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हरियाणा चुनाव कैंडिडेट सर्वे रिजल्ट:जानिए, राज्य की 90 सीटों पर कौन है कांग्रेस के लिए जनता के पसंदीदा उम्मीदवार 23 अगस्त से 27 अगस्त तक चले दैनिक भास्कर कैंडिडेट सर्वे में 1.30 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे में लोगों से ये पूछा गया था कि उनकी विधानसभा सीट पर विभिन्न पार्टियों के लिए उनके पसंदीदा उम्मीदवार कौन हैं। आज सर्वे के रिजल्ट में जानिए कि राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लोगों की पहली पसंद कौन है। अब देखिए, सीटवार सर्वे के नतीजों में कांग्रेस कैंडिडेट के तौर पर लोगों की पसंद क्या रही… जानिए, कालका विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद देखिए पंचकूला विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता नारायणगढ़ विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद अंबाला शहर विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता मुलाना विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय साढौरा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद जगाधरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता यमुनानगर विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय रादौर विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद लाडवा विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता शाहाबाद विधानसभा सीट कौन है जनता की पसंद थानेसर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय पिहोवा विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता गुहला विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद कलायत विधानसभा सीट पर जानिए जनता की राय कैथल विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पुंडरी विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद नीलोखेड़ी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय इंद्री विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता करनाल विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद घरौंडा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद असंध विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पानीपत शहर विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद इसराना विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद समालखा विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता गन्नौर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय राई विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद खरखौदा विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता सोनीपत विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय गोहाना विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद बरौदा विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय जुलाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद सफीदों विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता जींद विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद उचाना कलां विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नरवाना विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता टोहाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद फतेहाबाद विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय रतिया विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद कालांवाली विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय डबवाली विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता रानियां विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद सिरसा विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता आदमपुर विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद उकलाना विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नारनौंद विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद हांसी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बरवाला विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद हिसार विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नलवा विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद लोहारू विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बाढ़ड़ा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद दादरी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय भिवानी विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद तोशाम विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बवानीखेड़ा विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद महम विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता रोहतक विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद कलानौर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बादली विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद झज्जर विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बेरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता अटेली विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नारनौल विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बावल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद कोसली विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद रेवाड़ी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता पटौदी विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बादशाहपुर विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता गुरुग्राम विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद सोहना विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय नूंह विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय पुन्हाना विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद हथीन विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता होडल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की पसंद पलवल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय पृथला विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद फरीदाबाद एनआईटी विधानसभा सीट पर क्या कहती है जनता बड़खल विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर कौन है जनता की पसंद फरीदाबाद विधानसभा सीट पर कौन है पहली पसंद तिगांव विधानसभा सीट पर क्या है जनता की राय कल सर्वे के नतीजों में जानिए इनेलो-बसपा गठबंधन के लिए जनता ने किन उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा पसंद किया है।
Agra Traffic Advisory: आगरा में 29 जुलाई तक रूट डायवर्ट, सावन के दूसरे सोमवार को लेकर लिया गया फैसला
Agra Traffic Advisory: आगरा में 29 जुलाई तक रूट डायवर्ट, सावन के दूसरे सोमवार को लेकर लिया गया फैसला <p style=”text-align: justify;”><strong>Sawan Somwar 2024: </strong>श्रावण मास में चारों ओर बम बम भोले के नारों की गूंज सुनाई दे रही है. भगवान शिव के भक्त कांवड़ यात्रा और परिक्रमा लगा कर अपने आराध्य को प्रसन्न कर रहे हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर रहे हैं. आगरा में श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर विशाल परिक्रमा लगाई जाती है, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई. दूसरे सोमवार से एक दिन पहले यानी रविवार की शाम से आगरा की परिक्रमा का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में शिवभक्त शामिल होते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आगरा में श्रावण के दूसरे सोमवार से एक दिन पहले रविवार की शाम से आगरा में शिवभक्त बम बम भोले के नारों की गूंज के साथ करीब 35 किलोमीटर की परिक्रमा लगाते हैं. आगरा की परिक्रमा बहुत प्राचीन है, जिसमें बड़ी संख्या में शिवभक्त शामिल होते हैं. आगरा की परिक्रमा का विशेष महत्व माना जाता है. क्योंकि आगरा के चारों कोने पर भगवान शिव विराजमान हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भक्त लगाते हैं परिक्रमा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आगरा की चारों दिशाओं में भगवान शिव के प्राचीन मंदिर स्थापित है और आस्था है कि आगरा की चारों दिशाओं में भगवान शिव खुद विराजमान हैं, जिसके चलते आगरा सदैव सुरक्षित है और कोई संकट आगरा पर नहीं आता है. जिसमें राजेश्वर महादेव मंदिर , पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर, कैलाश महादेव मंदिर और बल्केश्वर नाथ महादेव मंदिर स्थापित है, जिनकी चारों ओर भ्रमण कर भक्त परिक्रमा लगाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूट किया गया डायवर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कबाड़ यात्रा आगरा की परिक्रमा और श्रावण मास का दूसरा सोमवार को देखते हुए आगरा के यातायात में बदलाव किया गया है. आगरा में रूट डायवर्ट किया गया है क्योंकि श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर बल्केश्वर नाथ महादेव मंदिर का प्राचीन और विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. आगरा में रूट डायवर्ट रविवार शाम 4 बजे से 29 तारीख तक लागू रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सफर से पहले यहां देखें रुट </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>रूट डायवर्ट इस प्रकार रहेगा कि मथुरा की ओर से आने वाले भारी वाहनों को यमुना एक्सप्रेस वे भेजा जाएगा. हाथरस की ओर से आने वाले वाहनों को मथुरा भेजा जाएगा. फिरोजाबाद की ओर से आने वाले वाहनों को कुबेरपुर से यमुना एक्सप्रेस वे भेजा जाएगा. जयपुर ग्वालियर की ओर से आने वाले वाहनों को दक्षिणी बाईपास से भेजा जाएगा. इसके साथ ही शहर के नादर भी रूट डायवर्ट रहेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मुलायम सिंह की राह चले अखिलेश, BJP नहीं उठा पाएगी सवाल! सपा चीफ के फैसले से मिले संकेत” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-akhilesh-yadav-follows-path-of-mulayam-singh-yadav-bjp-will-not-raise-questions-mata-prasad-pandey-2747960″ target=”_self”>मुलायम सिंह की राह चले अखिलेश, BJP नहीं उठा पाएगी सवाल! सपा चीफ के फैसले से मिले संकेत</a></strong></p>
संत प्रेमानंद महाराज हुए AI का शिकार:उनकी आवाज की नकल की गई, जालसाज अपना प्रचार-प्रसार कर रहे, सतर्क रहने की दी सलाह
संत प्रेमानंद महाराज हुए AI का शिकार:उनकी आवाज की नकल की गई, जालसाज अपना प्रचार-प्रसार कर रहे, सतर्क रहने की दी सलाह वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज AI का शिकार हो गए हैं। कुछ अराजक तत्व उनकी आवाज की नकल करके अपना प्रचार-प्रसार का वीडियो बना रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं प्रेमानंद महाराज के इंस्टाग्राम आईडी भजनमार्ग ऑफिशियल पर एक पोस्ट कर ऐसे लोगों से बचने की सलाह दी गई है। बता दें प्रेमानंद महाराज के देश और विदेशों में लाखों फालोवर हैं। उनके सोशल मीडिया पर आने वाले वीडियो को लाखों व्यू मिलते हैं। उनके आश्रम में कई बड़े सेलिब्रिटी आकर माथा टेकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिकायत आने के बाद प्रेमानंद महाराज के इंस्टाग्राम आईडी भजनमार्ग ऑफिशियल से किए पोस्ट में लिखा था कि सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग कर पूज्य महाराज जी की आवाज की नकल कर कुछ अराजक तत्व अपने उत्पाद का प्रचार-प्रसार वीडियो एडवर्टाइजमेंट के जरिए कर रहे हैं, जिससे लोग भ्रमित होकर उनके सामान को खरीद रहे हैं। कृपया आप सभी सतर्क और सावधान रहें और ऐसी किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी में ना फंसे। अब प्रेमानंद महाराज के बारे में पढ़िए…. 13 साल की उम्र में प्रेमानंद जी महाराज ने घर छोड़ दिया था
कानपुर जिले का नरवल तहसील का अखरी गांव। ये जगह है, जहां प्रेमानंद महाराज का जन्म और पालन-पोषण हुआ। यहीं से निकलकर वो इस देश के करोड़ों लोगों की जिंदगी में बस गए। उनके बड़े भाई गणेश दत्त पांडे बताते हैं- मेरे पिता शंभू नारायण पांडे और मां रामा देवी हैं। हम 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। वो बताते हैं कि प्रेमानंद हमेशा से प्रेमानंद महाराज नहीं थे। बचपन में मां-पिता ने बड़े प्यार से उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे रखा था। हर पीढ़ी में कोई न कोई एक बड़ा साधु-संत निकला
गणेश पांडे बताते हैं- हमारे पिताजी पुरोहित का काम करते थे। मेरे घर की हर पीढ़ी में कोई न कोई बड़ा साधु-संत होकर निकलता है। पीढ़ी दर पीढ़ी अध्यात्म की ओर झुकाव होने के चलते अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक रहे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से सभी देखा-सुना करता था। शिव मंदिर में चबूतरा बनाने से रोका, तो घर छोड़ दिया
बचपन में अनिरुद्ध ने अपनी सखा टोली के साथ शिव मंदिर के लिए एक चबूतरा बनाना चाहा। इसका निर्माण भी शुरू करवाया, लेकिन कुछ लोगों ने रोक दिया। इससे वह मायूस हो गए। उनका मन इस कदर टूटा कि घर छोड़ने का फैसला कर लिया। एक दिन देर रात खाना खाया और रोज की तरह छत पर बने कच्चे कमरे में जाकर सो गए। अगली सुबह जब बड़े भाई ने जगाने के लिए आवाज लगाई, कमरे से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो अनिरुद्ध कमरे में नहीं थे। खोजबीन शुरू की गई। काफी मशक्कत के बाद पता चला कि वो सरसौल में नंदेश्वर मंदिर पर रुके हैं। घरवालों ने उन्हें घर लाने का हर जतन किया, लेकिन अनिरुद्ध नहीं माने। फिर कुछ दिनों बाद बची-खुची मोह माया भी छोड़कर वह सरसौल से भी चले गए। नंदेश्वर से महराजपुर, कानपुर और फिर काशी पहुंचे
आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया था, लेकिन 4 महीने में ही स्कूल छोड़ दिया। प्रेमानंद जी के वृंदावन पहुंचने की कहानी
प्रेमानंद महाराज के संन्यासी बनने के बाद वृंदावन आने की कहानी बेहद रोचक है। एक दिन प्रेमानंद महाराज से मिलने एक संत आए। उन्होंने कहा- श्री हनुमत धाम विश्वविद्यालय में श्रीराम शर्मा दिन में श्री चैतन्य लीला और रात में रासलीला मंच का आयोजन कर रहे हैं। इसमें आप आमंत्रित हैं। पहले तो प्रेमानंद महाराज ने अपरिचित साधु से वहां आने के लिए मना कर दिया। लेकिन साधु ने उनसे आयोजन में शामिल होने के लिए काफी आग्रह किया। इस पर प्रेमानंद महाराज ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया। प्रेमानंद महाराज जब चैतन्य लीला और रासलीला देखने गए, तो उन्हें बहुत पसंद आई। यह आयोजन करीब एक महीने तक चला। चैतन्य लीला और रासलीला समाप्त होने के बाद प्रेमानंद महाराज को आयोजन देखने की व्याकुलता होने लगी। वह उसी साधु के पास गए, जो उन्हें आमंत्रित करने आए थे। उनसे मिलकर महाराज ने कहा- मुझे भी अपने साथ ले चलें। मैं रासलीला को देखूंगा और इसके बदले आपकी सेवा करूंगा। इस पर साधु ने कहा, आप वृंदावन आ जाएं। वहां हर रोज आपको रासलीला देखने को मिलेगी। इसके बाद प्रेमानंद महाराज वृंदावन आ गए। यहां खुद को राधा रानी और श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित कर दिया। साथ ही भगवद प्राप्ति में लग गए। इसके बाद महाराज संन्यास मार्ग से भक्ति मार्ग में आ गए। फिलहाल वह वृंदावन के मधुकरी में रहते हैं। ये खबर भी पढ़ें… जन्मोत्सव पर राधा रानी ने पहने 50 लाख के गहने:11 क्विंटल पंचामृत से हुआ अभिषेक, वृंदावन-बरसाना पहुंचे 15 लाख श्रद्धालु ब्रज में राधाष्टमी मनाई जा रही है। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव के 15 दिन बाद ब्रज में बड़ा उत्सव हो रहा है। वृंदावन और बरसाना, दोनों जगह करीब 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। बरसाना में राधा रानी का ब्रह्म मुहूर्त में 11 क्विंटल पंचामृत से अभिषेक किया गया। पढ़ें पूरी खबर