हरियाणा और पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए गए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे किसानों ने लुधियाना DMC में हंगामा कर दिया। पुलिस उन्हें डल्लेवाल से मिलने से रोक रही थी। पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिले हैं। इस पर किसानों से काफी देर तक बहस हुई। किसानों ने पूछा कि किसने ऑर्डर दिए हैं? उन्हें मौके पर बुलाया जाए। इसके लिए पुलिसकर्मी तैयार नहीं हुए। इससे किसान भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद माहौल को शांत करने के लिए पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में ले लिया है। पुलिस उन्हें अपने साथ थाने ले गई है। वहीं, कई किसान DMC में ही डटे हुए हैं। वे किसान नेता डल्लेवाल से मिलने की जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। शाम 4 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संघर्ष की अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। अस्पताल में हंगामे के PHOTOS… 58 घंटे से पुलिस की हिरासत में डल्लेवाल
जानकारी के अनुसार, किसान नेता डल्लेवाल 26 नवंबर को मरणव्रत शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस की कस्टडी में उन्हें करीब 58 घंटे बीत चुके हैं। इसके दौरान डल्लेवाल से किसी को न मिलने दिया गया और न ही उनसे किसी को बात करने दी। वहीं, इसी बीच बीते बुधवार को हिरासत के करीब 44 घंटे बाद लुधियाना के DMC अस्पताल से डल्लेवाल की पहली तस्वीर सामने आई थी। इसमें वह DMC के अंदर जाते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ पुलिसवाले भी मौजूद हैं। अस्पताल में भी उनका मरणव्रत जारी है। डल्लेवाल का मरणव्रत तीसरे दिन जारी
बता दें कि फसलों पर MSP समेत 13 मुद्दों को लेकर फरवरी महीने से किसानों का पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर संघर्ष पर चल रहा है। आज 68 वर्षीय बुजुर्ग और कैंसर से पीड़ित किसान डल्लेवाल का DMC लुधियाना और सुखजीत सिंह हरदो झंडे का खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत तीसरे दिन भी जारी है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार किसानों को शांत करने में जुटी है। भले ही बुधवार को हुई मीटिंग में कोई नतीजा न निकला हो, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आज मीटिंग कर किसानों को शांत करेगी। जबकि, किसानों ने साफ किया है कि जब तक सरकार डल्लेवाल को मोर्चे में लेकर नहीं आती, तब तक वह किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। किसान बोले- पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे
27 नवंबर को खन्नौरी बॉर्डर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले किसानों की आपात मीटिंग हुई। मीटिंग में किसान नेता डल्लेवाल को पुलिस हिरासत से छुड़वाने ओर संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बनाई गई। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान नेता शामिल थे। दूसरी तरफ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। अब राज्य सरकार अपनी स्थिति साफ करें। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है। सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी। इसी बीच दोपहर में पंजाब पुलिस के DIG मनजीत सिंह सिद्धू, SSP पटियाला नानक सिंह खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। इनके साथ भी मीटिंग बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे। साथ ही साफ करें कि उन्हें अस्पताल में क्यों ले जाया गया है? सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
26 नवंबर की सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए थे। तब किसान नेता पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। अब किसानों का सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी। डल्लेवाल ने परिवार के नाम की जमीन
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसलिए, उन्होंने अपनी जमीन पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दी है। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे। 13 फरवरी को दिल्ली कूच पर निकले थे
हरियाणा और पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। किसानों को इसके आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इसके बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। अब मामला कोर्ट में है। हरियाणा और पंजाब के खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए गए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने पहुंचे किसानों ने लुधियाना DMC में हंगामा कर दिया। पुलिस उन्हें डल्लेवाल से मिलने से रोक रही थी। पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें ऊपर से ऑर्डर मिले हैं। इस पर किसानों से काफी देर तक बहस हुई। किसानों ने पूछा कि किसने ऑर्डर दिए हैं? उन्हें मौके पर बुलाया जाए। इसके लिए पुलिसकर्मी तैयार नहीं हुए। इससे किसान भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद माहौल को शांत करने के लिए पुलिस ने 2 नेताओं को हिरासत में ले लिया है। पुलिस उन्हें अपने साथ थाने ले गई है। वहीं, कई किसान DMC में ही डटे हुए हैं। वे किसान नेता डल्लेवाल से मिलने की जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। शाम 4 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने संघर्ष की अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। अस्पताल में हंगामे के PHOTOS… 58 घंटे से पुलिस की हिरासत में डल्लेवाल
जानकारी के अनुसार, किसान नेता डल्लेवाल 26 नवंबर को मरणव्रत शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस की कस्टडी में उन्हें करीब 58 घंटे बीत चुके हैं। इसके दौरान डल्लेवाल से किसी को न मिलने दिया गया और न ही उनसे किसी को बात करने दी। वहीं, इसी बीच बीते बुधवार को हिरासत के करीब 44 घंटे बाद लुधियाना के DMC अस्पताल से डल्लेवाल की पहली तस्वीर सामने आई थी। इसमें वह DMC के अंदर जाते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन उनके साथ पुलिसवाले भी मौजूद हैं। अस्पताल में भी उनका मरणव्रत जारी है। डल्लेवाल का मरणव्रत तीसरे दिन जारी
बता दें कि फसलों पर MSP समेत 13 मुद्दों को लेकर फरवरी महीने से किसानों का पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर संघर्ष पर चल रहा है। आज 68 वर्षीय बुजुर्ग और कैंसर से पीड़ित किसान डल्लेवाल का DMC लुधियाना और सुखजीत सिंह हरदो झंडे का खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत तीसरे दिन भी जारी है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार किसानों को शांत करने में जुटी है। भले ही बुधवार को हुई मीटिंग में कोई नतीजा न निकला हो, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आज मीटिंग कर किसानों को शांत करेगी। जबकि, किसानों ने साफ किया है कि जब तक सरकार डल्लेवाल को मोर्चे में लेकर नहीं आती, तब तक वह किसी मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। किसान बोले- पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे
27 नवंबर को खन्नौरी बॉर्डर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के बैनर तले किसानों की आपात मीटिंग हुई। मीटिंग में किसान नेता डल्लेवाल को पुलिस हिरासत से छुड़वाने ओर संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रेटजी बनाई गई। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के किसान नेता शामिल थे। दूसरी तरफ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। अब राज्य सरकार अपनी स्थिति साफ करें। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है। सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नली लगाकर खुराक दे रही होगी। इसी बीच दोपहर में पंजाब पुलिस के DIG मनजीत सिंह सिद्धू, SSP पटियाला नानक सिंह खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। इनके साथ भी मीटिंग बेनतीजा रही। किसानों का कहना है कि पहले डल्लेवाल को मोर्चे पर लाएं, फिर बात करेंगे। साथ ही साफ करें कि उन्हें अस्पताल में क्यों ले जाया गया है? सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
26 नवंबर की सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए थे। तब किसान नेता पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। अब किसानों का सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी। डल्लेवाल ने परिवार के नाम की जमीन
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसलिए, उन्होंने अपनी जमीन पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दी है। बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली जाएंगे किसान
इधर, किसान नेता पंधेर ने 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा था कि 9 महीने से किसान चुप बैठे हैं, लेकिन सरकारों की ओर से हमारी उपेक्षा की जा रही है। इस कारण दिल्ली जाने का फैसला लिया है। इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के बजाय पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे। 13 फरवरी को दिल्ली कूच पर निकले थे
हरियाणा और पंजाब के किसान 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के लिए निकले थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और डबवाली बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। किसानों को इसके आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इसके बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इससे अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। अब मामला कोर्ट में है। हरियाणा | दैनिक भास्कर