<p style=”text-align: justify;”>शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता आनंद दुबे ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद चिंतन–मंथन का सिलसिला जारी है. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कहां पर चूक हुई है? जहां कहीं भी चूक हुई है, उसे हम सुधारने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, कुछ कार्यकर्ताओं का यह दावा है कि अगर हम अकेले लड़ते या उद्धव ठाकरे का नाम पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर दिया जाता, तो आज हम निश्चित तौर पर चुनाव में बेहतर परिणाम प्राप्त कर पाते. मुझे लगता है कि यह कार्यकर्ता बिल्कुल ठीक कर रहे हैं. अगर ठाकरे का नाम पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर दिया गया होता, तो आज हमें इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाविकास आघाड़ी में खटपट नहीं<br /></strong>उन्होंने महाविकास अघाड़ी में खटपट की बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “महाविकास अघाड़ी में किसी भी प्रकार का खटपट नहीं है. हम एकजुट हैं. लेकिन, बात रही गठबंधन में रहने की तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह बात तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तय करेंगे. हम तय नहीं करेंगे. हम तो महज एक सामान्य से कार्यकर्ता हैं, जो सिर्फ अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं. ऐसी स्थिति में जब हमें चुनाव में जीत मिलती है, तो हम उत्साहित रहते हैं. लेकिन, इसके विपरीत जब हमें हार का मुंह देखना पड़ता है तो हम निराश हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में हम अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी पार्टी में तानाशाही चरम पर है<br /></strong>उन्होंने कहा, “हमें थोड़ा समय दीजिए. मौजूदा समय में हमें रणनीति बनाने की जरूरत है. महाविकास अघाड़ी एक है, जहां पर हर किसी को खुलकर अपनी बात रखने का पूरा हक है. हम लोग बीजेपी की तरह नहीं हैं, जहां तानाशाही अपने चरम पर है. वहां किसी को भी अपनी बात खुलकर रखने का हक नहीं है. हम लोग लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले लोग हैं, इसलिए हमारा मानना है कि सभी लोगों को खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए. हम सभी की बातों का दिल खोलकर स्वागत करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम जैसे पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर किसी भी विषय पर अपनी बात रख सकते हैं. लेकिन, हमें एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि अंतिम निर्णय लेने का हक शीर्ष नेतृत्व के पास है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी ने धन बल का प्रयोग किया है<br /></strong>उन्होंने कहा, “कई लोग ईवीएम को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. यह विषय हमारे चर्चा के केंद्र में रहेगा. इसके अलावा, हम सभी ने देखा कि किस तरह से महाराष्ट्र में बीजेपी ने धन बल का उपयोग किया. बीजेपी ने चुनाव में जमकर पैसा उड़ाया है. अब यह पैसा कहां से आया, यह जांच का विषय है. वैसे भी जब हम चुनाव हारते हैं, तो किसी एक वजह से नहीं, बल्कि कई वजह होते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-waqf-board-government-withdraws-order-to-disburse-rs-10-crore-2833010″>महाराष्ट्र सरकार का फैसला, वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश वापस</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”>शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता आनंद दुबे ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद चिंतन–मंथन का सिलसिला जारी है. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर कहां पर चूक हुई है? जहां कहीं भी चूक हुई है, उसे हम सुधारने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, कुछ कार्यकर्ताओं का यह दावा है कि अगर हम अकेले लड़ते या उद्धव ठाकरे का नाम पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर दिया जाता, तो आज हम निश्चित तौर पर चुनाव में बेहतर परिणाम प्राप्त कर पाते. मुझे लगता है कि यह कार्यकर्ता बिल्कुल ठीक कर रहे हैं. अगर ठाकरे का नाम पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर दिया गया होता, तो आज हमें इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाविकास आघाड़ी में खटपट नहीं<br /></strong>उन्होंने महाविकास अघाड़ी में खटपट की बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “महाविकास अघाड़ी में किसी भी प्रकार का खटपट नहीं है. हम एकजुट हैं. लेकिन, बात रही गठबंधन में रहने की तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह बात तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तय करेंगे. हम तय नहीं करेंगे. हम तो महज एक सामान्य से कार्यकर्ता हैं, जो सिर्फ अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं. ऐसी स्थिति में जब हमें चुनाव में जीत मिलती है, तो हम उत्साहित रहते हैं. लेकिन, इसके विपरीत जब हमें हार का मुंह देखना पड़ता है तो हम निराश हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में हम अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी पार्टी में तानाशाही चरम पर है<br /></strong>उन्होंने कहा, “हमें थोड़ा समय दीजिए. मौजूदा समय में हमें रणनीति बनाने की जरूरत है. महाविकास अघाड़ी एक है, जहां पर हर किसी को खुलकर अपनी बात रखने का पूरा हक है. हम लोग बीजेपी की तरह नहीं हैं, जहां तानाशाही अपने चरम पर है. वहां किसी को भी अपनी बात खुलकर रखने का हक नहीं है. हम लोग लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले लोग हैं, इसलिए हमारा मानना है कि सभी लोगों को खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए. हम सभी की बातों का दिल खोलकर स्वागत करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम जैसे पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर किसी भी विषय पर अपनी बात रख सकते हैं. लेकिन, हमें एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि अंतिम निर्णय लेने का हक शीर्ष नेतृत्व के पास है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी ने धन बल का प्रयोग किया है<br /></strong>उन्होंने कहा, “कई लोग ईवीएम को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं. यह विषय हमारे चर्चा के केंद्र में रहेगा. इसके अलावा, हम सभी ने देखा कि किस तरह से महाराष्ट्र में बीजेपी ने धन बल का उपयोग किया. बीजेपी ने चुनाव में जमकर पैसा उड़ाया है. अब यह पैसा कहां से आया, यह जांच का विषय है. वैसे भी जब हम चुनाव हारते हैं, तो किसी एक वजह से नहीं, बल्कि कई वजह होते हैं.”</p>
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