हिमाचल में किन्नौर जिला के रिकांगपिओ सब्जी मोहल्ला में एक व्यक्ति का शव पाया गया। व्यक्ति का शव उसके कमरे में ही मिला है। रिकांगपिओ थाना के तहत प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली कि मृत व्यक्ति करीब 20 वर्षों से पत्थर तोड़ने का काम करता था। जिसका स्थायी पता के बारे में कोई भी दस्तावेज व पहचान पत्र नहीं मिला है। स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर मृतक व्यक्ति का नाम हिरा लाल मण्डी निवासी उम्र करीब 60 वर्ष, कद 5 फुट 7 ईंच, सामान्य शरीर व जिसने हरे रंग का स्वैटर व काले रंग का पजामा पहना है। पुलिस ने उक्त व्यक्ति की शव को पहचान के लिए क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ के शव गृह में रखवा दिया है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक एस ने कहा कि कोई व्यक्ति उपरोक्त मृतक व्यक्ति को पहचानता हो तो क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में शव की पहचान कर सकते हैं या पुलिस थाना रिकांगपिओ के नंबर 01786-222210 पर संपर्क कर सकते हैं। हिमाचल में किन्नौर जिला के रिकांगपिओ सब्जी मोहल्ला में एक व्यक्ति का शव पाया गया। व्यक्ति का शव उसके कमरे में ही मिला है। रिकांगपिओ थाना के तहत प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली कि मृत व्यक्ति करीब 20 वर्षों से पत्थर तोड़ने का काम करता था। जिसका स्थायी पता के बारे में कोई भी दस्तावेज व पहचान पत्र नहीं मिला है। स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर मृतक व्यक्ति का नाम हिरा लाल मण्डी निवासी उम्र करीब 60 वर्ष, कद 5 फुट 7 ईंच, सामान्य शरीर व जिसने हरे रंग का स्वैटर व काले रंग का पजामा पहना है। पुलिस ने उक्त व्यक्ति की शव को पहचान के लिए क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ के शव गृह में रखवा दिया है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक एस ने कहा कि कोई व्यक्ति उपरोक्त मृतक व्यक्ति को पहचानता हो तो क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में शव की पहचान कर सकते हैं या पुलिस थाना रिकांगपिओ के नंबर 01786-222210 पर संपर्क कर सकते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में हीट-वेव का येलो अलर्ट:ऊना का पारा 45 डिग्री पहुंचा; 9 शहरों का तापमान 40 पार; एक जून को बारिश के आसार हिमाचल प्रदेश के पहाड़ भी अब गर्मी से पसीना-पसीना होने लगे हैं। राज्य के 9 शहरों का पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है। इससे खासकर मैदानी इलाकों में हाल बेहाल हो गए है। आज भी चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिले को छोड़कर अन्य सभी 9 जिलों में हीट का येलो अलर्ट है। ऊना का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यही हाल हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सिरमौर और सोलन जिला के निचले इलाकों में भी है। प्रदेश के कई शहरों का तापमान तो नॉर्मल से 7 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। हमीरपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 6.8 डिग्री का उछाल आया है। इसी तरह मंडी में 6.7 डिग्री, शिमला 4.6 डिग्री, सुंदरनगर 5.6 डिग्री, भुंतर 5.4 डिग्री, कल्पा 4.1 डिग्री, ऊना 5.9 डिग्री और नाहन का तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री अधिक हो गया है। एक जून को पूरे प्रदेश में बारिश के आसार थोड़ी राहत की बात यह है कि आज से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, WD सक्रिय होने से आज अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। अगले कल यानी 30 व 31 मई को अधिक ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में भी बारिश हो सकती है। हिमाचल में एक जून को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। ऐसे में बारिश होने पर ही तपते पहाड़ों पर ठंडक लौट सकती है। मौसम विभाग की एडवाइजरी मौसम विभाग ने हीट वेव की चेतावनी को देखते हुए स्थानीय लोगों सहित पहाड़ों पर घूमने आ रहे पर्यटकों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी है। हीट स्ट्रोक / लू लगने से बचाव के लिए सावधानी बरतें क्या करें: क्या न करें गर्मी लगने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय
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लाहौल स्पीति में घेपांग घाट झील का किया मुआयना:आपदा प्रबंधन को सौंपी जाएगी एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट, ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ा दायरा लाहौल स्पीति जिले के डीसी राहुल कुमार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की टीम ने घेपांग घाट ग्लेशियर झील लाहौल का मुआयना किया। डीसी राहुल कुमार ने बताया कि सैटेलाइट इमेजेज के आधार पर घेपांग घाट ग्लेशियर झील का ग्लोबल वार्मिंग से दायरा बढ़ने का दावा किया गया है। जिस कारण इस झील के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका जाहिर की गई है। डीसी लाहुल स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग लेक एक्सीपिडीशन में भू-गर्भ और ग्लेशियर पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने तीन दिवसीय दौरा किया। लिहाजा किसी आपदा से पहले आपदा रोकथाम को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने यह पहल की है और संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने को कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। टीम ने कई पहलुओं पर की स्टडी एक्सपीडिशन के दौरान टीम के द्वारा घेपांग झील से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्टडी की गई। जिसमें मुख्य रूप से झील की गहराई, बेरियर स्ट्रेंथ, मोरेन-डेम हाइट एंड बिडथ, झील में जल स्तर, क्षेत्र की जूलॉजिकल स्थिति, भू-स्खलन और एवलांच की संभावना जैसे करीब 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच की गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपेंगे रिपोर्ट डीसी राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग झील की बारीकी से निरीक्षण के बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। ताकि समय रहते किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए धरातल पर ठोस कदम उठाया जा सके। 24 से 26 तक अध्ययन किया डीसी ने यह भी बताया कि विशेषज्ञों की टीम ने 24 से 26 जुलाई तक घेपांग लेक में जांच की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने सभी हिमालयी राज्यों में स्थित संभावित जल ग्रहण क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की पहल की है। लिहाजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की कवायद शुरू की गई है। प्राधिकरण ने 4 विषयों पर काम शुरू किया हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 4 बुनियादी विषयों पर काम करना शुरू किया है। जैसे लीड वाई (एलटीए) उपकरण की पहचान करना और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और हिमानी झील को प्राथमिकता देना, सभी उच्च जोखिम का आकलन करने के लिए क्षेत्र अभियान चलाना और हिमनदों की निगरानी में राज्यों को उनके समर्थन को सुव्यवस्थित करने में और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भागीदारी सुनिश्चित करना है। बढ़ रहा है झील का आकार राहुल कुमार ने यह भी बताया कि घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है। लिहाज़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के सामने वाले क्षेत्र और मोराइन पर भी ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 25 सदस्यों की रैकी दल को सहायक आयुक्त संकल्प गौतम और डीएफओ अनिकेत वानवे की टीम ने बैकअप दिया। इस अभियान में विभिन्न एजेंसियों के सदस्य भी शामिल रहे।