केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह आज यानी सोमवार को हरियाणा की टेक्सटाइल नगरी पानीपत आएंगे। वे यहां विभिन्न कपड़ा निर्माताओं के साथ बैठक करेंगे और औद्योगिक संस्थानों का दौरा भी करेंगे। हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री पानीपत के कपड़ा निर्यातकों से रुबरू होंगे और उनके प्रतिष्ठानों में पहुंचकर काम देखेंगे। इनसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने टेक्सटाइल उद्यमियों के साथ बैठक की थी। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा एवं व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं। पानीपत में 20 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां है हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के पदाधिकारियों ने कहा कि पानीपत के उद्यमियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। केंद्रीय मंत्री उनके बीच आकर उनके काम के बारे में जानकारी लेंगे और उनकी समस्याओं पर उनसे चर्चा करेंगे। विदित है कि पानीपत में करीब 20 हजार छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां है। यहां से करीब 16 हजार करोड़ का निर्यात और करीब 80 हजार करोड़ का घरेलू व्यापार कपड़े से होता है। पहले यहां कंबल, चादर और बॉथमेट समेत अन्य उत्पाद बनते थे। अब इनमें तेजी से बदलाव आया है। पानीपत में कपड़ा बनाने के भी उद्योग हैं। यहां से घरेलू बाजार के साथ निर्यात भी किया जाता है। मेगा टेक्सटाइल पार्क और प्रदर्शनी केंद्र बड़ी मांग पानीपत के उद्यमियों की टेक्सटाइल पार्क और प्रदर्शनी केंद्र की बड़ी मांग है। वे कई वर्षों से इनकी मांग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के कई मंचों पर इन मांगों को रखा जा चुका है। उद्यमियों को इनमें आश्वासन भी मिला है। इन सबके बीच अब तक सौगात नहीं मिली है। उद्यमी केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के सामने रखकर दोनों मांगों को प्रमुखता के साथ सिरे चढ़ाने की मांग रखेंगे। इसके साथ औद्योगिक सेक्टरों में मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी जाएंगी। इनके अलावा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और कॉमन बॉयलर की भी मांग रख सकते हैं। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह आज यानी सोमवार को हरियाणा की टेक्सटाइल नगरी पानीपत आएंगे। वे यहां विभिन्न कपड़ा निर्माताओं के साथ बैठक करेंगे और औद्योगिक संस्थानों का दौरा भी करेंगे। हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री पानीपत के कपड़ा निर्यातकों से रुबरू होंगे और उनके प्रतिष्ठानों में पहुंचकर काम देखेंगे। इनसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने टेक्सटाइल उद्यमियों के साथ बैठक की थी। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा एवं व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं। पानीपत में 20 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां है हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के पदाधिकारियों ने कहा कि पानीपत के उद्यमियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। केंद्रीय मंत्री उनके बीच आकर उनके काम के बारे में जानकारी लेंगे और उनकी समस्याओं पर उनसे चर्चा करेंगे। विदित है कि पानीपत में करीब 20 हजार छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां है। यहां से करीब 16 हजार करोड़ का निर्यात और करीब 80 हजार करोड़ का घरेलू व्यापार कपड़े से होता है। पहले यहां कंबल, चादर और बॉथमेट समेत अन्य उत्पाद बनते थे। अब इनमें तेजी से बदलाव आया है। पानीपत में कपड़ा बनाने के भी उद्योग हैं। यहां से घरेलू बाजार के साथ निर्यात भी किया जाता है। मेगा टेक्सटाइल पार्क और प्रदर्शनी केंद्र बड़ी मांग पानीपत के उद्यमियों की टेक्सटाइल पार्क और प्रदर्शनी केंद्र की बड़ी मांग है। वे कई वर्षों से इनकी मांग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के कई मंचों पर इन मांगों को रखा जा चुका है। उद्यमियों को इनमें आश्वासन भी मिला है। इन सबके बीच अब तक सौगात नहीं मिली है। उद्यमी केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के सामने रखकर दोनों मांगों को प्रमुखता के साथ सिरे चढ़ाने की मांग रखेंगे। इसके साथ औद्योगिक सेक्टरों में मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी जाएंगी। इनके अलावा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और कॉमन बॉयलर की भी मांग रख सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP मंत्री से नाराज जैन समाज,सावित्री जिंदल को सम्मान:पूर्व मंत्री को प्रोग्राम में मुख्य अतिथि बुलाया; दोनों एक सीट से दावेदार
हरियाणा BJP मंत्री से नाराज जैन समाज,सावित्री जिंदल को सम्मान:पूर्व मंत्री को प्रोग्राम में मुख्य अतिथि बुलाया; दोनों एक सीट से दावेदार हरियाणा के हिसार में BJP मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की ओर से आचार्य श्री तुलसी चौक पर बनवाए गए लाल किले के मॉडल से जैन समाज नाराज है। रविवार को उसी जैन समाज ने हिसार सीट से BJP मंत्री के सामने टिकट की दावेदार पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल को अपने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बुलाकर सम्मानित किया। राजनीतिक जानकार इस घटना से कयास लगा रहा हैं कि इससे जैन समाज की नाराजगी झेल रहे डॉ. कमल गुप्ता का टिकट कट सकता है। इसी के दम पर भाजपा नेता सावित्री जिंदल हिसार सीट से अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर सकती हैं। हालांकि, ये दोनों ही नेता हिसार विधानसभा सीट से मजबूत कैंडिडेट हैं। सावित्री जिंदल को जैन समाज की ओर से मनाए जाने वाले ज्ञान शाला दिवस पर आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर सुबह 8 बजे ज्ञान शाला रैली निकाली और बच्चों ने नाटिका कर प्रस्तुति दी। हिसार के तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या शासन श्री साध्वी प्रेमलता के सानिध्य में पूरा कार्यक्रम आयोजित हुआ। जैन समाज ने सावित्री जिंदल से की बात, मंत्री से 2 दिन बाद करेंगे वहीं, जैन समाज के चौक पर अभी तक आचार्य तुलसी का बोर्ड नहीं लगा है। इससे जैन समाज में नाराजगी है। उनका कहना है कि उन्हें 2 दिन का समय दिया गया है। अगर 2 दिन में समाधान नहीं हुआ तो वह मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से मिलेंगे। श्री श्री जैन तेरापंथी सभा के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि हिसार बस स्टैंड पर श्री श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ के 9वें आचार्य तुलसी महाराज के चौक के बोर्ड को फिर से लगाने पर प्रशासन सहमत हो गया था। प्रशासन का कहना है कि 2 दिन के अंदर 2 बोर्ड यहां लग जाएंगे। अगर बोर्ड नहीं लगता है और यदि हमारी संतुष्टि के अनुसार काम नहीं हुआ तो समाज के लोग मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से भी मिलेंगे। इस विषय पर पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल से भी बात हो चुकी है। उनका कहना है कि प्रशासन अगर समाधान नहीं करता है तो दूसरे विकल्पों पर जाएंगे। BJP मंत्री ने चौक पर बनवा दिया था लाल किले का मॉडल
बता दें कि हिसार में जैन धर्म गुरु आचार्य तुलसी चौक पर लाल किले का मॉडल बनाए जाने से समाज के लोग BJP मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से नाराज हो गए थे। समाज के लोगों का कहना था कि यह चौक 20 साल पहले आचार्य तुलसी के नाम पर बनाया गया था, जिन्होंने समाज को नई राह दिखाई। अब उनकी स्मृतियों को मिटाने का प्रयास किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि चौक की हालत पहले खराब थी। इसे नया आकार दिया गया है। इसका नाम नहीं बदला गया है और न ही इस चौक पर किसी तरह की कोई प्रतिमा हटाई गई है। हमने चौक की देखरेख की है। आज भी चौक को आचार्य तुलसी के नाम से ही जाना जाता है। हिसार में 46 लाख रुपए से बनाए थे 3 मॉडल
हिसार में मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की तरफ से 46 लाख रुपए के सौंदर्यीकरण के 3 कार्यों का 26 जुलाई को उद्घाटन किया गया था। डॉ. कमल गुप्ता ने तुलसी चौक पर लगभग 20 लाख रुपए की लागत से बने लाल किले के प्रतिरूप और लक्ष्मीबाई चौक के समीप 17 लाख रुपए की लागत से बने चंद्रयान के प्रतिरूप और सेक्टर 9-11 दिल्ली रोड से एंट्री पॉइंट पर लगभग 9 लाख रुपए की लागत से बने इंडिया गेट के प्रतिरूप का उद्घाटन किया था। कौन थे आचार्य तुलसी
आचार्य तुलसी जैन धर्म के श्वेतांबर तेरापंथ के 9वें आचार्य थे। वह अणुव्रत और जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रवर्तक हैं। वह 100 से भी अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। देश के पहले शिक्षा मंत्री डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक “लिविंग विद पर्पज” में उन्हें विश्व के 15 महान लोगों में शामिल किया था। उन्हें भारत के पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरि ने 1971 में एक कार्यक्रम में “युग-प्रधान” की उपाधि से विभूषित किया। उन्होंने आचार्य महाप्रज्ञ एवं साध्वी कनकप्रभा का विकास करने में महत्वपूर्ण कार्य किया था। हिसार में दोनों नेताओं की दावेदारी मजबूत क्यों? कमल गुप्ता लगातार 2 चुनाव जीते, सावित्री जिंदल को भी हराया
कमल गुप्ता 2 बार हिसार सीट से चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2014 के बाद 2019 में भी लगातार चुनाव जीता। खास बात यह है कि 2014 में तो कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को ही हराया था। उस समय सावित्री ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। चूंकि, गुप्ता सरकार में मंत्री हैं और सावित्री जिंदल को भी हरा चुके हैं, इसलिए वह मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। सावित्री जिंदल हिसार से 2 बार चुनाव जीत चुकीं, मंत्री भी रहीं
हिसार सीट पर सावित्री जिंदल का भी रसूख अच्छा है। वह 2 बार हिसार से चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने 2005 में जीता था। तब उप-चुनाव जीतकर वह भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई वाली हरियाणा सरकार में शामिल हुई थीं। 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2013 में भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था। गुप्ता-जिंदल परिवार में तनातनी के 3 उदाहरण 1. तिरंगा यात्रा में मंत्री ने सावित्री जिंदल का इंतजार नहीं किया
हाल ही में भाजपा की ओर से प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली गई। हिसार विधानसभा में डॉ. कमल गुप्ता ने यात्रा की अगुआई की। इस यात्रा में सावित्री जिंदल देरी से पहुंचीं। जिंदल के आने से पहले ही कमल गुप्ता यात्रा लेकर आगे निकल पड़े। पूर्व मंत्री ने तिरंगा हाथ में लिया। फिर वह कुछ देर रुक कर वहां से नाराजगी जाहिर करते हुए निकल गईं। 2. मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध किया
हिसार के बस स्टैंड के शिफ्टिंग को लेकर भी दोनों में मतभेद नजर आए। कमल गुप्ता बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते थे। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। बस स्टैंड शिफ्टिंग का व्यापारियों ने विरोध किया। सावित्री जिंदल की घर पर व्यापारियों की मीटिंग भी हुई। इसके बाद कमल गुप्ता नाराज हो गए और उन्हें प्रोजेक्ट टालना पड़ा। 3. एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे
दोनों नेताओं के समर्थक एक दूसरे के कार्यक्रमों में एक-दूसरे को निमंत्रण नहीं भेज रहे। ऐसे पार्षद और नेता जो सावित्री जिंदल के समर्थक थे और अब कमल गुप्ता के साथ हैं। वह गुप्ता से दूरी बनाए हुए हैं। कमल गुप्ता के समर्थक भी सावित्री जिंदल के कार्यक्रमों से दूरी बनाकर चल रहे हैं। दोनों नेता भी एक-दूसरे को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं कर रहे।
हरियाणा में बसपा-ASP ने बिगाड़ा गणित:दलित वोट बंटे तो BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान, इनेलो और जजपा से गठबंधन किया
हरियाणा में बसपा-ASP ने बिगाड़ा गणित:दलित वोट बंटे तो BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान, इनेलो और जजपा से गठबंधन किया हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) ने गणित बिगाड़ दिया है। बसपा ने इनेलो तो ASP ने जेजेपी से हाथ मिलाया है। ऐसे में दलित वोटर किस ओर जाएंगे, इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। हरियाणा में करीब 21 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। इस बार दलित बोट के बंटने के पूरे चांस हैं। ऐसे में दलित वोट बंटने से BJP से ज्यादा कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में दलित वोट कांग्रेस को गए थे। कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। इस बार के विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक काफी महत्वपूर्ण हो गया है। खासकर ऐसे समय में जब कांग्रेस संविधान और आरक्षण को बीजेपी से खतरा बता रही है। ये दोनों ही मुद्दे दलितों के काफी करीब माने जाते हैं। अब इसी वोट बैंक पर इनेलो और जजपा की नजर है। इसी वजह से दोनों पार्टियों ने दलितों की पार्टी मानी जाने वाली बसपा और ASP से हाथ मिलाया है। इस समझौते के तहत जेजेपी 90 में से 70 और ASP 20 सीटों पर पर चुनाव लड़ेगी। वहीं इनेलो और बसपा के समझौते में इनेलो 90 में से 53 और 37 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। 2019 में ऐसा रहा था इनेलो और बसपा का प्रदर्शन
पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो ने प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केवल एक सीट ऐलनाबाद ही जीत पाई थी। उसकी 81 में से 78 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई सीट नहीं जीत पाई थी। 87 में से 82 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। बसपा ने इस चुनाव में 4.14 फीसदी वोट हासिल किए थे। जेजेपी ने जीती थी 10 सीटें
वहीं जेजेपी ने 87 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। जेजेपी को 14.84 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में भाजपा ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ये गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनी थी। इसके बाद दोनों पार्टियों ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ा। जिसमें दोनों पार्टियों को नुकसान हुआ। भाजपा 5 सीटें ही जीत पाई, वहीं जेजेपी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। यही नहीं पार्टी किसी भी विधानसभा सीट पर जीत तक दर्ज नहीं कर पाई थी। लोकसभा चुनाव में बसपा और जेजेपी का प्रदर्शन
जननायक जनता पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 4.9 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि बसपा को 3.65 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं इनेलो के खाते में केवल 1.9 प्रतिशत वोट गए थे। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 58.21 प्रतिशत वोट हासिल किए थे जबकि कांग्रेस को 28.51 प्रतिशत वोट मिले थे। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में इनेलो-बसपा उम्मीदवारों की घोषणा:पहली लिस्ट में 4 कैंडिडेट; 2 दिन पहले JJP छोड़कर आए नेता को टिकट हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन ने मंगलवार को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा कर दी। इस लिस्ट में 4 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इसमें यमुनानगर जिला की जगाधरी सीट से दर्शन लाल खेड़ा, करनाल जिला की असंध सीट से गोपाल सिंह राणा, अंबाला जिला की नारायणगढ़ सीट से हरबिलास सिंह और महेंद्रगढ़ जिला की अटेली सीट से ठाकुर अत्तर लाल को मैदान में उतारा है। (पूरी खबर पढ़ें)