हरियाणा में करनाल की सेतिया राइस मिल में एक दर्दनाक हादसे में ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई। ट्रक ड्राइवर किसी दूसरे ट्रक में बैठकर मिल में आया था। पार्किंग में ट्रक लगाया गया, जैसे ही ड्राइवर उतरा तो सीट पर बैठे दूसरे चालक ने लापरवाही से ट्रक चला दिया और ट्रक का पहिया ड्राइवर पर चढ़ गया। पोस्टमॉर्टम के शव बाद परिजनों को सौंप दिया है। मृतक की पहचान कैथल जिला के सिरटा निवासी अमित के रूप में हुई है। अमित ट्रक ड्राइवर का काम करता था। कुरूक्षेत्र के कलसा निवासी मृतक के ससुर बलविंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 20 नवंबर को अमित व उसका साथी राजकुमार के साथ समाना पंजाब से चावल लोड करके चमन लाल सेतिया मील करनाल में आया था। अमित ने साहपुर गोदाम में ट्रक खडा कर दिया था और गाडी के पास अपने साथी ड्राइवर राजकुमार को छोड़कर दूसरी गाड़ी में बैठकर चमन लाल सेतिया मील में आ रहा था। ट्रक से उतरने के दौरान हुआ हादसा शिकायतकर्ता ने बताया कि ट्रक ड्राइवर ने अपनी गाड़ी को राईस मील के गेट से एंट्री करके गाड़ी को पार्किंग में लाकर खड़ा कर दिया। जब अमित गाड़ी से नीचे उतरने लगा तो गाडी चालक ने लापरवाही से गाड़ी को चला दिया और अमित गाड़ी के टायर के नीचे आ गया। गंभीर अवस्था में उसे करनाल के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच कर रही पुलिस घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर मॉर्च्युरी हाउस करनाल में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच अधिकारी गुरतेज ने बताया कि ट्रक के टायर के नीचे आने से दूसरे ट्रक ड्राइवर की मौत हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा में करनाल की सेतिया राइस मिल में एक दर्दनाक हादसे में ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई। ट्रक ड्राइवर किसी दूसरे ट्रक में बैठकर मिल में आया था। पार्किंग में ट्रक लगाया गया, जैसे ही ड्राइवर उतरा तो सीट पर बैठे दूसरे चालक ने लापरवाही से ट्रक चला दिया और ट्रक का पहिया ड्राइवर पर चढ़ गया। पोस्टमॉर्टम के शव बाद परिजनों को सौंप दिया है। मृतक की पहचान कैथल जिला के सिरटा निवासी अमित के रूप में हुई है। अमित ट्रक ड्राइवर का काम करता था। कुरूक्षेत्र के कलसा निवासी मृतक के ससुर बलविंद्र सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 20 नवंबर को अमित व उसका साथी राजकुमार के साथ समाना पंजाब से चावल लोड करके चमन लाल सेतिया मील करनाल में आया था। अमित ने साहपुर गोदाम में ट्रक खडा कर दिया था और गाडी के पास अपने साथी ड्राइवर राजकुमार को छोड़कर दूसरी गाड़ी में बैठकर चमन लाल सेतिया मील में आ रहा था। ट्रक से उतरने के दौरान हुआ हादसा शिकायतकर्ता ने बताया कि ट्रक ड्राइवर ने अपनी गाड़ी को राईस मील के गेट से एंट्री करके गाड़ी को पार्किंग में लाकर खड़ा कर दिया। जब अमित गाड़ी से नीचे उतरने लगा तो गाडी चालक ने लापरवाही से गाड़ी को चला दिया और अमित गाड़ी के टायर के नीचे आ गया। गंभीर अवस्था में उसे करनाल के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच कर रही पुलिस घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर मॉर्च्युरी हाउस करनाल में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच अधिकारी गुरतेज ने बताया कि ट्रक के टायर के नीचे आने से दूसरे ट्रक ड्राइवर की मौत हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दादरी में शब्बीर खान हत्याकांड में नया खुलासा:जब्त किया मांस गो मांस नहीं था, सरकारी लैब ने दी रिपोर्ट
दादरी में शब्बीर खान हत्याकांड में नया खुलासा:जब्त किया मांस गो मांस नहीं था, सरकारी लैब ने दी रिपोर्ट हरियाणा के दादरी के बाढ़डा कस्बे में 27 अगस्त को हुई पश्चिमी बंगाल के मुस्लिम युवक शब्बीर खान हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस द्वारा जब्त किया गया मांस गौ मांस नहीं पाया गया गया। जिसको लेकर सरकारी लैब द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है। वहीं गोरक्षकों ने गौ मांस पकाने के आरोप में कचरा बिनने वाले शब्बीर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। रिपोर्ट में संरक्षित पशु का मांस नहीं बता दें कि करीब दो माह पहले गो मांस होने के अंदेशे पर चरखी दादरी के हंसावास खुर्द की झुग्गियों से लिए नमूने की सरकारी लैब द्वारा रिपोर्ट जारी कर दी गई है। लैब से बाढड़ा पुलिस को मिली रिपोर्ट में इसे संरक्षित पशु का मांस नहीं बताया गया। जिसकी पुष्टि थाना प्रभारी तेजपाल सोनी द्वारा की गई है। हंसावास खुर्द के पास मिला था शव मामले में 27 अगस्त को बाढड़ा में पश्चिम बंगाल निवासी युवक साबिर मलिक की हत्या की गई थी। उसका शव हंसावास खुर्द के समीप बरामद हुआ था। हालांकि मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्यारोपियों को काबू किया था। इसके अलावा हंसावास खुर्द के समीप बनी प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों के बर्तनों से बरामद मांस के नमूने लेने के लिए भी एक टीम पहुंची थी। 9 आरोपियों को भेजा जा चुका जेल वहीं साबिर मलिक हत्याकांड में दादरी पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। वहीं आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इतना ही नहीं आरोपियों की गिरफ्तारी फुटेज व वीडियो की जांच के बाद की गई थी। जेएनयू टीम ने की थी जानकारी हासिल मामले को लेकर जेएनयू छात्र संघ व कम्युनिस्ट प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 15 सितंबर को तीन घंटे तक कस्बे व साथ लगते गांव हंसावास खुर्द की झुग्गियों का दौरा कर 27 अगस्त के प्रकरण की जानकारी हासिल की थी। जेएनयू टीम ने निरीक्षण के दौरान हत्याकांड की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की थी। झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं : एसएचओ इस संबंध में बाढड़ा एसएचओ तेजपाल सोनी ने बताया कि 27 अगस्त को बाढड़ा व हंसावास में संरक्षित पशु का मांस का सेवन करने के अंदेशे पर प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया था। जिसमें एक श्रमिक की मौत हो गई थी। पुलिस ने 9 आरोपियों को काबू किया था। वहीं फरीदाबाद लैब से नमूने की रिपोर्ट आ चुकी है। जिसमें झुग्गियों से बरामद मांस संरक्षित पशु का नहीं है।
हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को चुनाव न लड़ाने पर घमासान:सैलजा बोलीं- मैं तो इलेक्शन लड़ूंगी, प्रभारी ने कहा था-MP पैनल में शामिल नहीं होंगे
हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को चुनाव न लड़ाने पर घमासान:सैलजा बोलीं- मैं तो इलेक्शन लड़ूंगी, प्रभारी ने कहा था-MP पैनल में शामिल नहीं होंगे हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को विधानसभा चुनाव में न उतारने के फैसले के बाद घमासान मच गया है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा दीपक बाबरिया का बयान अधूरा है। उन्होंने कहा है कि कोई सांसद चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन यदि कोई लड़ना चाहता है तो हाईकमान से अनुमति ले। मैं कांग्रेस की अनुशासित सिपाही हूं। हाईकमान के आदेश पर ही मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा था और अब हाईकमान की अनुमति से विधानसभा चुनाव भी जरूर लडूंगी। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए मजबूत होकर जनता के हक के लिए लड़ाई लडूंगी। वहीं, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि वह पहले ही कह चुके हैं कि हाईकमान जो तय करेगा, उसके अनुसार फैसला लेंगे। दरअसल, बीते कल कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कांग्रेस ने सैद्धांतिक फैसला लिया है कि किसी भी लोकसभा व राज्यसभा सांसद को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा। सांसद विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी किसी सांसद का नाम टिकट के लिए नहीं रखा जाएगा। इसके बाद भी कोई सांसद चुनाव लड़ने की जिद करता है तो उसे पार्टी अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी। वैसे कांग्रेस अपने सैद्धांतिक फैसलों से हटती नहीं है। सैलजा ने दलित CM बनने की दावेदारी पेश की थी
हरियाणा चुनाव के बीच 3 दिन पहले सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोक दिया था। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ”लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्त्वाकांक्षा होती है, मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।” सैलजा ने बयान दिया था, कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी। CM फेस को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी जारी
कांग्रेस में CM फेस को लेकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच लगातार कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। गुटबाजी के कारण ही कांग्रेस के हरियाणा में 10 साल सत्ता से बाहर है। 2014 में कांग्रेस 15 और 2019 में 31 सीटें ही जीत पाई थी। 2014 में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई तो 2019 में JJP के साथ गठबंधन कर सरकार बना कांग्रेस को झटका दे दिया। सैलजा का विधानसभा पर ही फोकस था सैलजा का
हरियाणा में हुड्डा की ही तरह कुमारी सैलजा भी खुद को CM कैंडिडेट प्रोजेक्ट करने की कोशिश में लगी हुई हैं। बताया जाता है कि वह लोकसभा चुनाव न लड़कर विधानसभा चुनाव पर ही फोकस करना चाहती थीं, लेकिन आलाकमान ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया। सैलजा हरियाणा में पार्टी का दलित चेहरा हैं। इनके राज्य के करीब 11 फीसदी वोटर 9 विधानसभा सीटों पर सीधा-सीधा असर डालते हैं। साथ ही वह महिला चेहरा भी हैं। ऐसे में राज्य की महिला वोटर्स का भी समर्थन उन्हें मिल सकता है। कुमारी सैलजा सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं और उनके पिता चौधरी दलवीर सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल दोनों में से किसी एक गुट का न तो समर्थन किया है, न ही किसी एक चेहरे पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भी हुड्डा और सैलजा ने अलग-अलग यात्राएं निकाली थीं। बावजूद इसके कांग्रेस इन दोनों नेताओं के बीच के विवाद को नहीं सुलझा पाई, या ये कहें कि पार्टी इस विवाद को सुलझाना ही नहीं चाहती।
हरियाणा चुनाव तारीख़ बदलने पर फ़ैसला नहीं:आयोग का BJP को झटका; पहले कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी चर्चा होगी
हरियाणा चुनाव तारीख़ बदलने पर फ़ैसला नहीं:आयोग का BJP को झटका; पहले कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी चर्चा होगी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव की मांग ने जोर पकड़ लिया है, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले राज्य के अन्य दलों से भी राय लेने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही वह इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों से भी चर्चा करेगा। विधानसभा चुनाव की तिथि में बदलाव की इस मांग ने उस समय जोर पकड़ लिया, जब भाजपा ने मतदान की तिथि से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के समक्ष बदलाव की मांग रखी। भाजपा का तर्क था कि लंबी छुट्टियों के कारण लोग घूमने जा सकते हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत कम हो सकता है। इनेलो ने भी इसका समर्थन किया। आयोग सभी दलों की सहमति होने पर ही कार्यक्रम में बदलाव पर आगे बढ़ेगा। सूत्रों की मानें तो आयोग भी इन दलों से सहमत है, लेकिन वह इस मुद्दे पर राज्य के अन्य दलों की राय भी जानना चाहता है। अगर सभी दल इस पर सहमत होते हैं, तो बदलाव किया जा सकता है। जहां तक कम मतदान का सवाल है, तो इसका असर सभी दलों पर पड़ेगा। भाजपा, इनेलो और बिश्नोई महासभा की तारीख बदलने की मांग 1. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली
25 अक्टूबर को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा था। जिसमें उन्होंने लिखा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली ने लेटर में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है। 2. INLD के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लेटर में लिखा कि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख/दिन को एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए। 3. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव की तारीख बदलने के लिए लेटर लिखा। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में कांग्रेस-जेजेपी 1. हरियाणा कांग्रेस बोली- BJP को हार का डर
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। इसलिए भाजपा छुट्टियों का बहाना बनाकर चुनाव टालना चाहती है, जबकि सच यह है कि हरियाणा की जनता ने भाजपा की छुट्टी करने का फैसला कर लिया है। 2. दुष्यंत चौटाला ने कहा- भाजपा का जनाधार गिरा
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंची। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही। उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि मतदान की तारीख घोषित करने के बाद बीजेपी के इस पत्र पर आयोग विचार करेगा। बिश्नोई समाज का 11 विधानसभा क्षेत्रों में असर
बिश्नोई समाज की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिलों में बिश्नोई बाहुल्य गांव हैं। इनका असर करीब 11 विधानसभा क्षेत्रों में है। जिनमें करीब डेढ़ लाख वोट हैं। इसमें आदमपुर, उकलाना, नलवा, हिसार, बरवाला, फतेहाबाद, टोहाना, सिरसा, डबवाली, ऐलनाबाद, लोहारू विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।