पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी डॉ. नवजोत कौर के कैंसर का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से करने के दावे पर डॉक्टरों के खंडन किया था। अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील HS फुल्का ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का धन्यवाद भी किया है कि उन्होंने अपने इस संघर्ष का अनुभव लोगों के साथ शेयर किया। सीनियर वकील एचएस फुल्का ने कहा- नवजोत सिद्धू सही कह रहे हैं, आहार ही सबसे अच्छी दवा है। हमने कोविड को भी सिर्फ आहार से ही ठीक किया। कोई एलोपैथी दवा नहीं ली। यह सिर्फ तब नहीं है, जब आप बीमार हों। बल्कि अपने नियमित आहार को ऐसा बनाए कि वह दवा की तरह काम करें और शरीर को फिट रखें। फुल्का बोले- सिद्धू ने अपना अनुभव साझा किया, मैंने अपना आगे फुल्का ने कहा- नवजोत अपना अनुभव साझा कर रहे हैं और मैं अपना अनुभव साझा कर रहा हूं। कैसे आहार ने हमें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने और दवा से बचने में मदद की है। यह उन लोगों के लाभ के लिए है जो इस पर विश्वास करते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने में आहार की भूमिका सर्वविदित और प्रलेखित है। सुबह की चाय से दिन की शुरुआत करना शरीर के लिए ज़हरीला होता है। हम दिन की शुरुआत पानी और फिर नींबू और फिर फलों से करते हैं। फलों के बाद ही चाय पीनी चाहिए। हर नैचुरोपैथी की किताब में यही बताया गया है। सुबह की इस दिनचर्या से आधा काम हो जाता है। ज्यादा चीनी, मैदा, रिफाइंड तेल, तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें। इनके बिना भी खाना बहुत स्वादिष्ट बन सकता है। क्षारीय रक्त को बनाए रखने के लिए आहार में 5 से 7 भाग फल और सब्जियां शामिल करें। शरीर में खुद को ठीक करने की शक्ति होती है। दवा का इस्तेमाल आखिरी उपाय होना चाहिए पहले नहीं। इस पर कई किताबें हैं जिनका उल्लेख नवजोत सिंह सिद्धू ने भी किया है। खुद पर और अपने शरीर की ताकत पर और खुद को ठीक करने की शक्ति पर भरोसा रखें। सिद्धू दंपती ने आयुर्वेद से इलाज का किया गया दावा डॉ. नवजोत कौर ने कहा था कि डॉक्टर होते हुए मैं यही समझती थी कि इलाज पहले है और आयुर्वेद सबसे बाद में। मुझे लगता था कि मैं बीमार हूं और मुझे कोड़ी-कोड़ी चीजें देने लग गए। कुछ समय बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं ये चीजें खाने लगी। मेरा वेट कम होना शुरू हो गया। शरीर में जो फुलावट थी, वो ठीक होने लगी। मैं 30 किलो वजन कम कर चुकी हूं। हमें ठीक होने के बाद भी फॉलो करनी है। अगर मेरा पेट स्कैन हो गया, इसका मतलब ये नहीं कि मैं ठीक हो गई। वो सैल हमारे शरीर में ही होते हैं। उन्हें दोबारा पनपने से रोकना है। ये लाइफ स्टाइल चेंज करने का तरीका है, जिसे मैं फॉलो करती हूं। सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल ने जारी की एडवाइजरी नवजोत सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल को एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के दावों को खारिज किया। इस एडवाइजरी को टाटा मेमोरियल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सीएस परमेश ने खुद अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस एडवाइजरी में लिखा- सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पूर्व क्रिकेटर ने अपनी पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बारे में जानकारी दी है। इस वीडियो में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद, चीनी छोड़ने और हल्दी और नीम का सेवन करने से उनकी पत्नी का कैंसर ठीक हो गया। इन दावों के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। हल्दी, नीम, या अन्य घरेलू उपायों के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल पर स्टडी जारी है। हालांकि, इनसे कैंसर ठीक होने का कोई क्लिनिकल डेटा उपलब्ध नहीं है। हम जनता से अपील करते हैं कि इन असत्यापित घरेलू उपचारों का पालन करने से पहले सही चिकित्सा सलाह लें। कैंसर के लक्षण दिखने पर योग्य डॉक्टर या कैंसर विशेषज्ञ से संपर्क करें। कैंसर का इलाज प्रारंभिक अवस्था में पता लगने और प्रमाणित पद्धतियों (सर्जरी, कीमोथैरेपी, और रेडिएशन) के माध्यम से संभव है। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी डॉ. नवजोत कौर के कैंसर का उपचार आयुर्वेदिक तरीके से करने के दावे पर डॉक्टरों के खंडन किया था। अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर वकील HS फुल्का ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। साथ ही उन्होंने पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का धन्यवाद भी किया है कि उन्होंने अपने इस संघर्ष का अनुभव लोगों के साथ शेयर किया। सीनियर वकील एचएस फुल्का ने कहा- नवजोत सिद्धू सही कह रहे हैं, आहार ही सबसे अच्छी दवा है। हमने कोविड को भी सिर्फ आहार से ही ठीक किया। कोई एलोपैथी दवा नहीं ली। यह सिर्फ तब नहीं है, जब आप बीमार हों। बल्कि अपने नियमित आहार को ऐसा बनाए कि वह दवा की तरह काम करें और शरीर को फिट रखें। फुल्का बोले- सिद्धू ने अपना अनुभव साझा किया, मैंने अपना आगे फुल्का ने कहा- नवजोत अपना अनुभव साझा कर रहे हैं और मैं अपना अनुभव साझा कर रहा हूं। कैसे आहार ने हमें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने और दवा से बचने में मदद की है। यह उन लोगों के लाभ के लिए है जो इस पर विश्वास करते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने में आहार की भूमिका सर्वविदित और प्रलेखित है। सुबह की चाय से दिन की शुरुआत करना शरीर के लिए ज़हरीला होता है। हम दिन की शुरुआत पानी और फिर नींबू और फिर फलों से करते हैं। फलों के बाद ही चाय पीनी चाहिए। हर नैचुरोपैथी की किताब में यही बताया गया है। सुबह की इस दिनचर्या से आधा काम हो जाता है। ज्यादा चीनी, मैदा, रिफाइंड तेल, तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें। इनके बिना भी खाना बहुत स्वादिष्ट बन सकता है। क्षारीय रक्त को बनाए रखने के लिए आहार में 5 से 7 भाग फल और सब्जियां शामिल करें। शरीर में खुद को ठीक करने की शक्ति होती है। दवा का इस्तेमाल आखिरी उपाय होना चाहिए पहले नहीं। इस पर कई किताबें हैं जिनका उल्लेख नवजोत सिंह सिद्धू ने भी किया है। खुद पर और अपने शरीर की ताकत पर और खुद को ठीक करने की शक्ति पर भरोसा रखें। सिद्धू दंपती ने आयुर्वेद से इलाज का किया गया दावा डॉ. नवजोत कौर ने कहा था कि डॉक्टर होते हुए मैं यही समझती थी कि इलाज पहले है और आयुर्वेद सबसे बाद में। मुझे लगता था कि मैं बीमार हूं और मुझे कोड़ी-कोड़ी चीजें देने लग गए। कुछ समय बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं ये चीजें खाने लगी। मेरा वेट कम होना शुरू हो गया। शरीर में जो फुलावट थी, वो ठीक होने लगी। मैं 30 किलो वजन कम कर चुकी हूं। हमें ठीक होने के बाद भी फॉलो करनी है। अगर मेरा पेट स्कैन हो गया, इसका मतलब ये नहीं कि मैं ठीक हो गई। वो सैल हमारे शरीर में ही होते हैं। उन्हें दोबारा पनपने से रोकना है। ये लाइफ स्टाइल चेंज करने का तरीका है, जिसे मैं फॉलो करती हूं। सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल ने जारी की एडवाइजरी नवजोत सिद्धू के दावे के बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल को एक एडवाइजरी जारी करनी पड़ी। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के दावों को खारिज किया। इस एडवाइजरी को टाटा मेमोरियल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सीएस परमेश ने खुद अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस एडवाइजरी में लिखा- सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पूर्व क्रिकेटर ने अपनी पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बारे में जानकारी दी है। इस वीडियो में कहा गया है कि डेयरी उत्पाद, चीनी छोड़ने और हल्दी और नीम का सेवन करने से उनकी पत्नी का कैंसर ठीक हो गया। इन दावों के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। हल्दी, नीम, या अन्य घरेलू उपायों के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल पर स्टडी जारी है। हालांकि, इनसे कैंसर ठीक होने का कोई क्लिनिकल डेटा उपलब्ध नहीं है। हम जनता से अपील करते हैं कि इन असत्यापित घरेलू उपचारों का पालन करने से पहले सही चिकित्सा सलाह लें। कैंसर के लक्षण दिखने पर योग्य डॉक्टर या कैंसर विशेषज्ञ से संपर्क करें। कैंसर का इलाज प्रारंभिक अवस्था में पता लगने और प्रमाणित पद्धतियों (सर्जरी, कीमोथैरेपी, और रेडिएशन) के माध्यम से संभव है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
कपूरथला की 78 मंडियों में धान की खरीद शुरू:7.60 लाख MT धान खरीद का लक्ष्य, सुबह 6-10 के बीच कंबाइन से कटाई पर रोक
कपूरथला की 78 मंडियों में धान की खरीद शुरू:7.60 लाख MT धान खरीद का लक्ष्य, सुबह 6-10 के बीच कंबाइन से कटाई पर रोक कपूरथला जिले की मंडियों में आज से धान की खरीद सुचारु रूप से शुरू हो गई है। जिसमें धान की सरकारी खरीद के तहत जिले में किसानों को अब तक खरीदी गई फसल का 36 लाख रुपए का भुगतान निर्धारित समय के अंदर किया जा चुका है। DC अमित कुमार पांचाल ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए 7 लाख 60 हजार MT धान की सरकारी खरीद लक्ष्य के तहत जिले की 78 मंडियों में 1124 मीट्रिक टन (MT) धान की आवक हो चुकी है, और 866 मीट्रिक टन धान की खरीद पूर्ण हो चुकी है। पंजाब स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन से 39 मीट्रिक टन धान खरीदा गया उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह में मंडियों में धान की आमद तेज हो जाएगी। खरीदे गए 866 मीट्रिक टन धान में से पनग्रेन से 150 मीट्रिक टन, मार्कफेड से 336 मीट्रिक टन, पनसप से 341 मीट्रिक टन और पंजाब स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन से 39 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं सप्लाई विभाग को किसानों को खरीदे गये धान का भुगतान 48 घंटे के अंदर सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से रात में फसल नहीं काटने का आग्रह करते हुए कहा कि वे सूखा धान ही मंडी में लेकर आएं ताकि उनकी फसल अविलंब खरीदी जा सके। कंबाइन से धान की कटाई पर रोक गौरतलब है कि शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइन से धान की कटाई पर रोक लगा दी गई है। DC ने कहा कि मंडी बोर्ड के अधिकारियों को तिरपाल आदि की पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है, ताकि किसी भी संभावित खराब मौसम को देखते हुए धान को नुकसान से बचाया जा सके। इसके अलावा किसानों और श्रमिकों के लिए पीने के पानी आदि की भी व्यवस्था की गई है।
खेड़ां वतन पंजाब दियां-3 का टीशर्ट-लोगो लॉन्च:29 को संगरूर में होगा खेलों का आगाज, बांटी जाएगी 9 करोड़ की राशि
खेड़ां वतन पंजाब दियां-3 का टीशर्ट-लोगो लॉन्च:29 को संगरूर में होगा खेलों का आगाज, बांटी जाएगी 9 करोड़ की राशि पंजाब सरकार द्वारा करवाई जाने खली खेड़ां वतन पंजाब दियां सीजन-3 का आज सीएम भगवंत मान द्वारा टीशर्ट और लोगो लॉन्च किया गया। इस मौके पंजाब के सीएम भगवंत मान मुख्य मेहमान थे। खेलों की शुरुआत 29 अगस्त से होगी। इस बार आयु वर्ग 9 साल से लेकर युवा हिस्सा ले पाएंगे। कुल 37 तरह की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इस दौरान 9 करोड़ से अधिक की पुरस्कार राशि वितरित की जाएगी। पैरा खेलों को भी किया शामिल CM ने बताया पहली बार ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ में पैरा खेलों में एथलेटिक्स, बैडमिंटन और पावर लिफ्टिंग को भी शामिल किया गया है। इन 3 श्रेणियों में पंजाब के पैरा एथलीट पेरिस पैरा ओलिंपिक्स में भाग ले रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई दी। ऐसे आयोजित किए जाएंगे मुकाबले इन खेलों के दौरान ब्लॉक स्तरीय मुकाबले 1 से 10 सितंबर तक, जिला स्तरीय मुकाबले 15 से 22 सितंबर तक और राज्य स्तरीय मुकाबले 11 अक्टूबर से 9 नवंबर तक कराए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने बताया कि ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ का दूसरा सीज़न वर्ष 2023 में हुआ था। जिसमें 4.5 लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया था और 12,500 विजेता खिलाड़ियों को 8.87 करोड़ रुपए के इनाम वितरित किए गए थे।
पंजाब में अधिकारियों और किसानों की बैठक:दिल्ली-कटरा हाईवे परियोजना की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास, इंजीनियर को पीटा गया था
पंजाब में अधिकारियों और किसानों की बैठक:दिल्ली-कटरा हाईवे परियोजना की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास, इंजीनियर को पीटा गया था पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) परियोजनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच चल रहे विवादों के बाद अब समस्याओं को सुलझाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। शनिवार को अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी चरणजीत सिंह की अध्यक्षता में एनएचएआई अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में अमृतसर के एसएसपी के अलावा गुरदासपुर, बठला और पठानकोट के डीएसपी अधिकारी मौजूद थे। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों और किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया। तीनों जिलों की पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने का आश्वासन दिया। पुलिस विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इस तरह की समन्वय बैठकें जारी रहेंगी, ताकि एनएचएआई की परियोजनाएं समय पर और जल्द से जल्द पूरी हो सकें। प्रोजेक्ट्स को लेकर चल रहा केंद्र-राज्य के बीच विवाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य में चल रही परियोजनाओं पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे हाल ही में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। परियोजना का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे संबंधित एक तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई। यहां कुछ लोगों ने दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजना के ठेकेदार के कैंप पर हमला किया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों और कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में एनएचएआई के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने पत्र में लिखा- मुझे पता चला है कि पंजाब में हालात खराब होते जा रहे हैं। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए कई ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के कारण केंद्र को पहले भी पंजाब में 104 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। 3263 करोड़ की लागत उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अब भी पंजाब सरकार एनएचएआई के काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो राज्य में 293 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट बंद करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो इस कॉरिडोर का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।