‘धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा में कहीं दंगा-फसाद न हो जाए’:बरेली में मौलाना शाहबुद्दीन बोले-वह हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलते रहे, यह यात्रा नफरत भरी होगी

‘धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा में कहीं दंगा-फसाद न हो जाए’:बरेली में मौलाना शाहबुद्दीन बोले-वह हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलते रहे, यह यात्रा नफरत भरी होगी

‘बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यात्रा नफरत भरी यात्रा होगी। इसमें हमारे देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का नारा दिया जाएगा। बाबा जी की 160 किमी लंबी यात्रा है, मुझे आशंका है कि कहीं दंगा फसाद न हो जाए। क्योंकि वह हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलते रहे, मुसलमानों को धमकी देते रहे। देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का ऐलान करते रहे।’ यह बयान गुरुवार को बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दिया। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने संस्थान में मुसलमानों को हिंदू बनाया है। यह तादाद 100 से अधिक है। कई मौकों पर उन्होंने मुसलमानों को धमकी भी दी है। उन्होंने कहा- उनकी जो शख्सियत है, वो विवादित है। इसलिए उनकी यात्रा में हमे शंका है कि सांप्रदायिक रुख अख्तियार न कर ले। चूंकि यह देश जम्हूरी निजाम के तहत चलने वाला है। ये मजहबी मामलों से नहीं चल सकता। हमारा देश न तो मुस्लिम राष्ट्र हो सकता है और न ही हिंदू राष्ट्र हो सकता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा- मैं हुकूमत से कहना चाहता हूं कि जहां-जहां से यह यात्रा गुजरे, वहां व्यवस्था चाक चौबंद हो। सिक्योरिटी ज्यादा बेहतर ये होगा कि उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। मुस्लिम महिलाएं फैशन वाले हिजाब से बचें
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिम महिलाओं को फैशनेबल बुर्के से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा-आजकल बाजार में उपलब्ध नकाब ऐसे आ रहे हैं किसी पर “माशा अल्लाह” किसी पर खुद उस लड़की का नाम लिखा हुआ होता है। किसी पर इतना उभरा हुआ नक़्श निगार (बेल-बूटे) होता है, जिसकी वजह से मर्द और भी ज़्यादा औरतों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं जो कि पर्दे के मकसद के बिल्कुल खिलाफ है। ऐसा पर्दा करना गुनाह है। इसलिए हम मुस्लिम महिलाओं से गुज़ारिश करते हैं कि इस तरह के नकाब और हिजाब से बचें, उसका इस्तेमाल न करें। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, इस्लाम ने महिलाओं को बहुत बड़ा मुकाम और हैसियत दी है, महिलाओं को घरों की जन्नत बताया है और पर्दा करने का हुक्म दिया है। उन्होंने कहा शौहरों को शरीयत ने ये आदेश दिया है कि वो अपनी बीबी के साथ अच्छे व्यवहार के साथ पेश आएं। ‘माशाअल्लाह’ शब्द लिखा पर्दा इस्लाम में जायज नहीं मौलाना ने कहा- आज कल मार्केट में हिजाब को एक फैशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। हिजाब बनाने वाली कम्पनियां लोक लुभावने अंदाज में लिबास तैयार कर रही है, उनका तो काम सिर्फ पैसा कमाना है। अभी मार्केट में एक ऐसा हिजाब आया है जिसके ऊपर माशाअल्लाह शब्द लिखा हुआ है। इस तरह का पर्दा इस्लाम में जायज नहीं है, क्योंकि औरतों के लिए पर्दा इसलिए होता है कि मर्दों का ध्यान उनकी तरफ़ आकर्षित न हो, उनकी निगाह न पड़े। मौलाना ने आगे कहा हिजाब बनाने वाली कंपनियां भी इस बात का ध्यान रखें कि महिलाओं की सादगी बरकरार रहे, और महिलाओं को भी इस बात का ध्यान रखना होगा, कि ऐसे हिजाब का इस्तेमाल करें, जिससे उनकी सादगी और पाकीजगी बनी रहे। अब पढ़िए कि यात्रा को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने क्या-कुछ कहा… धीरेंद्र शास्त्री बोले- हिंदू जात-पात का भेद खत्म करें
मध्य प्रदेश में पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा को लेकर कहा कि देश का हिंदू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जातिगत भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है। इस पदयात्रा का मकसद हिंदुओं को जगा कर भारत को सामर्थ्यवान बनाना है। यही जागृत हिंदू समाज हिंदू राष्ट्र का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि हमें तलवारों के बल पर नहीं, बल्कि विचारों के जरिए सभी सनातनियों में बदलाव लाना है। अलग-अलग पंथों में बंटे सनातन हिंदुओं को कट्टर हिंदू बनाने के लिए यह एकता यात्रा निकाली जा रही है। हम मिशन और विजन लेकर चल रहे हैं। सब हिंदू जात-पात का भेद खत्म करें, यही यात्रा का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी कई सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं। लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पंजीयन कराया है। जबकि इससे कई गुना ज्यादा लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में शामिल हो सकते हैं। अब धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा की रूट समझिए… 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू होगी यात्रा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली जाने वाली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। 158 किलोमीटर लंबी पदयात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हो रही है। जो 29 नवंबर को ओरछा धाम पहुंचेगी। यात्रा का उद्देश्य भारत में जात-पात, ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर सनातन हिंदू एक है की भावना को जागृत करना है। पहले दिन बागेश्वर धाम से रवाना होकर पदयात्रा 15 किलोमीटर चलेगी और कदारी में रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद दूसरे दिन 17 किलोमीटर का सफर तय करके पेप्टेक टाउन छतरपुर में विश्राम करेगी। तीसरे दिन 21 किलोमीटर का सफर तय कर नौगांव के शांति कॉलेज में रात्रि विश्राम करेगी। ओरछा धाम से भी गुजरेगी यात्रा
वहां से 22 किलोमीटर का सफर तय कर देवरी रेस्ट हाउस पहुंची। रात्रि विश्राम के बाद पांचवें दिन 22 किलोमीटर का सफर तय कर भदरवारा होते हुए मऊरानीपुर पहुंची। यहां ग्रामोदय में रात्रि विश्राम रहेगा। अगले दिन सुबह यहां से पदयात्रा रवाना होगी और 17 किलोमीटर का सफर तय करके घुघसी पहुंचेगी। फिर 17 किलोमीटर का सफर तय कर निवाड़ी और 28 नवंबर को 15.5 किलोमीटर का सफर तय कर ओरछा तिगैला पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम होगा। अगले दिन यात्रा ओरछा धाम पहुंचेगी। संत भी शामिल होंगे यात्रा में
पदयात्रा में साधु संत शामिल होंगे, जबकि देशभर के लोग भी शिरकत करेंगे। अंचल अड़जरिया ने बताया कि 9 दिन की यात्रा के दौरान लगभग 24 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। 9 दिवसीय सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा में 8 रात्रि विश्राम पड़ाव होगें व यात्रा 158 किलोमीटर की रहेगी। ——– धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के MP से हाल पढ़िए… हनुमान चालीसा पाठ हुआ, भगवा ध्वज के साथ बढ़ रहे; 9 दिन में करेंगे 160 किमी का सफर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा की शुरू हो गई है। यात्रा की शुरुआत बागेश्वर धाम से गुरुवार सुबह 11.15 बजे हुई। धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा में शामिल हुए लोगों को अभिवादन किया। पढ़िए पूरी खबर… ‘बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यात्रा नफरत भरी यात्रा होगी। इसमें हमारे देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का नारा दिया जाएगा। बाबा जी की 160 किमी लंबी यात्रा है, मुझे आशंका है कि कहीं दंगा फसाद न हो जाए। क्योंकि वह हमेशा मुसलमानों के खिलाफ बोलते रहे, मुसलमानों को धमकी देते रहे। देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का ऐलान करते रहे।’ यह बयान गुरुवार को बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दिया। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने संस्थान में मुसलमानों को हिंदू बनाया है। यह तादाद 100 से अधिक है। कई मौकों पर उन्होंने मुसलमानों को धमकी भी दी है। उन्होंने कहा- उनकी जो शख्सियत है, वो विवादित है। इसलिए उनकी यात्रा में हमे शंका है कि सांप्रदायिक रुख अख्तियार न कर ले। चूंकि यह देश जम्हूरी निजाम के तहत चलने वाला है। ये मजहबी मामलों से नहीं चल सकता। हमारा देश न तो मुस्लिम राष्ट्र हो सकता है और न ही हिंदू राष्ट्र हो सकता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा- मैं हुकूमत से कहना चाहता हूं कि जहां-जहां से यह यात्रा गुजरे, वहां व्यवस्था चाक चौबंद हो। सिक्योरिटी ज्यादा बेहतर ये होगा कि उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। मुस्लिम महिलाएं फैशन वाले हिजाब से बचें
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिम महिलाओं को फैशनेबल बुर्के से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा-आजकल बाजार में उपलब्ध नकाब ऐसे आ रहे हैं किसी पर “माशा अल्लाह” किसी पर खुद उस लड़की का नाम लिखा हुआ होता है। किसी पर इतना उभरा हुआ नक़्श निगार (बेल-बूटे) होता है, जिसकी वजह से मर्द और भी ज़्यादा औरतों की तरफ आकर्षित हो जाते हैं जो कि पर्दे के मकसद के बिल्कुल खिलाफ है। ऐसा पर्दा करना गुनाह है। इसलिए हम मुस्लिम महिलाओं से गुज़ारिश करते हैं कि इस तरह के नकाब और हिजाब से बचें, उसका इस्तेमाल न करें। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, इस्लाम ने महिलाओं को बहुत बड़ा मुकाम और हैसियत दी है, महिलाओं को घरों की जन्नत बताया है और पर्दा करने का हुक्म दिया है। उन्होंने कहा शौहरों को शरीयत ने ये आदेश दिया है कि वो अपनी बीबी के साथ अच्छे व्यवहार के साथ पेश आएं। ‘माशाअल्लाह’ शब्द लिखा पर्दा इस्लाम में जायज नहीं मौलाना ने कहा- आज कल मार्केट में हिजाब को एक फैशन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। हिजाब बनाने वाली कम्पनियां लोक लुभावने अंदाज में लिबास तैयार कर रही है, उनका तो काम सिर्फ पैसा कमाना है। अभी मार्केट में एक ऐसा हिजाब आया है जिसके ऊपर माशाअल्लाह शब्द लिखा हुआ है। इस तरह का पर्दा इस्लाम में जायज नहीं है, क्योंकि औरतों के लिए पर्दा इसलिए होता है कि मर्दों का ध्यान उनकी तरफ़ आकर्षित न हो, उनकी निगाह न पड़े। मौलाना ने आगे कहा हिजाब बनाने वाली कंपनियां भी इस बात का ध्यान रखें कि महिलाओं की सादगी बरकरार रहे, और महिलाओं को भी इस बात का ध्यान रखना होगा, कि ऐसे हिजाब का इस्तेमाल करें, जिससे उनकी सादगी और पाकीजगी बनी रहे। अब पढ़िए कि यात्रा को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने क्या-कुछ कहा… धीरेंद्र शास्त्री बोले- हिंदू जात-पात का भेद खत्म करें
मध्य प्रदेश में पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा को लेकर कहा कि देश का हिंदू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जातिगत भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है। इस पदयात्रा का मकसद हिंदुओं को जगा कर भारत को सामर्थ्यवान बनाना है। यही जागृत हिंदू समाज हिंदू राष्ट्र का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि हमें तलवारों के बल पर नहीं, बल्कि विचारों के जरिए सभी सनातनियों में बदलाव लाना है। अलग-अलग पंथों में बंटे सनातन हिंदुओं को कट्टर हिंदू बनाने के लिए यह एकता यात्रा निकाली जा रही है। हम मिशन और विजन लेकर चल रहे हैं। सब हिंदू जात-पात का भेद खत्म करें, यही यात्रा का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी कई सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं। लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पंजीयन कराया है। जबकि इससे कई गुना ज्यादा लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में शामिल हो सकते हैं। अब धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा की रूट समझिए… 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू होगी यात्रा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली जाने वाली सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी हैं। 158 किलोमीटर लंबी पदयात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हो रही है। जो 29 नवंबर को ओरछा धाम पहुंचेगी। यात्रा का उद्देश्य भारत में जात-पात, ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाकर सनातन हिंदू एक है की भावना को जागृत करना है। पहले दिन बागेश्वर धाम से रवाना होकर पदयात्रा 15 किलोमीटर चलेगी और कदारी में रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद दूसरे दिन 17 किलोमीटर का सफर तय करके पेप्टेक टाउन छतरपुर में विश्राम करेगी। तीसरे दिन 21 किलोमीटर का सफर तय कर नौगांव के शांति कॉलेज में रात्रि विश्राम करेगी। ओरछा धाम से भी गुजरेगी यात्रा
वहां से 22 किलोमीटर का सफर तय कर देवरी रेस्ट हाउस पहुंची। रात्रि विश्राम के बाद पांचवें दिन 22 किलोमीटर का सफर तय कर भदरवारा होते हुए मऊरानीपुर पहुंची। यहां ग्रामोदय में रात्रि विश्राम रहेगा। अगले दिन सुबह यहां से पदयात्रा रवाना होगी और 17 किलोमीटर का सफर तय करके घुघसी पहुंचेगी। फिर 17 किलोमीटर का सफर तय कर निवाड़ी और 28 नवंबर को 15.5 किलोमीटर का सफर तय कर ओरछा तिगैला पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम होगा। अगले दिन यात्रा ओरछा धाम पहुंचेगी। संत भी शामिल होंगे यात्रा में
पदयात्रा में साधु संत शामिल होंगे, जबकि देशभर के लोग भी शिरकत करेंगे। अंचल अड़जरिया ने बताया कि 9 दिन की यात्रा के दौरान लगभग 24 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। 9 दिवसीय सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा में 8 रात्रि विश्राम पड़ाव होगें व यात्रा 158 किलोमीटर की रहेगी। ——– धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के MP से हाल पढ़िए… हनुमान चालीसा पाठ हुआ, भगवा ध्वज के साथ बढ़ रहे; 9 दिन में करेंगे 160 किमी का सफर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा की शुरू हो गई है। यात्रा की शुरुआत बागेश्वर धाम से गुरुवार सुबह 11.15 बजे हुई। धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा में शामिल हुए लोगों को अभिवादन किया। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर