महाकुंभ : देश और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला। यूपी सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी देश विदेश तक चर्चित महाकुंभ को दिव्य, भव्य और सुरक्षित संपन्न कराने की जद्दोजहद में हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ कई बार प्रयागराज का दौरा कर अल्टीमेटम दे चुके हैं। अब बुधवार को सीएम संगम नगरी प्रयागराज में 6 घंटे रहेंगे और महाकुंभ के कर्यों की रिपोर्ट देखेंगे। वह पैदल घूमेंगे, अपनी नजरों से महाकुंभ की तैयारियां समझेंगे। इसी बीच भास्कर ने भी सीएम के आने से पहले तैयारियों का जायजा लिया। देर रात तक भास्कर ने सीएम के आने के पहले क्या चल रह है, यह देखा। अफसरों के हाथ पांव फूले नजर आए। असल में महाकुंभ की तैयारियां उस लेवल तक नहीं पूरी हो सकीं जो हो जाना जाना चाहिए। अब सीएम आ रहे तो महाकुंभ की चकाचौधं उन्हें दिखानी ही है। फाइलों पर तो सब दुरुस्त करने की कवायद कई दिनों से चल रही है लेकिन मेला क्षेत्र में जहां सीएम के पांव पड़ें वहां सबकुछ अच्छा नजर आए इसे लेकर 24 घंटे काम चल रहा है। रात बारह बजे तक तो जेसीबी, हाईड्रा सामान उठाने और पहुंचाते नजर आए। खराब सड़कों को कुछ घंटें में कैसे तैयार किया जा सकता है। गिट्टी, डामर को को बुल्डोजर से कैसे पाट सपाट सड़क बनाई जा सकती है यह नजारा पूरी रात देखने को मिला। जिला प्रशासन के साथ सभी विभाग के अधिकारी पूरी रात मेला क्षेत्र में घूमते रहे। अब तक अंधेरे में डूबा मेला क्षेत्र सीएम के आने से पहले चांदनी रात जैसा चमकने लगा। एक एक स्ट्रीट लाइट जलाई गई। हाईमास्ट, फोकस सब दुरुस्त हो गए। सड़क, पानी, बिजली, सुरक्षा, ट्रैफिक के इंतजाम के लिए पूरी रात अफसर घूमते रहे। संगम नोज, काली सड़क, लाल सड़क, आईट्रिपल सी रोड, मेला मुख्य मार्ग, वीवीआईपी घाट रोड समेत सभी जगहों को रंग रोगन किया गया। क्या देखेंगे सीएम, कितने करोड़ का प्रोजेक्ट महाकुंभ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 नवंबर को तैयारियों को देखेंगे। वे 238 करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इन परियोजनाओं में महाकुंभ को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने वाले विभिन्न उपकरणों के साथ नगर निगम में नवनिर्मित कंट्रोल रूम का अनावरण भी शामिल है। सीएम सफाईकर्मियों को यूनिफॉर्म किट तथा नाविकों को लाइफ जैकेट बांटेंगे। सभी परियोजनाओं की लागत करीब 14 करोड़ रुपए होगी। सीएम योगी परेड मेला क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्वच्छता उपकरणो (टिपर, कॉम्पैक्टर आदि) का भी अनावरण करेंगे। इसकी कुल लागत 50.38 करोड़ रुपए है। सीएम 173 करोड़ रुपए के फायर, जल पुलिस, रेडियो, यातायात के उपकरणो का भी अनावरण करेंगे। इस तरह सीएम योगी महाकुम्भ 2025 में सुरक्षा, स्वच्छाग्रहियों एवं गंगा सेवा दूतों के लिए 237.38 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। महाकुंभ : देश और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला। यूपी सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी देश विदेश तक चर्चित महाकुंभ को दिव्य, भव्य और सुरक्षित संपन्न कराने की जद्दोजहद में हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ कई बार प्रयागराज का दौरा कर अल्टीमेटम दे चुके हैं। अब बुधवार को सीएम संगम नगरी प्रयागराज में 6 घंटे रहेंगे और महाकुंभ के कर्यों की रिपोर्ट देखेंगे। वह पैदल घूमेंगे, अपनी नजरों से महाकुंभ की तैयारियां समझेंगे। इसी बीच भास्कर ने भी सीएम के आने से पहले तैयारियों का जायजा लिया। देर रात तक भास्कर ने सीएम के आने के पहले क्या चल रह है, यह देखा। अफसरों के हाथ पांव फूले नजर आए। असल में महाकुंभ की तैयारियां उस लेवल तक नहीं पूरी हो सकीं जो हो जाना जाना चाहिए। अब सीएम आ रहे तो महाकुंभ की चकाचौधं उन्हें दिखानी ही है। फाइलों पर तो सब दुरुस्त करने की कवायद कई दिनों से चल रही है लेकिन मेला क्षेत्र में जहां सीएम के पांव पड़ें वहां सबकुछ अच्छा नजर आए इसे लेकर 24 घंटे काम चल रहा है। रात बारह बजे तक तो जेसीबी, हाईड्रा सामान उठाने और पहुंचाते नजर आए। खराब सड़कों को कुछ घंटें में कैसे तैयार किया जा सकता है। गिट्टी, डामर को को बुल्डोजर से कैसे पाट सपाट सड़क बनाई जा सकती है यह नजारा पूरी रात देखने को मिला। जिला प्रशासन के साथ सभी विभाग के अधिकारी पूरी रात मेला क्षेत्र में घूमते रहे। अब तक अंधेरे में डूबा मेला क्षेत्र सीएम के आने से पहले चांदनी रात जैसा चमकने लगा। एक एक स्ट्रीट लाइट जलाई गई। हाईमास्ट, फोकस सब दुरुस्त हो गए। सड़क, पानी, बिजली, सुरक्षा, ट्रैफिक के इंतजाम के लिए पूरी रात अफसर घूमते रहे। संगम नोज, काली सड़क, लाल सड़क, आईट्रिपल सी रोड, मेला मुख्य मार्ग, वीवीआईपी घाट रोड समेत सभी जगहों को रंग रोगन किया गया। क्या देखेंगे सीएम, कितने करोड़ का प्रोजेक्ट महाकुंभ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 नवंबर को तैयारियों को देखेंगे। वे 238 करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इन परियोजनाओं में महाकुंभ को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने वाले विभिन्न उपकरणों के साथ नगर निगम में नवनिर्मित कंट्रोल रूम का अनावरण भी शामिल है। सीएम सफाईकर्मियों को यूनिफॉर्म किट तथा नाविकों को लाइफ जैकेट बांटेंगे। सभी परियोजनाओं की लागत करीब 14 करोड़ रुपए होगी। सीएम योगी परेड मेला क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्वच्छता उपकरणो (टिपर, कॉम्पैक्टर आदि) का भी अनावरण करेंगे। इसकी कुल लागत 50.38 करोड़ रुपए है। सीएम 173 करोड़ रुपए के फायर, जल पुलिस, रेडियो, यातायात के उपकरणो का भी अनावरण करेंगे। इस तरह सीएम योगी महाकुम्भ 2025 में सुरक्षा, स्वच्छाग्रहियों एवं गंगा सेवा दूतों के लिए 237.38 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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यूपी के IAS-IPS केंद्र के पैमाने पर खरे नहीं:कभी रहता था वर्चस्व, अब आधे भी नहीं; टॉप-4 पोस्ट पर एक भी नहीं
यूपी के IAS-IPS केंद्र के पैमाने पर खरे नहीं:कभी रहता था वर्चस्व, अब आधे भी नहीं; टॉप-4 पोस्ट पर एक भी नहीं एक समय था, जब यूपी की ब्यूरोक्रेसी पूरे देश में फैली रहती थी। केंद्र में भी बड़ी संख्या में IAS-IPS यूपी कैडर के ही रहते थे। लेकिन, अब स्थिति पलट चुकी है। केंद्र में यूपी के गिने-चुने अफसर ही नजर आ रहे हैं। IPS के मुकाबले IAS की स्थिति ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर यूपी के कितने अफसर हो सकते हैं, लेकिन कितने हैं? पहले कितने रहे हैं? इस समय किन अहम पदों पर यूपी के अफसर तैनात हैं? संख्या घटने की वजह क्या है? दैनिक भास्कर ने इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की। पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट… पहले जानते हैं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कितने आईएएस हैं?
यूपी में कुल IAS अफसरों की स्ट्रेंथ 652 है। इसमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकतम कोटा 141 का फिक्स है। दो दशक पहले तक केंद्र में यूपी के अफसरों का दबदबा रहता था। यह संख्या 70-75 होती थी। कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी, डिफेंस सेक्रेटरी जैसे बड़े पदों पर यूपी के अफसर तैनात रह चुके हैं। लेकिन, आज की तारीख में यूपी के अफसर इस तरह के महत्वपूर्ण पदों से दूर हैं। यूपी कॉडर के केवल 33 IAS केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसमें सेक्रेटरी रैंक के अफसरों की संख्या मात्र 5 है। खास बात यह भी है कि यूपी के 6 IAS ऐसे हैं, जो किसी न किसी मंत्री के निजी सचिव हैं। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन बताते हैं- एक दौर था, जब यूपी के अफसरों का दिल्ली में दबदबा रहता था। कैबिनेट सेक्रेटरी, सेक्रेटरी होम, सेक्रेटरी फाइनेंस, सेक्रेटरी डिफेंस जैसे महत्वपूर्ण पदों में से कोई न कोई पद यूपी के अफसरों के पास रहता था। लेकिन, हाल के दिनों में यूपी से केंद्र जाने वाले अफसरों की संख्या काफी कम हुई है। इसकी कई वजह हैं। पहली वजह- डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कोई भी अफसर केंद्र में तैनाती नहीं चाहता। राज्य में रहने से वह किसी भी जिले का डीएम बन सकता है। या फिर सचिवालय में उसे अच्छी पोस्टिंग मिल सकती है। दूसरी वजह- अच्छे अफसरों को राज्य सरकार भी नहीं छोड़ती। केंद्र में जाने के लिए NOC की जरूरत होती है। तीसरी वजह- केंद्र सरकार का 360 डिग्री पैमाना है, जिसमें बड़ी संख्या में यूपी के अफसर फेल हो जाते हैं। जब यह व्यवस्था नहीं थी, उस समय निर्धारित कोटे के कम से कम आधे अफसर तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते ही थे। क्या है 360 डिग्री फार्मूला आलोक रंजन बताते हैं- हर अफसर का हर साल परफॉर्मेंस इवैल्यूएशन होता है। पहले इसी इवैल्यूएशन के आधार पर केंद्र में तैनाती मिल जाती थी। लेकिन, कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने एक स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। इसमें रिटायर्ड अफसरों को रखा गया है। इनका काम सिर्फ परफॉर्मेंस इवैल्यूएशन ही नहीं, आईएएस या आईपीएस के लिए पब्लिक से भी फीडबैक लेना भी है। जैसे संबंधित अधिकारी की इमेज कैसी है, सत्यनिष्ठा कितनी है? कर्तव्यों का कितना पालन करता है? इस तरह के फीडबैक लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भेजा जाता है। PMO भी फिर उसे अपने पैमाने पर परखता है। उसके बाद किसी अधिकारी को केंद्र में किसी पद के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। यूपी के वे अफसर जो रहे सर्वोच्च पदों पर
यूपी कॉडर के कई IAS केंद्र में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके हैं। इनमें बतौर कैबिनेट सेक्रेटरी बीके चतुर्वेदी, पीके सिन्हा, अजीत सेठ, कमल पांडेय, प्रभात कुमार, सुरेंद्र सिंह जैसे अफसरों के नाम शामिल हैं। अब बात IPS अफसरों की
यूपी में IPS की कुल स्ट्रेंथ 541 है। इसमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का कोटा 117 अफसरों का तय है। पहले केंद्र में नियुक्ति की यह संख्या 60-65 होती थी। लेकिन, मौजूदा स्थिति में यूपी के मात्र 31 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। इसके अलावा दो अन्य अफसरों संजय सिंघल और राजा श्रीवास्तव को केंद्र में तैनाती दी गई है। लेकिन, यूपी सरकार ने उन्हें अभी रिलीव नहीं किया है। मौजूदा समय में केंद्रीय अर्धसैनिक बल की दो अलग-अलग फोर्स के मुखिया यूपी के IPS अफसर हैं। इसमें NDRF के डीजी पीयूष आनंद और BSF के डीजी दलजीत चौधरी तैनात हैं। यूपी के पूर्व DGP ओम प्रकाश सिंह बताते हैं- केंद्र में इंपैनलमेंट के लिए जब से प्रक्रिया को थोड़ा कठिन बनाया गया, तभी से यूपी के अफसरों की दिल्ली में तैनाती कम हो गई। केंद्र में तैनाती के लिए अब सिर्फ परफॉर्मेंस रिपोर्ट ही मायने नहीं रखती। सीनियर रिटायर IAS-IPS की स्क्रीनिंग कमेटी संबंधित अधिकारी की ईमानदारी, एकाग्रता, काम करने की क्षमता के पैमाने पर आंकती है। अगर इसमें अधिकारी फिट बैठता है, तभी उसे केंद्र में तैनाती मिलती है। इसके अलावा किसी भी बैच से अधिकतम 20 फीसदी अफसर ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए चुने जाते हैं। पहले इसकी सीमा तय नहीं थी। ओम प्रकाश सिंह बताते हैं- 2 साल पहले स्थिति और भी खराब थी। उस समय यूपी का एक भी अफसर किसी भी फोर्स का मुखिया नहीं था। कम अफसर ऐसे रहे हैं, जिन्हें केंद्र में दो-दो फोर्स की जिम्मेदारी के साथ यूपी का डीजीपी बनने का मौका मिला हो। मैं उनमें से एक रहा हूं। पहले डीजी एनडीआरएफ और फिर डीजी सीआईएसएफ बना था। बाद में यूपी का डीजीपी भी रहा। ओम प्रकाश सिंह के अलावा प्रकाश सिंह बीएसएफ के डीजी, असम के डीजी और यूपी के डीजी रहे हैं। आईपीएस रैंक में सबसे अहम पद केंद्र में आईबी और सीबीआई चीफ का होता है। यूपी कॉडर के आखिरी आईबी डायरेक्टर 1972 बैच के आईपीएस राजीव माथुर थे। राजीव माथुर का कार्यकाल जनवरी, 2009 से दिसंबर, 2010 तक था। इंपैनलमेंट नहीं हुआ, तो निचले पद पर मिलती है तैनाती
ओम प्रकाश सिंह कहते हैं- किसी भी अफसर का अगर इंपैनलमेंट नहीं होता, तो उसे उस रैंक में काम करने का मौका नहीं मिलता। अगर कोई एडीजी रैंक का अफसर है और उसका केंद्र सरकार में इंपैनलमेंट नहीं हुआ है, तो वह जूनियर पोस्ट पर तैनात रहेगा। मसलन यूपी कॉडर के 1989 बैच के आईपीएस अदित्य मिश्रा का केंद्र में इंपैनलमेंट नहीं है। वह एडीजी की पोस्ट पर वहां काम देख रहे हैं। उनसे जूनियर 1990 बैच के दलजीत चौधरी और 1991 बैच के पीयूष आनंद के पास अलग-अलग फोर्स की कमान है। ओम प्रकाश सिंह के मुताबिक, केंद्र में आमतौर पर 50-60 आईपीएस की तैनाती पहले रही है। हाल के दिनों में यह संख्या कम होती चली गई है। यह हाल तब है, जब कई अफसर 10-10 साल से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। अगर वे वापस आते हैं, तो स्थिति और दयनीय हो जाएगी। ————————- ये भी पढ़ें… योगी सरकार का प्रमोटी अफसरों पर भरोसा नहीं, प्रदेश में सिर्फ 13 प्रमोटी IPS कप्तान, 23 प्रमोटी IAS जिलाधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार को प्रमोटी आईपीएस अफसरों पर भरोसा नहीं है। प्रमोट होकर आईपीएस बने अफसरों को जिला संभालने का मौका कम ही मिल रहा है। इस समय सिर्फ 13 जिले के कप्तान प्रमोटी आईपीएस अफसर हैं। यह आंकड़ा दूसरी सरकारों से कम है। हालांकि प्रमोट होकर आईएएस अफसर बनने वालों की स्थिति ज्यादा बेहतर है। इस समय 23 प्रमोटी आईएएस अफसर डीएम हैं। यूपी में कॉडर स्ट्रेंथ के हिसाब से कुल आईपीएस के पदों में 33 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जाते हैं, जबकि बाकी के पद डायरेक्ट भरे जाते हैं। पढ़ें पूरी खबर….
सीएम धामी ने आपदा से प्रभावित केदारनाथ का किया हवाई सर्वेक्षण, राहत बचाव कार्य का लिया जायजा
सीएम धामी ने आपदा से प्रभावित केदारनाथ का किया हवाई सर्वेक्षण, राहत बचाव कार्य का लिया जायजा <p style=”text-align: justify;”><strong>CM Pushkar Singh Dhami Visit Kedarnath:</strong> मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी<span class=”Apple-converted-space”> </span>रुद्रप्रयाग जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित केदारघाटी का निरीक्षण करने के लिए पहुंच हुए हैं. यहां सीएम धामी ने कई अधिकारियों से आपदा को लेकर जानकारी ली है. रुद्रप्रयाग में लगातार हुई बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कई जगह हालत बेहद खराब थे, लेकिन राज्य सरकार के कुशल नेतृत्व के चलते जल्द ही बेकाबू स्थिति पर काबू पा लिया गया है. हजारों की संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आज मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण और स्थलीय निरीक्षण किया. इसके अलावा केदारघाटी में अतिवृष्टि से हुई क्षति, सड़क एवं अन्य मार्गों सहित अन्य नुकसान की समीक्षा एवं पुनर्निर्माण की समीक्षा करेंगे. साथ ही प्रभावित व्यक्तियों से भी मुलाकात की इस दौरान पैदल यात्रा को कब तक संचालित किया जा सकता है सहित अन्य बिंदुओं पर भी अधिकारियों के साथ समीक्षा कर अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश जारी किए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>11 हजार लोगों को किया गया रेस्क्यू </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड में अब तक 11 हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. सभी को सुरक्षित निकाला राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता थी. वहीं प्रदेश में लगातार बारिश और बिगड़ता मौसम कई बार इस रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बना, लेकिन एसडीआरएफ एनडीआरएफ और पुलिस के जवान लगातार डटे रहे. यहां तक की सीएम धामी भी लगातार इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को अपनी निगरानी में चलवाते रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रुद्रप्रयाग दौरे पर पहुंचे सीएम धामी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आज एक बार फिर से सीएम धामी रुद्रप्रयाग के दौरे पर पहुंचे और जनपद में जारी राहत बचाव कार्य का जायजा लिया. साथ ही चार धाम यात्रा को केसे ठीक से शुरू किया जाए इसको लेकर भी अधिकारियों से वार्ता हुई. सबसे पहले पैदल यात्रा कैसे शुरू हो इसको लेकर सरकार का जोर है. इसके लिए सड़कों को ठीक करने के लिए सीएम ने पीडब्ल्यूडी विभाग को आदेश जारी किए हैं. साथ जल्द से जल्द सड़को टूटे पुलों को ठीक करना सरकार की प्राथमिकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Watch: अयोध्या पहुंचे CM योगी, राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-reached-ayodhya-offered-prayers-at-ram-janmabhoomi-temple-2755002″ target=”_self”>Watch: अयोध्या पहुंचे CM योगी, राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की</a></strong></p>