पलवल में होडल-नूंह हाईवे पर सौंदहद गांव के पास कार ने बाइक को टक्कर मार दी। इसके बाद कार पलट गई, जिसमें बाइक सवार, कार में सवार दो बच्चों, एक महिला सहित 5 घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से सभी की हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। पुलिस ने बाइक चालक के भतीजे की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मुंडकटी थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार, सौंध गांव निवासी राहुल ने दी शिकायत में कहा है कि वह अपनी बाइक पर और चाचा मोनू अपनी बाइक पर अपनी पत्नी दिलसान व दो बच्चों मन्नत व माहिरा के साथ होडल बाजार से कपड़े खरीदने के लिए जा रहे थे। होडल से कपड़े खरीद के बाद वह अपनी-अपनी बाइकों पर वापस अपने गांव सौंध लौट रहे थे। लेकिन जब उनकी बाइक होडल-नूंह हाईवे पर गणेश वाटिका सौंद के पास पहुंची तो सामने से आई एक कार ने कार लापरवाही से उसके चाचा की बाइक में सामने से सीधी टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद कार भी बेकाबू होकर पलट गई। इसमें उसके चाचा मोनू, चाची दिलसान, बच्चे मन्नत व माहिरा के अलावा कार में सवार एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत उपचार के लिए होडल सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनकी हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जिनका पलवल के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पलवल में होडल-नूंह हाईवे पर सौंदहद गांव के पास कार ने बाइक को टक्कर मार दी। इसके बाद कार पलट गई, जिसमें बाइक सवार, कार में सवार दो बच्चों, एक महिला सहित 5 घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से सभी की हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। पुलिस ने बाइक चालक के भतीजे की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मुंडकटी थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार, सौंध गांव निवासी राहुल ने दी शिकायत में कहा है कि वह अपनी बाइक पर और चाचा मोनू अपनी बाइक पर अपनी पत्नी दिलसान व दो बच्चों मन्नत व माहिरा के साथ होडल बाजार से कपड़े खरीदने के लिए जा रहे थे। होडल से कपड़े खरीद के बाद वह अपनी-अपनी बाइकों पर वापस अपने गांव सौंध लौट रहे थे। लेकिन जब उनकी बाइक होडल-नूंह हाईवे पर गणेश वाटिका सौंद के पास पहुंची तो सामने से आई एक कार ने कार लापरवाही से उसके चाचा की बाइक में सामने से सीधी टक्कर मार दी। टक्कर मारने के बाद कार भी बेकाबू होकर पलट गई। इसमें उसके चाचा मोनू, चाची दिलसान, बच्चे मन्नत व माहिरा के अलावा कार में सवार एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत उपचार के लिए होडल सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उनकी हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जिनका पलवल के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बवानीखेड़ा में रात को फसल अवशेषों में भीषण आग:आंधी-तूफान से 50 एकड़ तक फैली लपटें; किसानों ने कड़ी मशक्कत से किया कंट्रोल हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा कस्बा में आंधी तूफान के बीच किसानों के फसलों के अवशेषों में भीषण आग लग गई। किसानों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जब तब आग न बुझी, किसान व ग्रामीण परेशान रहे कि कहीं आग रिहायशी क्षेत्र में न पहुंच जाए। गनीमत रही कि आग गांव से दूर खेतों में लगी थी। जानकारी के अनुसार बीती रात को बवानी खेड़ा में खेड़ी रोड़ पर स्थित किसानों के खेतों में अचानक आग लग गई। किसान धर्मेन्द्र, अंकित, अजीत, अमित, मेयर, कृष्ण, ओमकुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी रिहायश खेतों में बना रखी है।आंधी-तूफान के कारण उनके खेतों में 40 से 50 एकड़ में खड़े फसल अवशेषों में आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि वह लगातार फैलती ही जा रही थी। उन्होंने कहा कि यदि वे खेत में बनाए घरों में नहीं होते तो उनके सारे फसल अवशेष जलकर राख हो जाते। वहां सभी किसानों ने स्वयं टयूबलों के सहारे व टैंकरों की व्यवस्था करके आग पर पानी डालकर इस पर काबू पाया। हालांकि जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन किसानों का काफी नुकसान हो गया। आग को फैलने से रोकने के लिए किसान कड़ी मशक्कत करते दिखे।
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हरियाणा के 1.20 लाख कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी पर संकट:ऑर्डिनेंस बनने से पहले आचार संहिता लागू; 2 वजहें जिससे अफसर भी ऑर्डर जारी नहीं कर पाएंगे हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही प्रदेश के 1.20 लाख कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा पर संकट मंडराने लगा है। सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और संस्थाओं में 5 साल से अधिक समय से कार्यरत 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। इसकी अधिसूचना 14 अगस्त को जारी कर दी गई। अगले दिन 15 अगस्त की छुट्टी थी और 16 अगस्त की शाम को आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। इस वजह से अब 1.20 लाख कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी मिलने में पेंच फंस गया है। इन 2 करणों से फंसा पेंच जॉब सिक्योरिटी फंसने के 2 कारण बताए जा रहे हैं। पहला कारण है कि अध्यादेश को कैसे लागू किया जाना था, उसको लेकर निर्देश जारी होने थे। ये अभी जारी नहीं हुए और अब अगर जारी करने होंगे तो पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से अनुमति लेनी होगी। इतनी जल्दी यह अनुमति मिलना मुश्किल होता है। दूसरा कारण यह है, कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सामान्य तौर पर संबंधित अफसर इस तरह के आदेश जारी करने से बचते हैं। उन्हें पता होता है कि इस तरह के मामलों में कंट्रोवर्सी तैयार हो जाती है। एक्सटेंशन लेक्सर्च की भी जॉब सिक्योरिटी लटकी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी कॉलेजों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को जॉब सिक्योरिटी देने का जो अध्यादेश 17 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाना था , अब वह भी नहीं लाया जा सकेगा । इसलिए उनके लिए कोई एक्ट नहीं बन पाएगा। चूंकि एक्सटेंशन लेक्चरर्स के लिए एक्ट नहीं बन पाएगा तो यूनिवर्सिटीज में कार्यरत सहायक प्रोफेसरों को भी कोई भी जॉब सिक्योरिटी नहीं मिल पाएगी। हड़ताल पर चल रहे NHM के कर्मचारियों को भी अब कोई राहत सरकार नहीं दे पाएगी। हुड्डा ने 2014 में बनाई थी रेगुलराइजेशन पॉलिसी साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने जून, 2014 में रेगुलराइजेशन पॉलिसीज जारी कर दी थी, ताकि समय रहते संबंधित अफसर संबंधित पात्र कर्मचारियों को रेगुलर करने का आदेश पारित कर दें। इसके बावजूद कुछ विभागों के अधिकारियों ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने की तिथि तक भी आदेश जारी नहीं किए थे। जिस कारण काफी संख्या में अस्थावी कर्मचारी रेगुलर होने से रह गए थे। आज तक वे अस्थायी ही चल रहे हैं।
पानीपत शराब फैक्ट्री पर 60 लाख का जुर्माना:ड्रेन में अवैध रूप से कचरा डाल प्रदूषित किया, किसानों के खेत भी प्रभावित हुए
पानीपत शराब फैक्ट्री पर 60 लाख का जुर्माना:ड्रेन में अवैध रूप से कचरा डाल प्रदूषित किया, किसानों के खेत भी प्रभावित हुए हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के चुलकाना गांव में स्थित एक शराब फैक्ट्री के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की है। फैक्ट्री के बगल में नाले में अनुपचारित अपशिष्ट डालकर प्रदूषण फैलाने और किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में फैक्ट्री पर कुल 60 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है। यूनिट ने 6 अगस्त को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को अंतरिम पर्यावरण मुआवजे के तौर पर 27 लाख रुपये पहले ही जमा करा दिए थे। एनजीटी ने एचएसपीसीबी को शराब फैक्ट्री पर 33.6 लाख रुपये का अतिरिक्त पर्यावरण मुआवजा लगाने और उससे इसकी वसूली करने का निर्देश दिया है। साथ ही 27 लाख रुपये में से 5 लाख रुपये चुलकाना गांव के किसान शिकायतकर्ता को देने का भी निर्देश दिया है। पर्यावरण अदालत ने एचएसपीसीबी को क्षेत्र में पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए 22 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करने का निर्देश दिया है। किसान ने की थी शिकायत चुलकाना गांव के किसान रमेश कुमार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में शिकायत दर्ज कराई थी कि अनुपचारित अपशिष्ट के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। रमेश ने हरियाणा ऑर्गेनिक्स लिमिटेड, समालखा में शराब बनाने वाली इकाई द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट, रसायन और गैसों के बारे में एचएसपीसीबी और एनजीटी से शिकायत की थी, जिससे उनकी फसलें नष्ट हो रही हैं और उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिकायत के बाद एनजीटी ने फरवरी में एक संयुक्त समिति गठित की थी। इसे इकाई की तथ्यात्मक ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता, पानीपत एसडीएम और एचएसपीसीबी क्षेत्रीय अधिकारी की संयुक्त समिति ने 14 मार्च को इकाई का निरीक्षण किया और 28 मई को एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। संयुक्त टीम की जांच में पाई खामियां एनजीटी ने शराब निर्माण इकाई से एकत्र नमूनों की रिपोर्ट के आधार पर दिए गए सुझावों का अनुपालन करने का निर्देश दिया। संयुक्त टीम ने जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी) और कुल घुलित ठोस (टीडीएस) को अनुमेय सीमाओं से अधिक पाया। इसके अलावा, आईआईटी, दिल्ली की एक टीम ने भी इकाई का दौरा किया और तीसरे पक्ष के रूप में 4 जुलाई को निरीक्षण किया। बाद में, इकाई द्वारा सुझावों के अनुपालन को सत्यापित करने के लिए अगस्त के अंत में एचएसपीसीबी द्वारा इकाई का निरीक्षण किया गया।