BJP में शामिल के बाद असमंज की स्थिति में कांग्रेस MLA निर्मला सप्रे, बार-बार मिल रहा नोटिस

BJP में शामिल के बाद असमंज की स्थिति में कांग्रेस MLA निर्मला सप्रे, बार-बार मिल रहा नोटिस

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bhopal News:</strong> मध्य प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति इन दिनों दिलचस्प मोड़ पर है. दरअसल, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. बीजेपी विधायकों का आंकड़ा सैकड़ा पर पहुंचा था, जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या दहाई में ही सिमटकर रह गई थी. सत्ता के सुख की चाह में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तीन विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में इनमें से एक विधायक को सफलता मिली, जबकि दूसरे को असफलता और तीसरी विधायक निर्मला सप्रे फिलहाल अभी असमंजस में ही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले कांग्रेस के तीन विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था. सबसे पहले अमरवाड़ा से तीन बार के विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च 2024 को कांग्रेस छोडक़र बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद विजयपुर सीट से छह बार के विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल 2024 को कांग्रेस छोडकर बीजेपी की सदस्यता ली थी. जबकि तीसरे नंबर पर कांग्रेस की महिला विधायक रहीं. बीना से विधायक निर्मला सप्रे 5 मई को कांग्रेस छोड़कर सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कमलेश शाह उपचुनाव में जीते<br /></strong>दलबदल की राजनीति में सबसे पहले अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने बीजेपी ज्वाइन की थी. कमलेश शाह ने विधायकी पद से इस्तीफा भी दे दिया था. फिर अमरवाड़ा सीट पर उपचुाव हुए थे. इस उपचुनाव कमलेश शाह ने बीजेपी के चुनाव निशान पर लड़कर विजयीश्री हासिल की थी. हालांकि, उन्हें अब तक मंत्री नहीं बनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रावत को मिला था इनाम, पर चुनाव हारे<br /></strong>इधर प्रदेश की विजयपुर सीट से कांग्रेस विधायक रहे रामनिवास रावत ने भी कांग्रेस छोडकर बीजेपी ज्वाइन की थी. बीजेपी में आने पर उन्हें कैबिनेट में वन मंत्री बनाया गया. इधर 13 नवंबर को विजयपुर सीट पर मतदान हुए और 23 नवंबर को परिणाम आए, इन परिणामों में रामनिवास रावत को हार का सामना करना पड़ा और विधायकी के साथ-साथ मंत्री पद भी हाथ से चला गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब निर्मला सप्रे सुर्खियों में<br /></strong>इधर तीसरी विधायक निर्मला सप्रे ने भी सीएम की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी लेकिन उन्होंने विधायकी पद से इस्तीफा नहीं दिया है. कांग्रेस बार-बार विधानसभा से मांग कर रही है कि विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त की जाए. जिस विधानसभा द्वारा उन्हें बार-बार नोटिस दिया जा रहा है. बहरहाल जो भी प्रदेश की राजनीति इन दिनों दिलचस्प मोड़ पर है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढे़ं: <a title=”‘कांग्रेस नेताओं ने करवा चौथ और दिवाली तक नहीं मनाई’, विजयपुर में जीत पर बोले जीतू पटवारी” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/jitu-patwari-reaction-on-vijaypur-assembly-bye-election-2024-congress-win-ann-2831402″ target=”_self”>’कांग्रेस नेताओं ने करवा चौथ और दिवाली तक नहीं मनाई’, विजयपुर में जीत पर बोले जीतू पटवारी</a></strong><strong><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bhopal News:</strong> मध्य प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति इन दिनों दिलचस्प मोड़ पर है. दरअसल, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. बीजेपी विधायकों का आंकड़ा सैकड़ा पर पहुंचा था, जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या दहाई में ही सिमटकर रह गई थी. सत्ता के सुख की चाह में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तीन विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में इनमें से एक विधायक को सफलता मिली, जबकि दूसरे को असफलता और तीसरी विधायक निर्मला सप्रे फिलहाल अभी असमंजस में ही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से पहले कांग्रेस के तीन विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था. सबसे पहले अमरवाड़ा से तीन बार के विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च 2024 को कांग्रेस छोडक़र बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद विजयपुर सीट से छह बार के विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल 2024 को कांग्रेस छोडकर बीजेपी की सदस्यता ली थी. जबकि तीसरे नंबर पर कांग्रेस की महिला विधायक रहीं. बीना से विधायक निर्मला सप्रे 5 मई को कांग्रेस छोड़कर सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कमलेश शाह उपचुनाव में जीते<br /></strong>दलबदल की राजनीति में सबसे पहले अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने बीजेपी ज्वाइन की थी. कमलेश शाह ने विधायकी पद से इस्तीफा भी दे दिया था. फिर अमरवाड़ा सीट पर उपचुाव हुए थे. इस उपचुनाव कमलेश शाह ने बीजेपी के चुनाव निशान पर लड़कर विजयीश्री हासिल की थी. हालांकि, उन्हें अब तक मंत्री नहीं बनाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रावत को मिला था इनाम, पर चुनाव हारे<br /></strong>इधर प्रदेश की विजयपुर सीट से कांग्रेस विधायक रहे रामनिवास रावत ने भी कांग्रेस छोडकर बीजेपी ज्वाइन की थी. बीजेपी में आने पर उन्हें कैबिनेट में वन मंत्री बनाया गया. इधर 13 नवंबर को विजयपुर सीट पर मतदान हुए और 23 नवंबर को परिणाम आए, इन परिणामों में रामनिवास रावत को हार का सामना करना पड़ा और विधायकी के साथ-साथ मंत्री पद भी हाथ से चला गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब निर्मला सप्रे सुर्खियों में<br /></strong>इधर तीसरी विधायक निर्मला सप्रे ने भी सीएम की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी लेकिन उन्होंने विधायकी पद से इस्तीफा नहीं दिया है. कांग्रेस बार-बार विधानसभा से मांग कर रही है कि विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त की जाए. जिस विधानसभा द्वारा उन्हें बार-बार नोटिस दिया जा रहा है. बहरहाल जो भी प्रदेश की राजनीति इन दिनों दिलचस्प मोड़ पर है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढे़ं: <a title=”‘कांग्रेस नेताओं ने करवा चौथ और दिवाली तक नहीं मनाई’, विजयपुर में जीत पर बोले जीतू पटवारी” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/jitu-patwari-reaction-on-vijaypur-assembly-bye-election-2024-congress-win-ann-2831402″ target=”_self”>’कांग्रेस नेताओं ने करवा चौथ और दिवाली तक नहीं मनाई’, विजयपुर में जीत पर बोले जीतू पटवारी</a></strong><strong><br /></strong></p>  मध्य प्रदेश ताजमहल शिव मंदिर या मकबरा? मुस्लिम पक्षकार बनने की अर्जी पर ASI ने की आपत्ति