सिगरा स्टेडियम के गेट पर संपूर्णानंद का नाम लिखा:3 दिन से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स नाम का विरोध; कांग्रेस बोली- पूर्व मुख्यमंत्री की पहचान हटाना साजिश

सिगरा स्टेडियम के गेट पर संपूर्णानंद का नाम लिखा:3 दिन से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स नाम का विरोध; कांग्रेस बोली- पूर्व मुख्यमंत्री की पहचान हटाना साजिश

वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के बाद से इसके नाम को लेकर विरोध शुरू हो गया है। रविवार से कांग्रेस और सपा नेता प्रदर्शन कर इसका नाम बदलने की आवाज उठा रहे हैं। आज तीसरे दिन भी कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय का घेराव कर मांग कहा- पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर इससे पहले स्टेडियम था। अब इसका नाम बदलकर वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कर दिया गया है। यह संपूर्णानंद की पहचान मिटाने की भाजपा की साजिश है। स्टेडियम डॉ. संपूर्णानंद के नाम ही किया जाए। इसी बीच आज मंगलवार को स्टेडियम के गेट पर एक बोर्ड लगा मिला। जिस पर ‘डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम वाराणसी’ लिखा था। इसके नीचे दाएं-बाएं डॉ. संपूर्णानंद के दो फोटो लगाए गए थे। शहर में चर्चा हुई कि प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। प्रशासन ने नाम बदलकर बोर्ड लगवाया। हालांकि, चर्चाओं के बीच प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने सफाई दी है। उनका कहना है कि ये बोर्ड किसने लगाया, इसकी जांच कराई जा रही है। जिला मुख्यालय पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया
मंगलवार को वाराणसी कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। स्टेडियम डॉ. संपूर्णानंद के नाम करने की मांग की। राघवेंद्र चौबे ने कहा- संपूर्णानंद जी के नाम पर स्टेडियम का नाम ही काशी का सम्मान है। भाजपा की सरकार नाम बदलने की राजनीति कर रही है। इस दौरान जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, फसाहत हुसैन बाबू, ओमप्रकाश ओझा, डॉ. राजेश गुप्ता, अरुण सोनी, वकील अंसारी, अशोक सिंह, तुफैल अंसारी, राजेश त्रिपाठी, सतनाम सिंह, मनीष मोरोलिया, अनुराधा यादव, पूनम विश्वकर्मा, गिरीश पांडेय शामिल रहे। एक दिन पहले स्टेडियम के गेट पर सपा ने प्रदर्शन किया
सपा कार्यकर्ता सोमवार दोपहर प्रदर्शन करने उतरे। स्टेडियम गेट पर धरना-प्रदर्शन किया। सपा नेताओं ने नारेबाजी करते हुए स्टेडियम के गेट पर लगे बोर्ड को हटाने की मांग की। सपा ने इसके पीछे राजनीति बताई और सरकार पर महापुरुषों का नाम धूमिल करने का आरोप लगाया। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को शांत कराया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद सपा नेताओं ने CM को ज्ञापन भेजकर बोर्ड हटाने और नाम बदलने की मांग की है। गेट पर चढ़कर पोस्टर चिपकाए, नारेबाजी की
सोमवार को सपा MLC आशुतोष सिन्हा के नेतृत्व में सैकड़ों सपा कार्यकर्ता स्टेडियम पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। सपा कार्यकर्ताओं ने पहले अंदर घुसने का प्रयास किया, लेकिन तालाबंदी होने के कारण गेट नहीं खुला। गुस्साए नेताओं को देखकर गार्ड भी गेट छोड़कर भाग गए। इसके बाद सपा कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाम बदलने की मांग का पोस्टर स्टेडियम के बोर्ड पर चिपका दिया और बोर्ड हटाने की मांग करने लगे। जब गेट नहीं खुला तो सभी गेट के बाहर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। 20 अक्टूबर को PM मोदी ने उद्घाटन किया
दो दिन पहले यानी 20 अक्टूबर को ही मोदी ने इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था। स्टेडियम का नाम बदले जाने को लेकर रविवार को भी सपा के चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने आपत्ति जताई थी। कांग्रेस नेता भी पैदल मार्च कर मोदी से मिलने जा रहे थे। हालांकि, रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोक दिया था। 216.29 करोड़ की लागत से फेज-2 और 3 का काम पूरा
PM मोदी ने रविवार को 216.29 करोड़ की लागत से वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स फेज-2 और फेज-3 का लोकार्पण किया। स्टेडियम में 20 से अधिक खेलों के खिलाड़ियों को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। कांग्रेस ने भी स्टेडियम संपूर्णानंद के नाम करने की आवाज उठाई थी कांग्रेस नेता बोले- PM से मिलना है, पर पुलिस रोक रही
रविवार को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा- प्रधानमंत्री जो हमारे भी सांसद हैं, हम उनसे यहां मिलना चाहते हैं। लेकिन, पुलिस-प्रशासन ने मिलने नहीं दिया। हमारी 3 मांगें हैं… 1. काशी की धरोहर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. संपूर्णानंद जी के नाम सिगरा स्टेडियम है, उसे बदलना काशी के मर्यादा के खिलाफ है। इसलिए स्टेडियम का नाम दोबारा संपूर्णानंद जी पर ही हो। 2. महाप्रसाद का जिम्मा गुजराती कंपनी अमूल को दिया गया हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा सराही गई महिलाएं बेरोजगारी हुई हैं। अमूल कंपनी को बाबा विश्वनाथ परिसर से मुक्त किया जाए। पहले की तरह स्वयं सहायता समूहों से ही बाबा विश्वनाथ का महाप्रसादम तैयार किया जाए। 3. BHU में गैंगरेप के आरोपी जो भाजपा के सदस्य हैं, उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले 11 छात्र और छात्राओं को निलंबित क्यों किया गया? उनका निलंबन तत्काल प्रभाव से वापस हो। वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के बाद से इसके नाम को लेकर विरोध शुरू हो गया है। रविवार से कांग्रेस और सपा नेता प्रदर्शन कर इसका नाम बदलने की आवाज उठा रहे हैं। आज तीसरे दिन भी कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। जिला मुख्यालय का घेराव कर मांग कहा- पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर इससे पहले स्टेडियम था। अब इसका नाम बदलकर वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कर दिया गया है। यह संपूर्णानंद की पहचान मिटाने की भाजपा की साजिश है। स्टेडियम डॉ. संपूर्णानंद के नाम ही किया जाए। इसी बीच आज मंगलवार को स्टेडियम के गेट पर एक बोर्ड लगा मिला। जिस पर ‘डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम वाराणसी’ लिखा था। इसके नीचे दाएं-बाएं डॉ. संपूर्णानंद के दो फोटो लगाए गए थे। शहर में चर्चा हुई कि प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। प्रशासन ने नाम बदलकर बोर्ड लगवाया। हालांकि, चर्चाओं के बीच प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने सफाई दी है। उनका कहना है कि ये बोर्ड किसने लगाया, इसकी जांच कराई जा रही है। जिला मुख्यालय पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया
मंगलवार को वाराणसी कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। स्टेडियम डॉ. संपूर्णानंद के नाम करने की मांग की। राघवेंद्र चौबे ने कहा- संपूर्णानंद जी के नाम पर स्टेडियम का नाम ही काशी का सम्मान है। भाजपा की सरकार नाम बदलने की राजनीति कर रही है। इस दौरान जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, फसाहत हुसैन बाबू, ओमप्रकाश ओझा, डॉ. राजेश गुप्ता, अरुण सोनी, वकील अंसारी, अशोक सिंह, तुफैल अंसारी, राजेश त्रिपाठी, सतनाम सिंह, मनीष मोरोलिया, अनुराधा यादव, पूनम विश्वकर्मा, गिरीश पांडेय शामिल रहे। एक दिन पहले स्टेडियम के गेट पर सपा ने प्रदर्शन किया
सपा कार्यकर्ता सोमवार दोपहर प्रदर्शन करने उतरे। स्टेडियम गेट पर धरना-प्रदर्शन किया। सपा नेताओं ने नारेबाजी करते हुए स्टेडियम के गेट पर लगे बोर्ड को हटाने की मांग की। सपा ने इसके पीछे राजनीति बताई और सरकार पर महापुरुषों का नाम धूमिल करने का आरोप लगाया। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को शांत कराया। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद सपा नेताओं ने CM को ज्ञापन भेजकर बोर्ड हटाने और नाम बदलने की मांग की है। गेट पर चढ़कर पोस्टर चिपकाए, नारेबाजी की
सोमवार को सपा MLC आशुतोष सिन्हा के नेतृत्व में सैकड़ों सपा कार्यकर्ता स्टेडियम पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। सपा कार्यकर्ताओं ने पहले अंदर घुसने का प्रयास किया, लेकिन तालाबंदी होने के कारण गेट नहीं खुला। गुस्साए नेताओं को देखकर गार्ड भी गेट छोड़कर भाग गए। इसके बाद सपा कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाम बदलने की मांग का पोस्टर स्टेडियम के बोर्ड पर चिपका दिया और बोर्ड हटाने की मांग करने लगे। जब गेट नहीं खुला तो सभी गेट के बाहर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। 20 अक्टूबर को PM मोदी ने उद्घाटन किया
दो दिन पहले यानी 20 अक्टूबर को ही मोदी ने इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था। स्टेडियम का नाम बदले जाने को लेकर रविवार को भी सपा के चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने आपत्ति जताई थी। कांग्रेस नेता भी पैदल मार्च कर मोदी से मिलने जा रहे थे। हालांकि, रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोक दिया था। 216.29 करोड़ की लागत से फेज-2 और 3 का काम पूरा
PM मोदी ने रविवार को 216.29 करोड़ की लागत से वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स फेज-2 और फेज-3 का लोकार्पण किया। स्टेडियम में 20 से अधिक खेलों के खिलाड़ियों को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। कांग्रेस ने भी स्टेडियम संपूर्णानंद के नाम करने की आवाज उठाई थी कांग्रेस नेता बोले- PM से मिलना है, पर पुलिस रोक रही
रविवार को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा- प्रधानमंत्री जो हमारे भी सांसद हैं, हम उनसे यहां मिलना चाहते हैं। लेकिन, पुलिस-प्रशासन ने मिलने नहीं दिया। हमारी 3 मांगें हैं… 1. काशी की धरोहर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. संपूर्णानंद जी के नाम सिगरा स्टेडियम है, उसे बदलना काशी के मर्यादा के खिलाफ है। इसलिए स्टेडियम का नाम दोबारा संपूर्णानंद जी पर ही हो। 2. महाप्रसाद का जिम्मा गुजराती कंपनी अमूल को दिया गया हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा सराही गई महिलाएं बेरोजगारी हुई हैं। अमूल कंपनी को बाबा विश्वनाथ परिसर से मुक्त किया जाए। पहले की तरह स्वयं सहायता समूहों से ही बाबा विश्वनाथ का महाप्रसादम तैयार किया जाए। 3. BHU में गैंगरेप के आरोपी जो भाजपा के सदस्य हैं, उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले 11 छात्र और छात्राओं को निलंबित क्यों किया गया? उनका निलंबन तत्काल प्रभाव से वापस हो।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर