<p>महाराष्ट्र में ओवैसी की AIMIM ने खोला खात, महज 84 वोटों के अंतर से जीते मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल </p>
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<p> </p> महाराष्ट्र महाकुंभ: काम करने वाले सफाईकर्मियों और नाविकों को सौगात, सीएम योगी देंगे 2 लाख का बीमा
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हरियाणा के पुलिस अफसरों को नहीं मिलेगा वीरता पुरस्कार:हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने दिया जवाब, नामों की सिफारिश करने में हुई देरी
हरियाणा के पुलिस अफसरों को नहीं मिलेगा वीरता पुरस्कार:हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने दिया जवाब, नामों की सिफारिश करने में हुई देरी फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे पंजाब के किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले जिन तीन IPS और तीन (HPS) अधिकारियों के नामों की सिफारिश हरियाणा सरकार ने वीरता पुरस्कार के लिए की थी। केंद्र सरकार ने उन नामों को खारिज कर दिया है। यह जानकारी केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आज शुक्रवार को दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि उक्त् नामों की सिफारिश देरी से की गई थी। ऐसे में उक्त लोगों को पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। वहीं, हाईकोर्ट ने इसी जानकारी को आधार बनाकर याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे दायर हुई थी याचिका इस मामले में लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नाम के वकीलों के गैर सरकारी संगठन के प्रधान आरएस बस्सी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी तरफ से अदालत में हरियाणा सरकार की दो जुलाई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी। अधिसूचना के तहत 6 पुलिस अधिकारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक की केंद्र को हरियाणा सरकार ने सिफारिश भेजी है। याचिका में जिन तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम की सिफारिश की थी। उनमें आईजी शिबास कविराज, करनाल के पूर्व एसपी जश्नदीप रंधावा और जींद के एसपी सुमित कुमार का नाम शामिल था। इसके अलावा राज्य पुलिस सेवा के तीन DSP नरेंद्र कुमार, राम कुमार व अमित बतरा का नाम शामिल था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन सभी ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए भारी बल प्रयोग किया था। इन अफसरों के नामों पर पंजाब को था ऐतराज जैसे ही इन अफसरों को पुरस्कार देने की सिफारिश हुई थी। उसका पंजाब में जबरदस्त विरोध हुआ था। किसानों से लेकर सभी राजनेताओं ने इसका विरोध किया था । इसके बाद पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में कहा था कि जो नाम हरियाणा पुलिस ने वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाए। क्योंकि इन अफसरों ने शंभू बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा सरहद पर बने हालातों को ध्यान में रखा जाए।
लखनऊ में कम सैलरी दी तो नौकर ने की चोरी:रिटा. ज्वाइंट डायरेक्टर के घर से उठा ले गया 11 लाख के गहने, सिक्योरिटी मैनेजर के खिलाफ FIR
लखनऊ में कम सैलरी दी तो नौकर ने की चोरी:रिटा. ज्वाइंट डायरेक्टर के घर से उठा ले गया 11 लाख के गहने, सिक्योरिटी मैनेजर के खिलाफ FIR लखनऊ के हजरतगंज इलाके में रहने वाले रिटायर ज्वाइंट डायरेक्टर चिकित्सा एंव स्वास्थ्य के घर में पिछले दिनों चोरी हो गई। उन्होंने घर की सुरक्षा में लगी सिक्योरिटी कंपनी के मैनेजर समेत तीन लोगों पर चोरी का आरोप लगाया है। हजरतगंज थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। घर से सामान गायब होने पर की पड़ताल
हजरतगंज लाप्लास कॉलोनी निवासी डॉ. हेमेन्द्र अग्रवाल ज्वाइंट डायरेक्टर चिकित्सा एंव स्वास्थ्य के पद से सेवानिवृत्त हैं। डॉ. हेमेन्द्र के मुताबिक एक अगस्त को उनके घर से 11 लाख रुपए कीमत के सोने चांदी के जेवर अचानक गायब हो गए। जब जांच पड़ताल की तो सामने आया कि इसमें घर में काम करने वाले गुडंबा निवासी रिंकू अवस्थी का हाथ है। कम वेतन देने के कारण की चोरी
रिंकू को रखवाने वाली सिक्योरिटी कंपनी के मैनेजर डालीगंज निवासी सैफ और कर्मचारी पूनम से इस विषय में बात की। इस पर पहले कुछ बोले नहीं और बाद में कहा कि आप उसको कम वेतन देते हैं, इसलिए वह सामान चुरा ले गया। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज हजरतगंज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक तहरीर के आधार पर नौकर, सिक्योरिटी गार्ड कंपनी के मैनेजर और कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Kota: मौत के कितनी देर बाद तक कर सकते हैं अंगदान? एक्सपर्ट ने किए हैरान करने वाले खुलासे
Kota: मौत के कितनी देर बाद तक कर सकते हैं अंगदान? एक्सपर्ट ने किए हैरान करने वाले खुलासे <p style=”text-align: justify;”><strong>Kota News Today:</strong> कोटा में अंगदान जागरुकता को लेकर बड़े स्तर पर प्रयास शुरू किया गया है. खासकर कोचिंग स्टूडेंट्स को जागरूक किया जा रहा है, जिससे वह अपने प्रोफेशन के साथ ही कोटा को छोड़कर जहां भी रहेंगे अंगदान की जागरूकता बढ़ावा देंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी सिलसिले में कोटा के एक कोचिंग में अंगदान जागरूकता को लेकर मोटिवेशन सेशन हुआ. इस कार्यक्रम में कोटा के जाने माने चिकित्सकों ने स्टूडेंट्स को अंगदान को लेकर जागरूक किया. चिकित्सकों का कहना है कि अंगदान एक तरह का जीवनदान है.</p>
<p style=”text-align: justify;”> इसको लेकर भारत में जागरूकता की कमी है. अगर अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है, तो दुनिया से जाने वाला हर एक व्यक्ति अपने पीछे कई लोगों को जिंदगी देकर जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऑर्गन फैल्योर से होती है 5 लाख की मौत</strong><br />कोटा मेडिकल कॉलेज की ओर से अंगदान जागरूकता अभियान के तहत दक्ष-2 कैंपस में मेडिकल प्रवेश परीक्षा- नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स में जागरूक अभियान चलाया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी यूनिट के अधीक्षक और यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि देश में हर साल 5 लाख व्यक्तियों की मौत ऑर्गन फेल्योर के कारण होती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि इसके अलावा डेढ़ लाख से अधिक व्यक्तियों की मौत दुर्घटनाओं में होती है, जबकि सिर्फ 52 हजार ही अंग मौजूद हैं. अगर अंगदान होता है तो हजारों लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्पेन में होते हैं सर्वाधिक अंगदान </strong><br />कोटा शहर में नेत्रदान और रक्तदान को लेकर बेहतरीन कार्य हो रहा है, यहां तत्काल लोगों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इतना समृद्ध इतिहास होने के बावजूद आज दुनिया में स्पेन में सर्वाधिक अंगदान होते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अंगदान करने के मामले में भारत सबसे अंतिम देशों में शामिल है. यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलेश जैन ने कहा कि हमें जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों के जीवन को बचाने का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’खराब अंग के रिप्लेस से मिलता है नया जीवन'</strong><br />डॉ. विकास खंडेलिया ने बताया कि आज विज्ञान इस हद तक विकसित हो चुका है कि जरूरत पड़ने पर एक व्यक्ति का एक अंग खराब होने पर उसे रिप्लेस किया जा सकता है. जिससे उसे जीवनदान मिल जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. खंडेलिया ने कहा कि जीवित और मृत दोनों व्यक्ति अंगदान कर सकते हैं. जरूरत के मुताबिक, जीवित व्यक्ति अपनी किडनी और लीवर का कुछ हिस्सा दान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि हार्ट, लिवर, किडनी, पैंक्रियाज और आंखों का कॉर्निया मरने के कुछ घंटे बाद तक जिंदा रहते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जिस इसी दौरान दौरान ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. सभी स्टूडेंट्स समाज से जुड़े हुए हैं. अपने मित्रों, परिजनों को इस बारे में बताएं, जिससे लोग रक्तदान की तरह ही अंगदान करके किसी का जीवन बचाने के लिए आगे आएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’डोनर के परिजनों की सहमति अहम'</strong><br />डॉ. दिलीप माहेश्वरी ने बताया कि ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान किए जा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले डोनर का कुछ मेडिकल टेस्ट कर कंपैटिबिलिटी चेक की जाती है. सभी टेस्ट के रिजल्ट अनुकूल आने के बाद डॉक्टर अपना प्रोसेस शुरू करते हैं और डोनर की बॉडी से वह हिस्सा रिमूव कर के रिसीवर में ट्रांसप्लांट किया जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बारे में डॉ. दिलीप माहेश्वरी ने आगे बताया कि हालांकि, इसको लेकर डोनर के परिजनों की सहमति बहुत अहम होती है. अंगदान के बाद पूरे सम्मान के साथ डोनर की बॉडी उसके परिजनों को वापस सौंप दी जाती है.<br /> <br /><strong>ऑर्गन डोनेशन की क्या है प्रक्रिया?</strong><br />कोई भी शख्स ‘ऑर्गन डोनेशन कार्ड’ भरकर अंगदान के लिए खुद को रजिस्टर कर सकता है. यह कार्ड अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध होते हैं. इसके अलावा, सरकार के जरिये कई वेबसाइट बनाई गई हैं, जिसके जरिए आप ऑर्गन डोनेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑगेर्नाइजेशन की वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हिंदू लड़के की मौत के बाद मुस्लिम समाज ने नहीं निकाला ताजिया, कहा- ‘अंतिम संस्कार के बाद…'” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/bhilwara-road-accident-hindu-youth-death-muslim-community-did-not-take-out-tajiya-juloos-ann-2739770″ target=”_blank” rel=”noopener”>हिंदू लड़के की मौत के बाद मुस्लिम समाज ने नहीं निकाला ताजिया, कहा- ‘अंतिम संस्कार के बाद…'</a></strong></p>