को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. हरियाणा कांग्रेस की प्रभारी रह चुकीं पार्टी की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा ने पूरी पट्टी खोलते हुए एक तरह से नेतृत्व को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है. उनका मानना है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और पार्टी की भलाई को लेकर काम करने के बीच संतुलन बनाना जरुरी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव नतीजों को लेकर मारग्रेट अल्वा ने कहा, ”हरियाणा में नतीजे निराशाजनक हैं. मैं 2004 से 2009 तक हरियाणा का प्रभारी एआईसीसी महासचिव थी, जब कांग्रेस ने राज्य में दो बार जीत हासिल की. जीतने के लिए तटस्थ रहना और पार्टी को एकजुट करना जरुरी है. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>The results in Haryana are disappointing. I was AICC General Secretary in charge of Haryana from 2004 to 2009 when the Congress won the state twice. Winning required staying neutral & unifying the party – striking a balance between individual aspiration & the good of the party.</p>
— Margaret Alva (@alva_margaret) <a href=”https://twitter.com/alva_margaret/status/1843850670497280239?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 9, 2024</a></blockquote>
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</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खराब पार्टी मैनेजमेंट से बागियों की संख्या बढ़ी-मारग्रेट अल्वा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और पार्टी की भलाई के बीच संतुलन होना चाहिए. इस चुनाव में हम वह संतुलन बनाने में विफल रहे. बड़ी संख्या में बागी उम्मीदवार खराब पार्टी मैनेजमेंट की ओर इशारा करते हैं, छोटे-मोटे सार्वजनिक झगड़े, झूठी शेखी बघारना और एक अभियान जिसने हरियाणा समाज के कई वर्गों को असुरक्षित बना दिया, इन सभी ने एक निश्चित जीत को हार में बदल दिया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एकजुट विपक्ष के रूप में काम करने की जरूरत-अल्वा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने बीजेपी को भी घेरा. उन्होंने कहा, ”ये नतीजे हरियाणा में बीजेपी के 10 साल के कुशासन के खिलाफ गुस्से को कम नहीं करेंगे. यह केवल इसे बढ़ाएगा. हमें उस गुस्से को प्रसारित करने और 2025 के हरियाणा पंचायत और नगर निगम चुनाव जीतने और एक मजबूत, एकजुट विपक्ष के रूप में काम करने की जरूरत है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि हरियाणा आठ अक्टूबर घोषित नतीजों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला. बीजेपी ने 48 सीटों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. वहीं, कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, INLD ने दो सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि, तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामया रहे. जेजेपी और AAP को इस चुनाव में निराशा हाथ लगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हरियाणा में हार के बाद कैप्टन अजय सिंह यादव की कांग्रेस को नसीहत, उठाया ये बड़ा मुद्दा” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/haryana-election-result-2024-capt-ajay-singh-yadav-reactions-for-congress-failure-in-gurugram-rewari-mahendragarh-faridabad-2800544″ target=”_self”>हरियाणा में हार के बाद कैप्टन अजय सिंह यादव की कांग्रेस को नसीहत, उठाया ये बड़ा मुद्दा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election Results 2024:</strong> हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर अब अपने ही नेता पार्टी की रणनीति को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. हरियाणा कांग्रेस की प्रभारी रह चुकीं पार्टी की वरिष्ठ नेता मारग्रेट अल्वा ने पूरी पट्टी खोलते हुए एक तरह से नेतृत्व को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है. उनका मानना है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और पार्टी की भलाई को लेकर काम करने के बीच संतुलन बनाना जरुरी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव नतीजों को लेकर मारग्रेट अल्वा ने कहा, ”हरियाणा में नतीजे निराशाजनक हैं. मैं 2004 से 2009 तक हरियाणा का प्रभारी एआईसीसी महासचिव थी, जब कांग्रेस ने राज्य में दो बार जीत हासिल की. जीतने के लिए तटस्थ रहना और पार्टी को एकजुट करना जरुरी है. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>The results in Haryana are disappointing. I was AICC General Secretary in charge of Haryana from 2004 to 2009 when the Congress won the state twice. Winning required staying neutral & unifying the party – striking a balance between individual aspiration & the good of the party.</p>
— Margaret Alva (@alva_margaret) <a href=”https://twitter.com/alva_margaret/status/1843850670497280239?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 9, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>खराब पार्टी मैनेजमेंट से बागियों की संख्या बढ़ी-मारग्रेट अल्वा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और पार्टी की भलाई के बीच संतुलन होना चाहिए. इस चुनाव में हम वह संतुलन बनाने में विफल रहे. बड़ी संख्या में बागी उम्मीदवार खराब पार्टी मैनेजमेंट की ओर इशारा करते हैं, छोटे-मोटे सार्वजनिक झगड़े, झूठी शेखी बघारना और एक अभियान जिसने हरियाणा समाज के कई वर्गों को असुरक्षित बना दिया, इन सभी ने एक निश्चित जीत को हार में बदल दिया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एकजुट विपक्ष के रूप में काम करने की जरूरत-अल्वा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने बीजेपी को भी घेरा. उन्होंने कहा, ”ये नतीजे हरियाणा में बीजेपी के 10 साल के कुशासन के खिलाफ गुस्से को कम नहीं करेंगे. यह केवल इसे बढ़ाएगा. हमें उस गुस्से को प्रसारित करने और 2025 के हरियाणा पंचायत और नगर निगम चुनाव जीतने और एक मजबूत, एकजुट विपक्ष के रूप में काम करने की जरूरत है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि हरियाणा आठ अक्टूबर घोषित नतीजों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला. बीजेपी ने 48 सीटों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. वहीं, कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, INLD ने दो सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि, तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामया रहे. जेजेपी और AAP को इस चुनाव में निराशा हाथ लगी.</p>
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