सोनीपत में डिजीटल अरेस्ट कर 1.78 करोड़ हड़पे:मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट भेजा; 2 दिन होटल में रहे पति-पत्नी

सोनीपत में डिजीटल अरेस्ट कर 1.78 करोड़ हड़पे:मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट भेजा; 2 दिन होटल में रहे पति-पत्नी

हरियाणा के सोनीपत में एक व्यक्ति को डिजीटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने उससे 1 करोड़ 78 लाख 55 हजार रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए। उसे बताया गया कि उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। उसे वॉट्सऐप पर अरेस्ट वारंट भेजा गया। दो दिन उसे पत्नी के साथ एक होटल में रुकने को बोला गया। साथ ही कहा गया कि वह अपने मोबाइल का कैमरा ऑन रखें। पुलिस ने अब वारदात को लेकर साइबर थाना सोनीपत में केस दर्ज कर लिया है। सोनीपत के मॉडल टाउन में रहने वाले विनोद चौधरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 6 नवंबर को उसके मोबाइल पर एक नंबर से कॉल आया। फिर कुछ देर बाद दोबारा से कॉल आई। दूसरी तरफ से उसे कहा गया कि आपका नाम अशोक गुप्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस में (Case No 2212186) में दर्ज है। आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट हैं। फिर उसके पास मोबाइल के व्हाट्सएप पर एफआईआर DL1045_1024 की डिटेल्स आई। अरेस्ट वारंट की कॉपी भी भेजी गई। वॉट्सऐप पर मिला गिरफ्तारी वारंट उसने बताया कि उस समय वह किसी रिश्तेदार की मौत के कारण फरीदाबाद में था। तब उसने कहा कि में 11 नवंबर को सोनीपत आउंगा। इसके बाद 12 नवंबर को दोबारा मोबाइल कॉल आई और उसे अरेस्ट वारंट भेजा गया। फोन करने वाले ने धमका कर उससे मेरी और मेरी फैमिली की बैंक डिटेल्स मांगी। फिर 13 नवंबर को उससे उसकी पूरे दिन की पूरी दिनचर्या का विवरण मांगा गया। उसने ये जानकारी उसे लिखित में भेज दी। 6 दिन तक भेजते रहे खातों में रुपए विनोद के अनुसार, 14 से 20 नवंबर तक उसने उनके कहे अनुसार कई बैंक खातों में 1,78,55,000 रुपए RTGS के द्वारा ट्रांसफर किए। उसने बताया कि इसके अलावा दूसरा नंबर जो कि उसकी पत्नी के पास था, उस पर 16 नवंबर के बाद वॉट्सऐप कॉल आने शुरू हो गए। उससे आरटीजीएस ट्रांसफर की डिटेल्स मांगी गई। फिर 17 नवंबर को सिक्योरिटी कारणों के लिए अपना घर छोड़ कर किसी होटल में रहने के लिए कहा गया। होटल में रहने को बोला, मोबाइल कैमरा रखा ऑन उसने बताया कि इसके बाद वह 17 नवंबर को पत्नी के साथ मामा भांजा चौक सोनीपत के पास एक होटल में रुके। 18 नवंबर की रात तक उसे होटल में ही रहने को कहा गया। उसी दौरान हमसे RTGS ट्रांसफर की डिटेल मंगाई गई। उसने बताया कि 12 नवंबर से आज की तारीख तक उनके पास लगातार कॉल आ रहीं हैं। उनको लाइव कैमरे पर रहने को कहा जा रहा है। पहले भी उनको ऑनलाइन रखा गया। फर्जी पुलिस थी, बाद में चला पता विनोद ने बताया कि अब उनको पता चला कि फर्जी पुलिस कर्मचारी बनकर व फर्जी कागजातों के आधार पर खुलवाए गए खातों में धोखा धड़ी के तहत उससे कुल 1,78,55,000 रुपए ठग लिए हैं। उन्होंने साइबर सैल को इसकी जानकारी दी। साइबर थाना सोनीपत के ASI कुमार के अनुसार, पुलिस ने विनोद चौधरी की शिकायत पर धारा 308(5), 319, 318(4), 338, 336(3), 340, 61, 351(2) BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा मामले में गहनता से छानबीन की जा रही है। हरियाणा के सोनीपत में एक व्यक्ति को डिजीटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने उससे 1 करोड़ 78 लाख 55 हजार रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए। उसे बताया गया कि उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है। उसे वॉट्सऐप पर अरेस्ट वारंट भेजा गया। दो दिन उसे पत्नी के साथ एक होटल में रुकने को बोला गया। साथ ही कहा गया कि वह अपने मोबाइल का कैमरा ऑन रखें। पुलिस ने अब वारदात को लेकर साइबर थाना सोनीपत में केस दर्ज कर लिया है। सोनीपत के मॉडल टाउन में रहने वाले विनोद चौधरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 6 नवंबर को उसके मोबाइल पर एक नंबर से कॉल आया। फिर कुछ देर बाद दोबारा से कॉल आई। दूसरी तरफ से उसे कहा गया कि आपका नाम अशोक गुप्ता मनी लॉन्ड्रिंग केस में (Case No 2212186) में दर्ज है। आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट हैं। फिर उसके पास मोबाइल के व्हाट्सएप पर एफआईआर DL1045_1024 की डिटेल्स आई। अरेस्ट वारंट की कॉपी भी भेजी गई। वॉट्सऐप पर मिला गिरफ्तारी वारंट उसने बताया कि उस समय वह किसी रिश्तेदार की मौत के कारण फरीदाबाद में था। तब उसने कहा कि में 11 नवंबर को सोनीपत आउंगा। इसके बाद 12 नवंबर को दोबारा मोबाइल कॉल आई और उसे अरेस्ट वारंट भेजा गया। फोन करने वाले ने धमका कर उससे मेरी और मेरी फैमिली की बैंक डिटेल्स मांगी। फिर 13 नवंबर को उससे उसकी पूरे दिन की पूरी दिनचर्या का विवरण मांगा गया। उसने ये जानकारी उसे लिखित में भेज दी। 6 दिन तक भेजते रहे खातों में रुपए विनोद के अनुसार, 14 से 20 नवंबर तक उसने उनके कहे अनुसार कई बैंक खातों में 1,78,55,000 रुपए RTGS के द्वारा ट्रांसफर किए। उसने बताया कि इसके अलावा दूसरा नंबर जो कि उसकी पत्नी के पास था, उस पर 16 नवंबर के बाद वॉट्सऐप कॉल आने शुरू हो गए। उससे आरटीजीएस ट्रांसफर की डिटेल्स मांगी गई। फिर 17 नवंबर को सिक्योरिटी कारणों के लिए अपना घर छोड़ कर किसी होटल में रहने के लिए कहा गया। होटल में रहने को बोला, मोबाइल कैमरा रखा ऑन उसने बताया कि इसके बाद वह 17 नवंबर को पत्नी के साथ मामा भांजा चौक सोनीपत के पास एक होटल में रुके। 18 नवंबर की रात तक उसे होटल में ही रहने को कहा गया। उसी दौरान हमसे RTGS ट्रांसफर की डिटेल मंगाई गई। उसने बताया कि 12 नवंबर से आज की तारीख तक उनके पास लगातार कॉल आ रहीं हैं। उनको लाइव कैमरे पर रहने को कहा जा रहा है। पहले भी उनको ऑनलाइन रखा गया। फर्जी पुलिस थी, बाद में चला पता विनोद ने बताया कि अब उनको पता चला कि फर्जी पुलिस कर्मचारी बनकर व फर्जी कागजातों के आधार पर खुलवाए गए खातों में धोखा धड़ी के तहत उससे कुल 1,78,55,000 रुपए ठग लिए हैं। उन्होंने साइबर सैल को इसकी जानकारी दी। साइबर थाना सोनीपत के ASI कुमार के अनुसार, पुलिस ने विनोद चौधरी की शिकायत पर धारा 308(5), 319, 318(4), 338, 336(3), 340, 61, 351(2) BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा मामले में गहनता से छानबीन की जा रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर