दिल्ली से अमृतसर तक चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा के करीब 321 गांवों से जमीन अधिग्रहण करेगी। अब युद्ध स्तर पर सर्वे शुरू हो गया है। दोनों राज्यों में इस हाई स्पीड रेल लाइन के लिए सर्वे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। बुलेट ट्रेन दिल्ली से अमृतसर तक का 465 किलोमीटर का सफर महज 2 घंटे में पूरा करेगी। दिल्ली से अमृतसर के बीच यह ट्रेन चंडीगढ़ समेत 15 स्टेशनों पर रुकेगी। इस बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी चलने की स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। साथ ही उक्त ट्रेन में एक बार में करीब 750 यात्री सफर कर सकेंगे। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुल 343 गांवों से जमीन अधिग्रहण की जाएगी। पंजाब के इन जिलों में होगा भूमि अधिग्रहण प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार पंजाब के कुल 186 गांवों की जमीन अधिग्रहण करेगी। जिसमें मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 तथा तरनतारन व रूपनगर जिले के एक-एक गांव शामिल हैं। नई रेलवे लाइन के दायरे में आने वाले गांवों के किसानों के साथ आईआईएमआर एजेंसी की ओर से बैठकों का दौर जारी है। किसानों को जमीन के लिए प्रत्येक गांव के कलेक्टर रेट से पांच गुना अधिक राशि दी जाएगी। इस संबंध में केंद्र व रेलवे के अधिकारी बड़े पैमाने पर सर्वे कर रहे हैं। दिल्ली से अमृतसर तक चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए केंद्र सरकार पंजाब और हरियाणा के करीब 321 गांवों से जमीन अधिग्रहण करेगी। अब युद्ध स्तर पर सर्वे शुरू हो गया है। दोनों राज्यों में इस हाई स्पीड रेल लाइन के लिए सर्वे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। बुलेट ट्रेन दिल्ली से अमृतसर तक का 465 किलोमीटर का सफर महज 2 घंटे में पूरा करेगी। दिल्ली से अमृतसर के बीच यह ट्रेन चंडीगढ़ समेत 15 स्टेशनों पर रुकेगी। इस बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी चलने की स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। साथ ही उक्त ट्रेन में एक बार में करीब 750 यात्री सफर कर सकेंगे। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुल 343 गांवों से जमीन अधिग्रहण की जाएगी। पंजाब के इन जिलों में होगा भूमि अधिग्रहण प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार पंजाब के कुल 186 गांवों की जमीन अधिग्रहण करेगी। जिसमें मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 तथा तरनतारन व रूपनगर जिले के एक-एक गांव शामिल हैं। नई रेलवे लाइन के दायरे में आने वाले गांवों के किसानों के साथ आईआईएमआर एजेंसी की ओर से बैठकों का दौर जारी है। किसानों को जमीन के लिए प्रत्येक गांव के कलेक्टर रेट से पांच गुना अधिक राशि दी जाएगी। इस संबंध में केंद्र व रेलवे के अधिकारी बड़े पैमाने पर सर्वे कर रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा को जमीन देने पर पंजाब BJP प्रधान को ऐतराज:पीएम से फैसले पर दोबारा विचार की मांग, बोले-चंडीगढ़ भूमि का टुकड़ा नहीं-भावनाएं जुड़ी
हरियाणा को जमीन देने पर पंजाब BJP प्रधान को ऐतराज:पीएम से फैसले पर दोबारा विचार की मांग, बोले-चंडीगढ़ भूमि का टुकड़ा नहीं-भावनाएं जुड़ी चंडीगढ़ में हरियाणा के नए विधानसभा भवन के लिए जगह देने पर पंजाब का राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। वहीं, इस मामले में पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ उनके लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है। इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि, पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने के प्रधानमंत्री ने कई प्रयास किए हैं। लेकिन हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए अलग जगह अलॉट करने से लोगों को ठेस पहुंचेगी। उन्हें इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। उन्होंने इस बारे में सोशल मीडिया अकाउंट X पर इस बारे में पोस्ट डालकर अपनी राय रखी है। वहीं, उन्होंने इस मामले में सीएम भगवंत मान को भी घेरा है। जाखड़ ने एक ही पोस्ट में दो मुद्दे उठाए पीएम व्यक्तिगत रूप में मामले में करें हस्तक्षेप अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जाखड़ ने लिखा है कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं, उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और मैं प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और इस फैसले को रद्द करने की अपील करता हूं। सीएम पंजाब पर उठाया सवाल जिस मुद्दे पर पंजाब की सभी पार्टियां एकमत थीं, उस पर केंद्रीय गृह मंत्री के जयपुर में मौजूद रहने के दौरान आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री की समझदारी की कमी के कारण चंडीगढ़ और पंजाब का दावा कमजोर हो गया है। नॉर्थ जोनल काउंसिल हरियाणा ने विधानसभा के लिए यह जमीन जब मांगी थी तो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसका विरोध करने की बजाय पंजाब विधानसभा के लिए जमीन मांग कर अपनी माग मुहर लगा दी। उन्होंने आखिर में लिखा है कि पंजाब के नौसिखिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस मुद्दे पर पंजाब विरोधी सजा पंजाब के लोगों को क्यों चुकानी चाहिए। — इससे पहले पंजाब की सभी राजनीतिक दलों ने इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था AAP ने कहा कि इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे इस मामले में पूर्व मंत्री व विधायक अनमोल गगन मान ने कहा कि हमारी सरकार इस मामले में पीछे नहीं हटेगी। इस फैसले के खिलाफ हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे। धरने प्रदर्शन तक किए जाएंगे। वहीं, पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार बाज नहीं आ रही है। जिस तरह की खबरें आ रही है कि चंडीगढ़ में हरियाणा को विधानसभा बनाने के लिए दस एकड़ जगह दी जा रही है। इसके बदले हरियाणा चंडीगढ़ प्रशासन को 12 एकड़ जगह पंचकूला में देगा। हरियाणा 12 एकड़ जगह चंडीगढ़ प्रशासन को देने की बजाय अपनी जगह पर विधानसभा बना ले। केंद्र की बीजेपी सरकार किसी न किसी तरीके से चंडीगढ़ पर पंजाब का हक कमजोर करने की कोशिश कर रही है। सभी जानते हैं कि जब चंडीगढ़ बना था तो वह पंजाब के गांवों को उजाड़कर बसाया गया था।वहीं, जब वह पंजाब और हरियाणा अलग हुए थे। रीआरगेनाइजेशन एक्ट बना था। उसमें साफ कहा गया था कि यह अस्थाई इंतजाम है। हरियाणा बाद में अपनी राजधानी अलग बनाएगा। भारत में जहां भी नए राज्य बने हैं। वहां पर ऐसा ही होता आया है। लेकिन केंद्र सरकार पंजाब काे हर तरीके से बर्बाद करना चाहती है। हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे। चंडीगढ़ पर बुनियादी, सामाजिक, आर्थिक तौर पर पंजाब का हक है। इसके लिए हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे। पंजाब के हक कमजोर करने की कोशिश कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि – ऐसा करके केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर उनका हक कमजोर करने की कोशिश में लगी हुई है। कांग्रेस नेता राज कुमार वेरका ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा पंजाब के हकों को छीनने में लगी रहती है। लेकिन इस बार इस चीज को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस चीज का हम विरोध और निंदा करते हैं। चंडीगढ़ पर पंजाब का हक शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के हकों पर यह बहुत बड़ा डाका है। हरियाणा चंडीगढ़ में एक अलग विधानसभा बनाने की तैयारी में है। चंडीगढ़ पंजाब का है। 22 गांवों को उजाड़कर चंडीगढ़ बना है। हरियाणा को हमने लीज पर अपनी इमारतें दी हुई है। केंद्र हरियाणा की स्थाई विधानसभा बनाकर चंडीगढ़ को यूटी बनाना चाहता है। इस चीज को हम होने नहीं देंगे। उन्होंने पंजाब सरकार को भी घेरा। कहा जब से भगवंत मान पंजाब के सीएम बने हैं, तब से केंद्र सरकार पंजाब के हकों का हनन कर रही है।
पटियाला में अंबाला के युवक ने किया सुसाइड:ससुर और साला पैसों को लेकर करते थे परेशान, ससुराल पहुंचकर दी जान
पटियाला में अंबाला के युवक ने किया सुसाइड:ससुर और साला पैसों को लेकर करते थे परेशान, ससुराल पहुंचकर दी जान पटियाला के जुल्का इलाके में अंबाला निवासी एक युवक ने जहर पीकर खुदकुशी कर ली। सुभाष चंद्र नामक 25 साल के इस युवक ने अपने ससुराल में पहुंचने के बाद जहर पी लिया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। जुल्का पुलिस अधिकारियों ने सुभाष चंद्र के भाई के स्टेटमेंट रिकॉर्ड करते हुए आरोपी ससुर छोटा राम और साले बंटी के खिलाफ केस रजिस्टर कर लिया है । साल 2019 में हुई थी शादी शिकायत करने वाले पवन कुमार ने बताया कि सुभाष चंद्र उसका बड़ा भाई था। जिसकी शादी काजल के साथ साल 2019 में हुई थी। शादी के बाद दो बच्चे हुए, लेकिन इन दोनों पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े होते रहते थे। इस झगड़े की वजह सुभाष चंद्र का ससुर और उसका साला था जो पैसों को लेकर अक्सर उसे परेशान करते रहते थे। काजल अपने मायके घर आई हुई थी, जिससे मिलने के लिए सुभाष चंद्र 6 जून को अंबाला से पटियाला आया था, लेकिन यहां आने के बाद आरोपियों से परेशान होकर सुभाष चंद्र ने जहर पी लिया और इस बारे में पवन को फोन पर जानकारी दे दी। पवन कुमार ने बताया कि जब वह भाई के ससुराल पहुंचे तो वह बेहोशी की हालत में बेड पर लेटा हुआ था और अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने मृत बताया।
पंजाब कांग्रेस की निकाय चुनाव के लिए स्ट्रेटजी:रविवार तक मांगी दावेदारों की फाइनल लिस्ट , अगले हफ्ते टिकट वितरण की तैयारी
पंजाब कांग्रेस की निकाय चुनाव के लिए स्ट्रेटजी:रविवार तक मांगी दावेदारों की फाइनल लिस्ट , अगले हफ्ते टिकट वितरण की तैयारी पंजाब में होने वाले पांच नगर निगम और 43 नगर काउंसिल चुनाव की जंग को फतह करने के लिए कांंग्रेस ने अपनी स्ट्रेटजी बना ली है। पार्टी ने तय किया है कि रविवार तक सभी जगह से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के नामों की फाइनल सूची स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी को भेजी जाएंगी। दूसरी तरफ जिस जगह पर कोई दूसरा दावेदार नहीं होगा। वहां पर अगले सप्ताह तक टिकटों का बंटवारा कर दिया जाएगा। स्क्रीनिंग कमेटियों को चार चीजों पर रखना होगा फोकस 1. चंडीगढ़ में हुई स्क्रीनिंग कमेटी मीटिंग में पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने साफ किया है कि चुनाव उनके लिए काफी अहम है। प्रत्याशी के चयन के लिए कोई भी सिफारिश करें, उनकी सुनवाई जरूर करें। लेकिन नाम उसी का भेजा जाए जो कि चुनाव जीतने की क्षमता रखता हो। 2. नगर निगमों बहुत से कई ऐसे वार्ड होते हैं, जहां से केवल एक ही आवेदन आया होगा। वहां पर कोई दूसरा प्रतिदंद्वी नहीं है। उन एरिया टिकटों का बंटवारा अगले हफ्ते तक कर दिया जाएगा। 3. जब पिछली बार चुनाव हुए तो पार्टी सत्ता में थी, लेकिन इस बार स्थितियां दूसरी है। इसलिए पार्टी केवल विजेता ही नहीं बल्कि उन नामों पर भी विचार करेगी। जिन्होंने पिछली बार टिकट के लिए आवेदन किया था या आजाद चुनाव लड़ा था। 4. 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को किस वार्ड में कितने वोट मिले थे। इसका डॉटा भी पार्टी तैयार कर रही है। पार्टी की कोशिश इन चुनावों में जीत हासिल करना ह ै। क्योंकि इसके बाद सीधे 2027 विधानसभा चुनाव होंगे। सभी नेता निगम चुनाव की स्क्रीनिंग कमेटियाें में शामिल पंजाब कांग्रेस द्वारा नगर निगम व नगर काउंसिल चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटियां गत माह ही गठित कर दी थी। इनमें सभी नेताओं, विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों और सांसदों को जगह दी गई है। साथ ही कोशिश की जा रही है कि पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीते। क्योंकि अभी हुए विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को चार में तीन ऐसी सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है। जहां पर पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी की हवा होने के बाद भी जीती थी। इनमें गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीट शामिल है। हालांकि बरनाला सीट पार्टी 2017 के बाद जीतने में कामयाब रही है।