गिद्दड़बाहा उपचुनाव में मनप्रीत बादल ने अपनी हार स्वीकार करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो डाली है। तकरीबन साढ़े तीन मिनट की वीडियो में उन्होंने गिद्दड़बाहा के लोगों का उन्हें वोट देने के लिए धन्यवाद किया। इतना ही नहीं, उन्होंने डिंपी ढिल्लों को जीत की शुभकामनाएं भी दी हैं। इसके साथ ही अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को अहंकारी बताते हुए तंज भी कसे हैं। वीडियो के माध्यम से मनप्रीत ने कहा कि दो महीने का समय गिद्दड़बाहा के चुनावी मैदान में उन्हें पुराने संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए पर्याप्त नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद गिद्दड़बाहा की जनता से जीवनभर जुड़ा रहना है और 2027 में भाजपा की सरकार बनाने का संकल्प लिया। मनप्रीत ने इस चुनावी मुकाबले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों से कड़ी टक्कर का सामना किया। उन्होंने कांग्रेस की अमृता वड़िंग और AAP के हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को भी बधाई दी और उम्मीद जताई कि डिंपी अपने क्षेत्र के लोगों से किए वादों को पूरा करेंगे। राजा वड़िंग पर साधा निशाना मनप्रीत ने विशेष रूप से राजा वड़िंग पर निशाना साधा, जो गिद्दड़बाहा के विधायक रहे थे और उनकी पत्नी अमृता इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार थीं। मनप्रीत का आरोप था कि वड़िंग ने बयानों के जरिए अपनी राजनीति चमकाई, लेकिन गिद्दड़बाहा के लोगों के लिए कुछ ठोस काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि वड़िंग ने केवल अपनी संपत्ति बनाई और कोई वास्तविक योगदान नहीं दिया। पढ़ें मनप्रीत बादल के बोल- मनप्रीत बादल बोले- जिन्होंने मेरा साथ दिया, मैं उनका धन्यवाद करता हूं। नतीजे हमारे सोच के अनुसार नहीं थे। जीत हार मर्द के गहने होते हैं। परमात्मा ने जब भी जीत या इज्जत दी है, तो सिर झुकता गया है। जब भी हार हुई है, तो मैं सिर ऊंचा करता हूं और अपनी कमियों की तलाश करता हूं। मैं अगले दो महीनों में मनप्रीत की कमियों नाकाबियों को दूर करूंगा। मेरे सबसे पहले बोल डिंपी ढिल्लों के लिए हैं और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। 70 हजार व्यक्तियों का फैसला गलत नहीं हो सकता। मैं अपने छोटे भाई को नसीहत देना चाहूंगा कि इस जीत को इनाम मत समझ लेना। इसे परीक्षा समझे और परमात्मा आपको इस परीक्षा में पास करें। जो वादे गिद्दड़बाहा के साथ किए हैं, ढाई साल में 28 साल का रिकॉर्ड तोड़ना है।
वड़िंग जितनी दौलत हर गरीब के पास हो- मनप्रीत मनप्रीत बादल ने कहा कि राजावड़िंग की दौलत उसे हार से नहीं बचा सकी। जब से राजा वड़िंग एमएलए बने, उनके दो ही बयान हलके में गूंज रहे हैं। एक मैं गरीब परिवार से हूं और दूसरा मैं यतीम हूं। काश जितनी दौलत राजावड़िंग के पास है, वे पंजाब के हर गरीब के पास हो। उन्होंने हमेशा बादल परिवार की सियासत की निंदा की है। लेकिन जब अपनी टिकट की बारी आई तो अपने ही घर में रखनी मुनासिब समझी। दूसरे की विरासत हमेशा गलत लगती है, जबकि अपनी विरासत सही लगती है। लोगों ने उन्हें कहा था कि इस बार वे उन्हें वोट नहीं डाल सकते, लेकिन 2027 में उन्हें ही वोट डालेंगे क्योंकि हमने राजावड़िंग के अहंकार को तोड़ना है, और उनके गर्दन के किल्ले को तोड़ना है। मैंने चुनावों के दौरान भी कहा था और अब भी कहता हूं कि मनप्रीत बादल की जितनी भी बकाया उम्र है, वे गिद्दड़बाहा के हलके की सेवा में प्रयोग करूंगा। जिन्होंने उन्हें वोट नहीं डाली, वे भी उनके दफ्तर में आएं, उन्हें कोई भी काम हैं कहें। उनके बजुर्गों ने ही उन्हें पहले भी जताया है। ये सोच कर उनके ऑफिस में आना बंद ना करना कि इस बार मनप्रीत को वोट नहीं डाली। राजा वड़िंग अकाली दल पर निकाल चुके गुस्सा वहीं, बीते दिन अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपनी पत्नी अमृता वड़िंग की हार का गुस्सा अकाली दल के चुनाव ना लड़ने पर निकाला था। उन्होंने कहा था कि शिअद के समर्थकों ने आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों का समर्थन किया था। हालांकि कांग्रेस का वोट बैंक पक्का है। 2022 में गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक में कांग्रेस को जितने वोट पड़े थे वो अब भी कायम हैं। शिअद के समर्थकों के कारण आप को जीत मिली है। गिद्दड़बाहा उपचुनाव में मनप्रीत बादल ने अपनी हार स्वीकार करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो डाली है। तकरीबन साढ़े तीन मिनट की वीडियो में उन्होंने गिद्दड़बाहा के लोगों का उन्हें वोट देने के लिए धन्यवाद किया। इतना ही नहीं, उन्होंने डिंपी ढिल्लों को जीत की शुभकामनाएं भी दी हैं। इसके साथ ही अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को अहंकारी बताते हुए तंज भी कसे हैं। वीडियो के माध्यम से मनप्रीत ने कहा कि दो महीने का समय गिद्दड़बाहा के चुनावी मैदान में उन्हें पुराने संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए पर्याप्त नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मकसद गिद्दड़बाहा की जनता से जीवनभर जुड़ा रहना है और 2027 में भाजपा की सरकार बनाने का संकल्प लिया। मनप्रीत ने इस चुनावी मुकाबले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों से कड़ी टक्कर का सामना किया। उन्होंने कांग्रेस की अमृता वड़िंग और AAP के हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को भी बधाई दी और उम्मीद जताई कि डिंपी अपने क्षेत्र के लोगों से किए वादों को पूरा करेंगे। राजा वड़िंग पर साधा निशाना मनप्रीत ने विशेष रूप से राजा वड़िंग पर निशाना साधा, जो गिद्दड़बाहा के विधायक रहे थे और उनकी पत्नी अमृता इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार थीं। मनप्रीत का आरोप था कि वड़िंग ने बयानों के जरिए अपनी राजनीति चमकाई, लेकिन गिद्दड़बाहा के लोगों के लिए कुछ ठोस काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि वड़िंग ने केवल अपनी संपत्ति बनाई और कोई वास्तविक योगदान नहीं दिया। पढ़ें मनप्रीत बादल के बोल- मनप्रीत बादल बोले- जिन्होंने मेरा साथ दिया, मैं उनका धन्यवाद करता हूं। नतीजे हमारे सोच के अनुसार नहीं थे। जीत हार मर्द के गहने होते हैं। परमात्मा ने जब भी जीत या इज्जत दी है, तो सिर झुकता गया है। जब भी हार हुई है, तो मैं सिर ऊंचा करता हूं और अपनी कमियों की तलाश करता हूं। मैं अगले दो महीनों में मनप्रीत की कमियों नाकाबियों को दूर करूंगा। मेरे सबसे पहले बोल डिंपी ढिल्लों के लिए हैं और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। 70 हजार व्यक्तियों का फैसला गलत नहीं हो सकता। मैं अपने छोटे भाई को नसीहत देना चाहूंगा कि इस जीत को इनाम मत समझ लेना। इसे परीक्षा समझे और परमात्मा आपको इस परीक्षा में पास करें। जो वादे गिद्दड़बाहा के साथ किए हैं, ढाई साल में 28 साल का रिकॉर्ड तोड़ना है।
वड़िंग जितनी दौलत हर गरीब के पास हो- मनप्रीत मनप्रीत बादल ने कहा कि राजावड़िंग की दौलत उसे हार से नहीं बचा सकी। जब से राजा वड़िंग एमएलए बने, उनके दो ही बयान हलके में गूंज रहे हैं। एक मैं गरीब परिवार से हूं और दूसरा मैं यतीम हूं। काश जितनी दौलत राजावड़िंग के पास है, वे पंजाब के हर गरीब के पास हो। उन्होंने हमेशा बादल परिवार की सियासत की निंदा की है। लेकिन जब अपनी टिकट की बारी आई तो अपने ही घर में रखनी मुनासिब समझी। दूसरे की विरासत हमेशा गलत लगती है, जबकि अपनी विरासत सही लगती है। लोगों ने उन्हें कहा था कि इस बार वे उन्हें वोट नहीं डाल सकते, लेकिन 2027 में उन्हें ही वोट डालेंगे क्योंकि हमने राजावड़िंग के अहंकार को तोड़ना है, और उनके गर्दन के किल्ले को तोड़ना है। मैंने चुनावों के दौरान भी कहा था और अब भी कहता हूं कि मनप्रीत बादल की जितनी भी बकाया उम्र है, वे गिद्दड़बाहा के हलके की सेवा में प्रयोग करूंगा। जिन्होंने उन्हें वोट नहीं डाली, वे भी उनके दफ्तर में आएं, उन्हें कोई भी काम हैं कहें। उनके बजुर्गों ने ही उन्हें पहले भी जताया है। ये सोच कर उनके ऑफिस में आना बंद ना करना कि इस बार मनप्रीत को वोट नहीं डाली। राजा वड़िंग अकाली दल पर निकाल चुके गुस्सा वहीं, बीते दिन अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपनी पत्नी अमृता वड़िंग की हार का गुस्सा अकाली दल के चुनाव ना लड़ने पर निकाला था। उन्होंने कहा था कि शिअद के समर्थकों ने आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों का समर्थन किया था। हालांकि कांग्रेस का वोट बैंक पक्का है। 2022 में गिद्दड़बाहा और डेरा बाबा नानक में कांग्रेस को जितने वोट पड़े थे वो अब भी कायम हैं। शिअद के समर्थकों के कारण आप को जीत मिली है। पंजाब | दैनिक भास्कर